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वैज्ञानिक प्रबन्धन

सूची वैज्ञानिक प्रबन्धन

वैज्ञानिक प्रबन्धन (जिसे टेलरवाद और टेलर पद्धति भी कहते हैं) प्रबन्धन का एक सिद्धान्त है जो कार्य-प्रवाह (workflow) का विश्लेषण एवं संश्लेषण करती है और इस प्रकार श्रमिक उत्पादकता को बढ़ाने में सहायता करती है। इसके मूल सिद्धान्त १८८० एवं १८९० के दशकों में फ्रेडरिक विंस्लो टेलर द्वारा प्रतिपादित किये गये जो उनकी रचनाओं "शॉप मैनेजमेन्ट" (१९०५) तथा "द प्रिन्सिपल्स ऑफ साइन्टिफिक मैनेजमेन्ट" (१९११) के द्वारा प्रकाश में आये। टेलर का मानना था कि परिपाटी और "रूल ऑफ थम्ब" पर आधारित निर्णय के स्थान पर ऐसी तरीकों/विधियों का उपयोग किया जाना चाहिये जो कर्मिकों के कार्य का ध्यानपूर्बक अध्ययन के फलस्वरूप विकसित किये गये हों। वस्तुत: टेलरवाद, दक्षता वृद्धि का दूसरा नाम है। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त एवं बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में मानव-जीवन में दक्षता बढ़ाने, बर्बादी कम करने, प्रयोगाधारित विधियों का उपयोग करने आदि की बहुत चर्चा हुई। टेलरवाद को इनका ही एक अंश माना जा सकता है। .

8 संबंधों: प्रबन्ध के सिद्धान्त, प्रबन्धन, फ्रेडरिक विंस्लो टेलर, श्रम का विभाजन, समय-गति अध्ययन, हेनरी फेयोल, वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्त, उत्पादकता वृद्धि करने वाली प्रौद्योगिकियाँ

प्रबन्ध के सिद्धान्त

अनेक प्रबंध विषय के विचारक एवं लेखकों ने समय-समय पर प्रबंध के सिद्धांतों का अध्ययन किया है। वास्तव में प्रबंध विषय से संबंधित सोच का एक लंबा इतिहास है। प्रबंध के सिद्धांतों का विकास हुआ है एवं अभी भी यह प्रक्रिया जारी है। .

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प्रबन्धन

व्यवसाय एवं संगठन के सन्दर्भ में प्रबन्धन (Management) का अर्थ है - उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। प्रबन्धन के अन्तर्गत आयोजन (planning), संगठन-निर्माण (organizing), स्टाफिंग (staffing), नेतृत्व करना (leading या directing), तथा संगठन अथवा पहल का नियंत्रण करना आदि आते हैं। संगठन भले ही बड़ा हो या छोटा, लाभ के लिए हो अथवा गैर-लाभ वाला, सेवा प्रदान करता हो अथवा विनिर्माणकर्ता, प्रबंध सभी के लिए आवश्यक है। प्रबंध इसलिए आवश्यक है कि व्यक्ति सामूहिक उद्देश्यों की पूर्ति में अपना श्रेष्ठतम योगदान दे सकें। प्रबंध में पारस्परिक रूप से संबंधित वह कार्य सम्मिलित हैं जिन्हें सभी प्रबंधक करते हैं। प्रबंधक अलग-अलग कार्यों पर भिन्न समय लगाते हैं। संगठन के उच्चस्तर पर बैठे प्रबंधक नियोजन एवं संगठन पर नीचे स्तर के प्रबंधकों की तुलना में अधिक समय लगाते हैं। kisi bhi business ko start krne se phle prabandh yaani ke managements ki jaroort hoti h .

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फ्रेडरिक विंस्लो टेलर

वैज्ञानिक प्रबन्धन के जनक टेलर फ्रेडरिक विंस्लो टेलर (Frederick Winslow Taylor) (२० मार्च १८५६ - २१ मार्च १९१५) को वैज्ञानिक प्रबन्धन का जनक माना जाता है। वे एफ डल्यू टेलर के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। वे अमेरिका के मेकैनिकल इंजिनीयर थे जिन्होने औद्योगिक दक्षता (industrial efficiency) में सुधार का विधिवत अध्ययन किया। वे कुछ प्रथम प्रबन्धन-सलाहकारों में से एक थे। .

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श्रम का विभाजन

जब किसी बड़े कार्य को छोटे-छोटे तर्कसंगत टुकड़ों में बाँटककर हर भाग को करने के लिये अलग-अलग लोग निर्धारित किये जाते हैं तो इसे श्रम विभाजन (Division of labour) या विशिष्टीकरण (specialization) कहते हैं। श्रम विभाजन बड़े कार्य को दक्षता पूर्वक करने में सहायक होता है। ऐतिहासिक रूप से श्रम-विभाजन व्यापार की वृद्धि, सम्पूर्ण आउटपुट की वृद्धि, पूंजीवाद का उदय तथा औद्योगीकरण की जटिलता में वृद्धि से जुड़ा रहा है। परिष्कृत होकर धीरे-धीरे श्रम-विभाजन वैज्ञानिक प्रबन्धन के स्तर तक जा पहुँचा। मोटे तौर पर यह कार्यकारी-समाज है जिसके अलग-अलग भाग भिन्न-भिन्न काम करते हैं। जैसे- कुछ लोग कृषि करते हैं; कुछ लोग कुम्भकारी करते हैं और कुछ लोग लोहारी करते हैं। भारत की वर्णाश्रम व्यवस्था मूलत: श्रम-विभाजन का ही रूप है। .

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समय-गति अध्ययन

समय-गति अध्ययन (time and motion study अथवा time-motion study) कार्य-दक्षता को मापने की एक तकनीक है। यह तकनीक फ्रेडरिक विन्स्लो टेलर के 'समय-अध्ययन' तथा फ्रैंक और लिलियन गिल्बर्थ के 'गति-अध्ययन' को मिलाकर बनी है। समय-गति तकनीक, वैज्ञानिक प्रबन्धन (टेलरवाद) का बहुत बड़ा अंग है। समय-अध्ययन ने 'मानक समय' की धारणा विकसित की जबकि गति-अध्ययन ने कार्य करने की विधियों में सुधार किया। बाद में इन दोनों तकनीकों को मिला दिया गया और 'समय-गति अध्ययन' का जन्म हुआ। वर्तमान समय में यह तकनीक औद्योगिक संगठनों के साथ-साथ सेवा-संगठनों (जैसे बैंक, विद्यालय, अस्पताल) पर भी लागू होती है। श्रेणी:प्रबन्धन.

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हेनरी फेयोल

हेनरी फेयोल हेनरी फेयोल (Henri Fayol; 29 जुलाई 1841 – 19 नवम्बर 1925) फ्रांस के खनन इंजीनियर तथा प्रबन्ध-सिद्धान्तकार थे। उन्होने व्यवसाय प्रशासन का सामान्य सिद्धान्त विकसित किया जिसका 20वीं सदी के प्रारंभ में व्यापक प्रभाव था। फेयोल एवं उनके सहकर्मियों ने इस सिद्धान्त का विकास वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्त के विकास से स्वतंत्र रूप से एवं लगभग उसी काल में किया। प्रबन्धन के आधुनिक संकल्पना के विकास में सबसे प्रभावी योगदान करने वालों में फेयोल का नाम अग्रणी है।.

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वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्त

वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्त (The Principles of Scientific Management) फ्रेडरिक विंस्लो टेलर द्वारा लिखित एक पुस्तक है। इसमें टेलर ने वैज्ञानिक प्रबन्धन के सिद्धान्तों का विवेचन किया है। टेलर एक यांत्रिक इंजीनियर, मैन्युफैक्चरिंग मैनेजर, और प्रबन्धन सलाहकार थे। .

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उत्पादकता वृद्धि करने वाली प्रौद्योगिकियाँ

औद्योगिक क्रान्ति से लेकर अब तक उत्पादकता की वृद्धि में मुख्यतः निम्नलिखित प्रौद्योगिकियों की प्रमुख भूमिका रही है-.

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