सामग्री की तालिका
13 संबंधों: चाँदनी (1989 फ़िल्म), तानसेन समारोह, तानसेन सम्मान, पटना, पटना में दशहरा, पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९), पद्म विभूषण धारकों की सूची, बृजभूषण काबरा, लम्हे, शिव-हरि, सिलसिला (1981 फ़िल्म), संतूर, कॉल ऑफ द वैली।
चाँदनी (1989 फ़िल्म)
चाँदनी 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें शिवकुमार शर्मा और चाँदनी (1989 फ़िल्म)
तानसेन समारोह
तानसेन समारोह या तानसेन संगीत समारोह हर साल दिसंबर के महीने में मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के बेहत गांव में मनाया जाता है। यह एक 4 दिन का संगीतमय कल्पात्मक नाटक है। दुनिया भर से कलाकार और संगीत प्रेमी यहाँ पर महान भारतीय संगीत उस्ताद तानसेन को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह समारोह मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा तानसेन के मकबरे के पास आयोजित किया जाता है। इस समारोह में पूरे भारत से कलाकारों को गायन एवं वाद्य प्रसतुति देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। श्रेणी:ग़ैर हिन्दी भाषा पाठ वाले लेख .
देखें शिवकुमार शर्मा और तानसेन समारोह
तानसेन सम्मान
तानसेन सम्मान मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार वर्ष 1980 में स्थापित किया गया था। मध्य प्रदेश शासन द्वारा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। .
देखें शिवकुमार शर्मा और तानसेन सम्मान
पटना
पटना (पटनम्) या पाटलिपुत्र भारत के बिहार राज्य की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है। पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है। अपने आप में इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है। ईसा पूर्व मेगास्थनीज(350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है। पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था। उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि॰मी॰) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि॰मी॰) चौड़ा था। पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है। जहां पर गंगा घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है। सोलह लाख (2011 की जनगणना के अनुसार 1,683,200) से भी अधिक आबादी वाला यह शहर, लगभग 15 कि॰मी॰ लम्बा और 7 कि॰मी॰ चौड़ा है। प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही अवस्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये एक अत्यंत ही पवित्र स्थल है। सिक्खों के १०वें तथा अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था। प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब के दर्शन करने आते हैं तथा मत्था टेकते हैं। पटना एवं इसके आसपास के प्राचीन भग्नावशेष/खंडहर नगर के ऐतिहासिक गौरव के मौन गवाह हैं तथा नगर की प्राचीन गरिमा को आज भी प्रदर्शित करते हैं। एतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अतिरिक्त, पटना शिक्षा और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केंद्र है। दीवालों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, जिसे पटना सिटी के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र है। .
देखें शिवकुमार शर्मा और पटना
पटना में दशहरा
पटना में दशहरा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की लम्बी पर क्षीण होती परम्परा है। .
देखें शिवकुमार शर्मा और पटना में दशहरा
पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)
पद्म श्री पुरस्कार, भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरीक सम्मान है। जिसके ई॰ सन् १९८४ से १९८९ के प्राप्त कर्ता निम्न हैं: .
देखें शिवकुमार शर्मा और पद्म श्री पुरस्कार (१९९०–१९९९)
पद्म विभूषण धारकों की सूची
यह भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से अलंकृत किए गए लोगों की सूची है: .
देखें शिवकुमार शर्मा और पद्म विभूषण धारकों की सूची
बृजभूषण काबरा
पंडित बृजभूषण काबरा(जन्म:१९३७) भारतीय संगीतज्ञ (गिटारिस्ट) हैं। ये जोधपुर के एक प्रख्यात संगीतज्ञ परिवार में जन्में थे। इनके पिता ने प्रसिद्ध सितारवादक अली अकबर खां के पिता मास्टर इनायत खां से सितार सीखा था। शास्त्रीय संगीत में बाल्यकाल में रुचि ना होने पर भी इन्हें अपने पिता और भ्राता से संगीत का सान्निध्य मिला। इनके भ्राता अली अकबर खां के शिष्य थे, जिनके सथ पंडित जी कई बार उनके कार्यक्रम देखने गये थे। इन्होंने हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में हवाइयन गिटार का प्रयोग आरंभ किया। .
देखें शिवकुमार शर्मा और बृजभूषण काबरा
लम्हे
लम्हे 1991 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में अनिल कपूर और श्रीदेवी है जबकि वहीदा रहमान, अनुपम खेर और मनोहर सिंह सहायक भूमिका निभाते हैं। हालांकि फिल्म वित्तीय सफलता नहीं थी लेकिन इसे आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त हुई थी। इसे एक राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सहित पाँच फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त हुए थे। .
देखें शिवकुमार शर्मा और लम्हे
शिव-हरि
शिव-हरि नाम से दो संगीतकारों की जोड़ी प्रसिद्ध है.
देखें शिवकुमार शर्मा और शिव-हरि
सिलसिला (1981 फ़िल्म)
सिलसिला 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .
देखें शिवकुमार शर्मा और सिलसिला (1981 फ़िल्म)
संतूर
संतूर भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्र में से एक है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है। संतूर एक वाद्य यंत्र है। संतूर का भारतीय नाम 'शततंत्री वीणा' यानी सौ तारों वाली वीणा है जिसे बाद में फ़ारसी भाषा से संतूर नाम मिला।.
देखें शिवकुमार शर्मा और संतूर
कॉल ऑफ द वैली
कॉल ऑफ द वैली पंडित शिवकुमार शर्मा का एक संगीत एल्बम है। यह ९ सितंबर, १९९५ में रिलीज़ हुआ था। १९६७ में तैयार यह एल्बम प्रसिद्ध बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और पंडित बृजभूषण काबरा की संगत से बनाया गया, जो शास्त्रीय संगीत में बहुत ऊंचे स्थान पर गिना जाता है। .
देखें शिवकुमार शर्मा और कॉल ऑफ द वैली
पंडित शिवकुमार शर्मा, शिव कुमार शर्मा के रूप में भी जाना जाता है।