सामग्री की तालिका
5 संबंधों: माइसीनियाई यूनानी, मिनोआई सभ्यता, यूनानी वर्णमाला, यूनानी अंधकार काल, रेखीय ए लिपि।
माइसीनियाई यूनानी
रेखीय बी (लीनियर बी) नामक लिपि में लिखी माइसीनियाई यूनानी - यह सन् १४५० ईसापूर्व में बने अभिलेख सौभाग्य से आग में पककर सख़्त होने की वजह से आधुनिक युग तक बच गए माइसीनियाई यूनानी (यूनानी: Μυκηναϊκή διάλεκτος, मुकिनाइकी दिआलेक्तोस) यूनानी भाषा का सब से प्राचीन ज्ञात रूप है। यह यूनान के मुख्य प्रायद्वीप, क्रीत के द्वीप और साइप्रस पर १६वीं से १२वीं सदी ईसापूर्व में बोली जाती थी। बहुत से इतिहासकारों का मानना है कि इस काल के बाद यूनानी सभ्यता के दक्षिणी क्षेत्र में डोरियाई आक्रमण हुआ जिस से उत्तरी यूनान कि उपभाषाओं ने दक्षिणी यूनानी उपभाषाओं का अंत कर दिया। इस भाषा का नाम यूनान की राजधानी एथंस से ९० किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित माइसीने (Μυκῆναι, Mycenae) पुरातत्व स्थल पर रखा गया है। .
देखें रेखीय बी लिपि और माइसीनियाई यूनानी
मिनोआई सभ्यता
क्नोसोस के खंडरों में मिले बासन क्रीत पर मिनोआई सभ्यता से सम्बंधित पुरातन स्थल यह या तो कोई "सर्प देवी" थी या फिर किसी पुजारिन की आकृति है मिनोआई सभ्यता कांस्य युग में यूनान के दक्षिण में स्थित क्रीत के द्वीप पर उभरकर २७वीं सदी ईसापूर्व से १५वीं सदी ईसापूर्व तक फलने-फूलने वाली एक संस्कृति थी। यह यूरोप की सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक मानी जाती है। इतिहासकारों को मिले सुराग़ों से ज्ञात हुआ है कि मानव १२८,००० ईपू में ही आकर क्रीत पर बस चुके थे लेकिन यहाँ कृषि लगभग ५००० ईपू में ही जाकर विकसित स्तर पर पहुँची। .
देखें रेखीय बी लिपि और मिनोआई सभ्यता
यूनानी वर्णमाला
यूनानी वर्णमाला (Greek alphabet) चौबीस अक्षरों की वर्ण व्यवस्था है जिनके प्रयोग से यूनानी भाषा को आठवीं सदी ईसा-पूर्व से लिखा जा रहा है। प्रत्येक स्वर एवं व्यंजन लिए पृथक चिन्ह वाली यह पहली एवं प्राचीनतम वर्णमाला है। यह वर्णमाला फ़ोनीशियाई वर्णमाला से उत्पन्न हुई थी और यूरोप की कई वर्ण-व्यवस्थाएँ इसी से जन्मी हैं। अंग्रेज़ी लिखने के लिये प्रयुक्त रोमन लिपि तथा रूसी भाषा लिखने के लिए प्रयोग की जाने वाली सीरिलिक वर्णमाला दोनों यूनानी लिपि से जन्मी हैं। दूसरी शताब्दी ईसापूर्व के बाद गणितज्ञों ने यूनानी अक्षरों को अंक दर्शाने के लिए भी प्रयोग करना शुरू कर दिया। यूनानी वर्णों का प्रयोग विज्ञान के कई क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे भौतिकी में तत्वों के नाम, सितारों के नाम, बिरादरी एवं साथी सम्प्रदाय के नाम, ऊष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों के नाम के लिए। .
देखें रेखीय बी लिपि और यूनानी वर्णमाला
यूनानी अंधकार काल
ज्यामितीय रेखाचित्र दिखते हैं अंधकार काल के यूनान का एक नक़्शा यूनानी अंधकार काल ग्रीस (यूनान) के इतिहास में १२०० ईसापूर्व से ८०० ईसापूर्व के काल को कहा जाता है जिस से सम्बंधित लेख इतिहासकारों को नहीं मिल पाए हैं। इस युग से पहले के रेखीय बी लिपि में लिखी माइसीनियाई यूनानी के बहुत से नमूने मिटटी के तख़्तो और बर्तनों पर और इमारतों पर मिले हैं। इस "अंधकार" काल के बाद इस उपभाषा का प्रयोग नहीं मिलता बल्कि शास्त्रीय यूनानी कहलाई जाने वाली उत्तरी उपभाषा की लिखाइयाँ ही मिलती हैं जिनमें आधुनिक यूनानी अक्षरमाला से मिलती-जुलती लिपि का प्रयोग है। माइसीनियाई युग में बर्तनों और अन्य वस्तुओं पर बहुत विस्तृत चित्रों (डिज़ाईनों) को देखा जाता था, लेकिन अंधकार युग में मिली वस्तुओं पर सादे रेखा-चित्रों को ही पाया गया, जिस से यह लगा कि एक कला-विकसित संस्कृति किसी वजह से गिरकर अविकसित हो गई। इन तथ्यों को समझने के लिए इतिहासकारों ने घटनाक्रम इस तरह से जोड़ा कि उसमें पहले माइसीनियाई यूनानी संस्कृति फल-फूल रही थी, फिर उत्तर से डोरियाई कहलाए जाने वाले लोगों का आक्रमण हुआ जिन्होनें इस सभ्यता का अंत कर दिया। लगभग ४०० सालों तक यूनान एक बर्बरता के अंधकार में रहा और इस काल की कोई लिखाई नहीं मिलती क्योंकि लिखाइयाँ बनी ही नहीं थीं। उसके बाद सभ्यता एक नई उपभाषा के साथ फिर जन्मी। इसके विपरीत वर्तमान के कुछ विद्वानों का मानना है कि ऐसा कोई अंधकार काल कभी था ही नहीं और इस काल के लेख इसलिए नहीं मिलें क्योंकि उन्हें ठीक से खोजा नहीं गया है। मतभेद जारी है। .
देखें रेखीय बी लिपि और यूनानी अंधकार काल
रेखीय ए लिपि
क्रीत पर पाए गए एक बासन पर अंकित रेखीय ए के कुछ चिह्न यह रेखीय ए के चिह्न एक प्याले की अंदरी सतह पर लिखे हुए मिले थे रेखीय ए यूनान के क्रीत द्वीप पर प्राचीन काल में इस्तेमाल होने वाली एक लिपि थी जिसमें क्रीत की मिनोआई सभ्यता की भाषा लिखी जाती थी। क्रीत पर एक भावचित्रों पर आधारित लिपि भी प्रयोग होती थी। सरकारी और धार्मिक प्रयोगों में रेखीय ए और ठप्पों और मोहरों पर यह भावचित्र देखने को मिलते हैं। मिनोआई सभ्यता के पतन के बाद क्रीत पर माइसीनियाई यूनानी बोली जाने लगी जो रेखीय बी लिपि में लिखी जाती थी। इतिहासकार रेखीय बी की बहुत सी समझ रखते हैं और यह पाया गया है कि रेखीय ए और रेखीय बी में काफ़ी सामान अक्षर मिलते हैं। रेखीय बी लिपि रेखीय ए की संतान मानी जाती है। जब रेखीय बी से ध्वनियाँ लेकर रेखीय ए को पढ़ा जाता है तो ऐसे शब्द उत्पन्न होते हैं जो किसी भी ज्ञात भाषा से नहीं हैं। इसलिए अब यह माना जाता है कि मूल मिनोआई भाषा यूनानी भाषा से असम्बंधित थी और शायद हिन्द-यूरोपीय भाषा परिवार की सदस्य ही नहीं थी। यह भी संभव है कि रेखीय ए की ध्वनियाँ बिलकुल ही ग़लत पढ़ी जा रही हो क्योंकि मिनोआई भाषा बिलकुल ही अज्ञात है। खंडरों और शिलालेखों के आधार पर इतिहासकार मानते हैं कि रेखीय ए की अक्षर माला १९००-१८०० ईसापूर्व के काल तक पूरी कर ली गई थी। इसमें कुछ ऐसे भी चिह्न मिलते हैं जो प्राचीन मिस्र के २१००-१९०० ईसापूर्व में निर्मित कुछ पुरातन स्थलों पर पाए गए हैं। .
देखें रेखीय बी लिपि और रेखीय ए लिपि
रेखीय बी के रूप में भी जाना जाता है।