श्रीमती शालिनी ताई मोघे (१९१२ - ३० जून २०११) शिक्षाविद एवं समाजसेविका थीं। वे शिक्षा में हिंदी मांटेसरी की जनक एवं प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक थी। १९६८ मे भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। सामाजिक गतिविधियों में तत्पर रहने वाली मोघे की देखरेख में शहर में 12 विभिन्न सामाजिक संस्थाओं संचालित हो रही थीं। वे इन्दौर के बाल निकेतन संघ की संस्थापिका थीं। इन्दौर शहर की विभिन्न हस्तियों में शालिनी मोघे का अपना एक अलग ही स्थान था। गरीब-आदिवासी महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए हमेशा आगे रहने वाली ताई के परिवार में दो लड़के व दो लड़कियां है। सुधीर और विजय मुंबई में रहते हैं, रिटायर्ड इंजीनियर हैं। जबकि दो लड़कियां मीना फड़के और डॉ॰ नीलिमा अदमणे नागपुर में रहती हैं। पति मोटेश्वर मोघे का स्वर्गवास 17 अक्टूबर 2005 में हुआ था। शालिनी मोधे पागनीसपागा में अपने पोते नंदन हर्डिकर के साथ रहती थीं। .