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साउदिया

सूची साउदिया

साउदी अरबियन एयरलाइंस (الخطوط الجوية العربية السعودية) जो साउदिया (السعودية नाम से संचालित है) जेद्दाह में आधारित है और सऊदी अरब की ध्वजवाहिका वायुसेवा है। इस कंपनी से अपने नाम साउदी अरबियन एयरलाइंस (जो पहले १९७१ तक प्रयोग होता रहा था और १९९७ से पुनर्प्रयोग में आया) से अपने पुराने नाम साउदिया (जो १९७२ से १९९६ तक प्रयोग होता रहा था) को २९ मई २०१२ में बदल लिया था। यह नाम बदलाव कंपनी के उस दिन स्काई टीम एयर एलाइंस संधि में जाने के स्मारक रूप में किया गया था। यह कंपनी के वृहत्तर पुनरओद्धारीकरण का एक चरण था। यह सेवा मध्य-पूर्व, अफ़्रीका, एशिया, यूरोप एवं उत्तरी अमरीका के लगभग ९० से अधिक गंतव्यों को वायु-सेवा उपलब्ध कराती है। इनके अलावा रमज़ान एवं हज काल में ये अन्तर्देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय चार्टर उड़ानें भी संचालित किया करती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 7 संबंधों: राजा भोज विमानक्षेत्र, विश्व की प्रमुख वायुयान सेवाओं की सूची, इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, किंग फ़ाह्द अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र, १९९६ चरखी दादरी वायु-मध्य भिडंत, 2017 कतर राजनयिक संकट

राजा भोज विमानक्षेत्र

राजा भोज विमानक्षेत्र(भोपाल विमानक्षेत्र) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यह राजधानी भोपाल को वायु सेवा प्रदान करने वाला प्राथमिक विमानक्षेत्र है। हवाई अड्डा शहर के गांधीनगर क्षेत्र में मुख्य शहर के केन्द्र से लगभग उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित है राष्ट्रीय राजमार्ग १२ पर स्थित है। यह राज्य का दूसरे स्थान पर व्यस्ततम हवाई अड्डा है, जहाम सबसे व्यस्त देवी अहिल्याबाई होल्कर विमानक्षेत्र, इंदौर में है। भोपाल विमानक्षेत्र का नाम १०वीं शताब्दी के प्रसिद्ध परमार वंश के राजा भोज के नाम पर रखा गया है। इन्हीं राजा भोज के नाम पर राजधानी भोपाल का नाम भी भोजपाल से बिगड़कर भोपाल हो गया है। .

देखें साउदिया और राजा भोज विमानक्षेत्र

विश्व की प्रमुख वायुयान सेवाओं की सूची

* एयर कनाडा.

देखें साउदिया और विश्व की प्रमुख वायुयान सेवाओं की सूची

इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भारत की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का प्रधान अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। यह नई दिल्ली नगर केन्द्र से लगभग १६ कि॰मी॰(10 मील) दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी के नाम पर बना यह भारत का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। |वेबदुनिया। । नई दिल्ली। रविवार, 13 मार्च 2011(10:53IST। अभिगमन तिथि: २४ नवम्बर २०१२ हवाई अड्डे के नवीनतम टर्मिनल-३ के चालू हो जाने के बाद से ४ करोड़ ६० लाख यात्री क्षमता तथा वर्ष २०३० तक की अनुमानित यात्री क्षमता १० करोड़ के साथ यह भारत के साथ-साथ पूरे दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा और सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापार संबंधी विमानन केन्द्र बन गया है। भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के साथ इसके आंकड़े मिलाकर देखें तो ये दोनों दक्षिण एशिया के आधे से अधिक विमान यातायात को वहन करते हैं। इस विमानक्षेत्र के संचालक दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डयल) इसे विश्व का अगला अन्तर्राष्ट्रीय ट्रांज़िट हब बनाने के प्रयास कर रहा है। लगभग ५,२२० एकड़ (२,११० हेक्टेयर) की भू-संपदा में विस्तृत, दिल्ली विमानक्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिये प्राथमिक नागर विमानन हब (केन्द्र) है। सर्वप्रथम इसका संचालन भारतीय वायु सेना के पास था, जिसके बाद उसने इसका प्रबंधन दायित्व भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को सौंप दिया। मई २००६ से हवाई अड्डे का प्रबंधन दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के पास आया। डायल जीएमआर समूह के नेतृत्व में एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइन्ट वेन्चर) है। डायल ही विमानक्षेत्र के आगे हो रहे विस्तार एवं आधुनिकीकरण के लिये भी उत्तरदायी है। इस निजीकरण का भरपूर विरोध भाविप्रा कर्मचारियों ने किया, किन्तु अन्ततः ३ मई २००६ को यह प्रबंधन स्थानांतरण संपन्न हो गया। वर्ष २००१-१२ में विमानक्षेत्र से ३५८.८ लाख यात्रियों की आवाजाही संपन्न हुई और यहां के विस्तार कार्यक्रम योजना के अनुसार इसकी क्षमता वर्ष २०३० तक १० करोड़ यात्री तक हो जायेगी। यहां के नये टर्मिनल भवन के २०१० के राष्ट्रमंडल खेलों से पूर्व निर्माण के बाद ही इसकी वार्षिक ३४० लाख यात्रियों की क्षमता है। यहां का टर्मिनल-३ विश्व का ८वां सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। सितंबर २००८ में यहां ४.४३ कि.मी लंबी नयी उड़ानपट्टी (रनवे-३) का उद्घाटन हुआ था। इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र को २०१० में एयरपोर्ट काउन्सिल इन्टरनेशनल द्वारा १५०-२५० लाख यात्री श्रेणी में विश्व का चौथा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र, एवं एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाधिक प्रगति वाला विमानक्षेत्र होने का सम्मान मिला था। वर्ष २०११ में विमानक्षेत्र को इसी परिषद द्वारा पुनः २.५-४ करोड़ यात्री क्षमता श्रेणी में विश्व का दूसरा सर्वोत्तम विमानक्षेत्र होने का गौरव मिला था। यह स्थान कोरिया के इंचेयन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के बाद था। इसके अलावा वर्ष २०११ में ही यह विमानक्षेत्र विश्व का ३४वाँ व्यस्ततम विमानक्षेत्र बना जिसकी यात्री आवागमन संख्या ३,४७,२९,४६७ रही एवं पिछले वर्ष के मुकाबले यातायात में इसने १७.८% की बढ़ोत्तरी भी दर्ज की। .

देखें साउदिया और इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

किंग फ़ाह्द अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

किंग फ़ह्द अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (KFIA) (مطار الملك فهد الدولي) दम्मम, सऊदी अरब से उ.पूर्व में स्थित DMM विश्व के प्रमुख विमानक्षेत्र श्रेणी:किंग फ़ाह्द अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र श्रेणी:सऊदी अरब के विमानक्षेत्र श्रेणी:दम्मम.

देखें साउदिया और किंग फ़ाह्द अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र (KAIA) (مطار الملك عبدالعزيز الدولي) सऊदी अरब के शहर जेद्दाह से १९ कि.मी उत्तर में स्थित एक अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र है। इसका नाम यहां के राजा अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद के नाम पर रखा गया है। यह सऊदी अरब में तीसरी सबसे बड़ी वायुमार्ग सुविधा है एवं यात्री संख्या के अनुसार यह यहां का व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। यहां का परिसर १५ वर्ग कि.मी में विस्तृत है। on the GACA website इसमें विमानक्षेत्र के अलावा शाही टर्मिनल, रॉयल सऊदी वायु सेना की सुविधा एवं विमानक्षेत्र स्टाफ़ हेतु आवासीय परिसर भी हैं। जेद्दाह विमानक्षेत्र में निर्माण कार्य १९७४ में आरंभ हुआ था और १९८० में पूर्ण हुआ। ३१ मई १९८१ को यह विमानक्षेत्र प्रचालन के लिये खुला एवं अप्रैल १९८१ को इसका आधिकारिक उद्घाटन संपन्न हुआ। .

देखें साउदिया और किंग अब्दुल अज़ीज़ अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र

१९९६ चरखी दादरी वायु-मध्य भिडंत

१२ नवम्बर १९९६ को सऊदी अरब एयरलाइंस का विमान हरियाणा के चरखी दादरी में वायु में कज़ाखिस्तान एयरलाइंस की उड़ान 1907 से टकरा गया। सभी सवार ३४९ यात्रियों की मृत्यु हो गयी। .

देखें साउदिया और १९९६ चरखी दादरी वायु-मध्य भिडंत

2017 कतर राजनयिक संकट

अरब प्रायद्वीप जून 2017 में, कई देशों ने सऊदी अरब के नेतृत्व में कतर से अपने राजनयिक संबंध समाप्त कर दिये हैं। इन देशों ने संकट को समाप्त करने के लिए कतर से राजनयिक संबंध समाप्त किए, क्योंकि कतर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने, आंतरिक मामलों में दखल देने, और ईरान का समर्थन करने के कारण किया गया है। अन्य देशों ने भी इसके साथ संबंधों में कटौती की है, जिसमें बहरीन, मिस्र, यमन (हादी के नेतृत्व वाली सरकार), संयुक्त अरब अमीरात, लीबिया (हाउस के प्रतिनिधियों और सरकार के राष्ट्रीय एकॉर्ड), और मालदीव शामिल हैं। खाड़ी सहयोग परिषद के दो सदस्यों, कुवैत और ओमान ने कतर के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सदस्यों का साथ नहीं दिया। कुवैत चाहता था कि कोई वार्ता कर के कोई मध्य का मार्ग निकल जाये और दोनों के मध्य तनाव कम हो जाये। ईरान ने भी तनाव कम करने हेतु वार्ता हो, इसका प्रयास किया था। .

देखें साउदिया और 2017 कतर राजनयिक संकट

सऊदी अरब एयरलाइंस के रूप में भी जाना जाता है।