व्यतिरेकी भाषाविज्ञान (Contrastive linguistics) भाषा-शिक्षण का व्यवहारिक तरीका है जो किसी भाषा-युग्म के समानताओं एवं अन्तरों का वर्णन करके भाषा को सुगम बनाने पर जोर देता है। इसीलिये इसे कभी-कभी अंतरात्मक भाषाविज्ञान (differential linguistics) भी कहा जाता है। .
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