सामग्री की तालिका
19 संबंधों: देशों के दूरभाष कूट की सूची, देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची, नैपोलियन तृतीय, नेपोलियन बोनापार्ट, नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर, पश्चिमी अफ्रीका, ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश, यूटीसी±००:००, लाइपत्सिग का युद्ध, संचार उपग्रह, सेंट हेलेना पाउंड, जनसंख्या घनत्व के अनुसार देशों की सूची, जेम्सटाउन, सेंट हेलेना, वियना कांग्रेस, विश्व के सभी देश, आइएसओ ३१६६ - १, अफ़्रीका, असेन्शियन द्वीप, अंग्रेज़ी भाषा।
देशों के दूरभाष कूट की सूची
यह ITU-T की सिफारिश E.164 के अनुसार देशों की दूरभाष कुट सँख्या कि सुची है। .
देखें सन्त हेलेना और देशों के दूरभाष कूट की सूची
देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची
निम्न चार्ट विश्व के देशों को सूचीबद्ध करता है (जैसा की यहां परिभाषित किया गया है), इसमें उनके राजधानीयों के नाम भी शामिल है, यह अंग्रेजी के साथ साथ उस देश की मूल भाषा और/या सरकारी भाषा में दी गयी है। ज टी की कोण नॉन en .
देखें सन्त हेलेना और देशी भाषाओं में देशों और राजधानियों की सूची
नैपोलियन तृतीय
नैपोलियन तृतीय लुई नैपोलियन् बोनापार्ट (२० अप्रैल १८०८ - ९ जनवरी १८७३ ई.) फ्रांसीसी रिपब्लिक का प्रथम राष्ट्रपति तथा नैपोलियन तृतीय के रूप में द्वितीय फ्रांसीसी साम्राज्य का शासक था। वह नैपोलियन प्रथम का भतीजा तथा उत्तराधिकारी था। .
देखें सन्त हेलेना और नैपोलियन तृतीय
नेपोलियन बोनापार्ट
नेपोलियन बोनापार्ट (15 अगस्त 1769 - 5 मई 1821) (जन्म नाम नेपोलियोनि दि बोनापार्टे) फ्रान्स की क्रान्ति में सेनापति, 11 नवम्बर 1799 से 18 मई 1804 तक प्रथम कांसल के रूप में शासक और 18 मई 1804 से 6 अप्रैल 1814 तक नेपोलियन I के नाम से सम्राट रहा। वह पुनः 20 मार्च से 22 जून 1815 में सम्राट बना। वह यूरोप के अन्य कई क्षेत्रों का भी शासक था। इतिहास में नेपोलियन विश्व के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। उसने एक फ्रांस में एक नयी विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन की संहिता कहा जाता है। वह इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक था। उसके सामने कोई रुक नहीं पा रहा था। जब तक कि उसने 1812 में रूस पर आक्रमण नहीं किया, जहां सर्दी और वातावरण से उसकी सेना को बहुत क्षति पहुँची। 18 जून 1815 वॉटरलू के युद्ध में पराजय के पश्चात अंग्रज़ों ने उसे अन्ध महासागर के दूर द्वीप सेंट हेलेना में बन्दी बना दिया। छः वर्षों के अन्त में वहाँ उसकी मृत्यु हो गई। इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज़ों ने उसे संखिया (आर्सीनिक) का विष देकर मार डाला। .
देखें सन्त हेलेना और नेपोलियन बोनापार्ट
नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर
नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य जीवन लगभग २० वर्षों का रहा। नेपोलियन युद्धों में वो फ्रांसीसी सेना के सेनापति रहे। विश्व के इतिहास में वो सैन्य प्रतिभावों और बहतरीन कमांडरों में से एक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने ६० युद्धों में भाग लिया जिसमें से केवल सात में हार का सामना किया जो उनके पतन के समय थे। वर्ष १८१२ में नेपोलियन द्वारा रूस पर आक्रमण के पश्चात फ़्रांसीसी प्रभुत्व का तेजी से पतन हो गया। वर्ष १८१४ मे नेपोलियन की हार हुई; वो लोट गये और अन्त में वर्ष १८१५ में वाटरलू के युद्ध में अन्तिम रूप से हार गये। उन्होंने अपना बाकी जीवन ब्रिटेन की हिरासत में सैंट हेलेना द्वीप पर बिताया। .
देखें सन्त हेलेना और नेपोलियन बोनापार्ट का सैन्य कैरियर
पश्चिमी अफ्रीका
अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिणी भाग को दक्षिणी अफ्रीका कहते हैं। इसमें बोत्सवानालेसोथोनामीबियादक्षिण अफ्रीकास्वाजीलैंड देश आते हैं। इनके विस्तृत आंकड़े इस प्रकार से हैं:- .
देखें सन्त हेलेना और पश्चिमी अफ्रीका
ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश
ब्रिटिश विदेशी प्रदेशों की अवस्थिति ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश (अंग्रेजी: British Overseas Territories) या ब्रिटिश विदेशी प्रदेश, संयुक्त राजशाही के वो चौदह प्रदेश हैं, जो वैसे तो संयुक्त राजशाही का एक हिस्सा नहीं हैं पर इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। यह वो प्रदेश हैं जो ब्रिटिश साम्राज्य के समय से ही ब्रिटेन के आधीन हैं और इन्हे आज तक या तो स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो पायी है या फिर इन्होने खुद ही ब्रिटेन का हिस्सा बने रहने के लिए मतदान किया है। ब्रिटिश राष्ट्रीयता अधिनियम 1981 (अंग्रेजी: British Nationality Act 1981) के अनुसार इन प्रदेशों को "ब्रिटिश अधीन क्षेत्र" नाम दिया गया था जिसे ब्रिटिश विदेशी प्रदेश अधिनियम 2002 (अंग्रेजी: British Overseas Territories Act 2002) के द्वारा बदल कर ब्रिटिश विदेशी प्रदेश कर दिया गया। 1981 से पहले, इन प्रदेशों को किरीट उपनिवेश या किरीटोपनिवेश (क्राउन कालोनी) कहा जाता था। ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र, जहाँ पर कोई स्थायी निवासी नहीं हैं और साइप्रस के संप्रभु सैन्य अड्डों के अलावा, सभी विदेशी प्रदेशों में स्थायी आबादी है। इन सभी क्षेत्रों का सामूहिक भूमि क्षेत्र 1728000 वर्ग किमी (667,018 वर्ग मील) और जनसंख्या लगभग 260,000 है। ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र, चार अन्य संप्रभु राष्ट्रों और उनके अंटार्कटिक क्षेत्रों के साथ हुए एक पारस्परिक मान्यता समझौते का हिस्सा है। ब्रिटेन अंटार्कटिक संधि प्रणाली में एक भागीदार है। जर्सी, ग्वेर्नसे और आइल ऑफ़ मैन जैसे क्षेत्र, हालांकि ब्रिटिश राजशाही की संप्रभुता के अंतर्गत आते हैं पर इनके साथ संयुक्त राजशाही का एक अलग संवैधानिक रिश्ता है और इन्हें किरीटाधीन क्षेत्र कहा जाता है। ब्रिटिश विदेशी प्रदेश और किरीटाधीन क्षेत्र राष्ट्रमंडल के उन देशों से अलग हैं जिनमें से ज्यादातर कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थे। .
देखें सन्त हेलेना और ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश
यूटीसी±००:००
यूटीसी±००:००, (UTC±00:00) यूटीसी से शून्य घंटे आगे और शून्य घंटे पीछे का समय मंडल है, यानि विश्व भर में नागरिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये मापे जाने वाले समय का केंद्र बिंदु व आधार है। इसका उपयोग निम्न क्षेत्रों में समय मापने के लिये किया जाता है।.
देखें सन्त हेलेना और यूटीसी±००:००
लाइपत्सिग का युद्ध
लाइपत्सिग का युद्ध (Battle of Leipzig या Battle of the Nations) सैक्सोनी के लाइपत्सिग नामक स्थान पर १६ से १९ अक्टूबर, १८१३ को लड़ा गया था। रूस, प्रशा, आस्ट्रिया और स्वीडेन कि संयुक्त सेनाओं ने रूस के जार अलेक्सांदर प्रथम के नेतृत्व नेपोलियन को पराजित कर दिया। इस युद्ध में लगभग 600,000 सैनिकों ने भाग लिया, इस प्रकार प्रथम विश्वयुद्ध के पहले यूरोप की यह सबसे बड़ी लड़ाई थी। रूस अभियान में नेपोलियन की असफलता का समाचार पाते ही जर्मनी में फ्रांस से प्रतिशोध लेने की भावना जागने लगी। लोग देश को नेपोलियन के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए संघर्ष के लिए तैयार हो गए। राष्ट्रीयता का जबर्दस्त उबाल आया। इस तरह 1813 में प्रशा ने फ्रांस के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। किन्तु प्रशा की सेना को नेपोलियन ने पीछे ढलेल दिया। 1813 ई.
देखें सन्त हेलेना और लाइपत्सिग का युद्ध
संचार उपग्रह
U.स सैन्य MILSTAR संचार उपग्रह दूरसंचार के प्रयोजनों के लिए संचार उपग्रह (कभी-कभी संक्षेप में SATCOM प्रयुक्त) अंतरिक्ष में तैनात एक कृत्रिम उपग्रह है। आधुनिक संचार उपग्रह भू-स्थिर कक्ष, मोलनीय कक्ष, अन्य दीर्घवृत्ताकार कक्ष और पृथ्वी के निचले (ध्रुवीय और ग़ैर-ध्रुवीय) कक्ष सहित विभिन्न प्रकार के परिक्रमा-पथों का उपयोग करते हैं। निश्चित (बिंदु-दर-बिंदु) सेवाओं के लिए, संचार उपग्रह पनडुब्बी संचार केबल के पूरक माइक्रोवेव रेडियो प्रसारण तकनीक उपलब्ध कराते हैं। उनका इस्तेमाल मोबाइल अनुप्रयोगों, जैसे जहाज, वाहनों, विमानों और हस्तचालित टर्मिनलों तथा टी.वी.
देखें सन्त हेलेना और संचार उपग्रह
सेंट हेलेना पाउंड
सेंट हेलेना पाउंड सेंट हेलेना और एसेन्शन द्वीप की मुद्रा है, जो ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र सेंट हेलेना, एसेन्शन और त्रिस्तान द कुन्हा द्वीप का हिस्सा हैं। यह पाउंड स्टर्लिंग से समानता रखती है तथा 100 पेंस में उपविभाजित है। शुरुआती दौर में सेंट हेलेना में ब्रिटिश पाउंड प्रचलन में थे। फरवरी 1961 से पहले दक्षिण अफ्रीका पाउंड भी द्वीप में स्वीकार किए जाते थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका पाउंड के दशमिकीकरण की वजह से वापस ले लिया गया। 1976 से सरकार ने मुद्रा जारी करना शुरू किया, जिसके बाद 1984 में सिक्के जारी किए गए। श्रेणी:मुद्रा.
देखें सन्त हेलेना और सेंट हेलेना पाउंड
जनसंख्या घनत्व के अनुसार देशों की सूची
जनसँख्या घनत्व2006 के अनुसार जनसँख्या घनत्व के अनुसार देश एवं उनके निर्भर क्षेत्रों की सूची निवासी/वर्ग किमी में। स्त्रोत:.
देखें सन्त हेलेना और जनसंख्या घनत्व के अनुसार देशों की सूची
जेम्सटाउन, सेंट हेलेना
जेम्सटाउन, सेंट हेलेना अफ्रीका के सेंट हेलेना देश की राजधानी है। श्रेणी:अफ्रीका के शहर श्रेणी:अफ़्रीका में राजधानियाँ.
देखें सन्त हेलेना और जेम्सटाउन, सेंट हेलेना
वियना कांग्रेस
वियना कांग्रेस (Jean-Baptiste Isabey द्वारा निर्मित चित्र, 1819) वियना की कांग्रेस (Viena Congress) यूरोपीय देशों के राजदूतों का एक सम्मेलन था, जो सितंबर 1814 से जून 1815 को वियना में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता ऑस्ट्रियाई राजनेता मेटरनिख ने की। कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य फ्रांसीसी क्रांतिकारी युद्ध, नेपोलियन युद्ध और पवित्र रोमन साम्राज्य के विघटन से उत्पन्न होने वाले कई मुद्दों एवं समस्याओं को हल करने का था। नैपोलियन को वाटरलू की पराजय के पश्चात् सेंट हेलेना द्वीप निर्वासित कर दिया गया, तत्पश्चात् आस्ट्रिया की राजधानी वियना में यूरोप की विजयी शक्तियां 1815 में एकत्रित हुई। उद्देश्य था, यूरोप के उस मानचित्र को पुनर्व्यवस्थित करना जिसे नेपोलियन ने अपने युद्ध और विजयों से उलट-पटल दिया था। वस्तुतः आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने नेपोलियन के विरूद्ध मोर्चा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसीलिए उसकी पहल पर आस्ट्रिया की राजधानी वियना में कांगे्रस बुलाई गई थी। इस सम्मेलन में यूरोप के कई छोटे-छोटे देश शामिल हुए किन्तु नीति निर्माण के संबंध में चार मुख्य देशों के प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। ये नेता थे- आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक, रूस का जार एलेक्जेंडर, इंग्लैंड का विदेश मंत्री लॉर्ड कैसलरे तथा फ्रांसीसी विदेश मंत्री तैलरा। .
देखें सन्त हेलेना और वियना कांग्रेस
विश्व के सभी देश
यह विश्व के देशों की सूची, एक सिंहावलोकन कराती है, विश्व के राष्ट्रों का, जो कि देवनागरी वर्णक्रमानुसार व्यवस्थित है। इसमें स्वतंत्र राज्य भी सम्मिलित हैं। (जो कि अन्तराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त हैं और जो अमान्यता प्राप्त), हैं, बसे हुए हैंपरतंत्र क्षेत्र, एवं खास शासकों के क्षेत्र भी। ऐसे समावेश मानदण्ड अनुसार यह सूची शब्द `देश' एवं `सार्वभौम राष्ट्र' को पर्यायवाची नहीं मानती। जैसा कि प्रायः साधारण बोलचाल में प्रयोग किया जाता है। कृप्या ध्यान रखें कि किन्हीं खास परिस्थितिवश एवं किन्हीं खास भाषाओं में 'देश' शब्द को सर्वथा प्रतिबंधात्मक अर्थ समझा जाता है। अतः केवल 193 निम्नलिखित प्रविष्टियाँ ही प्रथम शब्द (देश या राष्ट्र) में समझे जाएं। यह सूची दिए गए देशों के क्षेत्राधिकार में आने वाले सभी क्षेत्रों को आवृत्त करती है, अर्थात क्षेत्र, जलीय क्षेत्र (जिसमें जलीय आंतरिक क्षेत्र एवं थल से लगे जलीय क्षेत्र भी आते हैं), विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र, कॉण्टीनेण्टल शैल्फ, एवं हवाई क्षेत्र.
देखें सन्त हेलेना और विश्व के सभी देश
आइएसओ ३१६६ - १
देशों की सूची - ISO 3166-1.
देखें सन्त हेलेना और आइएसओ ३१६६ - १
अफ़्रीका
अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्यता की जन्मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .
देखें सन्त हेलेना और अफ़्रीका
असेन्शियन द्वीप
असेंशियन द्वीप दक्षिण अंध महासागर में एक द्वीप समूह है। यह अफ्रीका के तट से 1,000 मील (1,600 किलोमीटर) है। यह सेंट हेलेना का एक ब्रिटिश सुदूर क्षेत्र है, जो कि लगभग 800 मील (1,287 किमि) दक्षिण पूर्व में है। द्वीप का नामकरण इसके खोज के दिवस पर किया गया है असेंशियन दिवस.
देखें सन्त हेलेना और असेन्शियन द्वीप
अंग्रेज़ी भाषा
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English हिन्दी उच्चारण: इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .