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सनोबर

सूची सनोबर

सनोबर (अंग्रेज़ी: fir, फ़र) एक सदाबहार कोणधारी वृक्ष है जो दुनिया के उत्तरी गोलार्ध (हॅमिस्फ़ीयर) के पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है। इसकी ४५-५५ जातियाँ हैं और यह पायनेसीए नामक जीवैज्ञानिक कुल का सदस्य है। सनोबर १० से ८० मीटर (३० से २६० फ़ुट) तक के ऊँचे पेड़ होते हैं। इनके तीली जैसे पत्ते टहनी से जुड़ने वाली जगह पर एक मोटा गोला सा बनाते हैं जिस से आसानी से पहचाने जाते हैं। वनस्पति-विज्ञान की दृष्टि से इनका देवदार (सीडर) के वृक्ष के साथ गहरा सम्बन्ध है।, Theresa Greenaway, Steck-Vaughn Library, 1990, ISBN 978-0-8114-2727-2 भारतीय उपमहाद्वीप में यह हिमालय के क्षेत्र में मिलते हैं। .

10 संबंधों: चांगबाई पर्वत, देवदार, पायनेसीए, प्युनिंग मंदिर, बायकाल पर्वत, लिद्दर नदी, सदाबहार, क़सीदा, कोणधारी, अनावृतबीजी

चांगबाई पर्वत

तिआन ची ज्वालामुखीय झील चांगबाई पर्वत शृंखला (Changbai Mountains) या जांगबाएक पर्वत शृंखला (Jangbaek Mountains) मंचूरिया क्षेत्र में चीन और उत्तर कोरिया की सरहद पर स्थित एक पर्वत शृंखला है। यह चीन को रूस के प्रिमोर्स्की क्राय प्रान्त से भी अलग करते हैं। इन्हें रूस में वोस्तोचनो-मान्चझ़ुर्स्कीए शृंखला (Vostochno-Manchzhurskie gory) कहते हैं। इस शृंखला का सबसे ऊंचा पहाड़ २,७४५ मीटर लम्बा 'बएकदू पर्वत' (Baekdu Mountain) नामक ज्वालामुखी है, जिसकी ढलानों से सोंगहुआ नदी, यालू नदी और तूमन नदी शुरू होती हैं। इन पहाड़ों में 'तिआन ची' (Tian Chi, अर्थ: स्वर्ग झील) नामक एक प्रसिद्ध बड़ी ज्वालामुखीय झील भी स्थित है।, David Leffman, Martin Zatko, Penguin, 2011, ISBN 978-1-4053-8908-2,...

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देवदार

देवदार (वैज्ञानिक नाम:सेडरस डेओडारा, अंग्रेज़ी: डेओडार, उर्दु: ديودار देओदार; संस्कृत: देवदारु) एक सीधे तने वाला ऊँचा शंकुधारी पेड़ है, जिसके पत्ते लंबे और कुछ गोलाई लिये होते हैं तथा जिसकी लकड़ी मजबूत किन्तु हल्की और सुगंधित होती है। इनके शंकु का आकार सनोबर (फ़र) से काफी मिलता-जुलता होता है। इनका मूलस्थान पश्चिमी हिमालय के पर्वतों तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्र में है, (१५००-३२०० मीटर तक हिमालय में तथा १०००-२००० मीटर तक भूमध्य सागरीय क्षेत्र में)।Farjon, A. (1990).

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पायनेसीए

पायनेसीए (Pinaceae), जिसे चीड़ परिवार भी कहा जा सकता है, कोणधारी वृक्षों और पौधों का एक कुल है जिसमें देवदार, चीड़ और सनोबर जैसे वृक्ष शामिल हैं। यह परिवार पायनालेज़ (Pinales) नामक गण में आता है। अगर कोणधारियों को देखा जाए तो पायनेसीए उसका सबसे बड़ा कुल है और इसमें २२०-२३० जातियाँ शामिल हैं।, Dirk R. Walters, David J. Keil, pp.

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प्युनिंग मंदिर

प्युनिंग मंदिर() जिसे वस्तुतः विशाल बुद्ध मंदिर कहा जाता है, बौद्ध चेंगडे हेबै प्रांत, चीन में मंदिर परिसर है। यह किंग राजवंश में क्वानानोंग सम्राट के शासनकाल के दौरान १७५५ में बनाया गया था। यह चेंग्डे माउंटेन रिज़ॉर्ट के पास है और पुटुओ ज़ोंगचेंग मंदिर के समान प्रसिद्ध है, प्युनिंग मंदिर चेंगडे के "आठ बाहरी मंदिरों" में से एक है। पिंगिंग मंदिर का सामे मठ के बाद, तिब्बत में पवित्र लामावादी स्थल ल्हासा में पोटोला पैलेस के बाद का पुटुओ ज़ोंगचेंग मंदिर का चित्रण किया गया था। सामने का मंदिर चीनी शैली में बनाया गया था, हालांकि मंदिर परिसर में चीनी और तिब्बती स्थापत्य शैली का प्रयोग किया गया हैं। प्युनिंग मंदिर में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर (२२.२८ मीटर ऊंचा और ११० टन) की दुनिया की सबसे ऊंची लकड़ी की मूर्ति है।, इसलिए इसे अक्सर विशाल बुद्ध मंदिर नामक उपनाम दिया जाता है। मंदिर के जटिल वैशिष्टय इस प्रकार हैं - सभामण्डप, मंडप, मृदंग मीनार और घंटी मीनार। .

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बायकाल पर्वत

गर्मियों के मौसम में बायकाल झील और बायकाल पहाड़ों का नज़ारा बायकाल पर्वत (रूस: Байкальский хребет, बायकाल्स्की ख़्रेबेत) रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिणी भाग में बायकाल झील के उत्तरपश्चिमी छोर पर स्थित एक पर्वत शृंखला है। यह शृंखला और पूर्वी सायन पर्वत मध्य साइबेरियाई पठार की दक्षिणी सीमा हैं। साइबेरिया का एक प्रमुख दरिया, लेना नदी, बायकाल पहाड़ों में ही जन्म लेता है। बायकाल झील के इर्द-गिर्द के पहाड़ी क्षेत्र पर घने वन हैं जिनमें साइबेरियाई सनोबर, स्कॉटी चीड़ और साइबेरियाई प्रसरल जैसे ठन्डे इलाक़ों के वृक्ष उगते हैं। बायकाल पर्वतों का सबसे ऊँचा शिखर २,५७२ मीटर ऊँचा चेरस्की परबत है। .

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लिद्दर नदी

लिद्दर नदी भारत के जम्मू व कश्मीर राज्य की कश्मीर घाटी में बहने वाली एक ७३ किमी लम्बी नदी है। सिन्द नदी के बाद यह झेलम नदी की दूसरी सबसे बड़ी उपनदी है। .

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सदाबहार

नींबू एक सदाबहार वृक्ष है सदाबहार या चिरहरित (evergreen) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जिनपर हर मौसम में पत्ते होते हैं। यह उन पतझड़ी वृक्षों और पौधों से अलग होते हैं जो आमतौर पर शरद ऋतु में अपने पत्ते खो देते हैं। सदाबहार वृक्षों के भी पत्ते गिरते हैं लेकिन वे सब एक साथ नहीं गिरते और पत्तों के गिरने के साथ-साथ उन पर नए पत्ते भी आते रहते हैं। नीम, देवदार, पीलू, कपूर, नीम्बू और चीकू सदाबहार पेड़ों के कुछ उदहारण हैं।, Pradip Krishen, Penguin Books India, 2006, ISBN 978-0-14-400070-8 इनके अलावा चीड़, सरल (स्प्रूस) और सनोबर (फ़र) जैसे अधिकतर कोणधारी वृक्ष भी सदाबहार होते हैं। .

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क़सीदा

क़सीदा (फ़ारसी) शायरी का वह रूप है जिसमें किसी की प्रशंसा की जाए। कुछ शायर अपने बेहतरीन क़सीदों के लिए विख्यात हुए हैं, जैसे कि मिर्ज़ा सौदा। क़सीदे लिखने का रिवाज अरब संस्कृति से आया है, जहाँ यह इस्लाम के आने से बहुत पूर्व से लिखे जा रहे हैं।, Britannica Educational Publishing, The Rosen Publishing Group, 2011, ISBN 978-1-61530-539-1,...

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कोणधारी

उत्तरी कैलीफ़ोरनिया में एक कोणधारियों का जंगल कोणधारी या शंकुधारी (अंग्रेज़ी: coniferous, कॉनिफ़ॅरस) वृक्षों की एक क़िस्म है। यह ठन्डे या कम गरम इलाक़ों में पनपते हैं और इनपर कोण या शंकु उगते हैं। इन पेड़ों का जनन इन्ही कोणों के ज़रिये होता है। ऐसे पेड़ों के पत्ते भी अक्सर चपटे होने की बजाए लम्बी तीलियों जैसे होते हैं। वैज्ञानिक रूप से इन पेड़ों को 'पाइनोफ़ाइटा' (Pinophyta), 'कॉनिफ़ॅरोफ़ाइटा' (Coniferophyta) या कॉनिफ़ॅरे (Coniferae) कहा जाता है। चीड़ (पाइन), तालिसपत्र (यू), प्रसरल (स्प्रूस), सनोबर (फ़र) और देवदार (सीडर) के पेड़ इसी कोणधारियों की श्रेणी में आते हैं।, Helena Curtis, N. Sue Barnes, Macmillan, 1994, ISBN 978-0-87901-679-1,...

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अनावृतबीजी

एक कोणधारी का शंकु - कोणधारी अनावृतबीजी वृक्षों की सबसे विस्तृत श्रेणी है अनावृतबीजी या विवृतबीज (gymnosperm, जिम्नोस्पर्म, अर्थ: नग्न बीज) ऐसे पौधों और वृक्षों को कहा जाता है जिनके बीज फूलों में पनपने और फलों में बंद होने की बजाए छोटी टहनियों या शंकुओं में खुली ('नग्न') अवस्था में होते हैं। यह दशा 'आवृतबीजी' (angiosperm, ऐंजियोस्पर्म) वनस्पतियों से विपरीत होती है जिनपर फूल आते हैं (जिस कारणवश उन्हें 'फूलदार' या 'सपुष्पक' भी कहा जाता है) और जिनके बीज अक्सर फलों के अन्दर सुरक्षित होकर पनपते हैं। अनावृतबीजी वृक्षों का सबसे बड़ा उदाहरण कोणधारी हैं, जिनकी श्रेणी में चीड़ (पाइन), तालिसपत्र (यू), प्रसरल (स्प्रूस), सनोबर (फ़र) और देवदार (सीडर) शामिल हैं।, David Sadava, David M. Hillis, H. Craig Heller, May Berenbaum, Macmillan, 2009, ISBN 978-1-4292-4644-6,...

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