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सी॰ डी॰ देशमुख

सूची सी॰ डी॰ देशमुख

सी॰ डी॰ देशमुख (पूरा नाम: चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख, जन्म: 14 जनवरी 1896, मृत्यु: 2 अक्टूबर 1982) भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर थे, जिन्हें 1943 में ब्रिटिश राज द्वारा नियुक्त किया गया। ब्रिटिश राज ने उन्हें सर की उपाधि दी थी। इसके पश्चात् उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भारत के तीसरे वित्त मंत्री के रूप में भी सेवा की। .

9 संबंधों: दिल्ली विश्‍वविद्यालय, दुर्गाबाई देशमुख, देशमुख, बेनेगल रामा राव, भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, जवाहरलाल नेहरू, जेम्स ब्रेड टेलर, जॉन मथाई

दिल्ली विश्‍वविद्यालय

दिल्ली विश्वविद्यालय (अंग्रेजी:University of Delhi), भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। भारत की राजधानी दिल्ली स्थित यह विश्वविद्यालय 1922 में स्थापित हुआ था। यह स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति हैं। THES-QS की विश्व के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग के अनुसार यह भारत का शीर्ष गैर-आईआईटी विश्वविद्यालय है। दिल्ली विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं जो दिल्ली के उत्तरी और दक्षिणी भाग में स्थित हैं। इन्हें क्रमश: उत्तरी परिसर और दक्षिणी परिसर कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय का उत्तरी परिसर में दिल्ली मेट्रो की पीली लाइन के साथ सुनियोजित ढंग से जुड़ा हुआ है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'विश्वविद्यालय' है। उत्तरी परिसर दिल्ली विधान सभा से 2.5 किमी और अंतरराज्यीय बस अड्डे से 7.0 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।तो वहीं इसका दक्षिणी परिसर गुलाबी (पिंक)लाइन से जुड़ा है और मेट्रो स्टेशन का नाम 'दुर्गाबाई देशमुख साउथ केम्पस 'है| .

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दुर्गाबाई देशमुख

दुर्गाबाई देशमुख दुर्गाबाई देशमुख की प्रतिमा दुर्गाबाई देशमुख (१५ जुलाई, १९०९ - ९ मई, १९८१) भारत की स्वतंत्रता सेनानी तथा सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्वतंत्र भारत के पहले वित्तमंत्री चिंतामणराव देशमुख की पत्नी थीं। .

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देशमुख

एक भारतीय उपनाम। •देशमुख' उप-नाम या 'देशमुखी' नामक वतन यह मुख्यत: महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के सटे हुए आंध्रा, कर्नाटक, मध्य-प्रदेश, छत्तीस-गढ़, आदि राज्योंमें पाया जाने वाला एक भारतीय उपनाम है। 'देशमुख' या देशमुखी यह वतन छत्रपति शिवाजी के पूर्व-कालीन परंपरागत राज व्यवस्था का एक ऊपरी दर्जेका अधिकार तथा जबाबदेही का पद है। ये उनके 'महल' या 'परगना' नामक महसूल विभाग के मुखिया के रूप में कामकाज देखते थे। युद्ध के समय देशमुखोने अमुकइतने सैन्य/सैनिक राजाओंके खिदमत/ मदत में भेजना चाहियें, इस तरह के करार होते थे। अधिकार कि व्याप्ति और इनके अधिकार में आनेवाला इलाके का क्षेत्र- फल के नुसार देशमुख यह पदवी या देशमुखी यह वतन यूरोपियन घराणेशाहीके 'ड्यूक' कि समकक्ष है। •'देशमुख' यह पदवी या 'देशमुखी' नामक वतन सर्फ मराठा राजघरानो से निगडित था। 'देशमुख' अपने प्रभाव क्षेत्र का शासक था, शासक के रूप में वह राजस्व/कर वसूली का हकदार था और अपने क्षेत्र में पुलिस और न्यायिक कर्तव्यों के रूप में, बुनियादी सेवाओं को बनाए रखने कि जबाबदेही निभाता था। यह आमतौर पर एक वंशानुगत व्यवस्था थी। •'देशमुख' यह 'वतन' या 'शीर्षक' क्षेत्र से राजस्व वसूली और नागरिको को मुलभुत सेवा और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी के साथ शीर्षक परिवार को प्रदान की जाता था इस कारण से, देशमुख इस शब्द का शिथिल अनुवाद 'देशभक्त' ' (loosely translated as' Patriot ') के रूप में भी किया जाता रहा है और इसी कारणवश आज भी 'देशमुख' इस उप-नाम को समाज में सम्मान से देखा जाता है। •ब्रिटिश राज मे 'देशमुखी' यह वतनदारी खत्म (खालसा) कि गयी और देशमुख यह शब्द केवल उपनाम रह गया। निजाम राज्य मे 1948 तक देशमुखी वतन था।desmukh is a best jati.

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बेनेगल रामा राव

सर बेनेगल रामा राव (1 जुलाई 1889 - 13 दिसम्बर 1969) 1 जुलाई 1949 से लेकर 14 जनवरी 1957 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के चौथे गवर्नर थे। भारतीय सिविल सेवा में शामिल होने के बाद एवं भारतीय रिजर्व बैंक के शामिल होने से पहले उन्होंने निम्न पदों पर कार्य किया -.

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भारतीय रिज़र्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करता है। इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। बाबासाहेब डॉ॰ भीमराव आंबेडकर जी ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक बनाई गई थी। बैंक कि कार्यपद्धती या काम करने शैली और उसका दृष्टिकोण बाबासाहेब ने हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था, जब 1926 में ये कमीशन भारत में रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस के नाम से आया था तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब ने लिखे हुए ग्रंथ दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी - इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन (रुपया की समस्या - इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की, उसकी पृष्टि की। ब्रिटिशों की वैधानिक सभा (लेसिजलेटिव असेम्बली) ने इसे कानून का स्वरूप देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 का नाम दिया गया। प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन १९३७ में मुम्बई आ गया। पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन १९४९ से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है। उर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने ४ सितम्बर २०१६ को पदभार ग्रहण किया। पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 22 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं। मुद्रा परिचालन एवं काले धन की दोषपूर्ण अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने के लिये रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया ने ३१ मार्च २०१४ तक सन् २००५ से पूर्व जारी किये गये सभी सरकारी नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया है। .

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भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, भारत के केन्द्रीय बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक, के सबसे वरिष्ठ बैंककर्मी होते हैं। 1935 में स्थापना के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक की कमान अब तक कुल 24 गवर्नर संभाल चुके हैं। रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे और वर्त्तमान पदधारी उर्जित पटेल हैं, जिन्होंने 5 सितंबर 2016 को पदभार ग्रहण किया।। .

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जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू (नवंबर १४, १८८९ - मई २७, १९६४) भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे और स्वतन्त्रता के पूर्व और पश्चात् की भारतीय राजनीति में केन्द्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने १९४७ में भारत के एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर १९६४ तक अपने निधन तक, भारत का शासन किया। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र - के वास्तुकार मानें जाते हैं। कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद सँभालने के लिए कांग्रेस द्वारा नेहरू निर्वाचित हुएँ, यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में अभिस्वीकार किया। प्रधानमन्त्री के रूप में, वे भारत के सपने को साकार करने के लिए चल पड़े। भारत का संविधान 1950 में अधिनियमित हुआ, जिसके बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की। मुख्यतः, एक बहुवचनी, बहु-दलीय लोकतन्त्र को पोषित करते हुएँ, उन्होंने भारत के एक उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन होने का पर्यवेक्षण किया। विदेश नीति में, भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में प्रदर्शित करते हुएँ, उन्होंने गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में एक अग्रणी भूमिका निभाई। नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुएँ और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुएँ, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी। उनके अन्तिम वर्षों में राजनीतिक मुसीबतों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बावजूद, वे भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहें। भारत में, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। .

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जेम्स ब्रेड टेलर

सर जेम्स ब्रेड टेलर (21 अप्रैल 1891 - 17 फ़रवरी 1943) भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम डिप्टी गवर्नर व ओसबोर्न स्मिथ के बाद दूसरे गवर्नर थे। उन्होंने 1 जुलाई 1937 से 17 फ़रवरी 1943 को अपनी मृत्यु तक यह पद संभाला। 1 अप्रैल 1935 को उन्हें तथा सर सिकंदर हयात खान को भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया। 1 जुलाई 1937 को वे गवर्नर के पद पर पदोन्नत हुए। .

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जॉन मथाई

डॉ जॉन मथाई भारत के शिक्षाविद, अर्थशास्त्री एवं न्यायविद् थे। जॉन मथाई का जन्म त्रिवेंद्रम नगर में 10 जनवरी 1886 ई को एक धनी कुटुंब में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा त्रिवेंद्रम में ही हुई। इसके उपरांत उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कालेज में शिक्षा प्राप्त की। बी ए तथा बी एल की डिग्रियाँ प्राप्त कर वे लंदन गए और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से बी लिट् की डिग्री प्राप्त की। फिर उन्होंने डी एस-सी की डिग्री लंदन विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 1910 ई से 1918 ई तक वे मद्रास हाईकोर्ट के वकील रहे। 1920 ई से 1925 ई तक मद्रास के प्रेजीडेंसी कालेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे। 1922 ई से 1925 ईदृ तक वे मद्रास लेजिस्लेटिव कौंसिल के तथा 1925 से 1931 तक इंडियन टैरिफ बोर्ड के सदस्य रहे। 1935 में वे कामर्शियल इंटेलिजेंस तथा स्टैटिस्टिक्स के महा निदेशक नियुक्त हुए। 10 जनवरी 1940 ई को उन्हें अवकाश प्राप्त हुआ। 1944 ई से 1946 ई तक टाटा संस लिमिटेड के निदेशक रहने के बाद केंद्र में परिवहन मंत्री बने। इसके बाद 1950 तक उन्होंने वित्त मंत्री का कार्यभार सम्हाला और फिर यहाँ से त्यागपत्र देकर वे पुन: टाटा संस लिमिटेड के निदेशक नियुक्त हुए। जुलाई, 1955 ई से सितंबर, 1956 ई तक वे भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड ऑव डाइरेक्टर्स के अध्यक्ष रहे। इसी बीच वे मुंबई विश्वविद्यालय के उपकुलपति नियुक्त हुए और फिर 1958 से 1959 तक केरल विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। 1959 ई में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण की उपाधि से विभूषित किया। उनकी मृत्यु 1959 ई में हुई। डाक्टर जॉन मथाई ने ये पुस्तकें लिखी हैं: (1) विलेज गवर्नमेंट इन ब्रिटिश इंडिया (2) ऐग्रीकलचरल कोआपरेशन इन इंडिया, (3) एक्साइज ऐंड लिकर कंट्रोल। श्रेणी:पद्मविभूषण.

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सर सी. डी. देशमुख, सर सी॰ डी॰ देशमुख, सर चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख, सी डी देशमुख, सी. डी. देशमुख, सी० डी० देशमुख, चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख

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