सामग्री की तालिका
59 संबंधों: चिल्का, चंग नृत्य, चौदहवीं लोकसभा, झाड़ेवा, झुंझुनू जिला, डुण्डलोद, नवलगढ, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, प्रतिभा देवीसिंह पाटिल, पीथमपुरी झील, फतेहपुर शेखावाटी, बलराम जाखड़, बिड़ोदी बड़ी, बिड़ोदी छोटी, बिडोली सीकर, बेरी, सीकर, बीदसर, भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार, भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची, भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची, भंवर लाल शर्मा, भैरोंसिंह शेखावत, भूधा का बास, मोल्यासी, मीठड़ी मारवाड़, राजस्थान पत्रिका, राजस्थान के महलों की सूची, राजस्थान के शहर, राजस्थान के जिले, राजस्थान की झीलें, राजस्थान की जलवायु, लाडनूं, लक्ष्मणगढ़, लक्ष्मणगढ़ दुर्ग, श्री कल्याण महाविद्यालय, सीकर, शेखावाटी, सालासर बालाजी, सिग्नोर, सुमेधानन्द सरस्वती, सौभाग्य सिंह शेखावत, सीकर जिला, हरदेवसिंह नेहरा, हरसावा, हर्षनाथ मंदिर, हरीसिंह बुरडक, हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम, होहोबा, जमनालाल बजाज, जिलिया, घनश्याम तिवाड़ी, ... सूचकांक विस्तार (9 अधिक) »
चिल्का
चिल्का अथवा चल्का एक जाट गौत्र है जो राजस्थान, भारत के जयपुर, सीकर और झुन्झुनू जिलों में पाये जाते हैं। 'चल्का' एक राजस्थानी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ 'चमकना' है। ऐसा माना जाता है कि ये लोग रंग में थोड़े चमकीले चेहरे वाले होते थे। अतः ये लोग राजस्थान में चिल्का के रूप में जाने जाते हैं। .
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चंग नृत्य
चंग लोकनृत्य राजस्थान का का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र (चुरु, झुंझुनू, सीकर जिला) व बीकानेर जिला इसके प्रमुख क्षेत्र हैं। यह पुरुषों का सामूहिक लोकनृत्य है। इसका आयोजन होली पर्व पर होता है और महाशिवरात्रि से लेकर होली तक चलता है। इस लोकनृत्य में खुले स्थान में परमुखतः 'चंग' नामक वाद्ययंत्र के साथ शरीर की गति या संचालन, नृत्य या तालबद्ध गति के साथ अभिव्यक्त किया जाता है। इस लोकनृत्य की अभिव्यक्ति इतनी प्रभावशाली होती है की चंग पर थाप पड़ते ही लोगों को चंग पर लगातार नाचने व झूमने पर मजबूर कर देती है। चंग लोकनृत्य में गायी जाने वाली लोकगायकी को 'धमाल' के नाम से जाना जाता है। शब्दों के बाण, भावनाओं की उमंग और मौज-मस्ती के रंग मिश्रित धमाल हर किसी को गाने व झुमने के लिये मजबूर कर देती है। .
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चौदहवीं लोकसभा
भारत में चौदहवीं लोकसभा का गठन अप्रैल-मई 2004 में होनेवाले आमचुनावोंके बाद हुआ था। .
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झाड़ेवा
झाडेवा भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। यह लक्ष्मणगढ़ से 22-किलोमीटर (14 मील) पूर्व में तथा नवलगढ़ से 2-किलोमीटर (1.2 मील) पश्चिम में स्थित है। इसके सीमाएं बिड़ोदी छोटी, बिड़ोदी बड़ी और भूधा का बास गाँवों से लगती है। .
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झुंझुनू जिला
झुंझुनू जिला भारत के राजस्थान प्रान्त में स्थित है तथा सीकर एंव चूरु जिलों के नज़दीक है। .
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डुण्डलोद
डुण्डलोद (राजस्थानी:डळौद) राजस्थान में झुन्झुनू जिले की नवलगढ़ तहसील का एक गाँव है। यह नवलगढ़ के उत्तर में और मुकुंदगढ़ से दूर पड़ता है। डुण्डलोद के सीमावर्ती गाँव और कस्बे मुकुंदगढ़, बीदसर, चेलासी मिर्जवास और नवलगढ़ हैं। .
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नवलगढ
नवलगढ (राजस्थानी: नौलगढ) राजस्थान में झुन्झुनू जिले की तहसील है। यह मुकुंदगढ़ के दक्षिण में और डुण्डलोद से दूर पड़ता है। नवलगढ के सीमावर्ती गाँव उत्तर में मोहब्बतसर,चेलासी,चेलासी ढ़हर,नवलड़ी,पूर्व में सैनीनगर,बिरोल दक्षिण में झाझड़,बेरीऔर पश्चिम में बिडो़दी बड़ी हैं तथा कस्बा उत्तर में डुण्डलोद, है। नवलगढ़ यह एक रेलवे-स्टेशन भी है। .
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पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय (Pandit Deendayal Upadhyaya Shekhawati University, पूर्व नाम: शेखावाटी विश्वविद्यालय) राजस्थान के सीकर जिले में एक नव स्थापित राज्य विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य शेखावाटी अंचल के छात्रों की अध्ययन की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया है। .
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प्रतिभा देवीसिंह पाटिल
प्रतिभा देवीसिंह पाटिल (जन्म १९ दिसंबर १९३४) स्वतन्त्र भारत के ६० साल के इतिहास में पहली महिला राष्ट्रपति तथा क्रमानुसार १२वीं राष्ट्रपति रही हैं। राष्ट्रपति चुनाव में प्रतिभा पाटिल ने अपने प्रतिद्वंदी भैरोंसिंह शेखावत को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया था। प्रतिभा पाटिल को ६,३८,११६ मूल्य के मत मिले, जबकि भैरोंसिंह शेखावत को ३,३१,३०६ मत मिले। उन्होंने २५ जुलाई २०१२ को संसद के सेण्ट्रल हॉल में आयोजित समारोह में नव निर्वाचित राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को अपना कार्यभार सौंपते हुए राष्ट्रपति भवन से विदा ली। .
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पीथमपुरी झील
पीथमपुरी झील भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर ज़िले के नीम का थाना तहसील में स्थित एक झील है जो सिंचाई प्रयोजन में महत्वपूर्ण नहीं है। यह एक छोटी-सी गर्त भूमि पर है जहां वर्षा का पानी जमा हो जाता है जो कुछ महीनों तक भरा रहता है और बाद में सूख जाता है। .
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फतेहपुर शेखावाटी
फतेहपुर शेखावाटी राजस्थान के सीकर जिले का शहर है। श्रेणी:सीकर ज़िले के गाँव.
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बलराम जाखड़
डॉ॰ बलराम जाखड़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता थे। वो भारत के पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रहने के अलावा मध्यप्रदेश प्रांत के राज्यपाल रह चुके हैं। उनका जन्म पंजाब में 23 अगस्त 1923 को फिरोजपुर जिले के पंचकोसी गाँव में हुआ। उन्होंने राजस्थान के ज़िले सीकर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का लोकसभा में प्रतिनिनित्व किया और सन् 1980 से 10 साल तक लोकसभा अध्यक्ष रहे। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ का ०३/०२/२०१६ को ९३ वर्ष की आयु में देहान्त हो गया। ये लंबे समय से ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी से जूझ रहे थे। .
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बिड़ोदी बड़ी
बिड़ोदी बड़ी भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। यह लक्ष्मणगढ़ से पूर्व में तथा नवलगढ़ से पश्चिम में स्थित है। इसके सीमाएं खींवासर, बीदासर, बीदसर, बिड़ोदी छोटी, झाड़ेवा और रामसिंह पुरा (ब्राह्मणों की ढाणी) गाँवों से लगती है। .
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बिड़ोदी छोटी
बिड़ोदी छोटी या बिड़ोदी छोट्टी, भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। जिसे स्वामी की बिड़ोदी के नाम से जाना जाता है, गाँव २५० वर्ष पुराना है और लक्ष्मणगढ़ से १८ किलोमीटर (११ मील) पूर्व में और नवलगढ से ३ किलोमीटर (१.९ मील) पश्चिम में स्थित है। बिड़ोदी छोटी की सीमाओं से कोलिडा, खींवासर, बीदासर, बीदसर, बिड़ोदी बड़ी, झाड़ेवा, जोगिया का बास और ब्राह्मणों की ढाणी (रामसिंह पुरा) और मालियों की ढाणी (भूधा का बास) गाँव लगते हैं। 500 एकड़ (२.० वर्ग किमी) भूमी वाले इस गाँव की कुल आबादी लगभग १४३० में जाट जाति का बाहुल्य है जबकि गाँव की प्रमुख गोत्र भास्कर (भाखर) है। अन्य जतियों में खाती, ब्राह्मण और हरिजन हैं। .
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बिडोली सीकर
सीकर मुख्यालय से दक्षिण की ओर 21 किलोमीटर दूर स्थित हैं। बिडोली के पूर्व में 4 किलोमीटर जीनमाता जी का भव्य मंदिर स्थित हैं। .
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बेरी, सीकर
बेरी भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले की पीपराली तहसील में एक गाँव है। यह सीकर से २५ किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित है। बेरी को भजनगढ़ नामक कीले की वजह से बेरी भजनगढ़ के नाम से भी जाना जाता है। .
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बीदसर
सीकर जिले के नक्शे पर बीदसर। बीदसर राजस्थान में सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। यह लक्ष्मणगढ़ के पूर्व में और नवलगढ़ से दूर पड़ता है। बीदसर के सीमावर्ती गाँव और कस्बे बिड़ोदी, बीदासर, मिर्जवास, डुण्डलोद और नवलगढ़ हैं। २०११ की जनगणना के अनुसार बीदसर की जनसँख्या 1547 है। .
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भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची - प्रदेश अनुसार
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का संजाल भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची भारतीय राजमार्ग के क्षेत्र में एक व्यापक सूची देता है, द्वारा अनुरक्षित सड़कों के एक वर्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। ये लंबे मुख्य में दूरी roadways हैं भारत और के अत्यधिक उपयोग का मतलब है एक परिवहन भारत में। वे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा भारतीय अर्थव्यवस्था। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 laned (प्रत्येक दिशा में एक), के बारे में 65,000 किमी की एक कुल, जिनमें से 5,840 किमी बदल सकता है गठन में "स्वर्ण Chathuspatha" या स्वर्णिम चतुर्भुज, एक प्रतिष्ठित परियोजना राजग सरकार द्वारा शुरू की श्री अटल बिहारी वाजपेयी.
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भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची
शिकोहाबाद तहसील के ग्राम नगला भाट में श्री मुकुट सिंह यादव जो ग्राम पंचायत रूपसपुर से प्रधान भी रहे हैं उनके तीन पुत्र हैं गजेंद्र यादव नगेन्द्र यादव पुष्पेंद्र यादव प्रधान जी का जन्म सन १९५० में हुआ था उन्होंने अपना सारा जीवन ग़रीबों के लिए क़ुर्बान कर दिया था और वो ५ भाईओ में सबसे छोटे थे और अपने परिवार को बाँधे रखा ११ मार्च २०१५ को उनका देहावसान हो गया ! वो आज भी हमारे दिलों में ज़िंदा हैं इस लेख में भारत में रेलवे स्टेशनों की सूची है। भारत में रेलवे स्टेशनों की कुल संख्या 7,000 और 8,500 के बीच अनुमानित है। भारतीय रेलवे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है। सूची तस्वीर गैलरी निम्नानुसार है। .
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भारत के सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहरों की सूची
यह सूचियों भारत के सबसे बड़े शहरों पर है। .
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भंवर लाल शर्मा
पं.
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भैरोंसिंह शेखावत
भैरोंसिंह शेखावत (२३ अक्टूबर १९२३ - १५ मई २०१०) भारत के उपराष्ट्रपति थे। वे १९ अगस्त २००२ से २१ जुलाई २००७ तक इस पद पर रहे। वे १९७७ से १९८०, १९९० से १९९२ और १९९३ से १९९८ तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भी रहे। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे। भैरोंसिंह शेखावत का जन्म तत्कालिक जयपुर रियासत के गाँव खाचरियावास में हुआ था। यह गाँव अब राजस्थान के सीकर जिले में है। इनके पिता का नाम श्री देवी सिंह शेखावत और माता का नाम श्रीमती बन्ने कँवर था। गाँव की पाठशाला में अक्षर-ज्ञान प्राप्त किया। हाई-स्कूल की शिक्षा गाँव से तीस किलोमीटर दूर जोबनेर से प्राप्त की, जहाँ पढ़ने के लिए पैदल जाना पड़ता था। हाई स्कूल करने के पश्चात जयपुर के महाराजा कॉलेज में दाखिला लिया ही था कि पिता का देहांत हो गया और परिवार के आठ प्राणियों का भरण-पोषण का भार किशोर कंधों पर आ पड़ा, फलस्वरूप हल हाथ में उठाना पड़ा। बाद में पुलिस की नौकरी भी की; पर उसमें मन नहीं रमा और त्यागपत्र देकर वापस खेती करने लगे। स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात लोकतंत्र की स्थापना में आम नागरिक के लिए उन्नति के द्वार खोल दिए। राजस्थान में वर्ष १९५२ में विधानसभा की स्थापना हुई तो शेखावत ने भी भाग्य आजमाया और विधायक बन गए। फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा तथा सीढ़ी-दर-सीढ़ी चढ़ते हुए विपक्ष के नेता, मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति पद तक पहुँच गए। .
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भूधा का बास
भूधा का बास भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील का एक गाँव है। भूधा का बास गांव बिड़ोदी बड़ी गांव से टूट क़ऱ बना है तथा यह जिला सीकर जिले के उत्तर पूर्व की ओर स्थित है। यह गाँव लक्ष्मणगढ़ से 22-किलोमीटर (14 मील) पूर्व में तथा नवलगढ़ से 4-किलोमीटर (2.5 मील) पश्चिम में स्थित है। इसकी सीमा बिड़ोदी बड़ी गाँव से लगती है। .
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मोल्यासी
मोल्यासी राजस्थान राज्य (भारत) के सीकर जिले से 18 किमी.
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मीठड़ी मारवाड़
ध्रुवीय निर्देशांक: 27°57'5975"N 74°68'7235"Eध्रुवीय निर्देशांक मीठड़ी मारवाड़ मीठड़ी मारवाड़http://www.fallingrain.com/world/IN/24/Mitri.htmlमीठड़ी मारवाड़ राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील का एक गाँव है। .
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राजस्थान पत्रिका
राजस्थान पत्रिका हिन्दी भाषा में प्रकाशित होने वाला एक भारतीय समाचार पत्र है। यह अखबार भारत के सात राज्यों से प्रकाशित हो रहा है। यह जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा और सीकर सहित कई अन्य क्षेत्रों से राजस्थान से प्रकाशित होता है और राजस्थान के अलावा भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, रायपुर, अहमदाबाद, ग्वालियर, कोलकाता, चेन्नई, नई दिल्ली और बंगलौर से प्रकाशित होता है। .
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राजस्थान के महलों की सूची
भारतीय राज्य राजस्थान में कई प्राचीन हवेलीयां,महल दुर्ग इत्यादि है: .
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राजस्थान के शहर
* अजमेर,.
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राजस्थान के जिले
राजस्थान के ७ मंडलों में ३३ जिले हैं जो इस प्रकार हैं।- श्रेणी:राजस्थान से सम्बन्धित सूचियाँ.
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राजस्थान की झीलें
प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक प्राकृतिक झीलें विद्यमान है। मध्य काल तथा आधुनिक काल में रियासतों के राजाओं ने भी अनेक झीलों का निर्माण करवाया। राजस्थान में मीठे और खारे पानी की झीलें हैं जिनमें सर्वाधिक झीलें मीठे पानी की है। .
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राजस्थान की जलवायु
उत्तर-पश्चिमी भारत में राजस्थान का जलवायु आम तौर पर शुष्क या अर्ध-शुष्क है और वर्ष भर में काफी गर्म तापमान पेश करता है, साथ ही गर्मी और सर्दियों दोनों में चरम तापमान होते हैं। भारत का यह राज्य राजस्थान उत्तरी अक्षांश एवं पूर्वी देशांतर पर स्थित है। उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाने वाली रेखाएं देशांतर रेखाएं तथा देशांतर रेखाओं के अक्षीय कोण अथवा पृथ्वी के मानचित्र में पश्चिम से पूर्व अथवा भूमध्य रेखा के समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं उन्हें अक्षांश रेखाएं कहा जाता है। राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार २३°३ उत्तरी अक्षांश से ३०°१२ उत्तरी अक्षांश तक है तथा देशांतरीय विस्तार ६०°३० पूर्वी देशांतर से ७८°१७ पूर्वी देशांतर तक है। कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिण अर्थात बांसवाड़ा जिले के मध्य (कुशलगढ़) से होकर गुजरती है इसलिए हर साल २१ जून को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले पर सूर्य सीधा चमकता है। राज्य का सबसे गर्म जिला चुरु जबकि राज्य का सबसे गर्म स्थल जोधपुर जिले में स्थित फलोदी है। इसी प्रकार राज्य में गर्मियों में सबसे ठंडा स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है इसलिए माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है। पृथ्वी के धरातल से क्षोभ मंडल में जैसे-जैसे ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तापमान कम होता है तथा प्रति १६५ मीटर की ऊंचाई पर तापमान १ डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। राजस्थान का गर्मियों में सर्वाधिक दैनिक तापांतर वाला जिला जैसलमेर है जबकि राज्य में गर्मियों में सबसे ज्यादा धूल भरी आंधियां श्रीगंगानगर जिले में चलती है राज्य में विशेषकर पश्चिमी रेगिस्तान में चलने वाली गर्म हवाओं को लू कहा जाता है। राजस्थान में गर्मियों में स्थानीय चक्रवात के कारण जो धूल भरे बवंडर बनते हैं उन्हें भभुल्या कहा जाता है गर्मियों में राज्य के दक्षिण पश्चिम तथा दक्षिणी भागों में अरब सागर में चक्रवात के कारण तेज हवाओं के साथ चक्रवाती वर्षा भी होती है राजस्थान के पश्चिमी रेगिस्तान में गर्मियों में निम्न वायुदाब की स्थिति उत्पन्न होती है फलस्वरूप महासागरीय उच्च वायुदाब की मानसूनी पवने आकर्षित होती है तथा भारतीय उपमहाद्वीप के ऋतु चक्र को नियमित करने में योगदान देती है। राजस्थान में मानसून की सर्वप्रथम दक्षिण पश्चिम शाखा का प्रवेश करती है अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने के कारण राजस्थान में कम तथा अनियमित वर्षा होती है। राज्य का सबसे आर्द्र जिला झालावाड़ है जबकि राज्य का सबसे आर्द्र स्थल सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू है जबकि सबसे शुष्क जिला जैसलमेर है। राज्य का दक्षिण पश्चिम दक्षिण तथा दक्षिणी पूर्वी भाग सामान्यतया आर्द्र कहलाता है। जबकि पूर्वी भाग सामान्यतया उप आर्द्र कहलाता है जबकि पश्चिमी भाग शुष्क प्रदेश में आता है इसके अलावा राजस्थान का उत्तर तथा उत्तर पूर्वी भाग सामान्यतया अर्ध अर्ध शुष्क प्रदेश में आता है। .
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लाडनूं
आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर लाडनूँ राजस्थान का एक कस्बा है जो नागौर जिले की लाडनूं तहसील का मुख्यालय है। लाडनूं अपने नाम के अनुरूप धनाढ्य लोगों एवं सेठों का शहर रहा है, जहां से वे भारत के विभिन्न शहरों में फैले हुए हैं। दिल्ली से यह 380 किमी एवं जयपुर से 220 किमी की दूरी पर स्थित है। राजस्थान राज्य बनने से पहले यह जोधपुर रियासत की जागीर थी। यह नगर सुजानगढ, सीकर, बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर एवं अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। दिल्ली-रतनगढ-जोधपुर रेलवे लाइन पर यह महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। .
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लक्ष्मणगढ़
लक्ष्मणगढ़ भारत के राजस्थान राज्य के सीकर जिले में एक शहर है। सीकर जिले में लक्ष्मणगढ़ उप प्रभाग में उप प्रभागीय मुख्यालय है। लक्ष्मणगढ़ सीकर जिले में तहसील मुख्यालय भी है। लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति सीकर जिले में लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति का मुख्यालय भी है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग 11 के उत्तर में, सीकर से 24 किमी की दूरी पर स्थित है। .
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लक्ष्मणगढ़ दुर्ग
लक्ष्मणगढ़ दुर्ग (अंग्रेजी:Laxmangarh Fort) बहुत पुराना पहाड़ी दुर्ग है यह राजस्थान के सीकर ज़िले के लक्ष्मणगढ़ गाँव में स्थित है। लक्ष्मणगढ़ दुर्ग सीकर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण लक्ष्मणसिंह तथा सीकर के राव राजा ने 1805 में करवाया था इसके अलावा 1805 में इन्होंने लक्ष्मणगढ़ गाँव की भी स्थापना की थी। .
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श्री कल्याण महाविद्यालय, सीकर
श्री कल्याण महाविद्यालय, (Shri Kalyan Government PG College) संक्षेप में एस.
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शेखावाटी
शेखावाटी उत्तर-पूर्वी राजस्थान का एक अर्ध-शुष्क ऐतिहासिक क्षेत्र है। राजस्थान के वर्तमान सीकर और झुंझुनू जिले शेखावाटी के नाम से जाने जाते हैं इस क्षेत्र पर आजादी से पहले शेखावत क्षत्रियों का शासन होने के कारण इस क्षेत्र का नाम शेखावाटी प्रचलन में आया। देशी राज्यों के भारतीय संघ में विलय से पूर्व मनोहरपुर-शाहपुरा, खंडेला, सीकर, खेतडी, बिसाऊ, सुरजगढ, नवलगढ़,मंडावा, मुकन्दगढ़, दांता, खुड, * कंकङेऊ कलां खाचरियाबास, अलसीसर,यासर,मलसीसर,लक्ष्मणगढ,बीदसर आदि बड़े-बड़े प्रभावशाली संस्थान शेखा जी के वंशधरों के अधिकार में थे। वर्तमान शेखावाटी क्षेत्र पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में विश्व मानचित्र में तेजी से उभर रहा है, यहाँ पिलानी और लक्ष्मणगढ के भारत प्रसिद्ध शिक्षा केंद्र है। वही नवलगढ़, फतेहपुर, गंगियासर,अलसीसर, मलसीसर, लक्ष्मणगढ, मंडावा आदि जगहों पर बनी प्राचीन बड़ी-बड़ी हवेलियाँ अपनी विशालता और भित्ति चित्रकारी के लिए विश्व प्रसिद्ध है जिन्हें देखने देशी-विदेशी पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। पहाडों में सुरम्य जगहों बने जीण माता मंदिर, शाकम्बरीदेवी का मन्दिर, लोहार्ल्गल के अलावा खाटू में बाबा खाटूश्यामजी का (बर्बरीक) का मन्दिर,सालासर में हनुमान जी का मन्दिर * कंकङेऊ कलां में बाबा माननाथ की मेङी आदि स्थान धार्मिक आस्था के ऐसे केंद्र है जहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। इस शेखावाटी प्रदेश ने जहाँ देश के लिए अपने प्राणों को बलिदान करने वाले देशप्रेमी दिए वहीँ उद्योगों व व्यापार को बढ़ाने वाले सैकडो उद्योगपति व व्यापारी दिए जिन्होंने अपने उद्योगों से लाखों लोगों को रोजगार देकर देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दिया। भारतीय सेना को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाला झुंझुनू जिला शेखावाटी का ही भाग है। .
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सालासर बालाजी
सालासर बालाजी भगवान हनुमान के भक्तों के लिए एक धार्मिक स्थल है। यह राजस्थान के चूरू जिले में स्थित है। वर्ष भर में असंख्य भारतीय भक्त दर्शन के लिए सालासर धाम जाते हैं। हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा और आश्विन पूर्णिमा पर बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। इस समय 6 से 7 लाख लोग अपने इस देवता को श्रद्धांजलि देने के लिए यहाँ एकत्रित होते हैं। भारत में यह एकमात्र बालाजी का मंदिर है जिसमे बालाजी के दाढ़ी और मूँछ है। बाकि चेहरे पर राम भक्ति में राम आयु बढ़ाने का सिंदूर चढ़ा हुआ है। कहा जाता है इस मंदिर का निर्माण मुस्लिम कारीगरों ने किया था, जिसमे मुख्य थे फतेहपुर से नूर मोहम्मद व दाऊ। हनुमान सेवा समिति, मंदिर और मेलों के प्रबन्धन का काम करती है। यहाँ रहने के लिए कई धर्मशालाएँ और खाने-पीने के लिए कई जलपान-गृह (रेस्तराँ) हैं। श्री हनुमान मंदिर सालासर कस्बे के ठीक मध्य में स्थित है। वर्त्तमान में सालासर हनुमान सेवा समिति ने भक्तों की तादाद बढ़ते देखकर दर्शन के लिए अच्छी व्यवस्था की है। .
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सिग्नोर
सिगनोर अथवा सिग्नोर भारत के उत्तर-प्रश्चिमी राज्य राजस्थान का एक गाँव है। यह झुंझुनू जिले की उदयपुरवाटी तहसिल में आता है। २०११ की जनगणना के अनुसार गाँव की कुल जनसंख्या ५६७४ लोग थी जिसमें से २८५७ पुरुष और २८१७ महिला आबादी थी। .
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सुमेधानन्द सरस्वती
स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती (जन्म: १९५२) राजस्थान के सीकर जिले में स्थित वैदिक आश्रम पिपराली के एक संत हैं। सीकर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से १६वीं लोकसभा में भाजपा सांसद हैं। .
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सौभाग्य सिंह शेखावत
सौभाग्य सिंह शेखावत राजस्थानी भाषा के भारतीय लेखक हैं। यद्यपि मामूली शिक्षा के साथ भी वो उच्च श्रेणी के विद्वानों में गिने जाते हैं जिन्होंने राजस्थान के लगभग सभी शोध पत्रिकाओं में अपना योगदान दिया है। .
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सीकर जिला
- सीकर जिला भारत के राजस्थान प्रान्त का एक जिला है। यह जिला शेखावाटी के नाम से जाना जाता है, यह प्राकृतिक दृष्टि महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण हैŀ यहां पर तरह- तरह के प्राकृतिक रंग देखने को मिलते हैं सीकर जिले को "वीरभान" ने बसाया ओर "वीरभान का बास" सीकर का पुराना नाम दिया। राजा माधोसिंह जी ने वर्तमान स्वरूप प्रदान किया ओर सीकर नाम दिया। इन्होंने छल करके "कासली" गांव के राजा से गणेश जी की मूर्ति जीती, ये मूर्ति कासली के राजा को एक़ सन्त द्वारा भेंट की गई थी, इस मूर्ति की प्राप्ति के बाद कासली गांव "अविजय" था, कई बार सीकर के राजा ने कासली को जीतने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा, बाद में गुप्तचरों के जरिये जब इसके बारे में सूचना हासिल हुई तो आपने एक विश्वसनीय सैनिक को साधु का भेष धराकर कासली भेजा और छल से ये मूर्ति हासिल की तथा आगली सुबह कासली पर आक्रमण कर विजय हासिल की। छल से मूर्ति प्राप्त करने और विजय हासिल करने के बाद सीकर राजा ने महल के सामने गणेश जी का मंदिर भी बनवाया जो की आज भी सुभाष चोक में स्थित है। राजा ने गोपीनाथ जी का मंदिर भी बनवाया था। सीकर की रामलीला बहुत ही प्रसिद्ध है। पूरे शेखावाटी में इस रामलीला मंचन को भी राजा ने शुरू करवाया था। और अब इसे सांस्कृतिक मंडल नामक संस्था चलाती है। .
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हरदेवसिंह नेहरा
हरदेवसिंह नेहरा हरदेवसिंह नेहरा (1925 – 1998) राजस्थान के सीकर जिले में एक गांव हरसावा के निवासी थे। यह गांव हरसा नेहरा जाट ने सन् 1287 में बसाया था। यहां के हरदेवसिंह नेहरा ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। उन्होने राजस्थान में जागिरदारी समाप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान किया। श्रेणी:राजस्थान श्रेणी:राजस्थान के लोग श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.
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हरसावा
हरसावा भारत के राजस्थान के सीकर जिले का एक गांव है। यह हरसा नेहरा जाट ने सन् 1287 में बसाया था। यहां के हरदेवसिंह नेहरा ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। उन्होने राजस्थान में जागिरदारी समाप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान किया। .
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हर्षनाथ मंदिर
हर्षनाथ मंदिर, राजस्थान हर्षनाथ राजस्थान राज्य में सीकर जिले के निकट स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर है। वर्तमान में हर्षनाथ नामक ग्राम हर्षगिरि पहाड़ी की तलहटी में बसा हुआ है और सीकर से प्रायः १४ किमी दक्षिण-पूर्व में है। स्थानीय अनुश्रुति के अनुसार यह स्थान पूर्वकाल में 36 मील के घेरे में बसा हुआ था। हर्षगिरि ग्राम के पास हर्षगिरि नामक पहाड़ी है, जो 3,000 फुट ऊँची है और इस पर लगभग 900 वर्ष से अधिक प्राचीन मंदिरों के खण्डहर हैं। इन मंदिरों में एक काले पत्थर पर उत्कीर्ण लेख प्राप्त हुआ है, जो शिवस्तुति से प्रारम्भ होता है और जो पौराणिक कथा के रूप में लिखा गया है। लेख में हर्षगिरि और मन्दिर का वर्णन है और इसमें कहा गया है कि मन्दिर के निर्माण का कार्य आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी, सोमवार 1030 विक्रम सम्वत् (956 ई.) को प्रारशिखर से दृष्य .
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हरीसिंह बुरडक
हरीसिंह बुरडक (1884-1966) राजस्थान प्रदेश के सीकर जिले में पलथाना गांव के स्वतंत्रता सेनानी थे। आप बुरडक गोत्र जाट परिवार में पैदा हुए। आपने सीकर जिले में किसानों को जागिरदारों के शोषण से मुक्त कराने के लिये आंदोलन किये और कई बार जेल गये। आपने 1934 में खुडी गांव में तथा 1935 में कूदन गांव में किसान आंदोलन में अगुवाई की। किसान आंदोलन में अगुवाई के कारण सीकर के राव राजा ने जिला बदर किया तथा 14 महिने के लिय देवगढ़ की जेल में बंद रखा। आप प्रजा मंडल सीकर तथा जाट-पंचायत सीकर के सक्रीय महत्व पूर्ण नेता थे। श्रेणी:राजस्थान श्रेणी:राजस्थान के लोग श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन.
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हिन्दी से सम्बन्धित प्रथम
यहाँ पर हिन्दी से सम्बन्धित सबसे पहले साहित्यकारों, पुस्तकों, स्थानों आदि के नाम दिये गये हैं।.
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होहोबा
होहोबा एक रेगिस्तानी पौधा है इसका अंग्रेजी नाम जोजोबा (Jojoba) है तथा वानस्पतिक नाम साइमन्डेसिया चायनेंसिमइसे होहोबा के नाम से जाना जाता है। यह मूलतः रेगिस्तानी पौधा है जो मैक्सिको, High temperatures are tolerated by jojoba, but frost can damage or kill plants.
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जमनालाल बजाज
जमनालाल बजाज (४ नवम्बर १८८४ - ११ फ़रवरी १९४२) भारत के एक उद्योगपति, मानवशास्त्री एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे महात्मा गांधी के अनुयायी थे तथा उनके बहुत करीबी व्यक्ति थे। गांधीजी ने उन्हें अपने पुत्र की तरह माना। .
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जिलिया
जिलिया गढ़ राजस्थान के नागौर जिले में स्थित एक स्थान है। इसे झिलिया, अभयपुरा, अभैपुरा, मारोठ, मारोट, महारोट, महारोठ आदि नामों से भी जानते हैं। इसका आधिकारिक नाम ठिकाना जिलिया (अंग्रेज़ी:Chiefship of Jiliya, चीफ़शिप ऑफ़ जिलिया) व उससे पूर्व जिलिया राज्य (अंग्रेज़ी:Kingdom of Jiliya, किंगडम ऑफ़ जिलिया) था। जिलिया मारोठ के पांचमहलों की प्रमुख रियासत थी जिसका राजघराना मीरा बाई तथा मेड़ता के राव जयमल के वंशज हैं। मेड़तिया राठौड़ों का मारोठ पर राज्य स्थापित करने वाले वीर शिरोमणि रघुनाथ सिंह मेड़तिया के पुत्र महाराजा बिजयसिंह ने मारोठ राज्य का अर्ध-विभाजन कर जिलिया राज्य स्थापित किया। इसकी उत्तर दिशा में सीकर, खंडेला, दांता-रामगढ़, पूर्व दिशा में जयपुर, दक्षिण दिशा में किशनगढ़, अजमेर, मेड़ता व जोधपुर और पश्चिम दिशा में नागौर व बीकानेर हैं। सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने बंगाल के गौड़ देश से आये भ्राताओं राजा अछराज व बछराज गौड़ की वीरता से प्रसन्न होकर उन्हें अपना सम्बन्धी बनाया और सांभर के पास भारत का प्राचीन, समृद्ध और शक्तिशाली मारोठ प्रदेश प्रदान किया जो नमक उत्पाद के लिए प्रसिद्ध महाराष्ट्र-नगर के नाम से विख्यात था। गौड़ शासक इतने प्रभावशाली थे की उनके नाम पर सांभर का यह क्षेत्र आज भी गौड़ावाटी कहलाता है। गौड़ावाटी में सांभर झील व कई नदियाँ हैं, जिनमें खण्डेल, रुपनगढ़, मीण्डा (मेंढा) आदि प्रमुख हैं। मारोठ भारत के प्राचीनतम नगरों में से एक है और जैन धर्म का भी यहाँ काफी विकास हुआ और राजपूताना के सत्रहवीं शताब्दी के चित्रणों में मारोठ के मान मन्दिर की तुलना उदयपुर के महलों तथा अम्बामाता के मंदिर, नाडोल के जैन मंदिर, आमेर के निकट मावदूमशाह की कब्र के मुख्य गुम्बद के चित्र, मोजमाबाद (जयपुर), जूनागढ़ (बीकानेर) आदि से की जाती है। .
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घनश्याम तिवाड़ी
घनश्याम तिवाड़ी (जन्म: 1947) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार (2003 से 2008) में वे शिक्षा मंत्री रहे। राजनीति में उन्होंने सफलतापूर्वक 45 साल बिताए हैं। वर्तमान में वे सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। घनश्याम तिवाड़ी सांगानेर से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। 2013 विधानसभा में वे राजस्थान के भी रहे। .
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खीचड़
खीचड़ (अथवा खींचड़) एक जाट जाति की गौत्र है जो भारतीय प्रान्त राजस्थान के झुन्झुनू, चुरू, नागपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों में पाई जाती है। वीरभान खीचड़ ने राजस्थान के सीकर नगर की स्थापना की। उन्होंने हरियाणा के सिरसा और फतेहाबाद जिलों की भी स्थापना की। खीचड़ों की उत्पति जोइया से मानी जाती है। सम्भवतः वो चौहानों की खीची गौत्र के समान हैं। .
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खींवासर
खींवासर भारत के राजस्थान प्रान्त के सीकर जिले मे एक गाँव है। यह गाँव नवलगढ कस्बे से १० किलोमीटर की दूरी पर है। .
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गढ़वाल (वंश)
गढ़वाल भारत में राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पायी जाने वाली एक जाट वंशावली है। राजस्थान में मुख्यतः सीकर जिले के विभिन्न गावों में ये लोग बसे हुए हैं। .
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गोरधन वर्मा
गोरधन वर्मा (Gordhan Verma) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान विधानसभा में धोद, सीकर से विधायक हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। .
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गोविन्द सिंह डोटासरा
गोविन्द सिंह डोटासरा एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान विधानसभा में लक्ष्मणगढ़, सीकर से विधायक हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ हैं। .
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औधोगिक नगर
राजस्थान में बहुत से शहरो में अनेकों कम्पनिया हैं इस द्रष्टि से राजस्थान मे प्रमुख औधोगिक नगर निम्न हैं १. भिवाडी़ (अलवर) २.
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कटराथल
कटराथल, भारतीय राज्य राजस्थान के सीकर जिले की पीपराली तहसील का एक गाँव है। यह सीकर से झुन्झुनू जाने वाले राज्य राजमार्ग संख्या ८ पर स्थित है। राजस्थान राज्य सरकार ने कटराथल में 30 एकड़ मुफ्त जमीन आवंटित कर दी जिससे कि यहाँ पर शेखावाटी यूनिवर्सिटी की स्थापना संभव हो सकी है। .
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कलवानिया
कलवानिया (कलवाण्या, कलवाना भी) एक जाट गोत्र है जो राजस्थान के नागौर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों में पायी जाती है। प्राचीन काल में कुलुत देश के निवासी कलवाना के रूप में जाने जाते थे जहाँ राजा चित्र वर्मा ने राज्य किया। .
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अखिल भारतीय राम राज्य परिषद
अखिल भारतीय राम राज्य परिषद भारत की एक सनातन हिन्दू वर्णाश्रम धर्मशासित राष्ट्र स्थापित करने वाले उद्देश्य वाली पार्टी है। इसकी स्थापना स्वामी करपात्री ने सन् १९४८ में की थी। इस दल ने सन् १९५२ के प्रथम लोकसभा चुनाव में ३ सीटें प्राप्त की थी। सन् १९५२, १९५७ एवं १९६२ के विधान सभा चुनावों में हिन्दी क्षेत्रों (मुख्यत: राजस्थान) में इस दल ने दर्जनों सीटें हासिल की थी। अन्य हिन्दूवादी दलों की भांति यह दल भी समान नागरिक संहिता का पक्षधर है। लोकसभा में 15 मई 1952 को पहली बार हिंदी में संबोधन सीकर के तत्कालीन सांसद एन.एल.
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