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रोज़ा (1992 फ़िल्म)

सूची रोज़ा (1992 फ़िल्म)

श्रेणी:1992 की फ़िल्में.

9 संबंधों: ए॰ आर॰ रहमान, दिल से, पंकज कपूर, प्रभु देवा, बॉम्बे (फ़िल्म), मणिरत्नम्, हिन्दी पुस्तकों की सूची/य, हिंदी चलचित्र, १९९० दशक, अनलहक

ए॰ आर॰ रहमान

अल्लाह रक्खा रहमान लोकप्रिय रूप से ए॰ आर॰ रहमान भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से हिन्दी और तमिल फिल्मों में संगीत दिया है। इनका जन्म 6 जनवरी, 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्मतः उनका नाम ‘अरुणाचलम् शेखर दिलीप कुमार मुदलियार’ रखा गया। धर्मपरिवर्तन के पश्चात उन्होंने अल्लाह रक्खा रहमान नाम धारण किया। ए. आर.

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दिल से

दिल से १९९८ में बनी रोमांटिक-थ्रिलर हिन्दी फ़िल्म है, जो आतंकवाद और उत्तर-पूर्वी राज्यों के तनावों पर आधारित है । फ़िल्म का निर्देशन मणिरत्नम ने किया है, वहीं निर्माता में रामगोपाल वर्मा तथा शेखर कपूर ने योगदान दिया है । इसे तमिल में उइरे तथा तेलगू में प्रेमा तू नाम से भी रिलीज़ किया गया था। इसके मुख्य कलाकार शाहरुख खान, मनीषा कोइराला तथा नवोदित अभिनेत्री प्रीति जिंटा थे। फ़िल्म की पटकथा मणिरत्नम ने तिगमांशु धुलिया के साथ लिखी तथा इस फिल्म का संगीत ए आर रहमान ने दिया है तथा गीत को गुलज़ार ने कलमबद्ध किया है । यह रोचक संयोग है कि मणिरत्नम की पिछली आतंकवाद विषय पर बनी रोजा और बाॅम्बे के बाद यह उनकी तीसरी प्रस्तुति है । फ़िल्म को दो राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार तथा छह फिल्मफ़ेयर पुरस्कार से मीटर नवाजा गया । संगीतकार ए आर रहमान को इसके लिए उस साल का फिल्मफ़ेयर पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था । .

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पंकज कपूर

पंकज कपूर भारत के जानेमाने नाटककार तथा टीवी व फ़िल्म अभिनेता हैं। वे अनेकों टीवी धारावाहिकों तथा फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं। .

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प्रभु देवा

प्रभु देवा (जन्म ३ अप्रैल १९७३) एक भारतीय नर्तक, नृत्य दिग्दर्शक, फ़िल्म अभिनेता व निर्देशक है। उन्होंने भिन्न-भिन्न नृत्य के प्रकारों में महारत हासिल की है। उन्हें भारत का माइकल जैक्सन भी कहा जाता है और वे माइकल जैक्सन को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं। .

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बॉम्बे (फ़िल्म)

बॉम्बे 1995 की तमिल रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन मणिरत्नम् ने किया है और मुख्य किरदार अरविन्द स्वामी और मनीषा कोइराला ने निभाए है। संगीत दिया है ए॰ आर॰ रहमान ने और हिन्दी गीत महबूब द्वारा लिखे गए हैं। यह फिल्म भारत के दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 की अवधि के दौरान हुई घटनाओं पर केंद्रित है। विशेष रूप से अयोध्या के बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद, फिर उसका तोड़ना, मुम्बई (जब बॉम्बे) में सांप्रदायिक तनाव होना और अंतत बंबई के दंगे होना। यह फिल्म मणिरत्नम् की रोज़ा और दिल से के साथ एक श्रृंखला के रूप में ली जाती है। फ़िल्म दोनों आलोचनात्मक और आर्थिक तौर पर सफल रही। इसी नाम से फ़िल्म को हिन्दी और तेलुगू भाषा में डब किया गया। ए॰ आर॰ रहमान द्वारा दिया गया संगीत बहुत ही सराहा गया और कई पुरस्कार उन्होंने प्राप्त किये। मणिरत्नम् के निर्देशन की भी सराहना हुई। .

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मणिरत्नम्

मणिरत्नम तमिल तथा हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक हैं। .

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हिन्दी पुस्तकों की सूची/य

कोई विवरण नहीं।

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हिंदी चलचित्र, १९९० दशक

1990 दशक के हिंदी चलचित्र। .

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अनलहक

अनलहक सूफियों की एक इत्तला (सूचना) है जिसके द्वारा वे आत्मा को परमात्मा की स्थिति में लय कर देते है। सूफियों के यहाँ खुदा तक पहुँचने के चार दर्जे है। जो व्यक्ति सूफियों के विचार को मानता है उसे पहले दर्जे क्रमश: चलना पड़ता है - शरीयत, तरीकत मारफत और हकीकत। पहले सोपान में नमाज, रोजा और दूसरे कामों पर अमल करना होता है। दूसरे सोपान में उसे एक पीर की जरूरत पड़ती है-पीर से प्यार करने की और पीर का कहा मानने की। फिर तरीकत की राह में उसका मस्तिष्क आलोकित हो जाता है और उसका ज्ञान बढ़ जाता है; मनुष्य ज्ञानी हो जाता है (मारफत)। अंतिम सोपान पर वह सत्य की प्राप्ति कर लेता है और खुद को खुदा में फना कर देता हैं। फिर 'दुई' का का भाव मिट जाता है,'मैं' और 'तुम' में अंतर नहीं रह जाता। जो अपने को नहीं सँभाल पाते वें 'अनलहक' अर्थात्‌ 'मैं खुदा हूँ' पुकार उठते हैं। इस प्रकार का पहला व्यक्ति जिसने 'अनलहक' का नारा दिया वह मंसूर-बिन-हल्लाज था। इस अधीरता का परिणाम प्राणदंड हुआ। मुल्लाओं ने उसे खुदाई का दावेदार समझा और सूली पर लटका दिया। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

रोज़ा (1992 फिल्म), रोजा

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