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लघुकथा

सूची लघुकथा

लघुकथा का मतलब छोटी कहानी से नहीं है, छोटी कहानी लघु कथा होती है जिसमें लघु और कथा के बीच में एक खाली स्थान होता है। .

25 संबंधों: चित्रा मुद्गल, तेलुगू साहित्य, द लास्ट लीफ, नजीब महफ़ूज़, बॉम्बे टॉकीज़ (फ़िल्म), भीष्म साहनी, महेश मूलचंदानी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ, रुडयार्ड किपलिंग, रोबॉटिक्स, शिवराम महादेव परांजपे, शृंगारिक साहित्य, शेरलॉक होम्स, जेम्स बॉण्ड, विधा, विष्णु प्रभाकर, गजानन लक्ष्मण ठोकळ, कथा, कथा यू.के., कपोलकल्पना, कान्शन्स इन आर्ट, काज़ुओ इशिगुरो, केरला साहित्योत्सव, अनन्त गोपाल शेवड़े, अजय नवारिया

चित्रा मुद्गल

चित्रा मुद्गल हिन्दी की वरिष्ठ कथालेखिका हैं। उनका जीवन किसी रोमांचक प्रेम-कथा से कम नहीं है। उन्नाव के जमींदार परिवार में जन्मी किसी लड़की के लिए साठ के दशक में अंतरजातीय प्रेमविवाह करना आसान काम नहीं था। लेकिन चित्रा जी ने तो शुरू से ही कठिन मार्ग के विकल्प को अपनाया। पिता का आलीशान बंगला छोड़कर 25 रुपए महीने के किराए की खोली में रहना और मजदूर यूनियन के लिए काम करना - चित्रा ने हर चुनौती को हँसते-हँसते स्वीकार किया। १० दिसम्बर १९४४ को जनमी चित्रा मुद्गल की प्रारंभिक शिक्षा पैतृक ग्राम निहाली खेड़ा (जिला उन्नाव, उ.प्र.) से लगे ग्राम भरतीपुर के कन्या पाठशाला में। हायर सेकेंडरी पूना बोर्ड से की और शेष पढ़ाई मुंबई विश्वविद्यालय से। बहुत बाद में स्नातकोत्तर पढ़ाई पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से एस.एन.डी.टी.

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तेलुगू साहित्य

तेलुगु का साहित्य (तेलुगु: తెలుగు సాహిత్యం / तेलुगु साहित्यम्) अत्यन्त समृद्ध एवं प्राचीन है। इसमें काव्य, उपन्यास, नाटक, लघुकथाएँ, तथा पुराण आते हैं। तेलुगु साहित्य की परम्परा ११वीं शताब्दी के आरम्भिक काल से शुरू होती है जब महाभारत का संस्कृत से नन्नय्य द्वारा तेलुगु में अनुवाद किया गया। विजयनगर साम्राज्य के समय यह पल्लवित-पुष्पित हुई। .

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द लास्ट लीफ

"द लास्ट लीफ" (The Last Leaf, अन्तिम पत्ता) ओ हेनरी द्वारा रचित एक लघु कथा है। ग्रीनविच गाँव में में रहने वाले पात्रों और विषयों के बारे में इसमें बताया जाता है जैसा ओ हेनरी की कृतियों में पाया जाता है। .

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नजीब महफ़ूज़

नजीब महफूज़ (अरबी: نجيب محفوظ, अंग्रेज़ी: Naguib Mahfouz) एक मिस्री लेखक व साहित्यकार थे जिन्होंने सन् १९८८ में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीता। तौफ़ीक़ अल-हकीम के साथ, उन्हें २०वी शताब्दी के दूसरे भाग में उभरने वाले समकालीन अस्तित्ववादी अरबी लेखकों के सर्वप्रथम गुट में माना जाता है। अपने ७० साल के लेखन में उन्होंने ३४ उपन्यास, ३५० लघुकथाएँ, दर्ज़नों फ़िल्मों की पटकथाएँ और पाँच नाटक लिखे। उनकी कई कृतियों को मिस्री व विदेशी फ़िल्मों में ढाला जा चुका है। .

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बॉम्बे टॉकीज़ (फ़िल्म)

बॉम्बे टॉकीज़, २०१३ में प्रदर्शित बॉलीवुड की प्रयोगधर्मी फ़िल्म है। वायकॉम मोशन पिक्चर्स और फ्लाइंग यूनीकॉन एंटरटेनमेंट की फिल्म यह फ़िल्म बॉम्बे टॉकीज़ भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाई गई है। यह फ़िल्म चार अलग-अलग निर्देशकों द्वारा निर्मित की गई है और प्रत्येक निर्देशक द्वारा परस्पर एक दूसरे से भिन्न भाग बनाये गये हैं। .

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भीष्म साहनी

रावलपिंडी पाकिस्तान में जन्मे भीष्म साहनी (८ अगस्त १९१५- ११ जुलाई २००३) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से थे। १९३७ में लाहौर गवर्नमेन्ट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए करने के बाद साहनी ने १९५८ में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। भारत पाकिस्तान विभाजन के पूर्व अवैतनिक शिक्षक होने के साथ-साथ ये व्यापार भी करते थे। विभाजन के बाद उन्होंने भारत आकर समाचारपत्रों में लिखने का काम किया। बाद में भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) से जा मिले। इसके पश्चात अंबाला और अमृतसर में भी अध्यापक रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में साहित्य के प्रोफेसर बने। १९५७ से १९६३ तक मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह (फॉरेन लॅग्वेजेस पब्लिकेशन हाउस) में अनुवादक के काम में कार्यरत रहे। यहां उन्होंने करीब दो दर्जन रूसी किताबें जैसे टालस्टॉय आस्ट्रोवस्की इत्यादि लेखकों की किताबों का हिंदी में रूपांतर किया। १९६५ से १९६७ तक दो सालों में उन्होंने नयी कहानियां नामक पात्रिका का सम्पादन किया। वे प्रगतिशील लेखक संघ और अफ्रो-एशियायी लेखक संघ (एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन) से भी जुड़े रहे। १९९३ से ९७ तक वे साहित्य अकादमी के कार्यकारी समीति के सदस्य रहे। भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। वे मानवीय मूल्यों के लिए हिमायती रहे और उन्होंने विचारधारा को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। वामपंथी विचारधारा के साथ जुड़े होने के साथ-साथ वे मानवीय मूल्यों को कभी आंखो से ओझल नहीं करते थे। आपाधापी और उठापटक के युग में भीष्म साहनी का व्यक्तित्व बिल्कुल अलग था। उन्हें उनके लेखन के लिए तो स्मरण किया ही जाएगा लेकिन अपनी सहृदयता के लिए वे चिरस्मरणीय रहेंगे। भीष्म साहनी हिन्दी फ़िल्मों के जाने माने अभिनेता बलराज साहनी के छोटे भाई थे। उन्हें १९७५ में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९७५ में शिरोमणि लेखक अवार्ड (पंजाब सरकार), १९८० में एफ्रो एशियन राइटर्स असोसिएशन का लोटस अवार्ड, १९८३ में सोवियत लैंड नेहरू अवार्ड तथा १९९८ में भारत सरकार के पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया। उनके उपन्यास तमस पर १९८६ में एक फिल्म का निर्माण भी किया गया था। .

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महेश मूलचंदानी

महेश मूलचंदानी महेश मूलचंदानी का जन्म- 21 मार्च 1960 होशंगाबाद में हुआ। इनके पिता जी का नाम श्री नामोमल मूलचदानी तथा माता जी का नाम श्रीमती नानकी देवी है। आपने बी.

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रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ

रबीन्द्रनाथ ठाकुर रवीन्द्रनाथ ठाकुर का सृष्टिकर्म काव्य, उपन्यास, लघुकथा, नाटक, प्रबन्ध, चित्रकला और संगीत आदि अनेकानेक क्षेत्रों फैला हुआ है। .

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रुडयार्ड किपलिंग

रुडयार्ड किपलिंग (30 दिसम्बर 1865 - 18 जनवरी 1936) एक ब्रिटिश लेखक और कवि थे। ब्रिटिश भारत में बंबई में जन्मे, किपलिंग को मुख्य रूप से उनकी पुस्तक द जंगल बुक(1894) (कहानियों का संग्रह जिसमें रिक्की-टिक्की-टावी भी शामिल है), किम 1901 (साहस की कहानी), द मैन हु वुड बी किंग (1888) और उनकी कविताएं जिसमें मंडालय (1890), गंगा दीन (1890) और इफ- (1910) शामिल हैं, के लिए जाने जाते हैं। उन्हें "लघु कहानी की कला में एक प्रमुख अन्वेषक" माना जाता हैरूदरफोर्ड, एंड्रयू (1987).

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रोबॉटिक्स

बल्ब पकडे हुऐ रोबॉटी 'शैडो हैंड'रोबॉटिक्स रोबॉट की अभिकल्पना, निर्माण और अभिप्रयोग के विज्ञान और तकनीकों को कहते हैं। इस क्षेत्र में कार्य करने के लिये इलेक्ट्रॉनिकी, यान्त्रिकी और सॉफ्टवेयर के सिवाय कई अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। हालाँकि रोबॉट के स्वरूप और क्षमताओं में काफी विविधता हैं पर इन सभी में कई समानताएँ भी हैं। उदाहरण के लिए यांत्रिक चलनशील ढाँचा और स्वनियंत्रण सभी में होता है। रोबॉट के ढाँचे की उपमा मानव अस्थिपंजर है और उसे शुद्ध-गति माला कहा जा सकता है। यह माला है इसकी हड्डियाँ, प्रवर्तक इसकी माँस पेशियाँ और जोड़, जो इसे एक या एक से अधिक स्वातंत्र्य परिमाण देते हैं। अधिकांश रोबॉट क्रमिक माला रूपी होते हैं, जिसमें एक कड़ी दूसरी से जुड़ती है - इन्हें क्रमिक रोबॉट कहते हैं और ये मानव हाथ के समान हैं। अन्य रोबॉट सामानांतर शुद्ध-गति मालाओं का प्रयोग करते हैं। जीव-यांत्रिकी के अंतर्गत मानव या अन्य जीवों की नकल कर ढाचों को बनाने पर अनुसन्धान चल रहा है। माला की अंतिम कड़ी किसी तरह की प्रवर्तक हो सकती है, जैसे एक यांत्रिक हाथ या वेल्डिंग मशीन। .

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शिवराम महादेव परांजपे

शिवराम महादेव परांजपे (1864-1929 ई.) मराठी के प्रतिभाशाली साहित्यकार, वक्ता, पत्रकार और ध्येयनिष्ठ राजनीतिज्ञ थे। उन्होने 'काल' नामक साप्ताहिक द्वारा महाराष्ट्र में ब्रितानी शासन के विरुद्ध जनचेतना के निर्माण में सफलता पायी। .

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शृंगारिक साहित्य

शृंगारिक साहित्य (Erotic literature) वह है जो पाठक में कामोत्तेजना पैदा करे या पैदा करने के निमित्त लिखी गयी हो। ऐसा साहित्य उपन्यास, लघुकथा, काव्य, सत्यकथा, या 'सेक्स-मैनुअल' के रूप में हो सकते हैं। इसमें कल्पना का सहारा लिया जा सकता है या वास्तविक घटनाओ का। काफी पुरुष एवं महिलाएं इसका प्रयोग हस्त-मैथुन के लिए उत्तेजना बढ़ने हेतु भी करते हैं। .

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शेरलॉक होम्स

शेरलॉक होम्स उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध और बीसवीं सदी के पूर्वार्ध का एक काल्पनिक चरित्र है, जो पहली बार 1887 में प्रकाशन में उभरा। वह ब्रिटिश लेखक और चिकित्सक सर आर्थर कॉनन डॉयल की उपज है। लंदन का एक प्रतिभावान 'परामर्शदाता जासूस ", होम्स अपनी बौद्धिक कुशलता के लिए मशहूर है और मुश्किल मामलों को सुलझाने के लिए अपने चतुर अवलोकन, अनुमिति तर्क और निष्कर्ष के कुशल उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। कोनन डॉयल ने चार उपन्यास और छप्पन लघु कथाएं लिखी हैं जिसमें होम्स को चित्रित किया गया है। पहली दो कथाएं (लघु उपन्यास) क्रमशः 1887 में बीटन्स क्रिसमस ऐनुअल में और 1890 में लिपिनकॉट्स मंथली मैग्जीन में आईं.

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जेम्स बॉण्ड

जेम्स बॉण्ड (James Bond) 1953 में अंग्रेज़ लेखक इयान फ़्लेमिंग द्वारा रचित एक काल्पनिक पात्र है। 007 के गुप्त नाम से प्रसिद्ध यह एजेंट फ़्लेमिंग की बारह पुस्तकों व दो लघुकथाओं में मौजूद है। 1964 में फ़्लेमिंग की मृत्यु के पश्चात छः अन्य लेखकों ने बॉण्ड की आधिकृत पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें किंग्सले ऐमिस, क्रिस्टोफ़र वुड्स, जॉन गार्ड्नर, रेमंड बेनसन, सबैश्चियन फ़ॉक्स और जेफ़्री डेवर शामिल हैं। इसके साथ चार्ली हिग्सन ने जेम्स बॉण्ड के बचपन के कारनामों पर एक श्रृंखला व केट वॅस्टब्रुक ने मनीपॅनी, जो हर पुस्तक में मौजूद किरदार है, की डायरी पर आधारित तीन पुस्तकें लिखी हैं। ब्रिटिश गोपनीय संस्था के इस काल्पनिक पात्र को कई फ़िल्मों, रेडियो, कॉमिक्स व वीडियो गेम्स में अपनाया जा चुका है और इसकी फ़िल्म श्रृंखला विश्व की सबसे लंबी व दूसरी सबसे अधिक कमाई वाली श्रृंखला है। इसकी शुरुआत 1962 में बनी फ़िल्म डॉ॰ नो से हुई थी, जिसमें शॉन कॉनरी ने बॉण्ड की भूमिका अदा की थी। 2012 तक जेम्स बॉण्ड की इयान प्रोडक्शन्स द्वारा बाइस फ़िल्में बनाई जा चुकी हैं और तेइसवीं फ़िल्म स्कायफॉल अक्टूबर 2012 को रिलीज़ हुई। इसमें डैनियल क्रैग तीसरी बार बॉण्ड की भूमिका निभाई। वे छठे अभिनेता हैं जिन्होंने इयान श्रृंखला में यह भूमिका निभाई है। जेम्स बॉण्ड की फ़िल्में कईं चीज़ों के लिए मशहूर हैं, जिसमें फ़िल्म की ध्वनि, जिसे कई बार अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकन प्राप्त हुआ है, शामिल है। फ़िल्म की प्रसिद्धि का दूसरा कारण इसमें मौजूद बॉण्ड की गाड़ियाँ, बन्दूकें व तकनीकी उपकरण शामिल हैं जो उसे क्यू की शाखा प्रदान करती है। .

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विधा

विधा (फ्रेंच: जीनर / genre) का साधारण अर्थ प्रकार, किस्म, वर्ग या श्रेणी है। यह शब्द विविध प्रकार की रचनाओं को वर्ग या श्रेणी में बांटने से उस विधा के गुणधर्मो को समझने में सुविधा होती है। यह वैसे ही है जैसे जीवविज्ञान में जीवों का वर्गीकरण किया जाता है। साहित्य एवं भाषण में विधा शब्द का प्रयोग एक वर्गकारक (CATEGORIZER) के रूप में किया जाता है। किन्तु सामान्य रूप से यह किसी भी कला के लिये प्रयुक्त किया जा सकता है। विधाओं की उपविधाएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिये हम कहते हैं कि निबन्ध, गद्य की एक विधा है।. विधाएँ अस्पष्ट (vague) श्रेणीयाँ हैं और इनकी कोई निश्चित सीमा-रेखा नहीं होती। ये समय के साथ कुछ मान्यताओं के आधार पर इनकिइ पहचान निर्मित हो जाती है। .

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विष्णु प्रभाकर

विष्णु प्रभाकर (२१ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) हिन्दी के सुप्रसिद्ध लेखक थे जिन्होने अनेकों लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटक तथा यात्रा संस्मरण लिखे। उनकी कृतियों में देशप्रेम, राष्ट्रवाद, तथा सामाजिक विकास मुख्य भाव हैं। .

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गजानन लक्ष्मण ठोकळ

गजानन लक्ष्मण ठोकळ (1909-1984) मराठी कवि एवं लघुकथाकार। इनकी कहानियाँ महाराष्ट्र के ग्राम्य जीवन पर आधारित हैं। श्रेणी:मराठी साहित्यकार.

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कथा

कहानी सुनने-सुनाने की भारतीय पद्धति को कथा कहते हैं। .

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कथा यू.के.

कथा यू॰के॰ संयुक्त राजशाही स्थित एक संस्था है। .

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कपोलकल्पना

कपोलकल्पना या काल्पनिक साहित्य (fiction; हिन्दी में फ़िक्शन) एक कहानी या अभिविन्यास हैं जो कल्पना से व्युत्पन्न होती हैं ― अन्य शब्दों में, जो इतिहास या तथ्यों पर सख्ती से आधारित न हो।William Harmon and C. Hugh Holman A Handbook to Literature (7th edition).

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कान्शन्स इन आर्ट

"कान्शन्स इन आर्ट" (Conscience in Art; कला में विवेक) ओ हेनरी (जिनका वास्तविक नाम विलियम सिडनी पोर्टर था) की एक लघुकथा है। इसका प्रथम प्रकाशन १९०७ में द जेंटल ग्राफ्टर में हुआDemarest, David P. (University of Pittsburgh Press, 1976).

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काज़ुओ इशिगुरो

काज़ुओ इशिगुरो ओबीई FRSA FRSL (カズオ・イシグロ या; जन्म 8 नवंबर 1954) एक ब्रिटिश उपन्यासकार, पटकथा लेखक, और लघु कहानी लेखक है। वह  नागासाकी, जापान में पैदा हुआ था; उसका परिवार 1960 में  इंग्लैंड में स्थानांतरित कर गया था, जब वह पांच साल का था। ईशिगुरु ने 1978 में अंग्रेजी और दर्शन में स्नातक की डिग्री के साथ केंट विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1980 में ईस्ट एंग्लिया के रचनात्मक लेखन पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय से मास्टर की उपाधि प्राप्त की। इशिगुरो को अंग्रेजी भाषाई दुनिया में मशहूर समकालीन कथालेखकों में से एक माना जाते है, इन्होनें चार मैन बुकर पुरस्कार नामांकन और 1989 के अपने उपन्यास 'The Remains of the Day' के लिए एक पुरस्कार भी जीत चुके हैं। उनका 2005 का उपन्यास, नेवर लेट मी गो, को 2005 के सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के रूप में टाइम मैग्जिन द्वारा नामित किया गया था और 1923 से 2005 तक 100 सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी-भाषा के उपन्यासों की सूची में शामिल किया गया था। 2017 में, स्वीडिश अकादमी ने इशिगुरो को साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसमें उन्होंने एक लेखक के रूप में उनके प्रशस्ति पत्र में "महान भावनात्मक बल के उपन्यासों में, दुनिया के साथ संबंध के हमारे विवेकपूर्ण भावनाओं को गहराई से खोल कर रख दिया" लिखा था। .

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केरला साहित्योत्सव

केरला साहित्योत्सव या केरला लिटरेचर फेस्टिवल (के. एल. एफ) एक वार्षिक साहित्योत्सव है जो हर साल कोषीकोड के समुद्र तट में मनाया जाता है। डी सी कीषकेमुरी फाउंडेशन और अन्य संगठनों की सहायता से के.

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अनन्त गोपाल शेवड़े

अनन्त गोपाल शेवड़े (१९११ - १९७९) हिन्दी के प्रसिद्ध उपन्यासकार एवं लघुकथाकार थे। वे मराठी भाषी थे किंतु हिंदी में उन्होंने स्तरीय साहित्य सृजन किया। उनके उपन्यास 'ज्वालामुखी' का भारत की 14 भाषाओं में अनुवाद कराया गया। उनके एक अन्य उपन्यास 'मंगला' को ब्रेल लिपि में भी प्रकाशित किया गया था। अनंत गोपाल शेवड़े के प्रयासों से 1976 में नागपुर में प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित हुआ था। उनके 'मृगजाल' नामक उपन्यास पर उन्हें मध्य प्रदेश हिन्दी परिषद का सम्मान प्रदान किया गया। .

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अजय नवारिया

अजय नवारिया (एक लेखक एवं शिक्षक) का जन्म १९७२ दिल्ली में हुआ। नवारिया दो लघुकथा, पटकथा और अन्य कहानियां (2006) और यस सर (2012) एवं एक उपन्यास, उधर के लोग (2008) के लेखक हैं। वह प्रमुख हिंदी साहित्यिक हंस पत्रिका के साथ भी जुड़े हुए हैं। नवारिया, दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शिक्षक है। उन्हें समीक्षकों द्वारा प्रशंसित भी किया गया है उनकी छोटी कहानी संग्रह, अटैचमेंट टेरेन (2013) के अंग्रेजी में अनुवाद के लिए। .

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