लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

विधा

सूची विधा

विधा (फ्रेंच: जीनर / genre) का साधारण अर्थ प्रकार, किस्म, वर्ग या श्रेणी है। यह शब्द विविध प्रकार की रचनाओं को वर्ग या श्रेणी में बांटने से उस विधा के गुणधर्मो को समझने में सुविधा होती है। यह वैसे ही है जैसे जीवविज्ञान में जीवों का वर्गीकरण किया जाता है। साहित्य एवं भाषण में विधा शब्द का प्रयोग एक वर्गकारक (CATEGORIZER) के रूप में किया जाता है। किन्तु सामान्य रूप से यह किसी भी कला के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है। विधाओं की उपविधाएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिये हम कहते हैं कि निबन्ध, गद्य की एक विधा है।. विधाएँ अस्पष्ट (vague) श्रेणीयाँ हैं और इनकी कोई निश्चित सीमा-रेखा नहीं होती। ये समय के साथ कुछ मान्यताओं के आधार पर इनकिइ पहचान निर्मित हो जाती है। .

26 संबंधों: ताँका, नाटककार, निबन्ध, निबंधकार, नवगीत, नीतिकथा, बनारसीदास चतुर्वेदी, बोर्ड गेम, बी बोइंग, भौतिकी की शब्दावली, रिपोर्ताज, रूपक, रॉक एंड रोल (नृत्य), लेख, समस्या-पूर्ति, साक्षात्कार, स्वैरकल्पना, हाइबुन, वाका, विज्ञान कथा साहित्य, वैकल्पिक इतिहास, वॅस्टर्न (शैली), वोल्टेयर, गुप्तचर कथा, कहानीकार, काव्य नाटक

ताँका

ताँका (短歌) जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य विधा है। इस विधा को नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान काफी प्रसिद्धि मिली। उस समय इसके विषय धार्मिक या दरबारी हुआ करते थे। हाइकु का उद्भव इसी से हुआ। इसकी संरचना ५+७+५+७+७.

नई!!: विधा और ताँका · और देखें »

नाटककार

निबंधकार वह है जो साहित्य और रंगमंच की एक विधा नाटक लिखने का व्यावसायिक काम करता है। श्रेणी:साहित्य.

नई!!: विधा और नाटककार · और देखें »

निबन्ध

निबन्ध (Essay) गद्य लेखन की एक विधा है। लेकिन इस शब्द का प्रयोग किसी विषय की तार्किक और बौद्धिक विवेचना करने वाले लेखों के लिए भी किया जाता है। निबंध के पर्याय रूप में सन्दर्भ, रचना और प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जाता है। लेकिन साहित्यिक आलोचना में सर्वाधिक प्रचलित शब्द निबंध ही है। इसे अंग्रेजी के कम्पोज़ीशन और एस्से के अर्थ में ग्रहण किया जाता है। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार संस्कृत में भी निबंध का साहित्य है। प्राचीन संस्कृत साहित्य के उन निबंधों में धर्मशास्त्रीय सिद्धांतों की तार्किक व्याख्या की जाती थी। उनमें व्यक्तित्व की विशेषता नहीं होती थी। किन्तु वर्तमान काल के निबंध संस्कृत के निबंधों से ठीक उलटे हैं। उनमें व्यक्तित्व या वैयक्तिकता का गुण सर्वप्रधान है। इतिहास-बोध परम्परा की रूढ़ियों से मनुष्य के व्यक्तित्व को मुक्त करता है। निबंध की विधा का संबंध इसी इतिहास-बोध से है। यही कारण है कि निबंध की प्रधान विशेषता व्यक्तित्व का प्रकाशन है। निबंध की सबसे अच्छी परिभाषा है- इस परिभाषा में अतिव्याप्ति दोष है। लेकिन निबंध का रूप साहित्य की अन्य विधाओं की अपेक्षा इतना स्वतंत्र है कि उसकी सटीक परिभाषा करना अत्यंत कठिन है। .

नई!!: विधा और निबन्ध · और देखें »

निबंधकार

निबंधकार वह है जो साहित्य की एक विधा निबंध जिसमें सभी प्रकार के लेख व निबंध सम्मिलित हैं, की रचने का व्यावसायिक काम करता है। श्रेणी:साहित्य.

नई!!: विधा और निबंधकार · और देखें »

नवगीत

नवगीत, हिन्दी काव्य-धारा की एक नवीन विधा है। इसकी प्रेरणा सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई और लोकगीतों की समृद्ध भारतीय परम्परा से है। हिंदी में तो वैसे महादेवी वर्मा, निराला, बच्चन, सुमन, गोपाल सिंह नेपाली आदि कवियों ने काफी सुंदर गीत लिखे हैं और गीत लेखन की धारा भले ही कम रही है पर कभी भी पूरी तरह रुकी नहीं है। वैसे रूढ़ अर्थ में नवगीत की औपचारिक शुरुआत नयी कविता के दौर में उसके समानांतर मानी जाती है। "नवगीत" एक यौगिक शब्द है जिसमें नव (नयी कविता) और गीत (गीत विधा) का समावेश है। .

नई!!: विधा और नवगीत · और देखें »

नीतिकथा

thumb नीतिकथा (Fable) एक साहित्यिक विधा है जिसमें पशु-पक्षियों, पेड़-पौधों एवं अन्य निर्जीव वस्तुओं को मानव जैसे गुणों वाला दिखाकर उपदेशात्मक कथा कही जाती है। नीतिकथा, पद्य या गद्य में हो सकती है। पंचतन्त्र, हितोपदेश आदि प्रसिद्ध नीतिकथाएँ हैं। .

नई!!: विधा और नीतिकथा · और देखें »

बनारसीदास चतुर्वेदी

पण्डित बनारसीदास चतुर्वेदी (२४ दिसम्बर, १८९२ -- २ मई, १९८५) प्रसिद्ध हिन्दी लेखक एवं पत्रकार थे। वे राज्यसभा के सांसद भी रहे। उनके सम्पादकत्व में हिन्दी में कोलकाता से 'विशाल भारत' नामक हिन्दी मासिक निकला। पं॰ बनारसीदास चतुर्वेदी जैसे सुधी चिंतक ने ही साक्षात्कार की विधा को पुष्पित एवं पल्लवित करने के लिए सर्वप्रथम सार्थक कदम बढ़ाया था। उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। वे अपने समय का अग्रगण्य संपादक थे तथा अपनी विशिष्ट और स्वतंत्र वृत्ति के लिए जाने जाते हैं। उनके जैसा शहीदों की स्मृति का पुरस्कर्ता (सामने लाने वाला) और छायावाद का विरोधी समूचे हिंदी साहित्य में कोई और नहीं हुआ। उनकी स्मृति में बनारसीदास चतुर्वेदी सम्मान दिया जाता है। कहते हैं कि वे किसी भी नई सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक या राष्ट्रीय मुहिम से जुड़ने, नए काम में हाथ डालने या नई रचना में प्रवृत्त होने से पहले स्वयं से एक ही प्रश्न पूछते थे कि उससे देश, समाज, उसकी भाषाओं और साहित्यों, विशेषकर हिंदी का कुछ भला होगा या मानव जीवन के किसी भी क्षेत्र में उच्चतर मूल्यों की प्रतिष्ठा होगी या नहीं? .

नई!!: विधा और बनारसीदास चतुर्वेदी · और देखें »

बोर्ड गेम

फ्रेंच मिट्टी के बरतन ट्रे और बोर्डगेम, 1720-1750 बोर्ड गेम/पट्टे का खेल एक ऐसा खेल है जिसमें पूर्व चिन्हित सतह या "बोर्ड " पर कुछ नियमों के अनुसार काउंटरों या रुपयों को रखा, हटाया या चलाया जाता है। खेल पूरी रणनीति, मौके या दोनों के मिश्रण से और आमतौर पर एक लक्ष्य पर आधारित होता है, जिसे एक खिलाड़ी हासिल करना चाहता है। पूर्ववर्ती बोर्ड गेम दो सेनाओं में युद्ध का प्रतिनिधित्व करते थे और मौजूदा बोर्ड गेम भी प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों के काउंटरों से, जीत हासिल करने या अंकों (जैसा कि अक्सर रुपयों के खेल में व्यक्त किया जाता है) के संग्रहण करने पर आधारित होते हैं। बोर्ड गेम्स विभिन्न प्रकार और शैलियों के होते हैं। जीवन की वास्तविक घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले इन खेलों में कोई अंतर्निहित विषय नहीं भी हो सकता है, जैसे कि चेकर्स या विशिष्ट विषय और विवरणात्मक विषय वाला भी हो सकता है, जैसे कि क्लुएडो.

नई!!: विधा और बोर्ड गेम · और देखें »

बी बोइंग

बी-बॉइंग जिसे “ब्रेकडांस ” के नाम से जाना जाता है, सड़क नृत्य की एक लोकप्रिय शैली है, जिसकी रचना और विकास अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों के मध्य हिप-हॉप संस्कृति (सड़क संस्कृति) के एक भाग के रूप में हुआ और बाद में यह न्यूयार्क शहर के लैटिन युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया। इस नृत्य के चार प्रमुख तत्व है - टॉपरॉक, डाउनरॉक, पावर मूव और फ्रीज़/सुसाइड.

नई!!: विधा और बी बोइंग · और देखें »

भौतिकी की शब्दावली

* ढाँचा (Framework).

नई!!: विधा और भौतिकी की शब्दावली · और देखें »

रिपोर्ताज

रिपोर्ताज गद्य-लेखन की एक विधा है। रिपोर्ताज फ्रांसीसी भाषा का शब्द है। रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा का शब्द है। रिपोर्ट किसी घटना के यथातथ्य वर्णन को कहते हैं। रिपोर्ट सामान्य रूप से समाचारपत्र के लिये लिखी जाती है और उसमें साहित्यिकता नहीं होती है। रिपोर्ट के कलात्मक तथा साहित्यिक रूप को रिपोर्ताज कहते हैं। वास्तव में रेखाचित्र की शैली में प्रभावोत्पादक ढंग से लिखे जाने में ही रिपोर्ताज की सार्थकता है। आँखों देखी और कानों सुनी घटनाओं पर भी रिपोर्ताज लिखा जा सकता है। कल्पना के आधार पर रिपोर्ताज नहीं लिखा जा सकता है। घटना प्रधान होने के साथ ही रिपोर्ताज को कथातत्त्व से भी युक्त होना चाहिये। रिपोर्ताज लेखक को पत्रकार तथा कलाकार दोनों की भूमिका निभानी पडती है। रिपोर्ताज लेखक के लिये यह भी आवश्यक है कि वह जनसाधारण के जीवन की सच्ची और सही जानकारी रखे। तभी रिपोर्ताज लेखक प्रभावोत्पादक ढंग से जनजीवन का इतिहास लिख सकता है। .

नई!!: विधा और रिपोर्ताज · और देखें »

रूपक

रूपक या फीचर (feature story) लोगों को रुचिकर लगने वाला ऐसा कथात्मक लेख है जो हाल के ही समाचारों से जुड़ा नहीं होता बल्कि विशेष लोग, स्थान, या घटना पर केन्द्रित होता है। विस्तार की दृष्टि से रूपक में बहुत गहराई होती है। .

नई!!: विधा और रूपक · और देखें »

रॉक एंड रोल (नृत्य)

द्वितीय कलाबाज़ी, सबमें से एक प्रभावी ऐक्रोबैटिक चालें (डैनियला बेक्टोल्ड और बर्नड डीएल, ओबरहाउज़ेन, जर्मनी में विश्व खेल 2005) कलाबाजियों से भरा रॉक एंड रोल नृत्य का बहुत ही एथलेटिक, प्रतिस्पर्धात्मक रूप है जिसका जन्म लिंडी होप से हुआ है। हालांकि लिंडी हॉप के विपरीत, यह प्रदर्शन के लिए डिजाइन किया गया नृत्य निर्देशन युक्त नृत्य है। यह नृत्य जोड़ों तथा समूहों द्वारा किया जाता है, जिसमे या तो सभी महिलाएं होती हैं या 4-8 जोड़े एक साथ मिल कर नृत्य करते हैं। यह सामान्य रूप से एक बहुत तेज और शारीरिक दृष्टि से दक्षतापूर्ण नृत्य है। .

नई!!: विधा और रॉक एंड रोल (नृत्य) · और देखें »

लेख

लेख साहित्य की एक मूलभूत विधा है। जिसमें हम किसी भी विषय को विस्तार से लिखते हैं। इसका आदि अंत और मध्य होता है। अनेक अनुच्छेदों में विषय को विभाजित किया जाता है और विषय से संबंधित जानकारी को रोचक तरीके से समझाने का प्रयत्न किया जाता है। लेख केवल रचनात्मक साहित्य भी हो सकता है और सूचनात्मक साहित्य भी। विज्ञान, तकनीक और कला के विषयों पर भी लेख लिखे जा सकते हैं। ये सूचनात्मक होते हैं अर्थात इनमें विषयों से संबंधित जानकारी होती है। रचनात्मक साहित्य के अंतर्गत अनेक प्रकार के निबंध आते हैं जिनमें मौलिकता, रोचकता, जानकारी और रचनात्मक सौष्ठव का मिलाजुला प्रभाव होता है। ऐसे लेख साहित्य की श्रेणी में आते हैं। कभी कभी लेख शब्द का प्रयोग किसी दूसरे शब्द के साथ किया जाता है तब इसका अर्थ बदल भी सकता है जैसे शीर्ष लेख या पाद लेख। इन शब्दों का प्रयोग किसी पन्ने पर ऊपर या नीचे टिप्पणी, पृष्ठ संख्या या अन्य जानकारी लिखने के लिए होता है। सुलेख शब्द का प्रयोग हाथ से लिखे गए सुंदर अक्षरों के लिए होता है। इसी प्रकार आलेख शब्द का प्रयोग पत्र या छोटे लेख के लिए होता है और श्रुतिलेख का प्रयोग सुनकर लिखे गए लेख या इमला के लिए किया जाता है। .

नई!!: विधा और लेख · और देखें »

समस्या-पूर्ति

समस्या-पूर्ति भारतीय साहित्य में प्रचलित विशेष विधा है जिसमें किसी छन्द में कोई कविता का अंश दिया होता है और उस छन्द को पूरा करना होता है। यह कला प्राचीन काल से चली आ रही है। यह कला चौंसठ कलाओं के अन्तर्गत आती है। समस्यापूर्ति विशेषत: संस्कृत साहित्य में बहुत प्रसिद्ध है। ऐसे भी उदाहरण हैं जिसमें कुछ विद्वानों ने कालिदास द्वारा रचित मेघदूतम की प्रत्येक कविता की प्रथम पंक्ति ज्यों का त्यों 'समस्या' के रूप में लेकर स्वयं उसकी पूर्ति की है। .

नई!!: विधा और समस्या-पूर्ति · और देखें »

साक्षात्कार

दूरदर्शन के लिये साक्षात्कार का एक दृष्य दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच बातचीत एवं विचारों का आदान-प्रदान साक्षात्कार (Interview) कहलाता है। इसमें एक या कई व्यक्ति किसी एक व्यक्ति से प्रश्न पूछते हैं और वह व्यक्ति इन प्रश्नों के जवाब देता है या इन पर अपनी राय व्यक्त करता है। साक्षात्कार, साहित्य की एक विधा भी है। .

नई!!: विधा और साक्षात्कार · और देखें »

स्वैरकल्पना

स्वैरकल्पना (जिसे विलक्षण या फ़न्तासी भी कहते हैं) कपोलकल्पित ब्रम्हांड में आधारित कपोलकल्पना की एक विधा है, जिसमें अक्सर कोई भी स्थान, घटनाएँ, या लोग वास्तविक दुनिया से सन्दर्भ नहीं रखते हैं। इसकी जड़ें मौखिक परंपराओं में हैं, जो बाद में साहित्य और नाटक बन गईं। बीसवीं शताब्दी से यह फ़िल्म, टेलीविजन, ग्राफिक उपन्यास और वीडियो गेम सहित विभिन्न मीडिया में विस्तारित हुई है। यह एक फ़िल्मी विधा है जिसमें सामान्यतः जादू और पराप्राकृतिक परिघटनाओं को कथानक के प्राथमिक अवयव के रूप में दिखाया जाता है। स्वैरकल्पना अटकल कपोलकल्पना की एक उपविधा है। इसमें वैज्ञानिक और भयंकर थीमों के अभाव से, यह क्रमतः विज्ञान कपोलकल्पना और वीभत्स से अलग है, भले ही ये विधाएँ एक दूसरे का अतिच्छादन करती हैं। लोकप्रिय संस्कृति में, स्वैरकल्पना मुख्यतः मध्ययुगीन रूप की होती है। इसके व्यापक अर्थों में, हालांकि, स्वैरकल्पना में प्राचीन मिथकों और किंवदंतियों से कई लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं, और संगीतकारों द्वारा कार्यों से लेकर कई हालिया और लोकप्रिय कार्य शामिल हैं। .

नई!!: विधा और स्वैरकल्पना · और देखें »

हाइबुन

हाइबुन जापानी साहित्य में एक गद्य की विधा हैं। इसमें पद्य और गद्य दोनों ही विधाओ का समावेश होता हैं। हाइबुन एक संक्षिप्त गद्य और हाइकु का सम्मिश्रण है जो कि एक यात्रा विवरण के रूप में लिखा जाता हैं। मात्सुओ बाशो, जो एक संत और हाइकु कवि थे, इस लेखन शैली के आरम्भ कर्ता हैं। उन्होंने अपनी यात्राओं में कई हाइबुन लिखे। समकालीन हाइबुन का प्रयोग व उनकी रचना अभी विकसित हो रही है। सामान्य तौर पर एक हाइबुन में एक या दो पैराग्राफ (छोटे खंड) होते हैं और एक या दो अन्तःस्थापित हाइकु। गद्य का भाग आमतौर पर पहले लिखा जाता है और संक्षिप्त होता है। उसमें किसी दृश्य या किसी विशेष पल का वर्णन बड़ी वर्णनात्मकता से किया जाता है। उसके साथ जुड़े हाइकु का गद्य से सीधा सम्बंध होता है अर्थात वह गद्य के भावार्थ को पूरी तरह से घेर लेता है और उस उस अनुभव का एक आलेख प्रस्तुत करता है। गद्य व हाइकु के विपरीत भावों को इकट्ठे पढ़कर पाठक को अधिक प्रभावशाली या गहराई का अनुभव होता है जो केवल गद्य या केवल हाइकु पढ़ने से नहीं मिल पाता। यह आवश्यक है कि कुछ भी सीधी तरह नहीं कहा जाना चाहिये बल्कि उस पल का एक चित्र अंकित कर पढ़ने वाले के सामने इस तरह रखा जाये कि वह अपनी कल्पना से लेखक के अनुभव को समझ सके। वर्तमान काल, गद्य की संक्षिप्तता और कम शब्दों में वाक्य विन्यास का प्रयोग करना आधुनिक हाइबुन की रचना में अधिमान्य है। हाइबुन का लेखक सामान्यता का परिहार करते हुए दृश्य को असंपृक्तता से चित्रित करता है। गद्य एक दैनिकी का भाग हो सकता है। परन्तु बहुत सावधानी व देख-रेख से इसे कई बार पढ़कर देखना चाहिए। एक उत्तम हाइबुन में गद्य का भाग हाइकु के बारे में कुछ नहीं बतलाएगा बल्कि हाइकु उस अनुभव के पारिभाषिक पल को बढ़ावा देगा। हाइकु गद्य के साथ तिरछा सम्बंध रखते हुए गद्य में प्रयोग किये संज्ञा, क्रिया, विशेषण और कर्म का परिहार करता है। डॉ॰ अंजली देवधर का एक हाइबुन, .

नई!!: विधा और हाइबुन · और देखें »

वाका

वाका जापानी काव्य की एक विधा हैं, जिसकी शुरुवात दसवी शताब्दी में हुआ था। ताँका की उत्पत्ति वाका से ही माना जाता हैं।Sato, Hiroaki and Watson, Burton.

नई!!: विधा और वाका · और देखें »

विज्ञान कथा साहित्य

विज्ञान कथा, काल्पनिक साहित्य की ही वह विधा है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संभावित परिवर्तनों को लेकर उपजी मानवीय प्रतिक्रिया को कथात्मक अभिव्यक्ति देती है। मेरी शेली की 'द फ्रन्केनस्टआईन' पहली विज्ञान कथात्मक कृति मानी जाती है। अमेरिका और ब्रिटेन में विगत सदी में बेह्तरीन विज्ञान कथाएं लिखी गयी है- आइजक आजीमोव, आर्थर सी क्लार्क, रोबर्ट हेनलीन प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक रहे हैं। अब तीनों दिवंगत हैं। .

नई!!: विधा और विज्ञान कथा साहित्य · और देखें »

वैकल्पिक इतिहास

वैकल्पिक इतिहास या विकल्प इतिहास कहानियों से युक्त कपोलकल्पना की एक विधा है जिसमें एक या एक से अधिक ऐतिहासिक घटनाएँ भिन्न रूप से घटती हैं। .

नई!!: विधा और वैकल्पिक इतिहास · और देखें »

वॅस्टर्न (शैली)

१९५६ में निर्मित वॅस्टर्न फ़िल्म 'द सरचर्स' में मशहूर अभिनेता जॉन वेन वॅस्टर्न (अंग्रेज़ी: Western), जिसका हिन्दी में अर्थ 'पश्चिमी' है, कला की एक शैली या विधा है, जो अक्सर रेडियो, टेलीविज़न, सिनेमा, साहित्य सहित अनेक रूपों में अपनायी जाती है। वॅस्टर्न शैली की कहानियां अक्सर उन्नीसवीं सदी के अंतिम वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चिमी भाग के माहौल पर आधारित होती हैं। .

नई!!: विधा और वॅस्टर्न (शैली) · और देखें »

वोल्टेयर

वोल्टेयर वोल्टेयर (21 नवम्बर 1694 30 मई 1778) फ्रांस का बौद्धिक जागरण (Enlightenment) के युग का महान लेखक, नाटककार एवं दार्शनिक था। उसका वास्तविक नाम "फ़्रांस्वा-मैरी आहुए" (François-Marie Arouet) था। वह अपनी प्रत्युत्पन्नमति (wit), दार्शनिक भावना तथा नागरिक स्वतंत्रता (धर्म की स्वतंत्रता एवं मुक्त व्यापार) के समर्थन के लिये भी विख्यात है वोल्टेयर ने साहित्य की लगभग हर विधा में लेखन किया। उसने नाटक, कविता, उपन्यास, निबन्ध, ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक लेखन और बीस हजार से अधिक पत्र और पत्रक (pamphlet) लिखे। यद्यपि उसके समय में फ्रांस में अभिव्यक्ति पर तरह-तरह की बंदिशे थीं फिर भी वह सामाजिक सुधारों के पक्ष में खुलकर बोलता था। अपनी रचनाओं के माध्यम से वह रोमन कैथोलिक चर्च के कठमुल्लापन एवं अन्य फ्रांसीसी संस्थाओं की खुलकर खिल्ली उड़ाता था। बौद्धिक जागरण युग के अन्य हस्तियों (मांटेस्क्यू, जॉन लॉक, थॉमस हॉब्स, रूसो आदि) के साथ-साथ वोल्टेयर के कृतियों एवं विचारों का अमेरिकी क्रान्ति तथा फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रमुख विचारकों पर गहरा असर पड़ा था। .

नई!!: विधा और वोल्टेयर · और देखें »

गुप्तचर कथा

ऐसी साहित्यिक रचनाएँ जिनमें पहने रहस्य का निर्माण किया जाता है और फिर कथा का अंत रहस्य को सुलझाने से होता है गुप्तचरकथा (डिटेक्टिव) साहित्य कही जाती हैं। इनमें कथा का नायक एक गुप्तचर होता है। .

नई!!: विधा और गुप्तचर कथा · और देखें »

कहानीकार

कहानीकार वह है जो साहित्य की एक विधा कहानी या कथा की रचने का व्यावसायिक काम करता है। कहानीकार).

नई!!: विधा और कहानीकार · और देखें »

काव्य नाटक

काव्य-नाट्य, नाटक और काव्य की एक मिली-जुली विधा है। इसमें काव्य और नाटक दोनों के तत्वों का समन्वय रहता है। हिंदी में इस विधा को गीति-काव्य, काव्य-नाटक, दृश्य-काव्य आदि कई नामों से पुकारा जाता है। आज काव्य भी छन्द मुक्त होकर नाटक के समीप आ गया है। डॉ॰ दशरथ ओझा इसे ‘गीति-नाट्य’ ‘गीति-रूपक’, ‘काव्य-रूपक, संगीत रूपक’, ‘गीति-नाटक के पर्याय के रूप में प्रयुक्त करते हैं। सर्वाधिक उपयुक्त नाटक काव्य नाटक है। डी.

नई!!: विधा और काव्य नाटक · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »