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वॉट

सूची वॉट

वॉट (चिह्न: W) शक्ति की SI व्युत्पन्न इकाई है। यह ऊर्जा के परिवर्तन या रूपान्तरण की दर मापती है। एक वॉट - १ जूल (J) ऊर्जा प्रति सैकण्ड के समकक्ष होती है। यांत्रिक ऊर्जा के संबंध में, एक वॉट उस कार्य को करने की दर होती है, जब एक वस्तु को १ मीटर प्रति सैकण्ड की गति से १ न्यूटन के बल के विरुद्ध ले जाया जाये। पोटेन्शियल डिफरेन्स (वोल्ट) और विद्युत धारा (एम्पीयर) की परिभाषा अनुसार, कार्य १ वॉट की दर से किया गया होता है, जब १ एम्पीयर विद्युत धारा, १ वोल्ट पोटेन्शियल डिफरेन्स पर बहती है। .

सामग्री की तालिका

  1. 41 संबंधों: ऊष्मा चालन, ऊष्मा अन्तरण, चुंबकत्व, एक्सोमार्स रोवर, तेजस्विता, पाकिस्तान रिमोट सेंसिंग उपग्रह, प्रकाश प्रदूषण, पेंटियम 4 (Pentium 4), भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन, भारत में जलविद्युत, भारतीय लघु उपग्रह बस, मिलियन, राष्ट्रीय ग्रिड (भारत), शक्ति, शक्ति (भौतिकी), शक्ति संचरण, स्टेफॉन वोल्‍ज़मान नियम, सौर ज्योति, सूर्य, सेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली, जूल (इकाई), जीसैट-1, विद्युत ऊर्जा, विद्युत उपकरण, विंध्याचल महा ताप विद्युत गृह, विकिरण फ़्लक्स, वैक्युम क्लीनर, वोल्ट, ग्रीन कम्प्यूटिंग, ग्रीनहाउस गैस, ग्लोनास, गूगल, ओजोन ह्रास, आर्थिक विकास, आई-2के, आई-3के, आई-4के, इनसाइट, कार्ब्युरेटर, अश्व शक्ति, अजूरा (उपकरण)

ऊष्मा चालन

किसी पिण्ड के अन्दर सूक्ष्म विसरण तथा कणों के टक्कर के द्वारा जो ऊष्मा का अन्तरण होता है उसे ऊष्मा चालन (Thermal conduction) कहते हैं। यहाँ 'कण' से आशय अणु, परमाणु, इलेक्ट्रान और फोटॉन से है। चालन द्वारा ऊष्मा अन्तरण ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा - सभी प्रावस्थाओं में होती है। .

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ऊष्मा अन्तरण

पानी गरम करना ऊष्मा के अन्तरण का सबसे सामान्य उदाहरण है। किसी अधिक गर्म पिण्ड से किसी अधिक ठंडे पिंड में ऊष्मा के पारगमन को ऊष्मा अन्तरण (हीट ट्रान्सफर) कहते हैं। जब किसी वस्तु का तापमान उसके परिवेश या अन्य वस्तु की अपेक्षा भिन्न होता है तो ताप ऊर्जा का संचार जिसे ताप का बहाव या ताप का विनिमय भी कहते हैं, इस तरह से होता है कि वह वस्तु और उसका परिवेश ऊष्म-साम्यता ग्रहण कर लेते हैं; इसका मतलब है कि दोनों का तापमान समान हो जाता है। ऊष्मप्रवैगिकी के द्वितीय नियम या क्लॉज़ियस के कथन के अनुसार ऊष्मा का संचार हमेशा अधिक गर्म वस्तु से अधिक ठंडी वस्तु की ओर होता है। जहां कहीं भी पास-पास स्थित वस्तुओं में तापमान की भिन्नता होती है, उनके बीच ऊष्मा के संचार को कभी रोका नहीं जा सकता; इसे केवल कम किया जा सकता है। .

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चुंबकत्व

चुंबकत्व प्रायोगिक चुंबकीय क्षेत्र के परमाणु या उप-परमाणु स्तर पर प्रतिक्रिया करने वाले तत्वों का गुण है। उदाहरण के लिए, चुंबकत्व का ज्ञात रूप है जो की लौह चुंबकत्व है, जहां कुछ लौह-चुंबकीय तत्व स्वयं अपना निरंतर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करते रहते हैं। हालांकि, सभी तत्व चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति से कम या अधिक स्तर तक प्रभावित होते हैं। कुछ चुंबकीय क्षेत्र (अणुचंबकत्व) के प्रति आकर्षित होते हैं; अन्य चुंबकीय क्षेत्र (प्रति-चुंबकत्व) से विकर्षित होते हैं; जब कि दूसरों का प्रायोगिक चुंबकीय क्षेत्र के साथ और अधिक जटिल संबंध होता है। पदार्थ है कि चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा नगण्य रूप से प्रभावित पदार्थ ग़ैर-चुंबकीय पदार्थ के रूप में जाने जाते हैं। इनमें शामिल हैं तांबा, एल्यूमिनियम, गैस और प्लास्टिक.

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एक्सोमार्स रोवर

एक्सोमार्स रोवर (ExoMars rover) यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और रोसकॉस्मोस के बीच एक साझा अंतरिक्ष परियोजना है। इसमे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा रोवेर को निर्मित किया जायेगा। इस अभियान में रूस द्वारा प्रोटोन रॉकेट तथा रूसी लैडर उपलब्ध कराया जायेगा। लैडर रोवर को सफलतापूर्वक मंगल की सतह पर उतरेगा। एक्सोमार्स रोवर को जुलाई 2020 में लांच करने की योजना है। .

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तेजस्विता

खगोलशास्त्र में तेजस्विता (luminosity) किसी तारे, गैलेक्सी या अन्य खगोलीय वस्तु द्वारा किसी समय की ईकाई में प्रसारित होने वाली ऊर्जा की मात्रा होती है। यह चमक (brightness) से सम्बन्धित है जो वस्तु की वर्णक्रम के किसी भाग में मापी गई तेजस्विता को कहते हैं। अन्तरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली में तेजस्विता को जूल प्रति सकैंड या वॉट में मापा जाता है। अक्सर इसे हमारे सूरज की तेजस्विता की तुलना में मापा जाता है, जिसका कुल ऊर्जा उत्पादन है। सौर ज्योति (सौर तेजस्विता) का चिन्ह L⊙ है। .

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पाकिस्तान रिमोट सेंसिंग उपग्रह

पाकिस्तान रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (Pakistan Remote Sensing Satellite), वाणिज्यिक रूप से रिमोट सेन्सिंग सैटेलाइट सिस्टम (आरएसएसएस) के नाम से जाना जाता है। यह दोहरे उद्देश्य के लिए अवलोकन और ऑप्टिकल उपग्रह है। जो बद्र-2 उपग्रह के प्रतिस्थापन के लिए 2018 में लॉन्च किया जाना है। .

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प्रकाश प्रदूषण

न्यूयॉर्क शहर का इस समय का दृश्य आकाश-प्रदीप्ति को दिखा रहा है जो प्रकाश प्रदूषण का एक रूप है। एक छोटे से ग्रामीण कस्बे (ऊपर) और एक महानगरीय क्षेत्र (नीचे) से रात्रिकालीन आसमान के दृश्य की तुलना.

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पेंटियम 4 (Pentium 4)

पेंटियम 4 (Pentium 4) ब्रांड का संदर्भ इंटेल की सिंगल-कोर डेस्कटॉप और लैपटॉप सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) की श्रृंखला से है जिसे 20 नवम्बर 2000 को पेश किया गया था और 8 अगस्त 2008 से भेजा जाने लगा था। इनमें 7वीं-पीढ़ी का एक्स86 (x86) माइक्रोआर्किटेक्चर मौजूद था जिसे नेटबर्स्ट (NetBurst) कहा जाता है जो 1995 में पेंटियम प्रो सीपीयू के पी6 माइक्रोआर्किटेक्चर को पेश किये जाने के बाद से कंपनी का पहला सम्पूर्ण-नया डिजाइन था। नेटबर्स्ट (NetBurst) बहुत तीव्र क्लॉक स्पीड (3.8 GHz तक) प्राप्त करने के लिए बहुत गहरी निर्देश पाइपलाइन की विशेषता के साथ पहले के पी6 (पेंटियम III, II आदि) से अलग था जो टीडीपी (TDP) की 3.4 GHz - 3.8 GHz में 115 वाट (W) प्रेस्कॉट और प्रेस्कॉट 2एम कोर तक की पहुँच द्वारा सीमित था। 2004 में पेंटियम 4 माइक्रोप्रोसेसर के प्रारंभिक 32-बिट x86 निर्देश सेट को 64-बिट x86-64 सेट द्वारा विस्तारित किया गया था। पहले पेंटियम 4 कोर, कूट नाम विलामेट को 1.3 GHz से 2 GHz तक में तैयार किया गया था और पहले विलामेट प्रोसेसर को सॉकेट 423 का इस्तेमाल कर 20 नवम्बर 2000 को जारी किया गया था। पेंटियम 4 की उल्लेखनीय विशेषता इसका 400 मेगाहर्ट्ज एफएसबी (MHz FSB) था। यह वास्तव में 100 मेगाहर्ट्ज (MHz) पर संचालित होता था लेकिन एफएसबी क्वाड-पम्प्ड था जिसका मतलब यह है कि अधिकतम स्थानांतरण दर बस के बेस क्लॉक का चार गुना था, इसीलिये इसे 400 मेगाहर्ट्ज पर चलने वाला माना गया था। एएमडी एथलॉन का दोहरे पम्प वाला एफएसबी उस समय 200 मेगाहर्ट्ज या 266 मेगाहर्ट्ज पर चल रहा था। पेंटियम 4 सीपीयू ने एसएसई2 (SSE2) की और प्रेस्कॉट-आधारित पेंटियम 4 में एसएसई3 (SSE3) निर्देश सेटों की शुरूआत गणना, लेनदेन, मीडिया प्रोसेसिंग, 3डी ग्राफिक्स और गेम्स में तीव्रता लाने के लिए की थी। बाद के संस्करणों में हाइपर-थ्रेडिंग टेक्नोलॉजी (एचटीटी) की विशेषता शामिल की गयी जो एक वास्तविक सीपीयू को दो सीपीयू, एक तार्किक और एक आभाषी की तरह काम करने योग्य बनाती है। इंटेल ने भी नेटबर्स्ट माइक्रोआर्किटेक्चर (जिसे अक्सर सेलेरोन 4 के रूप में संदर्भित किया जाता है) पर आधारित अपने लो-इंड सेलेरोन प्रोसेसरों और मल्टीप्रोसेसर सर्वरों एवं वर्कस्टेशनों के लिए उपयोगी एक हाई-इंड डेरिवेटिव, जिऑन के एक संस्करण की मार्केटिंग की थी। 2005 में पेंटियम 4 को पेंटियम डी और पेंटियम एक्सट्रीम एडिशन डुअल-कोर सीपीयू द्वारा सम्पूरित किया गया था। .

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भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन

भार एवं मापन पर सामान्य सम्मेलन हिन्दी नाम है एक सम्मेलन का.

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भारत में जलविद्युत

भारत, विश्व का ७वाँ सर्वाधिक जलविद्युत उत्पादक देश है। ३० अप्रैल २०१७ को भारत की स्थापित जलविद्युत उत्पादन क्षमता 44,594 मेगावाट थी। श्रेणी:भारत में ऊर्जा.

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भारतीय लघु उपग्रह बस

भारतीय लघु उपग्रह (Indian Mini Satellite) (IMS) इसरो द्वारा विकसित छोटे उपग्रह बसों की एक श्रंखला है। यह बस छोटे और मुख्यत: प्रायोगिक उपग्रहों के लिये आधार प्रदान करने के लिये बनाई गई थी। .

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मिलियन

एक मिलियन (1,000,000) या एक हजार हजार, 999,999 के बाद और 1,000,001 से पहले की प्राकृत संख्या है। यह नाम इतालवी से व्युत्पन्न हुआ है, जहां 1,000 के लिए माइले (mille) और 1,000,000 के लिए मिलियोन (milione), "एक बड़ा हजार" का इस्तेमाल होता है। वैज्ञानिक संकेतन में इसे या सिर्फ 106 के रूप में लिखा जाता है। SI इकाइयों का व्यवहार करते समय SI उपसर्ग मेगा का इस्तेमाल करके भी भौतिक राशियों को व्यक्त किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 1 मेगावाट 1,000,000 वाट के बराबर होता है। "मिलियन" शब्द छोटे पैमाने और लंबे पैमाने की संख्या पद्धति में सामान्य है, जो बड़ी संख्याओं से भिन्न होते हैं और दोनों पद्धतियों में इसके अलग-अलग नाम होते हैं। मिलियन का इस्तेमाल कभी-कभी अंग्रेजी भाषा में किसी बहुत बड़ी संख्या की उपमा के रूप में होता है, जैसे "नेवर इन ए मिलियन इयर्स" (लाखों वर्षों में कभी नहीं) और "यू'आर वन इन ए मिलियन" (तुम लाखों में एक हो), या एक अतिशयोक्ति के रूप में, जैसे "आई'हैव वॉक्ड ए मिलियन माइल्स" (मैं लाखों मील चल चुका हूं).

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राष्ट्रीय ग्रिड (भारत)

भारत का राष्ट्रीय ग्रिड (The National Grid (India) उच्च वोल्टता का विद्युतशक्ति संचरण ग्रिड है जो प्रमुख ऊर्जा संयंत्रों तथा उपकेन्द्रों को जोड़ता है। राष्ट्रीय ग्रिड का स्वामित्व पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के पास है और यही इसका संचालन एवं रखरखाव भी करता है। यह विश्व के सबसे विशाल तुल्यकालिक ग्रिडों (synchronous grids) में स्थान रखती है। ३० जून २०१७ को इसकी स्थापित विद्युत जनन क्षमता 329.23 जिगावाट थी। .

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शक्ति

भौतिकी में कार्य करने की दर को शक्ति (पावर/Power) कहते हैं। इसकी इकाई वाट होती है जो १ जूल प्रति सेकेण्ड के बराबर होती है। इसके अलावा 'शक्ति' शब्द का अन्य अर्थों में भी उपयोग होता है, जैसे 'देवी', राजनीतिक शक्ति, सैन्य शक्ति आदि। .

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शक्ति (भौतिकी)

शक्ति (भौतिकी) भौतिकी मे, शक्ति या विद्युत-शक्ति या पावर (प्रतीक: P), वह दर है जिस पर कोई कार्य किया जाता है या ऊर्जा संचारित होती है, या एक नियत समय में कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है या उर्जा व्यय होती है। P .

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शक्ति संचरण

शक्ति (Power) शब्द का प्रयोग मानवनियंत्रित ऊर्जा को जो यांत्रिक कार्य करने के लिए प्राप्य हो, सूचित करने के लिए किया जाता है। शक्ति के मुख्य स्रोत (source) हैं: मनुष्यों एवं जानवरों की पेशीय ऊर्जा (muscular energy), नदी एवं वायु की गतिज ऊर्जा, उच्च सतहों पर स्थित जलाशय की स्थितिज (potential) ऊर्जा, लहरों एवं ज्वारभाटा की ऊर्जा, पृथ्वी एवं सूर्य की ऊष्मा ऊर्जा, ईंधन को जलाने से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा आदि। पालतू जानवरों की शक्ति का उपयोग मानवीय सभ्यता का प्रथम कदम था। बाद में क्रमश: विभिन्न प्रकार की शक्तियों को उपयोग में लाने के लिए प्रयास किए जाते रहे। अभी भी अधिक से अधिक शक्तियों को नियंत्रित करने में वैज्ञानिक व्यस्त हैं एवं प्रयत्न जारी है। .

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स्टेफॉन वोल्‍ज़मान नियम

स्टेफॉन वोल्‍ज़मान नियम जिसे स्टेफॉन का नियम के नाम से भी जाना जाता है एक सम्बंध है जो कृष्णिका द्वारा विकरित शक्‍ति को ताप के शब्दों में वर्णित करता है। विशेष रूप से स्टेफॉन वोल्‍ज़मान नियमानुसार इकाई समय में सभी तरंगदैर्घ्य परास में कृष्णिका द्वारा प्रति इकाई पृष्ठिय क्षेत्रफल द्वारा विकरित कुल ऊर्जा j^ कृष्णिका के ऊष्मगतिकीय ताप T के चतुर्थ घात के अनुक्रमानुपाती होता है: अनुक्रमानुपाती नियतांक σ को स्टेफॉन-बोल्‍ज़मान स्थिरांक अथवा स्टेफॉन नियतांक कहा जाता है जिसे अन्य ज्ञात मूलभूत भौतिक नियतांकों से व्युत्पन किया जाता है। इसका मान निम्न होता है: \sigma.

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सौर ज्योति

शिकारी तारामंडल में स्थित आद्रा तारे (बीटलजूस) की चमक १,४०,००० \beginsmallmatrixL_\odot\endsmallmatrix है, यानि सूरज की डेढ़ लाख गुना से ज़रा कम सौर ज्योति अथवा सौर दीप्ति (Solar luminosity), जिसे \beginL_\odot\end के चिन्ह से दर्शाया जाता है, हमारे सूरज से उभरने वाली चमक (यानि फ़ोटोनो के रूप में उत्सर्जित शक्ति) का माप है, जो कि ३.८३९ x १०२६ वॉट के बराबर है।, George H.

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सूर्य

सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K.

देखें वॉट और सूर्य

सेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली

। सेन्टीमीटर मापने का टेपसेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली (CGS) भौतिक इकाइयों के मापन की प्रणाली है। यह या~ंत्रिक इकाइयों हेतु सर्वदा समान है, पर्म्तु कई विद्युत इकाइयाँ जुडी़ हैं। इसका स्थान बाद में MKS इकाई प्रणाली ने ले लिया था, जिसमें मीटर, किलोग्राम सैकिण्ड प्रयोग होते थे,। वह भी बाद में अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली से बदली गयी। इस नयी प्रणाली में MKS प्रणाली की ही इकैयाँ थी, जिनके साथ साथ एम्पीयर, मोल, कैण्डेला और कैल्विन शामिल थे। .

देखें वॉट और सेंटीमीटर-ग्राम-सैकिण्ड इकाई प्रणाली

जूल (इकाई)

जूल (संकेताक्षर: J), अंतर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली के अंतर्गत ऊर्जा या कार्य की एक व्युत्पन्न इकाई है। एक जूल, एक न्यूटन बल को बल की दिशा में, एक मीटर दूरी तक लगाने में, या फिर एक एम्पियर की विद्युत धारा को एक ओम के प्रतिरोध से एक सेकण्ड तक गुजारने में व्यय हुई ऊर्जा या किये गये कार्य के बराबर होता है। इस इकाई को अंग्रेज भौतिक विज्ञानी जेम्स प्रेस्कॉट जूल के नाम पर नामित किया गया है। अन्य एस आई इकाइयों के संदर्भ में: जहां N न्यूटन, m मीटर, kg किलोग्राम, s सेकण्ड, Pa पास्कल और W वाट है। .

देखें वॉट और जूल (इकाई)

जीसैट-1

जीसैट-१ जीएसएलवी रॉकेट की पहली उडान द्वारा प्रक्षेपित एक प्रयोगधर्मी संचार उपग्रह था। यह अंतरिक्ष यान एस बैंड आवृति और सीबैंड के तीन प्रेषानुकरों (ट्रांसपौंडरों) द्वारा छोडे जा रहे स्पदंन स्वर परिवर्तन (पल्स कोड मॉड्युलेशन) नापने वाले उपकरणों से सुसज्जित था। इस उपग्रह पर सुधारित प्रतिक्रिया नियंत्रण थ्रस्टर, त्वरित पुनःप्राप्ति तारा संवेदक और ऊष्मा प्रवाहिका रेडियेटर पैनल जैसे कई नए अंतरिक्ष यान अवयवों का परीक्षण भी किया गया। जीसैट-1 का उपयोग डिजीटल ऑडियो प्रसारण, इंटरनेट सेवाएँ और संपीडित डिजीटल टी.वी.

देखें वॉट और जीसैट-1

विद्युत ऊर्जा

विद्युत शक्ति एक प्रणाली के भीतर पारम्परिक आवेशित कणों के बीच कूलम्ब बल से जुडी़ स्थितिज ऊर्जा होती है। यहाँ अपरिमित स्थित कणों के बीच सन्दर्भित विभवीय ऊर्जा शून्य होती है। इसकी परिभाषा है: कार्य की मात्रा, जो आवेशित भार रहित कणों पर लगायी जाये, जिससे वे अपरिमित दूरी से किसी निश्चित दूरी तक लाये जा सकें। .

देखें वॉट और विद्युत ऊर्जा

विद्युत उपकरण

एक वोल्टमापी, जिसके सभी अवयव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। किसी पॉवर सप्लाई में लगे हुए अमीटर और वोल्टमीटर वर्तमान समय में अधिकांश उपकरण डिजिटल हो गये हैं। एक '''डिजिटल बहुमापी''' (मल्टीमीटर) विद्युत का उपयोग बहुत समय से होता आ रहा है और निरंतर अन्वेषण कार्य के फलस्वरूप आज के युग में अनेक प्रकार के विद्युत् उपकरणों (Electrical Instruments) का प्रयोग होने लगा है। .

देखें वॉट और विद्युत उपकरण

विंध्याचल महा ताप विद्युत गृह

विंध्याचल महा ताप विद्युत गृह (Vindhyachal Super Thermal Power Station) मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थित है। यह राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) का कोयले से चलने वाला विद्युतगृह है। वर्तमान समय में यह भारत का सबसे बड़ा (4760 मेगावाट) तापविद्युतगृह है। यह वाराणसी से लगभग 222 किमी दक्षिण में स्थित है। इस संयंत्र की टाउनशिप का नाम विन्ध्यनगर है। .

देखें वॉट और विंध्याचल महा ताप विद्युत गृह

विकिरण फ़्लक्स

रेडियोमिति में विकिरण फ़्लक्स (radiant flux) या विकिरण शक्ति (radiant power) किसी स्रोत द्वारा या किसी स्थान पर विकिरण ऊर्जा की प्रति इकाई समय के प्रवाह को कहते हैं। विकिरण फ़्लक्स को अन्य किसी भी शक्ति की तरह वॉट या जूल प्रति सैकिंड में मापा जाता है। .

देखें वॉट और विकिरण फ़्लक्स

वैक्युम क्लीनर

घर पर उपयोग के लिए कनस्तर वैक्युम क्लीनर. एक वैक्युम क्लीनर, जो हूवर (एक प्रजातिगत ट्रेडमार्क) या स्वीपर के भी नाम से जाना जाता है और आमतौर पर यह वैक्युम क्लीनर कहलाता है, एक ऐसा उपकरण है जो आमतौर पर फर्श से धूल और गंदगी खींचने के लिए आंशिक वैक्युम का निर्माण करता है और इसके लिए वायु पंप का इस्तेमाल होता है। बाद में निपटान के लिए गंदगी को या तो डस्टबैग द्वारा इकट्ठा किया जाता है या चक्रवात द्वारा.

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वोल्ट

वोल्टा पाइल वोल्ट (प्रतीक: V), विद्युत विभव, विभवान्तर और विद्युतवाहक बल की व्युत्पन्न इकाई है। इस ईकाई का नाम (वोल्ट) इतालवी भौतिकविज्ञानी वोल्टा (1745-1827) के सम्मान में रखा गया है जिसने वोल्टेइक पाइल का आविष्कार किया, जिसे पहली रासायनिक बैटरी कह सकते हैं। जहाँ.

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ग्रीन कम्प्यूटिंग

ग्रीन कंप्यूटिंग (हरित संगणना) या ग्रीन आईटी, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ कंप्यूटिंग या आईटी को संदर्भित करती है। (ग्रीन आई टी को बढ़ावा: सिद्धांत और व्यवहार) (Harnessing Green IT: Principles and Practices), नामक लेख में सैन मुरुगेसन ग्रीन कंप्यूटिंग के क्षेत्र को इस प्रकार परिभाषित करते हैं "कम्प्यूटरों, सर्वरों और संबंधित उपकरणों-जैसे कि मॉनिटर, प्रिंटर, स्टोरेज़ उपकरण और नेटवर्क तथा संचार संबंधी प्रणालियों की डिज़ाइनिंग, निर्माण, प्रयोग तथा निपटान, का अध्ययन तथा अभ्यास-जो कुशल व प्रभावशाली है तथा जिसका वातावरण पर पड़ने वाला प्रभाव न के बराबर या नगण्य है।"सैन मुरुगेसन, "आचरण ग्रीन आईटी: सिद्धांत और अभ्यास," आईईईई (IEEE) आईटी प्रोफेशनल, जनवरी-फरवरी, पीपी 24-33.

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ग्रीनहाउस गैस

वैश्विक एन्थ्रोपोजेनिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन आठ विभिन्न क्षेत्रों से, वर्ष २००० में ग्रीन हाउस गैसें ग्रह के वातावरण या जलवायु में परिवर्तन और अंततः भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए उत्तरदायी होती हैं।। दैनिक भास्कर।।६ दिसंबर, २००७। एनएन सच्चिदानंद। श्रेणी:कार्बन श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना eo:Forceja efika gazo.

देखें वॉट और ग्रीनहाउस गैस

ग्लोनास

ग्लोनास लोगो ग्लोनास ग्लोनास (GLONASS) (ГЛОНАСС), रूसी अंतरिक्ष बल द्वारा रूसी सरकार के लिए संचालित एक रेडियो-आधारित उपग्रह नौवहन (नेविगेशन) प्रणाली है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका की वैश्विक स्थिति निर्धारण प्रणाली (जीपीएस), चीन की कम्पास नेविगेशन प्रणाली और यूरोपीय संघ (ईयू) की योजनाबद्ध गैलीलियो स्थिति निर्धारण प्रणाली और भारत की भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशनल उपग्रह प्रणाली की एक वैकल्पिक और पूरक प्रणाली है। ग्लोनास के विकास का आरम्भ 1976 में सोवियत संघ में हुआ था। 12 अक्टूबर 1982 से लेकर 1995 तक, कई रॉकेट प्रक्षेपणों के माध्यम से इस प्रणाली में पर्याप्त मात्रा में उपग्रहों को शामिल किया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश इसके बाद रूसी अर्थ व्यवस्था चरमरा गयी और इस प्रणाली की स्थिति भी कमजोर हो गई। 2000 के दशक के आरम्भ में व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में इस प्रणाली की बहाली को एक शीर्ष सरकारी वरीयता प्रदान की गई और वित्तपोषण में पर्याप्त वृद्धि की गई। फ़िलहाल ग्लोनास रूसी संघीय अंतरिक्ष एजेंसी का सबसे महंगा कार्यक्रम है जिसमें 2010 के इसके बजट का एक तिहाई हिस्सा खर्च हो गया था। 2010 तक ग्लोनास ने रूसी प्रदेश के लगभग 100% हिस्सों को कवर करने की क्षमता हासिल कर लि थी। फरवरी 2011 तक उपग्रह समूह में 22 संचालनीय उपग्रह थे जो लगातार वैश्विक कवरेज प्रदान करने के लिए आवश्यक 24 उपग्रहों की दृष्टि से कम था और 2011 के दौरान इस कमी के पूरा होने की उम्मीद है। ग्लोनास उपग्रहों की डिजाइनों को कई बार नवीकृत किया गया है जिसका सबसे नवीनतम संस्करण ग्लोनास-के (GLONASS-K) है। .

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गूगल

यह लेख गूगल नामक संस्था के संबंद्ध में है। सर्च इंजन के लिए, गूगल सर्च देखें। अन्य के लिए, देखें। गूगल एक अमेरीकी बहुराष्ट्रीय सार्वजनिक कम्पनी है, जिसने इंटरनेट सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और विज्ञापन तंत्र में पूँजी लगायी है। यह इंटरनेट पर आधारित कई सेवाएँ और उत्पाद बनाता तथा विकसित करता है और यह मुनाफा मुख्यतया अपने विज्ञापन कार्यक्रम ऐडवर्ड्स (AdWords) से कमाती है। यह कम्पनी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पी॰एच॰डी॰ के दो छात्र लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा स्थापित की गयी थी। इन्हें प्रायः "गूगल गाइस" के नाम से सम्बोधित किया जाता है। सितम्बर 4, 1998 को इसे एक निजि-आयोजित कम्पनी में निगमित किया गया। इसका पहला सार्वजनिक कार्य/सेवा 19 अगस्त 2004 को प्रारम्भ हुआ। इसी दिन लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन और एरिक स्ख्मिड्ट ने गूगल में अगले बीस वर्षों (2024) तक एक साथ कार्य करने की रजामंदी की। कम्पनी का शुरूआत से ही "विश्व में ज्ञान को व्यवस्थित तथा सर्वत्र उपलब्ध और लाभप्रद करना" कथित मिशन रहा है। कम्पनी का गैर-कार्यालयीन नारा, जोकि गूगल इन्जीनियर पौल बुखीट ने निकाला था— "डोन्ट बी इवल (बुरा न बनें)"। सन् 2006 से कम्पनी का मुख्यालय माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया में है। गूगल विश्वभर में फैले अपने डाटा-केन्द्रों से दस लाख से ज़्यादा सर्वर चलाता है और दस अरब से ज़्यादा खोज-अनुरोध तथा चौबीस उपभोक्ता-सम्बन्धी जानकारी (डाटा) संसाधित करता है। गूगल की सन्युक्ति के पश्चात् इसका विकास काफ़ी तेज़ी से हुआ है, जिसके कारण कम्पनी की मूलभूत सेवा वेब-सर्च-इंजन के अलावा, गूगल ने कई नये उत्पादों का उत्पादन, अधिग्रहण और भागीदारी की है। कम्पनी ऑनलाइन उत्पादक सौफ़्ट्वेयर, जैसे कि जीमेल ईमेल सेवा और सामाजिक नेटवर्क साधन, ऑर्कुट और हाल ही का, गूगल बज़ प्रदान करती है। गूगल डेस्कटॉप कम्प्युटर के उत्पादक सोफ़्ट्वेयर का भी उत्पादन करती है, जैसे— वेब ब्राउज़र गूगल क्रोम, फोटो व्यवस्थापन और सम्पादन सोफ़्ट्वेयर पिकासा और शीघ्र संदेशन ऍप्लिकेशन गूगल टॉक। विशेषतः गूगल, नेक्सस वन तथा मोटोरोला ऍन्ड्रोइड जैसे फोनों में डाले जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम ऍन्ड्रोइड, साथ-ही-साथ गूगल क्रोम ओएस, जो फिलहाल भारी विकास के अन्तर्गत है, पर सीआर-48 के मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में प्रसिद्ध है, के विकास में अग्रणी है। एलेक्सा google.com को इंटरनेट की सबसे ज़्यादा दर्शित वेबसाइट बताती है। इसके अलावा गूगल की अन्य वेबसाइटें (google.co.in, google.co.uk, आदि) शीर्ष की सौ वेबासाइटों में आती हैं। यही स्थिती गूगल की साइट यूट्यूब और ब्लॉगर की है। ब्रैंडज़ी के अनुसार गूगल विश्व का सबसे ताकतवर (नामी) ब्राण्ड है। बाज़ार में गूगल की सेवाओं का प्रमुख होने के कारण, गूगल की आलोचना कई समस्याओं, जिनमें व्यक्तिगतता, कॉपीराइट और सेंसरशिप शामिल हैं, से हुई है। .

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ओजोन ह्रास

वैश्विक मासिक औसत कुल ओजोन राशि ओजोन ह्रास या ओजोन अवक्षय (ओजोन डिप्लीशन) दो अलग लेकिन सम्बंधित प्रेक्षणों का वर्णन करता है; 1970 के दशक के बाद से पृथ्वी के समतापमंडल (stratosphere) में ओजोन की कुल मात्रा में प्रति दशक लगभग चार प्रतिशत की धीमी लेकिन स्थिर कमी आ रही है;और समान अवधि के दौरान पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर समतापमंडल की ओजोन में अधिक लेकिन मौसमी कमी आ रही है। बाद वाली घटना को सामान्यतः ओजोन छिद्र के रूप में जाना जाता है। इस जाने माने संताप मंडलीय ओजोन (stratospheric ozone) रिक्तीकरण के अलावा, क्षोभ मंडलीय ओजोन रिक्तीकरण की घटनाएँ (tropospheric ozone depletion events) भी पाई गई हैं, जो बसंत ऋतु के दौरान ध्रुवीय क्षेत्रों की सतह के पास होता है। विस्तृत क्रियाविधि जिसके द्वारा ध्रुवीय ओजोन छेद, मध्य अक्षांश रिक्तीकरण से भिन्नता रखता है, लेकिन दोनों प्रवृतियों में सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है परमाणु क्लोरीन और ब्रोमीन द्वारा ओजोन का अपघटनी (catalytic) विनाश.

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आर्थिक विकास

देशों, क्षेत्रों या व्यक्तिओं की आर्थिक समृद्धि के वृद्धि को आर्थिक विकास कहते हैं। नीति निर्माण की दृष्टि से आर्थिक विकास उन सभी प्रयत्नों को कहते हैं जिनका लक्ष्य किसी जन-समुदाय की आर्थिक स्थिति व जीवन-स्तर के सुधार के लिये अपनाये जाते हैं। वर्तमान युग की सबसे महत्वपूर्ण समस्या 'आर्थिक विकास' की समस्या है। आर्थिक स्वतन्त्रता के बिना राजनैतिक स्वतन्त्रता का कोई महत्व (उपयोग) नहीं है। विकास और उससे जुड़े हुए मुद्दों के इस महत्व के कारण ही अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विकास-अर्थशास्त्र नामक एक अलग विषय का ही उदय हो गया। किन्तु पिछले कुछ वर्षों से विकास-अर्थशास्त्र के एक स्वतंत्र विषय के रूप में अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न-सा उभरता दिखाई दे रहा है। कई अर्थशास्त्री हैं जो "विकास-अर्थशास्त्र" नामक अलग विषय की आवश्यकता से ही इनकार करने लगे हैं, इनमें प्रमुख हैं- स्लट्ज, हैबरलर, बार, लिटिल, वाल्टर्स आदि। अर्थशास्त्रियों का एक वर्ग "विकास-अर्थशास्त्र" को ही समाप्त कर देने की मांग करने लगा है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने 'आर्थिक विकास' (इकनॉमिक डेवलपमेन्ट), 'आर्थिक प्रगति' (इकनॉमिक ग्रोथ) और दीर्घकालीन परिवर्तन (सेक्युलर डेवलपमेन्ट) की अलग-अलग परिभाषाएँ की हैं। किन्तु मायर और बोल्डविन ने इन तीनों श्ब्द-समूहों का एक ही अर्थ में प्रयोग किया है तथा अलग-अलग अर्थ निकालने को 'बाल की खाल निकालना' कहा है। उनके अनुसार, .

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आई-2के

आई-2के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित और एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन द्वारा बेचा जाने वाला एक उपग्रह बस है। यह २००० किलो के उपग्रहों के लिये एक मानक उपग्रह बस है। आई-२के में आई इनसैट के लिये है जो कि इसरो द्वारा विकसित संचार उपग्रहओं की एक श्रृंखला है। इसरो द्वारा विकसित ये बसे विशेष तौर पर छोटे और मध्यम वजन के उपग्रहों के लिये बनाए गये हैं। आई-२के उपग्रह बस ३००० वॉट तक की डीसी बिजली दे सकती है। .

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आई-3के

आई-३के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित एक उपग्रह बस है। ३००० किलो श्रेणी के उपग्रहों के लिये उपयोग में आने वाली यह मानक बस है। इसके नाम में आई इनसैट को प्रतिबिंबित कर्ता है जो कि इसरो द्वारा विकसित व प्रक्षेपित संचार उपग्रहों का एक समूह है। आई-३के बस ६५०० वॉट तक की डीसी बिजली प्रवाहित कर सकती है और ३ हजार से ३४०० तक के प्रक्षेपण द्रव्यमान वाले उपग्रहों के लिये उपयोगी है। .

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आई-4के

आई-4के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित हो रहा एक उपग्रह बस है।4,000–5000 किलो श्रेणी के उपग्रहों के लिये उपयोग में आने वाली यह मानक बस होगी। इसके नाम में आई इनसैट को प्रतिबिंबित करता है जो कि इसरो द्वारा विकसित व प्रक्षेपित संचार उपग्रहों का एक समूह है। आई-३के बस १० से १३ हजार वॉट तक की डीसी बिजली प्रवाहित कर सकती है। .

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इनसाइट

इनसाइट (InSight या Interior Exploration using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport) एक रोबोट मंगल ग्रह लैंडर है। जो मूल रूप से मार्च 2016 में प्रक्षेपण के लिए योजना बनाई थी। इसके उपकरण की विफलता के कारण लांच करने से पहले दिसंबर 2015 में नासा ने मिशन स्थगित की घोषणा की। और मार्च 2016 में, लांच 5 मई 2018 के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। .

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कार्ब्युरेटर

बेन्डिक्स-टेक्निको का १-बैरेल वाला डाउनड्राफ्ट कार्ब्युरेटर मॉडल BXUV-3 कार्ब्युरेटर (अंग्रेज़ी:carburetor या carburettor) एक ऐसी यांत्रिक युक्ति है जो आन्तरिक दहन इंजन के लिये हवा और द्रव ईंधन को मिश्रित करती है। इसका आविष्कार कार्ल बेन्ज़ ने सन 1885 के पहले किया था। बाद में 1886 में इसे पेटेंट भी कराया गया। कार्ल बेन्ज़ मर्सिडीज़ बेन्ज़ के संस्थापक हैं। इसका अधिक विकास हंगरी के अभियांत्रिक जैनोर सोएन्स्का और डोनैट बैन्की ने 1893 में किया था।.

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अश्व शक्ति

अश्वशक्ति (अंग्रेज़ी:हॉर्स पावर / Horsepower (hp)) शक्ति की मापन इकाई है। यह एक गैर-SI इकाई है। अश्वशक्ति के कई मानक हैं और कई प्रकार भी हैं। 'हॉर्सपॉवर' शब्द का सबसे पहले उपयोग १८वीं शताब्दी के अन्तिम काल में स्कॉटलैण्ड के इंजीनियर जेम्स वाट ने किया। उसने वाष्प इंजनों से मिलने वाली शक्ति की तुलना अश्व (घोड़ों) की खींचने की शक्ति से की। बाद में हॉर्सपॉवर शब्द का उपयोग पिस्टनयुक्त अन्य इंजनों तथा टर्बाइन, विद्युत मोटरों, एवं अन्य मशीनों की शक्ति के लिये भी किया जाने लगा। किन्तु इस शब्द की परिभाषा भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न थी। वर्तमान समय में अधिकांश देशों में शक्ति के मापन के लिये वाट नामक एस आई मात्रक का प्रयोग किया जाता है। .

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अजूरा (उपकरण)

अजूरा प्रोटोटाइप का परीक्षण अजूरा एक तरंग शक्ति उपकरण है, जिसका परीक्षण हवाई में किया जा रहा है। यह ग्रिड से बिजली उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका के विभाग के अनुसार यह पहली बार है कि एक लहर ऊर्जा से विद्युत निर्मित किया जा रहा है और उत्तरी अमेरिका में विद्युत प्रदान हेतु आधिकारिक रूप से सत्यापित भी किया गया है। यह हवाई विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापित किया गया है। यह उपकरण 20 किलोवाट की शक्ति उत्पन्न करता है। .

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किलोवाट के रूप में भी जाना जाता है।