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वर्ष

सूची वर्ष

एक वर्ष या साल सूर्य की चारों ओर अपनी कक्षा में चलती पृथ्वी की कक्षीय अवधि है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण, एक वर्ष का कोर्स ऋतुओं के गुजरने को देखता है, और वह चिन्हित होता हैं मौसम में, दिवालोक के घंटों में, और परिणामस्वरूप, वनस्पति और मिट्टी उर्वरता में बदलावों द्वारा। ग्रह के शीतोष्ण और उपध्रुवीय क्षेत्रों में, चार ऋतु आमतौर पर पहचाने जाते हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद और शीत ऋतु। उष्णकटिबन्धीय और उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में, कई भौगोलिक क्षेत्र परिभाषित मौसम प्रस्तुत नहीं करते हैं; लेकिन मौसमी उष्णकटिबन्ध में, वार्षिक आर्द्र (गीले) और शुष्क (सूखे) ऋतु पहचाने जाते हैं और ट्रैक किए जाते हैं। चालू वर्ष है। एक कालदर्शक वर्ष किसी प्रदत्त कालदर्शक में गिने हुएँ पृथ्वी की कक्षीय अवधि के दिनों की संख्या का अनुमान है। ग्रेगोरियन, या आधुनिक, कालदर्शक, अपने कालदर्शक के रूप में 365 दिनों के एक आम वर्ष या 366 दिनों के अधिवर्ष को प्रस्तुत करता है, जो जूलियन कालदर्शक भी करते हैं; नीचे देखो। .

78 संबंधों: एस आर हरनोट, एस॰आर॰ हरनोट, झाझा, तमिल मापन इकाइयाँ, तृसरेणु, थेमीस्टो (उपग्रह), दण्ड (समय की प्राचीन ईकाई), दिल्ली, दु:स्वप्न भी आते हैं, देवेन्द्र, धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में, धीरेन्द्र अस्थाना, निमेष, नगाँव, नीली व्हेल, पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व, पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान, पालामऊ व्याघ्र आरक्षित वन, पुरातत्व पर्यटन, प्रमोद कुमार तिवारी, प्रहर, प्राचीन मेसोपोटामियाई भार एवं मापन, पृथ्वी, बृहस्पति (ग्रह), बेज रंग, मध्य प्रदेश के पेड़-पौधे, मनोज रूपड़ा, महुआ माझी, मास, मंडला ज़िला, मुण्डा, मैथ्यू मेनार्ड, राम प्रसाद नौटियाल, लावा (हिन्दू काल गणना), शुष्क ऋतु, शुक्र, श्रीलाल शुक्ल, साल (बहुविकल्पी), सकल घरेलू उत्पाद, सुग्रीव, हरगोविन्द खुराना, हिन्दू मापन प्रणाली, हिन्दू काल गणना, ज्ञान चतुर्वेदी, ज्येष्ठ (मास), ई-कॉमर्स का विकास, ईस्टर, वरुण धवन की फिल्में, वर्ष, विषुव, ..., वैशाख, वेध, ग्रेगोरी कैलेंडर, आर्थिक तालिका, आषाढ़, आस्थगित कर और राजस्व, इमारती लकड़ी, कालिंजर दुर्ग, काष्ठा, काकड़, अधिवर्ष, अधिक मास, अफ़्रीका, अब्द, अयन, अहोरात्रम, अग्रहायण, उड़ान (चलचित्र), उत्सव, उपग्रह, ऋण, ऋतु, छत्तीसगढ़, छोटा नागपुर पठार, १३७२ ईसा पूर्व, १९१९ ईसा पूर्व, ९१९ ईसा पूर्व, SAT (सैट) सूचकांक विस्तार (28 अधिक) »

एस आर हरनोट

२००३ में अपने कहानी संग्रह दारोश तथा अन्य कहानियाँ के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.

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एस॰आर॰ हरनोट

२००३ में अपने कहानी संग्रह दारोश तथा अन्य कहानियाँ के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.

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झाझा

झाझा भारत के बिहार प्रान्त का एक शहर एवं प्रसिद्ध रेलवे जंकशन है। यह जमुई जिले में स्थित है। इसके दोनों ओर साखू के जंगल दिखाई पड़ते हैं। पहाड़ियों से घिरे होने के कारण यहाँ की जलवायु विषम है और ग्रीष्म ऋतु में भयंकर गर्मी पड़ती है। .

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तमिल मापन इकाइयाँ

प्राचीन तमिल नाडु में सात प्रकार के मापन प्रचलित थे। वह थे: संख्या गणना, तौल भार, तरल आयतन, अनाज आयतन, लम्बाई, समय और समानता। यही इकाइयाँ यहां विस्तृत तौर पर उल्लेखित हैं। .

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तृसरेणु

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है।.

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थेमीस्टो (उपग्रह)

थेमीस्टो (Themisto), (ग्रीक से: Θεμιστώ), बृहस्पति का एक छोटा अनियमित उपग्रह है। 1975 में खोज हुई, खो गया, उसके बाद 2000 में फिर से खोजा गया। यह ज्यूपिटर XVIII के रूप में भी जाना जाता है। .

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दण्ड (समय की प्राचीन ईकाई)

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई मध्यम श्रेणी की है।.

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दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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दु:स्वप्न भी आते हैं

दु:स्वप्न भी आते हैं अष्टभुजा शुक्ल का कविता संग्रह हैं। इस कृति के लिए उन्हें 2009 में केदार सम्मान से सम्मानित किया गया है। रचनाकार.

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देवेन्द्र

१९९८ में अपने कहानी संग्रह शहर कोतवाल की कविता के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.

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धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में

धर्मेन्द्र (पंजाबी: ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्म: ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी देओल और सनी देओल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक भारतीय राज्य राजस्थान के बीकानेर जिले से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत १९६१ में बॉयफ्रैंडनामक फिल्म से की थी। .

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धीरेन्द्र अस्थाना

१९९६ में अपने कहानी संग्रह उस रात की गंध के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.

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निमेष

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है। एक निमेष अर्थात पलक ़अपकने में लगे समय का आधा, यानि पलक के नीचे आने या ऊपर जाने के समय का माप्। कुछ स्थानों पर इसे पलक ़अपकने के समय के बराबर भी बताया गया है।.

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नगाँव

कोलोंग नदी का दृष्य नगाँव भारत के असम प्रान्त के नगांव जिले का एक नगर है। यह गौहाटी से १२० किमी पूरब में कलंग नदी के तट पर स्थित है। यह असम का ५वाँ सबसे बड़ा नगर है। पहले इसका नाम 'नौगाँव' था। नगांव कृषि व्यापार केंद्र है और यहाँ गुवाहाटी विश्वविद्यालय से संबद्ध कई होमोयोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय स्थित हैं। नगांव से पांच किमी दक्षिण-पश्चिम में संचोआ में एक रेल जंक्शन हैं। नगांव के आसपास का क्षेत्र ब्रह्मपुत्र नदी घाटी का एक हिस्सा है और इसमें कई दलदल और झीलें हैं, जिनमें से कई मत्स्यपालन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। इसके इर्द-गिर्द के जंगल सागौन व साल की इमारती लकड़ियां और लाख उपलब्ध कराते हैं कृषि उत्पादों में चावल, जूट, चाय और रेशम शामिल हैं। .

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नीली व्हेल

नीली व्हेल (बलैनोप्टेरा मस्कुलस) एक समुद्री स्तनपायी जीव है। इसकी लंबाई  तक देखी गई है। इसका वजन तक दर्ज किया गया है। यह वर्तमान अस्तित्व में रहने वाले जानवरों में सबसे बड़ा जानवर है इसका शरीर लंबा और पतला होता है। इसके शरीर पर नीला रंग के साथ साथ विभिन्न रंगों का भी प्रभाव दिखाई देता है। यह कम से कम तीन अलग-अलग उप-प्रजाति में पाया जाता है। बी.

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पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व

पचमढ़ी घाटी में पचमढ़ी बायोस्फियर रिजर्व। पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व एक गैर-उपयोग संरक्षण क्षेत्र है यह मध्य भारत के सतपुड़ा रेंज में स्थित है। इस संरक्षण क्षेत्र को 1999 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया था। यूनेस्को ने 2009 में इसे बायोस्फीयर रिजर्व नामित किया था। .

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पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान

पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान भारत ने डब्‍ल्‍यूएचओ वैश्विक पोलियो उन्‍मूलन प्रयास के परिणाम स्‍वरूप 1995 में पल्‍स पोलियो टीकाकरण (पीपीआई) कार्यक्रम आरंभ किया ' इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्‍चों को पोलियो समाप्‍त होने तक हर वर्ष दिसंबर और जनवरी माह में ओरल पोलियो टीके (ओपीवी) की दो खुराकें दी जाती हैं' यह अभियान सफल सिद्ध हुआ है और भारत में पोलियो माइलिटिस की दर में काफी कमी आई है' पीपीआई की शुरुआत ओपीवी के तहत शत प्रतिशत कवरेज प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से की गई थी' इसका लक्ष्‍य उन्‍नत सामाजिक प्रेरण, उन क्षेत्रों में मॉप अप प्रचालनों की योजना बनाकर उन बच्‍चों तक पहुंचना है जहां पोलियो वायरस लगभग गायब हो चुका है और यहां जनता के बीच उच्‍च मनोबल बनाए रखना है' 2009 के दौरान हाल ही में भारत में विश्‍व के पोलियो के मामलों का उच्‍चतम भार (741) था, यहां तीन अन्‍य महामारियों से पीडित देशों की संख्‍या से अधिक मामले थे' यह टीका बच्‍चों तक पहुंचाने के असाधारण उपाय अपनाने से भारत में पश्चिम बंगाल राज्‍य की एक दो वर्षीय बालिका के अलावा कोई अन्‍य मामला नहीं देखा गया जिसे 13 जनवरी 2011 को लकवा हो गया था 'आज भारत ने पोलियो के खिलाफ अपने संघर्ष में एक महत्‍वपूर्ण पड़ाव प्राप्‍त किया है, चूंकि अब पोलियो का अन्‍य कोई केन्‍द्र नहीं है' भारत में 13 जनवरी 2011 के बाद से सीवेज के नमूनों में न तो वन्‍य पोलियो वायरस और न ही अन्‍य पोलियो वायरस का मामला दर्ज किया गया है 'इसकी असाधारण उपलब्धि लाखों टीका लगाने वालों, स्‍वयं सेवकों, सामाजिक प्रेरणादायी व्‍यक्तियों,अभिनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं के साथ सरकार द्वारा लगाई गई ऊर्जा,समर्पण और कठोर प्रयास का परिणाम है ' पोलियो उन्‍मूलन के प्रयास देश में सर्वाधिक मान्‍यता प्राप्‍त ब्रांड हैं, जिसमें फिल्‍म उद्योग के चर्चित सितारे जनता को संदेश देते हैं 'ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन का प्रयास एक वरदान सिद्ध हुआ है ' सरकार को तकनीकी और रसद संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए 1997 में राष्‍ट्रीय पोलियो निगरानी परियोजना आरंभ की गई और अब यह राज्‍य सरकारों के साथ नजदीकी से कार्य करती है और देश में पोलियो उन्‍मूलन का लक्ष्‍य पूरा करने के लिए भागीदारी एजेंसियों की एक बड़ी श्रृंखला इसमें संलग्‍न है ' .

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पालामऊ व्याघ्र आरक्षित वन

पलामू व्याघ्र आरक्षित वन झारखंड के छोटा नागपुर पठार के लातेहर जिले में स्थित है। यह १९७४ में बाघ परियोजना के अंतर्गत गठित प्रथम ९ बाघ आरक्षों में से एक है। पलामू व्याघ्र आरक्ष १,०२६ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें पलामू वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्रफल 980 वर्ग किलोमीटर है। अभयारण्य के कोर क्षेत्र 226 वर्ग किलोमीटर को बेतला राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया है। पलामू आरक्ष के मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं बाघ, हाथी, तेंदुआ, गौर, सांभर और चीतल। पलामू ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। सन १८५७ की क्रांति में पलामू ने अहम भूमिका निभाई थी। चेरो राजाओं द्वारा निर्मित दो किलों के खंडहर पलामू व्याघ्र आरक्ष में विद्यमान हैं। पलामू में कई प्रकार के वन पाए जाते हैं, जैसे शुष्क मिश्रित वन, साल के वन और बांस के झुरमुट, जिनमें सैकड़ों वन्य जीव रहते हैं। पलामू के वन तीन नदियों के जलग्रहण क्षेत्र को सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये नदियां हैं उत्तर कोयल औरंगा और बूढ़ा। २०० से अधिक गांव पलामू व्याघ्र आरक्ष पर आर्थिक दृष्टि से निर्भर हैं। इन गांवों की मुख्य आबादी जनजातीय है। इन गांवों में लगभग १,००,००० लोग रहते हैं। पलामू के खूबसूरत वन, घाटियां और पहाड़ियां तथा वहां के शानदार जीव-जंतु बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। .

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पुरातत्व पर्यटन

पुरातत्व पर्यटन पुरातात्विक पर्यटन सार्वजनिक पुरातत्व में रुचि और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए करते है जो सांस्कृतिक पर्यटन, का एक रूप है। पुऱातत्व पर्यटन पुरातात्विक स्थलों का दौरा करने, संग्रहालयों, व्याख्या केन्द्रों, ऐतिहासिक घटनाओं की रीनेकमेतट, और स्वदेशी उत्पादों, त्योहारों, या थिएटर का पुनराविष्कार सहित सार्वजनिक पुरातात्विक संवर्धन के साथ जुड़े सभी उत्पादों, शामिल कर सकते हैं। पुरातात्विक स्थलों और ऐतिहासिक स्थानों दुनिया भर में प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। पिछले कुछ वर्षों में, ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने तीसरे स्थान पर है - विदेश यात्रा के अमेरिकियों द्वारा किए गए कार्यों के बीच - रेस्तरां और शॉपिंग में भोजन के बाद। पुरातात्विक स्थलों की यात्रा है कि लोगों की संख्या ह्रर साल बढ़ जाता है और यातायात में वृद्धि साइटों को नुकसान में परिणाम कर सकते हैं। चरम मामलों में, साइटों आगे की क्षति को रोकने के लिए जनता के लिए बंद कर दिया गया है। पुरातत्व पर्यटन आक्रामक पर्यटन बनने के प्रकार, पुरातात्विक स्थलों को बढ़ावा देने और एक क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और उन्हें और अधिक नुकसान हो सकता है ईस के बीच एक लाइन ठीक चलता है। पुरातत्वविदों पर्यटन देख रहे हैं और अतीत जानने का विशेष तरीके को प्रोत्साहित करती है कि चिंता व्यक्त की है। जब पुरातात्विक स्थलों एक प्राथमिकता बन सकता है पर्यटन बोर्ड, टिकट की फीस और स्मारिका राजस्व द्वारा चलाए जा रहे हैं, और सवाल एक साइट जनता के लिए खोलने या बंद शेष और नुकसान के रास्ते से बाहर साइट रखने लायक है या नहीं रहता है। अपूरणीय पुरातात्विक करने के लिए नुकसान सामग्री केवल अवशेष अव्यवस्थित हैं, जब बदल दिया, नष्ट कर दिया, या लूट लिया के रूप में, प्रत्यक्ष नहीं है, लेकिन अक्सर इस तरह के होटल, रेस्तरां, सड़कों, और दुकानों के रूप में पर्यटन सुविधाओं की खराब नियोजित विकास का अप्रत्यक्ष परिणाम। ये काफी प्राचीन संरचनाओं बाढ़, भूस्खलन का उत्पादन, या कमजोर तरीकों में है कि पर्यावरण में परिवर्तन कर् सकते हैं। पुरातत्व पर्यटन लोगों के हित के ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थानों के लिए यात्रा जिससे प्रक्रिया को दर्शाता है। यह पुरातात्विक पर्यटन क्यों कहा जाता है कारण यह है कि अक्सर ऐसे मिस्र में पिरामिड के रूप में स्थानों और प्राचीन काल में वापस डेटिंग कलाकृतियों की खोज की गई है, जहां पुरातात्विक स्थलों का दौरा व्यवस्था करने के उद्देश्य से है कि इस तथ्य के लिए है। पुरातत्व पर्यटन पर्यटकों के प्राचीन स्थलों के बारे में अपनी जिज्ञासा को संतुष्ट करने के लिए या यह छात्रों और विद्वानों हो सकता है, जो पर्यटकों को शिक्षित करने के उद्देश्य के लिए हो सकता है के लिए एक साधन हो सकता है। सबसे अधिक बार, यह पुरावशेषों उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में लोगों को शिक्षित करने का एक साधन के रूप में पुरातात्विक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थित हैं, जहां इस क्षेत्र की सरकार है, या बस एक साधन के रूप में आने वाले पर्यटकों से कुछ पैसे बनाने के लिए। पर्यटन कुछ अर्थव्यवस्थाओं अपने अस्तित्व के लिए उस पर मुख्य रूप से निर्भर कर रहे हैं कि इस तरह के एक बड़ा व्यापार है। इस कारण से, कुछ सरकारें अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने सकता है और अधिक धन अर्जित करने के लिए एक साधन के रूप में पुरातात्विक पर्यटन प्रोत्साहित करते हैं। पर्यटकों को विमान किराया, परिवहन, भोजन, आवास, सेवाओं और कलाकृतियों की खरीद पर पैसे खर्च करते हैं। सरकार भी इस तरह के पर्यटकों द्वारा व्यय पर लगाए गए करों से लाभ। एक पुरातात्विक पर्यटन गंतव्य कलाकृतियों वास्तविक उत्खनन स्थलों खुद के लिए रखे जाते हैं जहां संग्रहालयों से लेकर ब्याज की कुछ भी हो सकता है। कभी कभी पुरातात्विक पर्यटन अब कोई मौजूद हो सकता है कि कुछ सांस्कृतिक प्रासंगिक लोगों की तरह देखने के लिए इस तरह के ऐतिहासिक स्थलों का मनोरंजन या अधिक आधुनिक साइटों के अनुकरण के रूप में अन्य संबंधित सुविधाओं, शामिल है। उदाहरण के लिए, सिमुलेशन लग रही होगी प्राचीन काल से एक शहर की तरह लग रहा है कि एक भूत शहर की तरह कुछ शामिल हो सकते हैं। पुरातात्विक पर्यटन की खामियों में से एक बड़ी संख्या में इन स्थानों पर उतरना जो पर्यटकों की भीड़ के द्वारा सही मायने में ऐतिहासिक स्थलों के समक्ष रखी जा सकती है कि खतरा है। इससे भी सख्त प्रतिबंध है, हमेशा संभवतः ऐतिहासिक स्थलों की परीसटीनेस प्रभावित करने वाले ऐसे स्थानों को नुकसान के कुछ फार्म का खतरा नहीं है। पर्यटकों को दीवारों पर प्राचीन चित्रों के साथ गुफाओं का दौरा करते हैं, उदाहरण के लिए, मनुष्य की लगातार यातायात जगह की ठीक तरह से संरक्षित स्थिति का क्षरण करने के लिए नेतृत्व कर सकते हैं। यह पुरातात्विक पर्यटन यह पर्यटन व्यापार से पाने है राजस्व की ऐतिहासिक मूल्य में कमी के लिए एक अच्छा समझौता है, तो यह तय करना होगा कि जगह ले जा रहा है, जहां इस क्षेत्र की सरकार है पर्यटकों के आकर्षण के रूप में पुरातात्विक स्थलों में से वह लोकप्रियता वे राजस्व के मूल्यवान स्रोत हैं कि इसका मतलब है, लेकिन दुर्भाग्य से इस बार पर्यटकों द्वारा इसके बारे में दोनों साइट के संरक्षण और जारी रखा भोग सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रबंधन में पुनर्निवेश के अनुरूप नहीं है। पुरातात्विक स्थलों नाजुक संसाधनों और अपर्याप्त साइट प्रबंधन गिरावट या साइट और इससे संबंधित सामाजिक, ऐतिहासिक, शैक्षिक और आर्थिक क्षमता का भी विनाश में परिणाम होगा रहे हैं। लिन्क https://www.archaeological.org/tourism_guidelines http://www.holidayrentals.co.in/blog/archaeological-tourism-in-india/ रेफरेन्स https://en.wikipedia.org/wiki/Archaeological_tourism.

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प्रमोद कुमार तिवारी

२००५ में अपने उपन्यास डर हमारी जेबों में के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.

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प्रहर

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई मध्यम श्रेणी की है।.

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प्राचीन मेसोपोटामियाई भार एवं मापन

मूलतः प्राचीन मेसोपोटामियाई भार एवं मापन कई परिवार शासित नागर-राज्यों, कबीलों अओर व्यवसायी समूहों से निकला था। परिणामतः प्रत्येक नगर, राज्य और व्यापार संगठन के अपने स्वयं के मानक थे, जब तक कि एक घॊषणा उन्हें समान करने हेतु नहीं की गयी। इसके उपरांत सुमेरियाई राज्य ने बहु मानकीय प्लेथोरा को कुछ मानकों तक सहमति दी। सभी लिखित मान, एक परिशुद्ध इकाई मानक के खण्डों में में हैं। मेसोपोटामियाई सभ्यता सुमेरियाई सभ्यता .

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पृथ्वी

पृथ्वी, (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है, सूर्य से तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्माण्ड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है। रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी की आयु लगभग 4.54 बिलियन साल हैं। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण, अंतरिक्ष में अन्य पिण्ड के साथ परस्पर प्रभावित रहती है, विशेष रूप से सूर्य और चंद्रमा से, जोकि पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह हैं। सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान, पृथ्वी अपनी कक्षा में 365 बार घूमती है; इस प्रकार, पृथ्वी का एक वर्ष लगभग 365.26 दिन लंबा होता है। पृथ्वी के परिक्रमण के दौरान इसके धुरी में झुकाव होता है, जिसके कारण ही ग्रह की सतह पर मौसमी विविधताये (ऋतुएँ) पाई जाती हैं। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार-भाटे आते है, यह पृथ्वी को इसकी अपनी अक्ष पर स्थिर करता है, तथा इसकी परिक्रमण को धीमा कर देता है। पृथ्वी न केवल मानव (human) का अपितु अन्य लाखों प्रजातियों (species) का भी घर है और साथ ही ब्रह्मांड में एकमात्र वह स्थान है जहाँ जीवन (life) का अस्तित्व पाया जाता है। इसकी सतह पर जीवन का प्रस्फुटन लगभग एक अरब वर्ष पहले प्रकट हुआ। पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति के लिये आदर्श दशाएँ (जैसे सूर्य से सटीक दूरी इत्यादि) न केवल पहले से उपलब्ध थी बल्कि जीवन की उत्पत्ति के बाद से विकास क्रम में जीवधारियों ने इस ग्रह के वायुमंडल (the atmosphere) और अन्य अजैवकीय (abiotic) परिस्थितियों को भी बदला है और इसके पर्यावरण को वर्तमान रूप दिया है। पृथ्वी के वायुमंडल में आक्सीजन की वर्तमान प्रचुरता वस्तुतः जीवन की उत्पत्ति का कारण नहीं बल्कि परिणाम भी है। जीवधारी और वायुमंडल दोनों अन्योन्याश्रय के संबंध द्वारा विकसित हुए हैं। पृथ्वी पर श्वशनजीवी जीवों (aerobic organisms) के प्रसारण के साथ ओजोन परत (ozone layer) का निर्माण हुआ जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र (Earth's magnetic field) के साथ हानिकारक विकिरण को रोकने वाली दूसरी परत बनती है और इस प्रकार पृथ्वी पर जीवन की अनुमति देता है। पृथ्वी का भूपटल (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास (geological history) के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से धरातल का करीब ७१% नमकीन जल (salt-water) के सागर से आच्छादित है, शेष में महाद्वीप और द्वीप; तथा मीठे पानी की झीलें इत्यादि अवस्थित हैं। पानी सभी ज्ञात जीवन के लिए आवश्यक है जिसका अन्य किसी ब्रह्मांडीय पिण्ड के सतह पर अस्तित्व ज्ञात नही है। पृथ्वी की आतंरिक रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर (inner core) के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी बाह्य अंतरिक्ष (outer space), में सूर्य और चंद्रमा समेत अन्य वस्तुओं के साथ क्रिया करता है वर्तमान में, पृथ्वी मोटे तौर पर अपनी धुरी का करीब ३६६.२६ बार चक्कर काटती है यह समय की लंबाई एक नाक्षत्र वर्ष (sidereal year) है जो ३६५.२६ सौर दिवस (solar day) के बराबर है पृथ्वी की घूर्णन की धुरी इसके कक्षीय समतल (orbital plane) से लम्बवत (perpendicular) २३.४ की दूरी पर झुका (tilted) है जो एक उष्णकटिबंधीय वर्ष (tropical year) (३६५.२४ सौर दिनों में) की अवधी में ग्रह की सतह पर मौसमी विविधता पैदा करता है। पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (natural satellite) है, जिसने इसकी परिक्रमा ४.५३ बिलियन साल पहले शुरू की। यह अपनी आकर्षण शक्ति द्वारा समुद्री ज्वार पैदा करता है, धुरिय झुकाव को स्थिर रखता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है। ग्रह के प्रारंभिक इतिहास के दौरान एक धूमकेतु की बमबारी ने महासागरों के गठन में भूमिका निभाया। बाद में छुद्रग्रह (asteroid) के प्रभाव ने सतह के पर्यावरण पर महत्वपूर्ण बदलाव किया। .

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बृहस्पति (ग्रह)

बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। यह एक गैस दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है। बृहस्पति को शनि, अरुण और वरुण के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन चारों ग्रहों को बाहरी ग्रहों के रूप में जाना जाता है। यह ग्रह प्राचीन काल से ही खगोलविदों द्वारा जाना जाता रहा है तथा यह अनेकों संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं और धार्मिक विश्वासों के साथ जुड़ा हुआ था। रोमन सभ्यता ने अपने देवता जुपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था। इसे जब पृथ्वी से देखा गया, बृहस्पति -2.94 के सापेक्ष कांतिमान तक पहुंच सकता है, छाया डालने लायक पर्याप्त उज्जवल, जो इसे चन्द्रमा और शुक्र के बाद आसमान की औसत तृतीय सर्वाधिक चमकीली वस्तु बनाता है। (मंगल ग्रह अपनी कक्षा के कुछ बिंदुओं पर बृहस्पति की चमक से मेल खाता है)। बृहस्पति एक चौथाई हीलियम द्रव्यमान के साथ मुख्य रूप से हाइड्रोजन से बना हुआ है और इसका भारी तत्वों से युक्त एक चट्टानी कोर हो सकता है।अपने तेज घूर्णन के कारण बृहस्पति का आकार एक चपटा उपगोल (भूमध्य रेखा के पास चारों ओर एक मामूली लेकिन ध्यान देने योग्य उभार लिए हुए) है। इसके बाहरी वातावरण में विभिन्न अक्षांशों पर कई पृथक दृश्य पट्टियां नजर आती है जो अपनी सीमाओं के साथ भिन्न भिन्न वातावरण के परिणामस्वरूप बनती है। बृहस्पति के विश्मयकारी 'महान लाल धब्बा' (Great Red Spot), जो कि एक विशाल तूफ़ान है, के अस्तित्व को १७ वीं सदी के बाद तब से ही जान लिया गया था जब इसे पहली बार दूरबीन से देखा गया था। यह ग्रह एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और एक धुंधले ग्रहीय वलय प्रणाली से घिरा हुआ है। बृहस्पति के कम से कम ६४ चन्द्रमा है। इनमें वो चार सबसे बड़े चन्द्रमा भी शामिल है जिसे गेलीलियन चन्द्रमा कहा जाता है जिसे सन् १६१० में पहली बार गैलीलियो गैलिली द्वारा खोजा गया था। गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है। यहाँ चन्द्रमा का तात्पर्य उपग्रह से है। बृहस्पति का अनेक अवसरों पर रोबोटिक अंतरिक्ष यान द्वारा, विशेष रूप से पहले पायोनियर और वॉयजर मिशन के दौरान और बाद में गैलिलियो यान के द्वारा, अन्वेषण किया जाता रहा है। फरवरी २००७ में न्यू होराएज़न्ज़ प्लूटो सहित बृहस्पति की यात्रा करने वाला अंतिम अंतरिक्ष यान था। इस यान की गति बृहस्पति के गुरुत्वाकर्षण का इस्तेमाल कर बढाई गई थी। इस बाहरी ग्रहीय प्रणाली के भविष्य के अन्वेषण के लिए संभवतः अगला लक्ष्य यूरोपा चंद्रमा पर बर्फ से ढके हुए तरल सागर शामिल हैं। .

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बेज रंग

बेज रंग एक बहुत ही मद्धिम पीला ish - क्रीम रंग है। शब्द बेज रंग कपड़े, एक सूती कपड़े छोड़ दिया अपने प्राकृतिक रंग में से बनती है। यह बाद से प्रकाश रंग s अपने तटस्थ या अच्छा दिखने के लिए चुना की एक श्रृंखला के लिए इस्तेमाल किया जा करने के लिए आ गया है। 1920 के दशक के बाद से, इस बिंदु जहाँ इसे अब भी उपयोग पीला भूरे रंग, जो नीचे दिखाया गया है की अधिक उल्लेखनीय में से कुछ की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए होता है के लिए शब्द बेज रंग का अर्थ का विस्तार किया।  .

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मध्य प्रदेश के पेड़-पौधे

मध्य प्रदेश के अमरकंटक में मिश्रित वन का दृष्य मध्य प्रदेश में वनस्पतियों की विविधता है। .

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मनोज रूपड़ा

१९९९ में अपने कहानी संग्रह दफ़न और अन्य कहानियाँ के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखक.

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महुआ माझी

२००७ में अपने उपन्यास मैं बोरिशाइल्ला के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित हिन्दी लेखिका.

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मास

अंग्रेज़ी कैलेण्डर के अनुसार एक साल में बारह महीने होते हैं | हिन्दी में इन्हें निम्न नामों से जाना जाता है |.

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मंडला ज़िला

मण्डला जिला मंडला जिला, भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सतपुड़ा पहाड़ियों में स्थित एक जिला है। नर्मदा नदी उत्तर-पश्चिम बहती हुई इस जिले को रीवा से अलग करती है। नर्मदा की सहायक बंजार नदी की घाटी में जिले का सबसे अधिक उपजाऊ भाग पड़ता है, जिसे 'हवेली' कहते हैं। हवेली के दक्षिण बंजार की घाटी जंगलों से ढकी हुई हैं। सर्वप्रमुख इमारती पेड़ साल हैं। बाँस, टीक और हरड़ अन्य उल्लेखनीय वृक्ष हैं। नदियों की घाटियों में धान, गेहूँ और तिलहन की उपज होती है। जंगल में चीता के आखेट के लिये यह एक प्रसिद्ध जिला हैं। लाख उत्पादन, लकड़ी चीरना, पान उगाना, पशुपालन, चटाई और रस्सियों का निर्माण यहाँ के लोगों के उद्यम हैं। यहाँ के 60 प्रतिशत निवासी गौंड़ जनजाति के हें। यहाँ मैगनीज और धातु के निक्षेप हैं। मंडला नगर, नर्मदा नदी के किनारे जबलपुर के 45 मील दक्षिण-पूर्व में मंडला जिले का प्रशासनिक केन्द्र है, जो तीन ओर से नर्मदा द्वारा घिरा हुआ हैं। फुल धातु ((Bell metal) के पात्रों के लिये विख्यात है। यह गोंड़ वंश की राजधानी रह चुका है। यहाँ किले और प्रासाद के अवशेष हैं। देश का एकमात्र जीवाश्म राष्ट्रीय पार्क मंडला जिले में स्थित है। श्रेणी:मध्य प्रदेश के जिले.

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मुण्डा

मुंडा एक भारतीय आदिवासी समुदाय है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करता है| झारखण्ड के अलावा ये बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा आदि भारतीय राज्यों में भी रहते हैं| इनकी भाषा मुंडारी आस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार की एक प्रमुख भाषा है| उनका भोजन मुख्य रूप से धान, मड़ूआ, मक्का, जंगल के फल-फूल और कंध-मूल हैं | वे सूत्ती वस्त्र पहनते हैं | महिलाओं के लिए विशेष प्रकार की साड़ी होती है, जिसे बारह हथिया (बारकी लिजा) कहते हैं | पुरुष साधारण-सा धोती का प्रयोग करते हैं, जिसे तोलोंग कहते हैं | मुण्डा, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं | २० वीं सदी के अनुसार उनकी संख्या लगभग ९,०००,००० थी |Munda http://global.britannica.com/EBchecked/topic/397427/Munda .

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मैथ्यू मेनार्ड

मैथ्यू मेनार्ड पीटर (जन्म 21 मार्च 1966) एक अंग्रेजी पूर्व क्रिकेट एर है। उन्होंने कहा कि चार में खेला टेस्ट और चौदह वनडे के लिए इंग्लैंड। उन्होंने कहा कि वर्तमान समरसेट काउंटी क्रिकेट क्लब में क्रिकेट के निदेशक है। मेनार्ड एक बल्लेबाज (और बाद में अपने कैरियर में, विकेटकीपर) अपने आक्रामक और तेज स्ट्रोक के लिए जाना जाता था। उनकी प्रथम श्रेणी के साथ ग्लेमोर्गन कैरियर, उसे 42.53 की बल्लेबाजी औसत को प्राप्त, 372 कैच लेने के लिए और दस्ताने के साथ सात स्टंपिंग कर देखा था, उसे कई टोपियां के लिए अर्जित सफलता | इंग्लैंड, लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट में अपने काउंटी के फार्म का अनुवाद करने में सक्षम नहीं था। 1998 में | वह एक वर्ष की विजडन क्रिकेटर विजडन लीडिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर नामित किया गया था। श्रेणी:इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी.

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राम प्रसाद नौटियाल

लैंसडौन विधान सभा' क्षेत्र से विधायक के रूप में: प्रथम कार्यकाल:- 1951 to 1957, द्वितीय कार्यकाल - 1957 to 1962 राम प्रसाद नौटियाल (1 अगस्त, 1905 - 24 दिसम्बर, 1980) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी तथा राजनेता। .

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लावा (हिन्दू काल गणना)

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है।.

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शुष्क ऋतु

शुष्क ऋतु वर्ष के उस काल को कहते हैं, जब मौसम शुष्क रहता है। श्रेणी:मौसम.

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शुक्र

शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है। ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है। चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है। इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है। चूँकि शुक्र एक अवर ग्रह है इसलिए पृथ्वी से देखने पर यह कभी सूर्य से दूर नज़र नहीं आता है: इसका प्रसरकोण 47.8 डिग्री के अधिकतम तक पहुँचता है। शुक्र सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लए ही अपनी अधिकतम चमक पर पहुँचता है। यहीं कारण है जिसके लिए यह प्राचीन संस्कृतियों के द्वारा सुबह का तारा या शाम का तारा के रूप में संदर्भित किया गया है। शुक्र एक स्थलीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत है और समान आकार, गुरुत्वाकर्षण और संरचना के कारण कभी कभी उसे पृथ्वी का "बहन ग्रह" कहा गया है। शुक्र आकार और दूरी दोनों मे पृथ्वी के निकटतम है। हालांकि अन्य मामलों में यह पृथ्वी से एकदम अलग नज़र आता है। शुक्र सल्फ्यूरिक एसिड युक्त अत्यधिक परावर्तक बादलों की एक अपारदर्शी परत से ढँका हुआ है। जिसने इसकी सतह को दृश्य प्रकाश में अंतरिक्ष से निहारने से बचा रखा है। इसका वायुमंडल चार स्थलीय ग्रहों मे सघनतम है और अधिकाँशतः कार्बन डाईऑक्साइड से बना है। ग्रह की सतह पर वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की तुलना मे 92 गुना है। 735° K (462°C,863°F) के औसत सतही तापमान के साथ शुक्र सौर मंडल मे अब तक का सबसे तप्त ग्रह है। कार्बन को चट्टानों और सतही भूआकृतियों में वापस जकड़ने के लिए यहाँ कोई कार्बन चक्र मौजूद नही है और ना ही ज़ीवद्रव्य को इसमे अवशोषित करने के लिए कोई कार्बनिक जीवन यहाँ नज़र आता है। शुक्र पर अतीत में महासागर हो सकते हैलेकिन अनवरत ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण बढ़ते तापमान के साथ वह वाष्पीकृत होते गये होंगे |B.M. Jakosky, "Atmospheres of the Terrestrial Planets", in Beatty, Petersen and Chaikin (eds), The New Solar System, 4th edition 1999, Sky Publishing Company (Boston) and Cambridge University Press (Cambridge), pp.

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श्रीलाल शुक्ल

श्रीलाल शुक्ल (31 दिसम्बर 1925 - 28 अक्टूबर 2011) हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे। श्रीलाल शुक्ल (जन्म-31 दिसम्बर 1925 - निधन- 28 अक्टूबर 2011) को लखनऊ जनपद के समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात साहित्यकार माने जाते थे। उन्होंने 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा पास की। 1949 में राज्य सिविल सेवासे नौकरी शुरू की। 1983 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्त हुए। उनका विधिवत लेखन 1954 से शुरू होता है और इसी के साथ हिंदी गद्य का एक गौरवशाली अध्याय आकार लेने लगता है। उनका पहला प्रकाशित उपन्यास 'सूनी घाटी का सूरज' (1957) तथा पहला प्रकाशित व्यंग 'अंगद का पाँव' (1958) है। स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत दर परत उघाड़ने वाले उपन्यास 'राग दरबारी' (1968) के लिये उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके इस उपन्यास पर एक दूरदर्शन-धारावाहिक का निर्माण भी हुआ। श्री शुक्ल को भारत सरकार ने 2008 में पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है। .

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साल (बहुविकल्पी)

कोई विवरण नहीं।

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सकल घरेलू उत्पाद

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या जीडीपी या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर 365 दिन का एक वर्ष) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है। दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ) GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के मापन और मात्र निर्धारण का सबसे आम तरीका है खर्च या व्यय विधि (expenditure method): "सकल" का अर्थ है सकल घरेलू उत्पाद में से पूंजी शेयर के मूल्यह्रास को घटाया नहीं गया है। यदि शुद्ध निवेश (जो सकल निवेश माइनस मूल्यह्रास है) को उपर्युक्त समीकरण में सकल निवेश के स्थान पर लगाया जाए, तो शुद्ध घरेलू उत्पाद का सूत्र प्राप्त होता है। इस समीकरण में उपभोग और निवेश अंतिम माल और सेवाओ पर किये जाने वाले व्यय हैं। समीकरण का निर्यात - आयात वाला भाग (जो अक्सर शुद्ध निर्यात कहलाता है), घरेलू रूप से उत्पन्न नहीं होने वाले व्यय के भाग को घटाकर (आयात) और इसे फिर से घरेलू क्षेत्र में जोड़ कर (निर्यात) समायोजित करता है। अर्थशास्त्री (कीनेज के बाद से) सामान्य उपभोग के पद को दो भागों में बाँटना पसंद करते हैं; निजी उपभोग और सार्वजनिक क्षेत्र का (या सरकारी) खर्च.

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सुग्रीव

सुग्रीव रामायण का एक प्रमुख पात्र है। वह वालि का अनुज है। हनुमान के कारण राम से उसकी मित्रता हुयी। वाल्मीकि रामायण में किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा युद्धकाण्ड में सुग्रीव का वर्णन वानरराज के रूप में किया गया है। जब राम से उसकी मित्रता हुयी तब वह अपने अग्रज वालि के भय से ऋष्यमूक पर्वत पर हनुमान तथा कुछ अन्य वफ़ादार रीछ (ॠक्ष) (जामवंत) तथा वानर सेनापतियों के साथ रह रहा था। लंका पर चढ़ाई के लिए सुग्रीव ने ही वानर तथा ॠक्ष सेना का प्रबन्ध किया था। .

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हरगोविन्द खुराना

हरगोविंद खुराना (जन्म: ९ जनवरी १९२२ मृत्यु ९ नवंबर २०११) एक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक थे। हरगोविंद खुराना एक भारतीय अमेरिकी जैव रसायनज्ञ थे। विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय,अमरीका में अनुसन्धान करते हुए, उन्हें १९६८ में मार्शल डब्ल्यू निरेनबर्ग और रॉबर्ट डब्ल्यू होली के साथ फिजियोलॉजी या मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार सयुक्त रूप से मिला,उनके द्वारा न्यूक्लिक एसिड में न्यूक्लियोटाइड का क्रम खोजा गया, जिसमें कोशिका के अनुवांशिक कोड होते हैं और प्रोटीन के सेल के संश्लेषण को नियंत्रित करता है । हरगोविंद खुराना और निरेनबर्ग को उसी वर्ष कोलंबिया विश्वविद्यालय से लुइसा ग्रॉस हॉर्वित्ज़ पुरस्कार भी दिया गया था। ब्रिटिश भारत में पैदा हुए, हरगोविंद खुराना ने उत्तरी अमेरिका में तीन विश्वविद्यालयों के संकाय में कार्य किया। वह १९६६ में संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक बन गए और १९८७ में विज्ञान का राष्ट्रीय पदक प्राप्त किया। .

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हिन्दू मापन प्रणाली

हिन्दू समय मापन (लघुगणकीय पैमाने पर) गणित और मापन के बीच घनिष्ट सम्बन्ध है। इसलिये आश्चर्य नहीं कि भारत में अति प्राचीन काल से दोनो का साथ-साथ विकास हुआ। लगभग सभी प्राचीन भारतीय गणितज्ञों ने अपने ग्रन्थों में मापन, मापन की इकाइयों एवं मापनयन्त्रों का वर्णन किया है। ब्रह्मगुप्त के ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त के २२वें अध्याय का नाम 'यन्त्राध्याय' है। संस्कृत कें शुल्ब शब्द का अर्थ नापने की रस्सी या डोरी होता है। अपने नाम के अनुसार शुल्ब सूत्रों में यज्ञ-वेदियों को नापना, उनके लिए स्थान का चुनना तथा उनके निर्माण आदि विषयों का विस्तृत वर्णन है। .

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हिन्दू काल गणना

हिन्दू समय मापन, लघुगणकीय पैमाने पर प्राचीन हिन्दू खगोलीय और पौराणिक पाठ्यों में वर्णित समय चक्र आश्चर्यजनक रूप से एक समान हैं। प्राचीन भारतीय भार और मापन पद्धतियां, अभी भी प्रयोग में हैं (मुख्यतः हिन्दू और जैन धर्म के धार्मिक उद्देश्यों में)। यह सभी सुरत शब्द योग में भी पढ़ाई जातीं हैं। इसके साथ साथ ही हिन्दू ग्रन्थों मॆं लम्बाई, भार, क्षेत्रफ़ल मापन की भी इकाइयाँ परिमाण सहित उल्लेखित हैं। हिन्दू ब्रह्माण्डीय समय चक्र सूर्य सिद्धांत के पहले अध्याय के श्लोक 11–23 में आते हैं.

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ज्ञान चतुर्वेदी

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भोपाल द्वारा संचालित एक अस्पताल में ह्रदय विशेषज्ञ डॉ ज्ञान चतुर्वेदी जानेमाने व्यंग्यकार हैं। 2002 में अपने उपन्यास बारामासी के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित किये गये। श्रेणी:हिन्दी व्यंग्यकार श्रेणी:यू के कथा सम्मान श्रेणी:हिन्दी गद्यकार.

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ज्येष्ठ (मास)

ज्येष्ठ भारतीय काल गणना (हिन्दू पंचांग) के अनुसार वर्ष का तीसरा माह है। फागुन माह की बिदाई के साथ ही गर्मी शुरू हो जाती है और इस माह को गर्मी का महीना भी कहा जाता है। .

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ई-कॉमर्स का विकास

छवि मेरे शोध परियोजना दिनांक 28 सितंबर 2009 स्रोत खुद के काम में लेखक Drmansur123 के लिए सचित्र। हाल के वर्षों में एक उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। जिस तरह से भारत की दुकानों और ट्रेडों। ई-कॉमर्स दुनिया ले लिया हैएक पूरी की कल्पना तूफान से खुदरा और मोहितई-कॉमर्स उपक्रम केसाथ साथ उद्यमियों की पीढ़ी,विभिन्न व्यावसायिक और वाणिज्यिक मॉडल। तीव्र वृद्धिपिछले कुछ वर्षों में पहले से ही सबसे बड़ी फर्मों पहुंचा दिया गया है। अरब डॉलर के क्षेत्र अतीत इन उद्यमों के बीच में। सेक्टरलगभग 12.6 अरब अमरीकी डालर तक चार साल में तीन गुना वृद्धि हुई है। 2013 में विभिन्न उद्योग के अनुमान परियोजना में है। कि क्षेत्र में होगाअगले चार से पांच वर्षों में सात बार के लिए आगे के विकास के पाँच। ऑनलाइन खुदरा, आज का एक छोटा सा अंश काप्रतिनिधित्व करते हुएई-कॉमर्स अंतरिक्ष में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है।यह भी अपने मौलिक पूरा करने में सबसे चुनौतीपूर्ण है।एक वितरित करने के लिए भौतिक सीमाओं को पार का प्रस्तावग्राहक के दरवाजे पर उत्पादों की विविधता भी है। रसद औरई-रिटेलिंग में बुनियादी सुविधाओं का बहुत रीढ़ की हड्डी बन जाता है। पूर्ति नेटवर्क और जो कड़े सेवा स्तर पर आधारउम्मीदों की स्थापना की और से मुलाकात की, और ग्राहक के मन-स्पेस के बीच में हैंविकल्प प्रतिस्पर्धा जीता है। भारत में इन यकीनन हैंसबसे कमजोर लिंक, और अधिक से अधिक के लिए इसलिए बढ़ाया की जरूरतइन महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ध्यान और प्रबंधन बैंडविड्थ।हम अनुमान है कि निवेश का एक बड़ा हिस्सा मेंई-कॉमर्स खुदरा रसद और बुनियादी ढांचे में बहेगा।एक अवलंबी पारिस्थितिकी तंत्र के अभाव में, ई-कॉमर्सप्रदाताओं खरोंच से इन कार्यों के निर्माण के लिए शुरुआत कर रहे हैं।यह भी संबद्ध में ढांचागत निवेश अंडे जाएगाइस तरह के भंडारण, एयर कार्गो, सड़क और जैसे क्षेत्रों रेल आधारितपरिवहन ढुलाई। प्रसव पहुंच और पूर्ति के रूप मेंनेटवर्क, अधिक आरोपित और तेजी से जटिल हो जाते हैंसुनहरे अवसर रसद सेवा प्रदाताओं के लिए उभरेगा और3PL खिलाड़ी हैं। इन प्रवृत्तियों के सभी के लिए एक उज्जवलभविष्य के लिए बिंदुप्रतिभाशाली उद्यमियों, परिचालन प्रबंधक के रूप में अच्छी तरह से अधिक से अधिक के रूप मेंनीली कॉलर श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर है। .

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ईस्टर

ईस्टर, Πάσχα ईसाई पूजन-वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक धार्मिक पर्व है। ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु मरे हुओं में से पुनर्जीवित हो गए थे। इस मृतोत्थान को ईसाई ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मानते हैं। (इसे वो मृतोत्थान दिवस या मृतोत्थान रविवार भी कहते हैं), ये दिन गुड फ्राईडे के दो दिन बाद और पुन्य बृहस्पतिवार या मौण्डी थर्सडे के तीन दिन बाद आता है। 26 और 36 ई.प. के बीच में हुई उनकी मृत्यु और उनके जी उठने के कालक्रम को अनेकों तरीके से बताया जाता है। ईस्टर को चर्च के वर्ष का काल या ईस्टर काल या द ईस्टर सीज़न भी कहा जाता है। परंपरागत रूप से ईस्टर काल चालीस दिनों का होता है। ये ईस्टर दिवस से लेकर स्वर्गारोहण दिवस तक होता आया है लेकिन आधिकारिक तौर पर अब ये पंचाशती तक पचास दिनों का होता है। ईस्टर सीज़न या ईस्टर काल के पहले सप्ताह को ईस्टर सप्ताह या ईस्टर अष्टक या ओक्टेव ऑफ़ ईस्टर कहते हैं। ईस्टर को चालीस सप्ताहों के काल या एक चालीसे के अंत के रूप में भी देखा जाता है, इस काल को उपवास, प्रार्थना और प्रायश्चित करने के लिए माना जाता है। ईस्टर एक गतिशील त्यौहार है, जिसका अर्थ है कि ये नागरिक कैलेंडर के अनुसार नहीं चलता.

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वरुण धवन की फिल्में

वरुण धवन (जन्म: २४ अप्रैल १९८७) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है इनके पिता का नाम डेविड धवन है। वरुण ने अपना कैरियर सहायक निर्देशक के रूप में माइ नेम इज़ ख़ान फ़िल्म के रूप में किया था। जबकि इन्होंने पहली बार स्टुडेंट ऑफ़ द ईयर में मुख्य भूमिका निभाई। .

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वर्ष

एक वर्ष या साल सूर्य की चारों ओर अपनी कक्षा में चलती पृथ्वी की कक्षीय अवधि है। पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण, एक वर्ष का कोर्स ऋतुओं के गुजरने को देखता है, और वह चिन्हित होता हैं मौसम में, दिवालोक के घंटों में, और परिणामस्वरूप, वनस्पति और मिट्टी उर्वरता में बदलावों द्वारा। ग्रह के शीतोष्ण और उपध्रुवीय क्षेत्रों में, चार ऋतु आमतौर पर पहचाने जाते हैं: वसंत, ग्रीष्म, शरद और शीत ऋतु। उष्णकटिबन्धीय और उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में, कई भौगोलिक क्षेत्र परिभाषित मौसम प्रस्तुत नहीं करते हैं; लेकिन मौसमी उष्णकटिबन्ध में, वार्षिक आर्द्र (गीले) और शुष्क (सूखे) ऋतु पहचाने जाते हैं और ट्रैक किए जाते हैं। चालू वर्ष है। एक कालदर्शक वर्ष किसी प्रदत्त कालदर्शक में गिने हुएँ पृथ्वी की कक्षीय अवधि के दिनों की संख्या का अनुमान है। ग्रेगोरियन, या आधुनिक, कालदर्शक, अपने कालदर्शक के रूप में 365 दिनों के एक आम वर्ष या 366 दिनों के अधिवर्ष को प्रस्तुत करता है, जो जूलियन कालदर्शक भी करते हैं; नीचे देखो। .

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विषुव

सूर्य द्वारा पृथ्वी पर विषुव के दिन प्रकाश (संध्या छोड़कर) विषुव (अंग्रेज़ी:इक्विनॉक्स) ऐसा समय-बिंदु होता है, जिसमें दिवस और रात्रि लगभग बराबर होते हैं। इसका शब्दिक अर्थ होता है - समान। 'विषुव' शब्द संस्कृत से है और इसका अर्थ दिन और रात्रि के समान होने से है (दिनरात्र्योः साम्यं वाति वा) | इक्वीनॉक्स शब्द लैटिन भाषा के शब्द एक्वस (समान) और नॉक्स (रात्रि) से लिया गया है। किसी क्षेत्र में दिन और रात की लंबाई को प्रभावित करने वाले कई दूसरे कारक भी होते हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर २३½° झुके हुए सूर्य के चक्कर लगाती है, इस प्रकार वर्ष में एक बार पृथ्वी इस स्थिति में होती है, जब वह सूर्य की ओर झुकी रहती है, व एक बार सूर्य से दूसरी ओर झुकी रहती है।|हिन्दुस्तान लाइव। १७ मई २०१०। तैयारी डेस्क इसी प्रकार वर्ष में दो बार ऐसी स्थिति भी आती है, जब पृथ्वी का झुकाव न सूर्य की ओर ही होता है और न ही सूर्य से दूसरी ओर, बल्कि बीच में होता है। इस स्थिति को विषुव या इक्विनॉक्स कहा जाता है। इन दोनों तिथियों पर दिन और रात की बराबर लंबाई लगभग बराबर होती है। यदि दो लोग भूमध्य रेखा से समान दूरी पर खड़े हों तो उन्हें दिन और रात की लंबाई बराबर महसूस होगी। ग्रेगोरियन वर्ष के आरंभ होते समय (जनवरी माह में) सूरज दक्षिणी गोलार्ध में होता है और वहां से उत्तरी गोलार्ध को अग्रसर होता है। वर्ष के समाप्त होने (दिसम्बर माह) तक सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होकर पुनः दक्षिणी गोलार्द्ध पहुचं जाता है। इस तरह से सूर्य वर्ष में दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। हिन्दू नव वर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर व विश्व में अन्य कई नव वर्ष इसी समय के निकट ही आरंभ हुआ करते हैं। .

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वैशाख

वैशाख भारतीय काल गणना के अनुसार वर्ष का दूसरा माह है। इस माह को एक पवित्र माह के रूप में माना जाता है। जिनका संबंध देव अवतारों और धार्मिक परंपराओं से है। ऐसा माना जाता है कि इस माह के शुक्ल पक्ष को अक्षय तृतीया के दिन विष्णु अवतारों नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव के अवतार हुआ और शुक्ल पक्ष की नवमी को देवी सीता धरती से प्रकट हुई। कुछ मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग की शुरुआत भी वैशाख माह से हुई। इस माह की पवित्रता और दिव्यता के कारण ही कालान्तर में वैशाख माह की तिथियों का सम्बंध लोक परंपराओं में अनेक देव मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों के मनाने के साथ जोड़ दिया। यही कारण है कि हिन्दू धर्म के चार धाम में से एक बद्रीनाथधाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया को खुलते हैं। इसी वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को एक और हिन्दू तीर्थ धाम पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकलती है। वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या को देववृक्ष वट की पूजा की जाती है। यह भी माना जाता है कि भगवान बुद्ध की वैशाख पूजा 'दत्थ गामणी' (लगभग 100-77 ई. पू.) नामक व्यक्ति ने लंका में प्रारम्भ करायी थी। .

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वेध

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है।.

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ग्रेगोरी कैलेंडर

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar), दुनिया में लगभग हर जगह उपयोग किया जाने वाला कालदर्शक या तिथिपत्रक है। यह जूलियन कालदर्शक (Julian calendar) का रूपान्तरण है। इसे पोप ग्रेगोरी (Pope Gregory XIII) ने लागू किया था। इससे पहले जूलियन कालदर्शक प्रचलन में था, लेकिन उसमें अनेक त्रुटियाँ थीं, जिन्हें ग्रेगोरी कालदर्शक में दूर कर दिया गया। .

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आर्थिक तालिका

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर 365 दिन का एक वर्ष) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है। दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ).

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आषाढ़

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का चौथा महीना, जो ईस्वी कलेंडर के जून या जुलाई माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है। *.

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आस्थगित कर और राजस्व

१- https://www.investopedia.com/terms/d/deferredtaxasset.asp २- https://www.investopedia.com/terms/d/deferredtaxliability.asp ३- https://en.wikipedia.org/wiki/Deferred_tax ४- https://www.investopedia.com/terms/d/deferredrevenue.asp.

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इमारती लकड़ी

सबसे प्राचीन निर्माण-सामग्रियों में काष्ठ (लकड़ी) भी एक है। किसी वृक्ष के भूमि के ऊपर के भाग में मुख्यत: तना और शाखाएँ होती हैं, जिनके अंतिम सिरे पत्तियाँ धारण करनेवाली टहनियों का रूप लेते हैं। तने और शाखाओं से ही इमारती लकड़ी (Timber) प्राप्त होती है। भारत में शीशम, साखू, सागौन, महुआ, देवदार, कैल, चीड़, सिरसा, आबनूस, तून, पडौक, आम, नीम, आदि महत्वपूर्ण इमारती लकड़ियाँ होती हैं। सागौन, बर्मा, थाइलैंड और जावा में भी होता है। उपर्युक्त वृक्षों के अतिरिक्त और भी अनेक वृक्ष हैं, जिनकी लकड़ियाँ किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए अत्यंत उपयुक्त होती हैं, जैसे बबूल की लकड़ी पहियों के लिए और गूलर की लकड़ी कुओं के चक्के के लिए। .

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कालिंजर दुर्ग

कालिंजर, उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के बांदा जिले में कलिंजर नगरी में स्थित एक पौराणिक सन्दर्भ वाला, ऐतिहासिक दुर्ग है जो इतिहास में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण रहा है। यह विश्व धरोहर स्थल प्राचीन मन्दिर नगरी-खजुराहो के निकट ही स्थित है। कलिंजर नगरी का मुख्य महत्त्व विन्ध्य पर्वतमाला के पूर्वी छोर पर इसी नाम के पर्वत पर स्थित इसी नाम के दुर्ग के कारण भी है। यहाँ का दुर्ग भारत के सबसे विशाल और अपराजेय किलों में एक माना जाता है। इस पर्वत को हिन्दू धर्म के लोग अत्यंत पवित्र मानते हैं, व भगवान शिव के भक्त यहाँ के मन्दिर में बड़ी संख्या में आते हैं। प्राचीन काल में यह जेजाकभुक्ति (जयशक्ति चन्देल) साम्राज्य के अधीन था। इसके बाद यह दुर्ग यहाँ के कई राजवंशों जैसे चन्देल राजपूतों के अधीन १०वीं शताब्दी तक, तदोपरांत रीवा के सोलंकियों के अधीन रहा। इन राजाओं के शासनकाल में कालिंजर पर महमूद गजनवी, कुतुबुद्दीन ऐबक, शेर शाह सूरी और हुमांयू जैसे प्रसिद्ध आक्रांताओं ने आक्रमण किए लेकिन इस पर विजय पाने में असफल रहे। अनेक प्रयासों के बाद भी आरम्भिक मुगल बादशाह भी कालिंजर के किले को जीत नहीं पाए। अन्तत: मुगल बादशाह अकबर ने इसे जीता व मुगलों से होते हुए यह राजा छत्रसाल के हाथों अन्ततः अंग्रेज़ों के अधीन आ गया। इस दुर्ग में कई प्राचीन मन्दिर हैं, जिनमें से कई तो गुप्त वंश के तृतीय -५वीं शताब्दी तक के ज्ञात हुए हैं। यहाँ शिल्पकला के बहुत से अद्भुत उदाहरण हैं। .

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काष्ठा

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई अति लघु श्रेणी की है।.

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काकड़

काकड़ या कांकड़ (Barking Deer) एक छोटा हिरन होता है। यह हिरनों में शायद सबसे पुराना है, जो इस धरती में १५०-३५० लाख वर्ष पूर्व देखा गया और जिसके जीवाश्म फ्रा़ंस, जर्मनी और पोलैंड में पाये गये हैं। आज की जीवित प्रजाति दक्षिणी एशिया की मूल निवासी है और भारत से लेकर श्रीलंका, चीन, दक्षिण पूर्वी एशिया (इंडोचाइना और मलय प्रायद्वीप के उत्तरी इलाके)। यह कम आबादी में पूर्वी हिमालय और म्यानमार में भी पाया जाता है। ऊष्णकटिबंधीय इलाकों में रहने के कारण इसका कोई समागम मौसम नहीं होता है और वर्ष के किसी भी समय में यह समागम कर लेते हैं; यही बात उस आबादी पर भी लागू होती है जिसे शीतोष्णकटिबन्धीय इलाकों में दाख़िल किया गया है। नर के दोबारा उग सकने वाले सींग होते हैं, हालांकि इलाके की लड़ाई में वह अपने लंबे श्वानदंतों (Canine teeth) का इस्तेमाल करते हैं। काकड़ क्रम विकास के अध्ययन में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं क्योंकि इनकी विभिन्न प्रजातियों के गुणसूत्र में काफ़ी घटबढ़ देखी गयी है। जहाँ भारतीय काकड़ में सबसे कम गुणसूत्र पाये जाते हैं: नर में ७ तथा मादा में सिर्फ़ ६, वहीं चीनी कांकड़ में ४६ गुणसूत्र होते हैं। .

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अधिवर्ष

अधिवर्ष (अंग्रेजी:लीप वर्ष), हर चार वर्ष बाद आने वाला वर्ष है जिसमें साल में 366 दिन होते हैं। दरअसल पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और करीब 6 घंटे लगाती है। ऐसा होने से हर चार साल में एक दिन अधिक हो जाता है, अतः प्रत्येक चार साल बाद फरवरी माह में एक दिन अतिरिक्त जोड़ संतुलन बनाये रखने की कोशिश की जाती है। अधिवर्ष संख्या 4 से भाज्य होते है, 2004 अधिवर्ष था। मगर '00' से अंत होने वाले वर्ष, अधिवर्ष नहीं होते, 2000 अधिवर्ष था। 2000, 400 से भाज्य है इसी प्रकार 1900, 1800, 1700 अधिवर्ष नहीं हैजबकि 2000, 1600, 1200 अधिवर्ष था। अधिवर्ष.

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अधिक मास

सौर वर्ष और चांद्र वर्ष में सामंजस्य स्थापित करने के लिए हर तीसरे वर्ष पंचांगों में एक चान्द्रमास की वृद्धि कर दी जाती है। इसी को अधिक मास या अधिमास या मलमास कहते हैं। सौर-वर्ष का मान ३६५ दिन, १५ घड़ी, २२ पल और ५७ विपल हैं। जबकि चांद्रवर्ष ३५४ दिन, २२ घड़ी, १ पल और २३ विपल का होता है। इस प्रकार दोनों वर्षमानों में प्रतिवर्ष १० दिन, ५३ घटी, २१ पल (अर्थात लगभग ११ दिन) का अन्तर पड़ता है। इस अन्तर में समानता लाने के लिए चांद्रवर्ष १२ मासों के स्थान पर १३ मास का हो जाता है। वास्तव में यह स्थिति स्वयं ही उत्त्पन्न हो जाती है, क्योंकि जिस चंद्रमास में सूर्य-संक्रांति नहीं पड़ती, उसी को "अधिक मास" की संज्ञा दे दी जाती है तथा जिस चंद्रमास में दो सूर्य संक्रांति का समावेश हो जाय, वह "क्षयमास" कहलाता है। क्षयमास केवल कार्तिक, मार्ग व पौस मासों में होता है। जिस वर्ष क्षय-मास पड़ता है, उसी वर्ष अधि-मास भी अवश्य पड़ता है परन्तु यह स्थिति १९ वर्षों या १४१ वर्षों के पश्चात् आती है। जैसे विक्रमी संवत २०२० एवं २०३९ में क्षयमासों का आगमन हुआ तथा भविष्य में संवत २०५८, २१५० में पड़ने की संभावना है। .

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अफ़्रीका

अफ़्रीका वा कालद्वीप, एशिया के बाद विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। यह 37°14' उत्तरी अक्षांश से 34°50' दक्षिणी अक्षांश एवं 17°33' पश्चिमी देशान्तर से 51°23' पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अफ्रीका के उत्तर में भूमध्यसागर एवं यूरोप महाद्वीप, पश्चिम में अंध महासागर, दक्षिण में दक्षिण महासागर तथा पूर्व में अरब सागर एवं हिन्द महासागर हैं। पूर्व में स्वेज भूडमरूमध्य इसे एशिया से जोड़ता है तथा स्वेज नहर इसे एशिया से अलग करती है। जिब्राल्टर जलडमरूमध्य इसे उत्तर में यूरोप महाद्वीप से अलग करता है। इस महाद्वीप में विशाल मरुस्थल, अत्यन्त घने वन, विस्तृत घास के मैदान, बड़ी-बड़ी नदियाँ व झीलें तथा विचित्र जंगली जानवर हैं। मुख्य मध्याह्न रेखा (0°) अफ्रीका महाद्वीप के घाना देश की राजधानी अक्रा शहर से होकर गुजरती है। यहाँ सेरेनगेती और क्रुजर राष्‍ट्रीय उद्यान है तो जलप्रपात और वर्षावन भी हैं। एक ओर सहारा मरुस्‍थल है तो दूसरी ओर किलिमंजारो पर्वत भी है और सुषुप्‍त ज्वालामुखी भी है। युगांडा, तंजानिया और केन्या की सीमा पर स्थित विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी तथा सम्पूर्ण पृथ्वी पर मीठे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झीलहै। यह झील दुनिया की सबसे लम्बी नदी नील के पानी का स्रोत भी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसी महाद्वीप में सबसे पहले मानव का जन्म व विकास हुआ और यहीं से जाकर वे दूसरे महाद्वीपों में बसे, इसलिए इसे मानव सभ्‍यता की जन्‍मभूमि माना जाता है। यहाँ विश्व की दो प्राचीन सभ्यताओं (मिस्र एवं कार्थेज) का भी विकास हुआ था। अफ्रीका के बहुत से देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए हैं एवं सभी अपने आर्थिक विकास में लगे हुए हैं। अफ़्रीका अपनी बहुरंगी संस्कृति और जमीन से जुड़े साहित्य के कारण भी विश्व में जाना जाता है। .

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अब्द

अब्द का अर्थ वर्ष है। यह वर्ष, संवत्‌ एवं सन्‌ के अर्थ में आजकल प्रचलित है क्योंकि हिंदी में इस शब्द का प्रयोग सापेक्षिक दृष्टि से कम हो गया है। शताब्दी, सहस्राब्दी, ख्रिष्टाब्द आदि शब्द इसी से बने हैं। अनेक वीरों, महापुरुषों, संप्रदायों एवं घटनाओं के जीवन और इतिहास के आरंभ की स्मृति में अनेक अब्द या संवत्‌ या सन्‌ संसार में चलाए गए हैं, यथा, १. सप्तर्षि संवत् - सप्तर्षि (सात तारों) की कल्पित गति के साथ इसका संबंध माना गया है। इसे लौकिक, शास्त्र, पहाड़ी या कच्चा संवत्‌ भी कहते हैं। इसमें २४ वर्ष जोड़ने से सप्तर्षि-संवत्‌-चक्र का वर्तमान वर्ष आता है। २. कलियुग संवत् - इसे 'महाभारत सम्वत' या 'युधिष्ठिर संवत्‌' कहते हैं। ज्योतिष ग्रंथों में इसका उपयोग होता है। शिलालेखों में भी इसका उपयोग हुआ है। ई.॰ईपू॰ ३१०२ से इसका आरंभ होता है। वि॰सं॰ में ३०४४ एवं श.सं.

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अयन

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई मध्यम श्रेणी की है। एक अयन छः मास के बराबर होता है। .

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अहोरात्रम

यह हिन्दू समय मापन इकाई है। यह इकाई मध्यम श्रेणी की है। एक अहोरात्रम्एक दिन और रातका समय | एक सूर्योदयसे अपर सूर्योदय पूर्वका समय अहोरात्र है | अहश्च रात्रश्च अहोरात्र इसप्रकार द्वन्द समास से बना शब्द है| वैदिक ग्रन्थौं मे तिथिके जगह प्रयुक्त शब्द अहोरात्र है| .

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अग्रहायण

हिन्दू वर्ष का नवा महीना अगहन अथवा अग्रहायण के नाम से जाना जाता है। इसका प्रचलित नाम मार्गशीर्ष एवं मगसर हैं। मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को ही 'दत्तात्रेय जयन्ती' मनायी जानी चाहिए। .

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उड़ान (चलचित्र)

उडान एक भारतीय चलचित्कार है। मतलब है उडना। इसका निर्मान २०१० मैं हुआ था। इसका इसका निर्माता श्री सनजय स्ंघजी हैं और इसका निर्मापक श्री अनुराग कश्यब जी है। इस सिनेमा का निरदेशक भी श्री अनुराग कश्यब जी है। इस सिनेमा को 'उ जी कन्ना' प्रशति, २०१० का कन्निस प्रशस्ति'तिरछे अक्षर और गिफ्फोनि प्रशस्ति इत्यादि प्रशस्तिया का भाग है। इस सिनेमा को बेस्ट सिनेमा, बेस्ट नायकनट, बेस्ट साउड और डिजाइन इत्यादियों का भाग भी हैं। .

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उत्सव

उत्सव का अर्थ होता है पर्व या त्यौहार.

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उपग्रह

ERS 2) अन्तरिक्ष उड़ान (spaceflight) के संदर्भ में, उपग्रह एक वस्तु है जिसे मानव (USA 193) .

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ऋण

ऋण वह है, जो किसी से माँगा या लिया जाता है; सामान्यतः यह ली गयी संपत्ति को व्यक्त करता है, लेकिन यह शब्द धन की आवश्यकता के परे नैतिक दायित्व एवं अन्य पारस्परिक क्रियाओं को भी व्यक्त करता है। परिसंपत्तियों के मामले में, ऋण कुल जोड़ अर्जित होने के पूर्व वर्तमान में भविष्य की क्रय शक्ति के प्रयोग का माध्यम है। कुछ कंपनियां एवं निगम ऋण का प्रयोग अपनी संपूर्ण संगठित (कॉरपोरेट) वित्तीय योजनाओं के भाग के रूप में करते हैं। ऋण तब सृजित होता है जब एक ऋणदाता एक ऋण प्राप्तकर्ता या ऋणी को कुछ परिसंपत्ति प्रदान करता है। आधुनिक समाज में, सामान्यतः ऋण को अपेक्षित पुनर्भुगतान के साथ प्रदान किया जाता है; ज़्यादातर मामलों में, ब्याज सहित.

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ऋतु

ऋतु एक वर्ष से छोटा कालखंड है जिसमें मौसम की दशाएँ एक खास प्रकार की होती हैं। यह कालखण्ड एक वर्ष को कई भागों में विभाजित करता है जिनके दौरान पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा के परिणामस्वरूप दिन की अवधि, तापमान, वर्षा, आर्द्रता इत्यादि मौसमी दशाएँ एक चक्रीय रूप में बदलती हैं। मौसम की दशाओं में वर्ष के दौरान इस चक्रीय बदलाव का प्रभाव पारितंत्र पर पड़ता है और इस प्रकार पारितंत्रीय ऋतुएँ निर्मित होती हैं यथा पश्चिम बंगाल में जुलाई से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है, यानि पश्चिम बंगाल में जुलाई से अक्टूबर तक, वर्ष के अन्य कालखंडो की अपेक्षा अधिक वर्षा होती है। इसी प्रकार यदि कहा जाय कि तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक ग्रीष्म ऋतु होती है, तो इसका अर्थ है कि तमिलनाडु में मार्च से जुलाई तक के महीने साल के अन्य समयों की अपेक्षा गर्म रहते हैं। एक ॠतु .

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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था। यह भारत का २६वां राज्य है। भारत में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया - एक तो 'मगध' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "बिहार" बन गया और दूसरा 'दक्षिण कौशल' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। .

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छोटा नागपुर पठार

राँची स्थित हुँडरु जलप्रपात छोटा नागपुर पठार पूर्वी भारत में स्थित एक पठार है। झारखंड राज्य का अधिकतर हिस्सा एवं उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ के कुछ भाग इस पठार में आते हैं। इसके पूर्व में सिन्धु-गंगा का मैदान और दक्षिण में महानदी हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 65,000 वर्ग किमी है।, mapsofindia, Accessed 2010-05-02 .

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१३७२ ईसा पूर्व

१३७२ ईसा पूर्व ईसा मसीह के जन्म से पूर्व के वर्षों को दर्शाता है। ईसा के जन्म को अधार मानकर उसके जन्म से १३७२ ईसा पूर्व या वर्ष पूर्व के वर्ष को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है। यह जूलियन कलेण्डर पर अधारित एक सामूहिक वर्ष माना जाता है। अधिकांश विश्व में इसी पद्धति के आधार पर पुराने वर्षों की गणना की जाती है। भारत में इसके अलावा कई पंचाग प्रसिद्ध है जैसे विक्रम संवत जो ईसा के जन्म से ५७ या ५८ वर्ष पूर्व शुरु होती है। इसके अलावा शक संवत भी प्रसिद्ध है। शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ईसा के जन्म के ७८ वर्ष बाद से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है। .

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१९१९ ईसा पूर्व

१९१९ ईसा पूर्व ईसा मसीह के जन्म से पूर्व के वर्षों को दर्शाता है। ईसा के जन्म को अधार मानकर उसके जन्म से १९१९ ईसा पूर्व या वर्ष पूर्व के वर्ष को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है। यह जूलियन कलेण्डर पर अधारित एक सामूहिक वर्ष माना जाता है। अधिकांश विश्व में इसी पद्धति के आधार पर पुराने वर्षों की गणना की जाती है। भारत में इसके अलावा कई पंचाग प्रसिद्ध है जैसे विक्रम संवत जो ईसा के जन्म से ५७ या ५८ वर्ष पूर्व शुरु होती है। इसके अलावा शक संवत भी प्रसिद्ध है। शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ईसा के जन्म के ७८ वर्ष बाद से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है। .

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९१९ ईसा पूर्व

९१९ ईसा पूर्व ईसा मसीह के जन्म से पूर्व के वर्षों को दर्शाता है। ईसा के जन्म को आधार मानकर उसके जन्म से ९१९ ईसा पूर्व या वर्ष पूर्व के वर्ष को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है। यह जूलियन कलेण्डर पर आधारित एक सामूहिक वर्ष माना जाता है। अधिकांश विश्व में इसी पद्धति के आधार पर पुराने वर्षों की गणना की जाती है। भारत में इसके अलावा कई पंचाग प्रसिद्ध है जैसे विक्रम संवत जो ईसा के जन्म से ५७ या ५८ वर्ष पूर्व शुरु होती है। इसके अलावा शक संवत भी प्रसिद्ध है। शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो ईसा के जन्म के ७८ वर्ष बाद से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है। .

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SAT (सैट)

SAT रिजनिंग टेस्ट (सैट तर्क परीक्षा) संयुक्त राज्य अमेरिका में कॉलेज में प्रवेश के लिए एक मानकीकृत परीक्षा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में SAT एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो कॉलेज बोर्ड के स्वामित्व में है और उसके द्वारा प्रकाशित और विकसित किया गया है। और, यह पहले एडुकेशनल टेस्टिंग सर्विस (ETS) द्वारा विकसित, प्रकाशित किया जाता था और उसीके द्वारा अंक दिए जाते थे। ETS अब परीक्षा का प्रबंध करता है। कॉलेज बोर्ड का दावा है कि परीक्षा निर्धारित कर सकती हैं कि कोई व्यक्ति कॉलेज के लिए तैयार है या नहीं है। वर्तमान SAT रिजनिंग टेस्ट में तीन घंटे पैंतालीस मिनट लगते हैं और इसमें विलंब फीस के अलावा 45 डॉलर (71 डॉलर अंतर्राष्ट्रीय) का खर्च आता है। 1901 में SAT की शुरूआत से, इसके नाम और अंक दिए जाने के तरीके कई बार बदल चुके हैं। 2005 में, 800 नंबर के तीन विभाग (गणित, विवेचनात्मक पठन और लेखन) को मिलाकर परीक्षा परिणाम में 600 से 2400 तक संभाव्य अंक प्राप्त करने के साथ दूसरे उप-विभागों में भी अलग से प्राप्त किए गए अंक मिलाकर इस परीक्षा का फिर से नामकरण "SAT रिजनिंग टेस्ट" किया गया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

Year, वर्ष काल, साल, साल (समय), साखू

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