शलाका, अक्षक्रिया या द्यूतकर्म भारत का बहुत प्राचीन व्यसन है। वैदिक काल में और उसके बाद महाभारत के युग में बहुत प्रचलित था। यह अक्ष या शलाका (पासा) से खेला जाता था। इन शलाकाओं पर अंक लिखे होते थे जिनकी गणना को दावें कहा जाता था। इनसे खेलते समय कभी-कभी अप्सराओं का आवाहन किया जाता था जो अपने प्रभाव से अनुकूल दावें लाती थीं। दावों पर छोटी या बड़ी धनराशियाँ लगाई जाती थीं। पांडवों ने तो द्रौपदी को भी दावें पर लगा दिया था। खेलनेवाले पक्षों को अपनी विजय की बड़ी चिंता रहती थी और जब कुशलता से काम नहीं बनता दीखता था तो मंत्र का प्रयोग किया जाता था। इसलिए शलाकाओं को अभिमंत्रित करके खेल खेला जाता था। श्रेणी:खेल श्रेणी:भारतीय संस्कृति श्रेणी:मौखिक प्रशस्ति पत्र परियोजना.