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व्योम तरंग

सूची व्योम तरंग

व्योम तरंग प्रगमन में रेडियो तरंगें (काले रंग में) आयनमंडल से परावर्तित होकर धरती पर लौटती हैं। इस प्रकार आयनमण्डल अधिक दूरी तक संचार में सहायक होता है। रेडियो संचार में व्योम तरंग (skywave या skip) से आशय रेडियो तरंगो के आयनमंडल से परावर्तित या अपवर्तित होकर धरती पर आने से है। चूंकि इस प्रकार के संचार में धरती की वक्रता (कर्वेचर) बाधक नहीं है, इसलिये इस विधि द्वारा अधिक दूरी तक (अन्तरमहाद्वीपीय दूरियों तक) भी संचार सम्भव है। व्योम तरंग अधिकतर लघु तरंग (शॉर्ट वेव के लिये प्रयुक्त होता है। .

1 संबंध: आयनमंडल

आयनमंडल

पृथ्वी से लगभग 80 किलोमीटर के बाद का संपूर्ण वायुमंडल आयानमंडल कहलाता है। आयतन में आयनमंडल अपनी निचली हवा से कई गुना अधिक है लेकिन इस विशाल क्षेत्र की हवा की कुल मात्रा वायुमंडल की हवा की मात्रा के 200वें भाग से भी कम है। आयनमंडल की हवा आयनित होती है और उसमें आयनीकरण के साथ-साथ आयनीकरण की विपरीत क्रिया भी निरंतर होती रहती हैं। प्रथ्वी से प्रषित रेडियों तरंगे इसी मंडल से परावर्तित होकर पुनः प्रथ्वी पर वापस लौट आती हें। आयनमंडल में आयनीकरण की मात्रा, परतों की ऊँचाई तथा मोटाई, उनमें अवस्थित आयतों तथा स्वतंत्र इलेक्ट्रानों की संख्या, ये सब घटते बढ़ते हैं। वायुमण्डल और आयनमंडल का पारस्परिक सम्बन्ध .

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