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शोले (1975 फ़िल्म)

सूची शोले (1975 फ़िल्म)

शोले १९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फिल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फिल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। इसकी कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र) नामक दो अपराधियों पर केन्द्रित है, जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के "सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फिल्मों" के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी मिला। शोले का फिल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फिल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फिल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फिल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फिल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फिल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फिल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फिल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फिल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था। .

46 संबंधों: ए के हंगल, दस सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ चलचित्र, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में, प्रशांत राज सचदेव, पी जयराज, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार, भारतीय सिनेमा, भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष, भारतीय इतिहास की समयरेखा, मदर इण्डिया, मैक मोहन, मोहनलाल (अभिनेता), रमेश सिप्पी, राहुल देव बर्मन, रेगिस्तान का सफ़ेद सूरज, लीला मिश्रा, शोले (बहुविकल्पी), सचिन (अभिनेता), सत्येन्द्र कपूर, सबसे महंगी भारतीय फिल्मों की सूची, सलीम ख़ान, साइरस साहूकार, संजीव कुमार, स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास, हिंदी चलचित्र, १९७० दशक, हेमा मालिनी, हेलन, जया बच्चन, जगदीप, जी॰ पी॰ सिप्पी, विजू खोटे, वॅस्टर्न (शैली), गब्बर सिंह (चरित्र), ओम शिवपुरी, इफ़्तेख़ार, केष्टो मुखर्जी, अमिताभ बच्चन, अमिताभ बच्चन की फिल्में, अमज़द ख़ान, असरानी, १४ सितम्बर, १९८५, ६ नवम्बर

ए के हंगल

ए॰के॰ हंगल (१ फ़रवरी १९१४ – २६ अगस्त २०१२) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता, रंगमंच एवं दूरदर्शन कलाकार थे। इनका पूरा नाम है-अवतार कृष्ण हंगल .

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दस सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ चलचित्र

दस सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ हिंदी चलचित्र कुछ लोग इन्हें मानते हैं.

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दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे

दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे 1995 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है, जो डीडीएलजे के नाम से भी प्रसिद्ध है। इस पहला प्रदर्शन 19 अक्टूबर 1995 को हुआ और 20 अक्टूबर 1995 को यह पूरे भारत में निर्गमित हुई। इस फिल्म का निर्देशन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशक यश चोपड़ा के पुत्र आदित्य चोपड़ा ने किया। शाहरुख खान, काजोल और अमरीश पुरी इसके प्रमुख कलाकारों में थे। इस फिल्म के नाम सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड है। यह मुंबई के मराठा मंदिर में तेरह सालों से भी ज्यादा समय तक चली.

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धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी देओल और सनी देओल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक भारतीय राज्य राजस्थान के बीकानेर जिले से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत १९६१ में बॉयफ्रैंडनामक फिल्म से की थी। .

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प्रशांत राज सचदेव

प्रशान्त राज सचदेव मुम्बई से एक अभिनेता एवं मॉडल हैं जिन्होंने रामगोपाल वर्मा की फ़िल्म रामगोपाल वर्मा की 'आग' (जो रमेश शिप्पी की फ़िल्म शोले की पुनर्कृत्ति है) से अपना फ़िल्मी जीवन आरम्भ किया। उनकी दूसरी फ़िल्म टॉस है जो 28 अगस्त 2009 को जारी की गयी। .

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पी जयराज

पैदी जयराज, पी जयराज या जयराज (तेलुगू: పైడి జైరాజ్) विख्यात अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। सन् 1980 में उन्हे उनकी जीवनकाल उपलब्धियों के लिए दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार हिंदी फिल्मों के लिए वार्षिक फिल्मफेयर पुरस्कार के हिस्से के रूप में फिल्मफेयर द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार है। यह किसी पुरुष पार्श्व गायक को दिया जाता है जिसने फिल्म गीत में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यद्यपि पुरस्कार समारोह की स्थापना 1954 में हुई थी लेकिन 1959 में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक की श्रेणी शुरू की गई थी। यह पुरस्कार 1967 तक पुरुष और माहिला गायक दोनों के लिए शुरू में एक ही था। इस श्रेणी को अगले वर्ष विभाजित किया गया था और जब से पुरुष और महिला गायक को अलग पुरस्कार से प्रस्तुत किया जाता है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार

फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार है। .

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भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। .

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भारतीय इतिहास की समयरेखा

पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं भारत एक साझा इतिहास के भागीदार हैं इसलिए भारतीय इतिहास की इस समय रेखा में सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास की झलक है। .

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मदर इण्डिया

मदर इण्डिया (Mother India, مدر انڈیا) १९५७ में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब ख़ान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म महबूब ख़ान द्वारा निर्मित औरत (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गाँव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदाहरण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है। यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। मदर इण्डिया क़िस्मत (१९४३), मुग़ल-ए-आज़म (१९६०) और शोले (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार अकादमी पुरस्कारों के लिए भेजी गई फ़िल्म थी। .

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मैक मोहन

मैक मोहन  (२४ अप्रैल १९३८ – १० मई २०१०) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। मैक मोहन एक विलेन के किरदार के लिए जाने जाते हैं मैक मोहन रवीना टंडन के मामा है। .

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मोहनलाल (अभिनेता)

मोहनलाल विश्वनाथन नायर (जन्म 21 मई 1960), एक नाम मोहनलाल या लाल के नाम से जाने जाने वाले, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध भारतीय फिल्म अभिनेता और निर्माता हैं, जो मलयालम सिनेमा का सब सबसे बड़ा नाम है।മോഹന്‍ലാല്‍ चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहे मोहनलाल ने दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार, एक विशेष जूरी पुरस्कार और एक सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार (निर्माता के रूप में) जीता। 2001 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया। सन 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना द्वारा उन्हें मानद लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया,Lt.Col.

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रमेश सिप्पी

रमेश सिप्पी (जन्म: 23 नवंबर, 1947) हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

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राहुल देव बर्मन

राहुल देव बर्मन (27 जून 1939 – 4 जनवरी 1994) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या 'पंचमदा' नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई संगीतकार अनुकरण करते हैं। पंचमदा ने अपनी संगीतबद्ध की हुई 18 फिल्मों में आवाज़ भी दी। भूत बंगला (1965) और प्यार का मौसम (1969) में इन्होने अभिनय भी किया। .

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रेगिस्तान का सफ़ेद सूरज

रेगिस्तान का सफ़ेद सूरज (रूसी: Белое солнце пустыни, बेलोये सोल्न्त्से पुस्त्य्नी, White Sun of the Desert) सोवियत संघ में सन् १९६९ में बनी एक रूसी भाषा की वॅस्टर्न शैली की फ़िल्म थी। यह रूस में सबसे लोकप्रिय फ़िल्मों में से एक है और इसमें रोमांच, व्यंग्य और संगीत के मिश्रण को रूस में बहुत सराहा जाता है। रूसी अंतरिक्षयात्रियों (कोस्मोनोतों) में अपनी अंतरिक्ष यात्रा पर निकलने से पहले इस फ़िल्म को देखने का रिवाज है। Saturday, 7 अप्रैल 2007 इस फ़िल्म के बहुत से कथन (डायलोग) अब रूसी लोक-संस्कृति का हिस्सा बन चुके हैं। इसका मुख्य गाना (Ваше благородие, госпожа Удача, वाशे ब्लागोरोदिये, गोस्पोझ़ा उदाचा) बहुत ही पसंद किया गया। इस फ़िल्म का निर्देशन व्लादिमीर मोत्यिल (Влади́мир Моты́ль) ने किया था। .

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लीला मिश्रा

लीला मिश्रा हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .

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शोले (बहुविकल्पी)

शोले नाम से निम्न लेख हैं:-.

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सचिन (अभिनेता)

सचिन (सचिन पिळगांवकर, जन्म: 17 अगस्त, 1957) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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सत्येन्द्र कपूर

सत्येन्द्र कपूर (या सत्येन कप्पू;  १९३१ – २७ अक्टूबर २००७) हिन्दी फ़िल्मों के एक कलाकार हैं। .

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सबसे महंगी भारतीय फिल्मों की सूची

यह सबसे महंगी भारतीय फिल्मों की सूची है, जिसमें भारतीय रुपए में बजट दिए गए हैं। .

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सलीम ख़ान

सलीम ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर लेखक हैं। .

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साइरस साहूकार

साइरस साहूकार 1 साइरस साहूकार (6 अगस्त 1980 को जन्म) एमटीवी इंडिया VJ और बॉलीवुड अभिनेता हैं। उन्हें सेमी गिरेबाल और ऐसे ही अन्य व्यंगात्मक हास्य शो में, मेजबानी में और मज़ाकिया नकल में अपने व्यग्यात्मक लहजे के कारण जाना जाता है। .

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संजीव कुमार

संजीव कुमार (मूल नाम: हरीभाई जरीवाला; जन्म: 9 जुलाई 1938, मृत्यु: 6 नवम्बर 1985) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। उनका पूरा नाम हरीभाई जरीवाला था। वे मूल रूप से गुजराती थे। इस महान कलाकार का नाम फ़िल्मजगत की आकाशगंगा में एक ऐसे धुव्रतारे की तरह याद किया जाता है जिनके बेमिसाल अभिनय से सुसज्जित फ़िल्मों की रोशनी से बॉलीवुड हमेशा जगमगाता रहेगा। उन्होंने नया दिन नयी रात फ़िल्म में नौ रोल किये थे। कोशिश फ़िल्म में उन्होंने गूँगे बहरे व्यक्ति का शानदार अभिनय किया था। शोले फ़िल्म में ठाकुर का चरित्र उनके अभिनय से अमर हो गया। उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के अलावा फ़िल्मफ़ेयर क सर्वश्रेष्ठ अभिनेता व सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया। वे आजीवन कुँवारे रहे और मात्र 47 वर्ष की आयु में सन् 1984 में हृदय गति रुक जाने से बम्बई में उनकी मृत्यु हो गयी। 1960 से 1984 तक पूरे पच्चीस साल तक वे लगातार फ़िल्मों में सक्रिय रहे। उन्हें उनके शिष्ट व्यवहार व विशिष्ट अभिनय शैली के लिये फ़िल्मजगत में हमेशा याद किया जायेगा। .

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स्वतन्त्रता के बाद भारत का संक्षिप्त इतिहास

कोई विवरण नहीं।

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हिंदी चलचित्र, १९७० दशक

1970 के दशक के सबसे सफल चलचित्र है: .

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हेमा मालिनी

हेमा मालिनी हेमा मालिनी हिन्दी फ़िल्मजगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। इन्होंने अपने फ़िल्म कैरियर की शुरुआत राज कपूर के साथ फ़िल्मसपनों का सौदागर से की। 1981 में इन्होंने अभिनेता धर्मेन्द्र से विवाह किया। ये अब भी फ़िल्मों में सक्रिय हैं। ये भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सांसद चुनी गईं हैं। हेमा मालिनी वर्तमान में मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हे प्रसिद्ध अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बालीवुड की उन गिनी, चुनी अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिनमें सौंदर्य और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है। लगभग चार दशक के कैरियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया लेकिन कैरियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा था। जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। (ड्रीमगर्ल) हेमा मालिनी ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा ही था तब एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि उनमें स्टार अपील नहीं है। बाद में सत्तर के दशक में इसी निर्माता-निर्देशक ने उनकी लोकप्रियता को भुनाने के लिए उन्हें लेकर 1973 में (गहरी चाल) फिल्म का निर्माण किया। हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने के लिए 1968 तक संघर्ष करती रहीं लेकिन उन्हें काम नहीं मिला। वह साल उनके सिने कैरियर का सुनहरा वर्ष साबित हुआ जब उन्हें सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राजकपूर की फिल्म (सपनों का सौदागर) में पहली बार नायिका के रूप में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को। ड्रीम गर्ल.

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हेलन

हेलन हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं एवं प्रख्यात नर्तकी हैं। हेलन के जन्म क नाम हेलन ऐन रिचर्डसन था, सलीम ख़ान से विवाह के बाद ये हेलन ख़ान हो गयीं। ये २०० से भी अधिक फिल्मों में काम कर चुकी हैं और दो बार फ़िल्मफेयर पुरस्कार जीत चुकी हैं। हेलन चार फिल्मों एवं एक पुस्तक की प्रेरणा भी रह चुकी हैं। .

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जया बच्चन

जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .

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जगदीप

जगदीप एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता हैं। .

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जी॰ पी॰ सिप्पी

गोपालदास परमानंद सिप्पी (14 सितंबर 1915 – 25 दिसम्बर 2007) हैदराबाद, सिंध में पैदा हुए भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के निर्माता और निर्देशक थे। वह सीता और गीता (1972), शान (1980), सागर (1985), राजू बन गया जेंटलमैन और उनकी अमर कृति (उनके बेटे रमेश सिप्पी के साथ) शोले जैसी कई लोकप्रिय बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए जाने जाते हैं। उनको सन् 2000 में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला था। सिप्पी 70, 80 और 90 के दशक में फिल्म एंड टीवी प्रड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट भी रहे। .

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विजू खोटे

विजू खोटे हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .

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वॅस्टर्न (शैली)

१९५६ में निर्मित वॅस्टर्न फ़िल्म 'द सरचर्स' में मशहूर अभिनेता जॉन वेन वॅस्टर्न (अंग्रेज़ी: Western), जिसका हिन्दी में अर्थ 'पश्चिमी' है, कला की एक शैली या विधा है, जो अक्सर रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा, साहित्य सहित अनेक रूपों में अपनायी जाती है। वॅस्टर्न शैली की कहानियां अक्सर उन्नीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी भाग के माहौल पर आधारित होती हैं। .

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गब्बर सिंह (चरित्र)

गब्बर सिंह भारतीय फ़िल्मों का डाकू का चरित्र था जिसे पहली बार शोले फ़िल्म में अमज़द खान के रूप में देखा था। शोले 1975 की एक फ़िल्म थी जिसे सलीम खान तथा जावेद अख्तर ने लिखी थी। इसके पश्चात रामगढ़ के शोले में भी इनका चरित्र देखना को मिला।.

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ओम शिवपुरी

ओम शिवपुरी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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इफ़्तेख़ार

इफ़्तेख़ार हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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केष्टो मुखर्जी

केष्टो मुखर्जी हिन्दी फ़िल्मों के एक हास्य अभिनेता थे। .

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अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

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अमिताभ बच्चन की फिल्में

अमिताभ बच्चन ने १०० से भी ज़्यादा हिंदी फ़िल्मों में काम किया है। .

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अमज़द ख़ान

अमज़द ख़ान (जन्म: 12 नवंबर, 1940 निधन: 27 जुलाई, 1992) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .

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असरानी

असरानी एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता हैं। .

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१४ सितम्बर

14 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 257वॉ (लीप वर्ष मे 258 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 108 दिन बाकी है। भारत में राजभाषा हिंदी दिवस .

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१९८५

1985 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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६ नवम्बर

६ नवंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३१०वाँ (लीप वर्ष मे 311 वॉ) दिन है। साल मे अभी और ५५ दिन बाकी है। .

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शोले, शोले (१९७५ फ़िल्म), शोले, १९७५ फ़िल्म

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