सामग्री की तालिका
6 संबंधों: नाना, देवता, नोंगखाइलेम वन्य जीवन अभयारण्य, प्राचीन रोम में धर्म, बैल, भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची, यूनानी धर्म।
नाना, देवता
नाना देवता या पाप, अक्कद, अश्शूर और बेबीलोनिया के मेसोपोटामिया पौराणिक कथाओं में चंद्रमा का देवता था। नाना एक सुमेरियन देवता है, जो एनिल और निनिल का पुत्र था, और सेमिटिक पाप के साथ पहचाना गया। नाना / पाप की पूजा की दो मुख्य स्थल मेसोपोटामिया के दक्षिण में उर और उत्तर में हारान थे। पूर्व इस्लामी दक्षिण अरब में एक ही नाम से एक चंद्रमा भगवान की भी पूजा की गई थी। .
देखें सांड और नाना, देवता
नोंगखाइलेम वन्य जीवन अभयारण्य
नोंगखाईलेम वन्य जीवन अभयारण्य मेघालय राज्य के री भोई जिले में लाईलाड ग्राम के निकट स्थित एक अभयारण्य है। यह पूर्वोत्तर भारत के सबसे सुन्दर एवं लोकप्रिय अभयारण्यों में से एक है। इसका विस्तार २९ किमी के क्षेत्र में है और यह यहां के पर्यटक गंतव्यों में अत्यन्त प्रसिद्ध स्थान है। यहां के वन्य जीवन में विविध प्रकार के पशु एवं पक्षी हैं जिनमें स्तनधारियों, एवियन, कृंतक, सरीसृप और कई अन्य प्रजातियां दिखाई देती हैं। वन्य जीवन के अलावा यहां का वन प्रदेश हरियाली एवं पादपों की ढेरों प्रजातियों से भी परिपूर्ण है। क्षेत्र के सबसे नीचे भूभाग लाइलाड ग्राम के निकट हैं जो सागर सतह से मात्र २०० मी पर स्थित हैं जबकि सबसे ऊंचे भाग पूर्वी एवं दक्षिणी हैं जिनकी अधिकतम ऊंचाई ९५० मी तक भी है। इस क्षेत्र को १९८१ मेंअभयारण्य घोषित किया गया था। .
देखें सांड और नोंगखाइलेम वन्य जीवन अभयारण्य
प्राचीन रोम में धर्म
यूपीतेर- आकाश के देवता रोमन धर्म प्राचीन रोम नगर और इटली देश का सबसे मुख्य- और राजधर्म था। रोमन धर्म सामी धर्म बिलकुल नहीं था। वो एक भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) धर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। इसमें एक अदृश्य ईश्वर की अवधारणा नहीं थी। ईसाई धर्म के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया। फिर भी, आज कल, कुछ यूरोपीय लोग सामी धर्म (यहूदी, ईसाई और ईस्लामी धर्म) छोड़ दिये और रोमन धर्म और दर्शन वापस चल चुके हैं। क्योंकि वे लोगों को लगता है कि रोमन धर्म ईसाई धर्म से अच्छा है और सहिष्णु भी। रोमन धर्म में कुछ बड़े, गहरे और मुक्त दर्शन हैं। रोमन लोग बहुत धार्मिक और आत्मिक लोग थे। इस धर्म के कई देवताओं के सम्तुल्य देवता प्राचीन यूनानी धर्म में, जर्मनिक धर्म, फ़ारसी धर्म और हिन्दू धर्म में मिलते हैं। इसका वजह है कि वे सब धर्म वैदिक और आर्य धर्म हैं। जैसे यूनानी, जर्मनिक, फ़ारसी और हिन्दू संस्कृति, रोमन संस्कृति और धर्म भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) ही थे। ये देवता और देवियाँ रोमन हैं। तुल्य हिन्दू देवता देवियाँ भी लेखे हुए हैं लेकिन 100% समान नहीं हैं। कुछ अलग भी है, मगर सच है कि रोमन ईश्वरीय परम्परा हिन्दु परम्परे से दूर नहीं है। रोमन और हिन्दू दोनों भारोपीय हैं, यानी बहन संस्कृतियाँ। .
देखें सांड और प्राचीन रोम में धर्म
बैल
बैलगाड़ी खींचते बैल (मुम्बई) बैलगाड़ी खींचते बैल (थाईलैण्ड) बैल एक चौपाया पालतू प्राणी है। यह गोवंश के अन्तर्गत आता है। बैल प्राय: हल, बैलगाड़ी आदि खींचने के लिये प्रयुक्त होते हैं। सांड इसका एक पर्याय है। .
देखें सांड और बैल
भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची
भारत के पशुपक्षियों के नाम अलग-अलग भारतीय भाषाओं में भिन्न-भिन्न हैं। .
देखें सांड और भारत के पशुपक्षियों की बहुभाषीय सूची
यूनानी धर्म
प्राचीन यूनानी धर्म (अथवा प्राचीन ग्रीक धर्म) प्राचीन यूनान (ग्रीस) देश का सबसे मुख्य- और राजधर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। इसमें एक अदृश्य ईश्वर की अवधारणा नहीं थी। ईसाई धर्म के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया और इसके देवी-देवताओं को शैतान करार दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया। ग्रीक पौराणिक कथाएं, उन प्राचीन यूनानियों, उनके देवताओं, नायकों, दुनिया की प्रकृति, अनुष्ठान प्रथाओं के महत्व के विषय में संबंधित मिथकों और किंवदंतियों का आधार हैं। वे प्राचीन ग्रीस में धर्म का एक हिस्सा थीं आधुनिक विद्वानों ने इन मिथकों का अध्ययन कर प्राचीन ग्रीस, इसकी सभ्यता की धार्मिक और राजनीतिक संस्थाओं पर प्रकाश डाला है और लाभ मिथक बनाने की प्रकृति को समझने का प्रयास किया है। ग्रीक पौराणिक कथाएं कथा रूप मे भारी मात्रा में संग्रहीत हैं। इनका बड़ा संग्रह परोक्ष रूप मे फूलदानओं पर उकेरी कला कृतियों के रूप में, भित्तिचित्रों कि द्वारा दुनिया कि उत्पत्ति के विवरणओं, जीवन और देवताओं, देवी, नायकों, नायिकाओं और पौराणिक प्राणियों की एक विस्तृत विविधता के रोमांच की व्याख्या करने का प्रयास करतए है। इन कथनकों को शुरू में एक मौखिक काव्य परंपरा में फैलाया गया, आज ग्रीक मिथकों को ग्रीक साहित्य से मुख्य रूप से जाना जाता है। Iliad और ओडिसी दो महाकाव्य, प्राचीनतम ज्ञात यूनानी साहित्यिक स्रोत, ट्रोजन युद्ध के आसपास की घटनाओं पर ध्यान केंद्रित हैं। होमर के समकालीन हेसियड, Theogony के आक्ख्यान दुनिया की उत्पत्ति, दिव्य शासकों व उनके उत्तराधिका्रियों के, मानव युगों के बारे में मानवीय संकट के भययोग्य उद्गम और बलि प्रथाओं केविषय मे जानकारी देते हैं। मिथक होमेर के भजनों में भी संरक्षित हैं, इस काल के काव्य खण्डों में, गेय कविताओं में, पांचवीं शताब्दी ई.पू.
देखें सांड और यूनानी धर्म