सामग्री की तालिका
20 संबंधों: टार्ज़न, डैनियल रैड्क्लिफ़, द जंगल बुक, पराप्राकृतिक शिमला, पिनांग, मुम्बई, मुंबई की संस्कृति, मैनड्रेक, रिक्की-टिक्की-टावी, साहित्य में नोबेल विजेताओं की सूची, सिवनी, सिवनी ज़िला, सिगार, जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस, जंगल बुक (1942 फ़िल्म), जंगल बुक (1967 की फ़िल्म), ईरान में यूरोपीय हस्तक्षेप, ग्रैंड ट्रंक रोड, गोंदिया जिला, किम।
टार्ज़न
टार्जन एक काल्पनिक चरित्र है, वह एक आदिरूप जंगली बच्चा है जिसे अफ्रीका के जंगलों में मंगानी "महान वानरों" के द्वारा पाल पोस कर बड़ा किया जाता है; बाद में वह सामाजिक जीवन में लौट आता है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं कर पाता है और एक साहसी वीर के रूप में फिर से जंगल में लौट आता है। टार्ज़न एक ऐसा पात्र है जिसे एडगर राईस बरोज के द्वारा बनाया गया, सबसे पहले इस पात्र को उपन्यास टार्ज़न ऑफ़ द एप्स (मैगजीन प्रकाशन 1912, पुस्तक प्रकाशन 1914) में देखा गया और इसके बाद इसके 25 सिक्वल्स में, अन्य लेखकों की तीन अधिकृत पुस्तकों में और मीडिया के असंख्य अधिकृत या अनाधिकृत कामों में भी देखा गया। .
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डैनियल रैड्क्लिफ़
डैनियल जैकब रैडक्लिफ (जन्म-23 जुलाई 1989) एक अंग्रेज़ अभिनेता हैं एवं इन्हें लोकप्रिय पुस्तक श्रृंखला पर आधारित फीचर फिल्म श्रृंखला में हैरी पॉटर का किरदार निभाने के लिए मुख्य रूप से जाना जाता है। रैडक्लिफ मंच-प्रस्तुतियों एवं कई TV कार्यक्रमों व फिल्मों में भी नज़र आये हैं, जिनमें ITV की फिल्म माई बॉय जैक एवं ऐकव्स नामक मंच-प्रस्तुति शामिल हैं, जिसके लिए उन्हें ड्रामा डेस्क अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था। .
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द जंगल बुक
द जंगल बुक (अंग्रेजी:The Jungle Book; जंगल की किताब) (1894) नोबेल पुरस्कार विजेता अंग्रेजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग की कहानियों का एक संग्रह है। इन कहानियों को पहली बार 1893-94 में पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया था। मूल कहानियों के साथ छपे कुछ चित्रों को रुडयार्ड के पिता जॉन लॉकवुड किपलिंग ने बनाया था। रुडयार्ड किपलिंग का जन्म भारत में हुआ था और उन्होने अपनी शैशव अवस्था के प्रथम छह वर्ष भारत में बिताये। इसके उपरान्त लगभग दस वर्ष इंग्लैण्ड में रहने के बाद वे फिर भारत लौटे और लगभग अगले साढ़े छह साल तक यहीं रह कर काम किया। इन कहानियों को रुडयार्ड ने तब लिखा था जब वो वर्मोंट में रहते थे। जंगल बुक के कथानक में मोगली नामक एक बालक है जो जंगल मे खो जाता है और उसका पालन पोषण भेड़ियों का एक झुंड करता है, अंत मे वह गाँव में लौट जाता है। .
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पराप्राकृतिक शिमला
पराप्राकृतिक शिमला या “सिमला क्रीड” शिमला का एक विचित्र रूप है, अन्य रूप हैं ब्रितानी राज की “ग्रीष्म राजघानी” तथा मूल निवासियों की “छोटी विलायत”। सिमला या शिमला का पराप्राकृतिक रूप अंग्रेजी राज में बसते शहर के जन मानस को उजागर करता है जिसमें बाहरी लोगों के साथ आई पराप्राकृतिक सत्ताएं तथा उनसे जुड़ी आस्थाएं और अधिष्ठान इस वन आच्छादित भू-भाग पर नए पराप्राकृतिक क्षेत्र बनाते गए। सिमला की सबसे ऊँची चोटी जाखू पर पहले से ही एक हनुमान मंदिर, तथा तीन अन्य पहाड़ियों पर काली या देवियों के मंदिर थे। जैसे-जैसे यूरोप से आने वाले भिन्न-भिन्न सम्प्रदायों के लोग इन पहाड़ियों पर बसते गए, नए व पुराने पराप्राकृतिक तत्वों से जुड़े कथानकों ने “सिमला क्रीड” को जन्म दिया। कोटगढ़ की “लिस्पेथ” का इसाई जगत से वापस स्थानीय देवी की शरण लेना; अलान अक्तावियन ह्यूम का पराप्राकृतिक तत्वों में रुझान; धर्मविज्ञान की राजनीति में पैठ से एनी बेसेन्ट और महात्मा गाँधी के बीच मतभेद, पराप्राकृतिक तत्वों के जन-मानस पर प्रभावों के कुछ उदाहरण हैं। इतिहासकारों का मानना है कि 1857 के ग़दर से पहले इन पराप्राकृतिक तत्वों के समूहों या क्षेत्रों में मेल-जोल होने लगा था, ग़दर के बाद इन में खाई पड़ गयी। और, परमानसिक अनुसंधान से मानवीय अनुभवों और वैज्ञानिकों के बीच आपसी सहायता बढ़ाना, विलिअम जेम्स का सपना था। .
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पिनांग
पिनांग मलेशिया का एक राज्य है जो मलक्का के जलडमरुमध्य के साथ प्रायद्वीपीय मलेशिया के पश्चिमोत्तर तट पर स्थित है। क्षेत्र के हिसाब से पिनांग पेर्लिस के बाद मलेशिया का दूसरा सबसे छोटा और आठवां सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। पिनांग के निवासी को बोलचाल की भाषा में पेननगाइट के रूप में जाना जाता है। .
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मुम्बई
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। .
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मुंबई की संस्कृति
बंबई एशियाटिक सोसाइटी शहर की पुरातनतम पुर्तकालयों में से एक है। मुंबई की संस्कृति परंपरागत उत्सवों, खानपान, संगीत, नृत्य और रंगमंच का सम्मिश्रण है। इस शहर में विश्व की अन्य राजधानियों की अपेक्षा बहुभाषी और बहुआयामी जीवनशैली देखने को मिलती है, जिसमें विस्तृत खानपान, मनोरंजन और रात्रि की रौनक भी शामिल है। मुंबई के इतिहास में यह मुख्यतः एक प्रधान व्यापारिक केन्द्र रहा है। इस कारण विभिन्न क्षेत्रों के लोग यहां आते रहे, जिससे बहुत सी संस्कृतियां, धर्म, आदि यहां एक साथ मिलजुलकर रहते हैं। मुंबई भारतीय चलचित्र का जन्मस्थान है।—दादा साहेब फाल्के ने यहां मूक चलचित्र के द्वारा इस उद्योग की स्थापना की थी। इसके बाद ही यहां मराठी चलचित्र का भी श्रीगणेश हुआ था। तब आरंभिक बीसवीं शताब्दी में यहां सबसे पुरानी फिल्म प्रसारित हुयी थी। मुंबई में बड़ी संख्या में सिनेमा हॉल भी हैं, जो हिन्दी, मराठी और अंग्रेज़ी फिल्में दिखाते हैं। विश्व में सबसे बड़ा IMAX डोम रंगमंच भी मुंबई में वडाला में ही स्थित है। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव और फिल्मफेयर पुरस्कार की वितरण कार्यक्रम सभा मुंबाई में ही आयोजित होती हैं। हालांकि मुंबई के ब्रिटिश काल में स्थापित अधिकांश रंगमंच समूह १९५० के बाद भंग हो चुके हैं, फिर भी मुंबई में एक समृद्ध रंगमंच संस्कृति विकसित हुयी हुई है। ये मराठी और अंग्रेज़ी, तीनों भाषाओं के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी विकसित है। गणेश चतुर्थी, मुंबई का सबसे अधिक हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला उत्सव यहां कला-प्रेमियों की कमी भी नहीं है। अनेक निजी व्यावसायिक एवं सरकारी कला-दीर्घाएं खुली हुई हैं। इनमें जहांगीर कला दीर्घा और राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा प्रमुख हैं। १८३३ में बनी बंबई एशियाटिक सोसाइटी में शहर का पुरातनतम पुस्तकालय स्थित है। छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (पूर्व प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूज़ियम) दक्षिण मुंबई का प्रसिद्ध संग्रहालय है, जहां भारतीय इतिहास के अनेक संग्रह सुरक्षित हैं। मुंबई के चिड़ियाघर का नाम जीजामाता उद्यान है (पूर्व नाम: विक्टोरिया गार्डन्स), जिसमें एक हरा भरा उद्यान भी है। नगर की साहित्य में संपन्नता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति तब मिली जब सल्मान रश्दी और अरविंद अडिग को बुकर सम्मान मिले थे। यही के निवासी रुडयार्ड किपलिंग को १९०७ में नोबल पुरस्कार भी मिला था। मराठी साहित्य भी समय की गति क साथ साथ आधुनिक हो चुका है। यह मुंबई के लेखकों जैसे मोहन आप्टे, अनंत काणेकर और बाल गंगाधर तिलक के कार्यों में सदा दृष्टिगोचर रहा है। इसको वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार से और प्रोत्साहन मिला है। एलीफेंटा की गुफाएं विश्व धरोहर स्थ घोषित हैं। मुंबई शहर की इमारतों में झलक्ता स्थापत्य गोथिक, इंडो रेनेनिक, आर्ट डेको और अन्य समकालीन स्थापत्य शैलियों का संगम है। ब्रिटिश काल की अधिकांश इमारतें, जैसे विक्टोरिया टर्मिनस और बंबई विश्वविद्यालय, गोथिक शैली में निर्मित हैं। इनके वास्तु घटकों में यूरोपीय प्रभाव साफ दिखाई देता है, जैसे जर्मन गेबल, डच शैली की छतें, स्विस शैली में काष्ठ कला, रोमन मेहराब साथ ही परंपरागत भारतीय घटक भी दिखते हैं। कुछ इंडो सेरेनिक शैली की इमारतें भी हैं, जैसे गेटवे ऑफ इंडिया। आर्ट डेको शैली के निर्माण मैरीन ड्राइव और ओवल मैदान के किनारे दिखाई देते हैं। मुंबई में मायामी के बाद विश्व में सबसे अधिक आर्ट डेको शैली की इमारतें मिलती हैं। नये उपनगरीय क्षेत्रों में आधुनिक इमारतें अधिक दिखती हैं। मुंबई में अब तक भारत में सबसे अधिक गगनचुम्बी इमारतें हैं। इनमें ९५६ बनी हुई हैं और २७२ निर्माणाधीन हैं। (२००९ के अनुसार) १९९५ में स्थापित, मुंबई धरोहर संरक्षण समिति (एम.एच.सी.सी) शहर में स्थित धरोहर स्थलों के संरक्षण का ध्यान रखती है। मुंबई में दो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं – छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और एलीफेंटा की गुफाएं शहर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में नरीमन पाइंट, गिरगौम चौपाटी, जूहू बीच और मैरीन ड्राइव आते हैं। एसेल वर्ल्ड यहां का थीम पार्क है, जो गोरई बीच के निकट स्थित है। यहीं एशिया का सबसे बड़ा थीम वाटर पार्क, वॉटर किंगडम भी है। मुंबई के निवासी भारतीय त्यौहार मनाने के साथ-साथ अन्य त्यौहार भी मनाते हैं। दिवाली, होली, ईद, क्रिसमस, नवरात्रि, दशहरा, दुर्गा पूजा, महाशिवरात्रि, मुहर्रम आदि प्रमुख त्यौहार हैं। इनके अलावा गणेश चतुर्थी और जन्माष्टमी कुछ अधिक धूम-धाम के संग मनाये जाते हैं। गणेश-उत्सव में शहर में जगह जगह बहुत विशाल एवं भव्य पंडाल लगाये जाते हैं, जिनमें भगवान गणपति की विशाल मूर्तियों की स्थापना की जाती है। ये मूर्तियां दस दिन बाद अनंत चौदस के दिन सागर में विसर्जित कर दी जाती हैं। जन्माष्टमी के दिन सभी मुहल्लों में समितियों द्वारा बहुत ऊंचा माखान का मटका बांधा जाता है। इसे मुहल्ले के बच्चे और लड़के मुलकर जुगत लगाकर फोड़ते हैं। काला घोड़ा कला उत्सव कला की एक प्रदर्शनी होती है, जिसमें विभिन्न कला-क्षेत्रों जैसे संगीत, नृत्य, रंगमंच और चलचित्र आदि के क्षेत्र से कार्यों का प्रदर्शन होता है। सप्ताह भर लंबा बांद्रा उत्सव स्थानीय लोगों द्वारा मनाया जाता है। बाणागंगा उत्सव दो-दिवसीय वार्षिक संगीत उत्सव होता है, जो जनवरी माह में आयोजित होता है। ये उत्सव महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम (एम.टी.डी.सी) द्वारा ऐतिहाशिक बाणगंगा सरोवर के निकट आयोजित किया जाटा है। एलीफेंटा उत्सव—प्रत्येक फरवरी माह में एलीफेंटा द्वीप पर आयोजित किया जाता है। यह भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं शास्त्रीय नृत्य का कार्यक्रम ढेरों भारतीय और विदेशी पर्यटक आकर्षित करता है। शहर और प्रदेश का खास सार्वजनिक अवकाश १ मई को महाराष्ट्र दिवस के रूप में महाराष्ट्र राज्य के गठन की १ मई, १९६० की वर्षागांठ मनाने के लिए होता है। मुंबई के भगिनि शहर समझौते निम्न शहरों से हैं.
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मैनड्रेक
मैन्ड्रेक या मैनड्रेक या जादूगर मैन्ड्रेक ली फाकका पहला कॉमिक चरित्र था उसका काम असाधारण रूप से हिप्नोटिज्म तकनीक द्वारा तेज गति से अपने प्रतिद्वंदी को परास्त करना था। जैसे ही मैन्ड्रेक हिप्नोटिज्म युक्त इशारा करता था उसके विरोधियों को दृष्टि -भ्रम हो जाता था और वह हार मन लेता था ली फाल्क का महान चरित्र वेताल मिथकीय और प्राचीन चरित्रों के साथ किंग आर्थर, एल सिड, ग्रीक लोक कथाओ के चरित्रों के साथ टार्जन, रुडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक के चरित्र मोगली से भी प्रभावित था। वह भारत के ठगों से भी प्रभावित था जिसका उदहारण उसका पहला कॉमिक्स सिंह ब्रदरहुड था। .
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रिक्की-टिक्की-टावी
रिक्की-टिक्की-टावी का आवरण पृष्ठ "रिक्की-टिक्की-टावी" (अंग्रेजी: Rikki-Tikki-Tavi), रुडयार्ड किपलिंग की पुस्तक द जंगल बुक (1894) में संकलित एक लघुकथा है जिसमें एक बहादुर छोटे नेवले के कारनामों का वर्णन किया गया है। कहानी का भयावह और गंभीर लहजा इसे उल्लेखनीय बनाता है। इस कहानी को कई बार जंगल बुक से अलग एक लघु पुस्तक के रूप में भी प्रकाशित किया गया है। 1975 में अमेरिकन एनिमेटर चक जोन्स द्वारा इस कहानी पर आधारित एक विशेष एनिमेटेड टीवी कार्यक्रम बनाया गया था, इसके अलावा उसी वर्ष इस कहानी पर एक रूसी एनिमेटेड लघु फिल्म का निर्माण भी किया गया था। 1979 में भारत की बाल चित्र समिति ने भारत और रूस के सहयोग से इसी नाम से हिंदी में एक बाल फिल्म का निर्माण किया था जिसका निर्देशन ये झागुर्डी और सुरेंदर सूरी ने किया था। .
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साहित्य में नोबेल विजेताओं की सूची
ये साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेताओं की सूची है: .
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सिवनी
सिवनी (अंग्रेजी:Seoni) भारत के मध्य प्रदेश का एक जिला है। सिवनी जबलपुर संभाग के अन्तर्गत आता हैँ राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 इस जिले से होकर जाता हैँ।यह के पडोसी जिले उत्तर दिश की ओर जबलपुर,मंडला, नरसिँहपुर जिले है पूर्व दिशा कि ओर बालाघाट पश्चिम दिश की ओर छिँदवाडा और दक्षिण दिशा कि ओर नागपुर हैँ। जिले की 8 तहसील में बांटा गया है, जिसमे सिवनी, लखनादौन, केवलारी, घंसौर, छपारा, बरघाट,कुरई और धनौरा है जिले के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है। यह जनजातीय बाहुल है! छ्पारा गोंड राजा राम सिंह की गड़ी है .
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सिवनी ज़िला
सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8758 वर्ग कि.मी..
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सिगार
विभिन्न ब्रांडों के चार सिगार (ऊपर से: एच. अपमैन, मोंटेक्रिस्टो, माकानुडो, रोमियो वाय जुलिएट) एक -सेमीएयरटाईट सिगार संग्रहण ट्यूब और एक डबल गिलोटिन-स्टाइल कटर सिगार सूखे और किण्वित तम्बाकू का कसकर-लपेटा गया एक बंडल होता है जिसको जलाकर उसके धुंए का कश मुंह के अंदर खींचा जाता है। सिगार का तम्बाकू ब्राज़ील, कैमरून, क्यूबा, डोमिनिकन गणराज्य, होंडुरास, इंडोनेशिया, मैक्सिको, निकारागुआ, फिलीपींस और पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी मात्रा में उगाया जाता है। .
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जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस
जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस (Gibraltar Cross of Sacrifice) ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर में स्थित एक युद्ध स्मारक है। यह नॉर्थ फ्रंट सिमेट्री के पश्चिम में विंस्टन चर्चिल एवेन्यू और डेविल्स टावर सड़क के जंक्सन पर मौजूद है। बलिदान के क्रॉस का डिज़ाइन सर रेजिनल्ड ब्लोम्फिल्ड ने वर्ष 1917 में तैयार किया था और इनके द्वारा तैयार इस डिज़ाइन के समार कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन के कई कब्रिस्तानो में देखने के लिए मिलते हैं। जिब्राल्टर में यह युद्ध स्मारक रॉयल इंजीनियर्स ने कमीशन के लिए लगाया था तथा इसका अनावरण 1922 में आर्मिस्टिस डे (हिन्दी: युद्धविराम दिवस) के दिन हुआ था। इस समर्पण समारोह के दिन ब्रिटिश पाथे द्वारा रिकॉर्ड की गई फ़िल्म जिब्राल्टर के इतिहास में उसकी जमीन पर रिकॉर्ड होने वाली पहली फ़िल्म थी। वर्ष 2009 तक जिब्राल्टर में रिमैम्बरेन्स संडे (हिन्दी: स्मरण रविवार) के दिन होने वाले समारोह को जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस के पास ही आयोजित किया जाता था परन्तु 2009 के बाद से समारोह का आयोजन स्थल बदल कर जिब्राल्टर युद्ध स्मारक स्थान्तरित कर दिया गया है। .
देखें रुडयार्ड किपलिंग और जिब्राल्टर क्रॉस ऑफ़ सैक्रिफ़ाइस
जंगल बुक (1942 फ़िल्म)
जंगल बुक इसी शीर्षक की एक प्रसिद्द रचना, जो रुडयार्ड किपलिंग द्वारा लिखित है, पर आधारित एक हॉलीवुड फ़िल्म है। इसके निर्देशक Zoltan Korda हैं और किपलिंग द्वारा लिखित कथानक का फ़िल्म हेतु रूपांतरण Laurence Stallings ने किया है। .
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जंगल बुक (1967 की फ़िल्म)
द जंगल बुक (अंग्रेज़ी: The Jungle Book) 1967 की एक अमेरिकी एनिमेटेड फिल्म है जिसका निर्माण डिज़्नी एनिमेशन स्टूडियो द्वारा किया गया था। 18 अक्टूबर 1967 को जारी की गई यह फिल्म वॉल्ट डिज़्नी की एनिमेटेड क्लासिक्स श्रृंखलाओं की 19वीं एनिमेटेड फिल्म है। यह रुडयार्ड किपलिंग द्वारा लिखित इसी नाम की पुस्तक में वर्णित मोगली नामक जंगली बच्चे की कहानियों से प्रेरित थी। फिल्म में "द बेयर नेसेसिटीज़ (The Bare Necessities)" और "आई वान्ना बी लाइक यू (I Wan'na Be Like You)" सहित कई उत्कृष्ट गीत हैं। अधिकांश गीत रिचर्ड एम.
देखें रुडयार्ड किपलिंग और जंगल बुक (1967 की फ़िल्म)
ईरान में यूरोपीय हस्तक्षेप
ईरान में यूरोपीय हस्तक्षेप सत्रहवीं से लेकर बीसवीं सदी तक के ऐसे घटनाक्रम को कहते हैं जिसमें किसी यूरोपीय देश ने ईरान की सत्ता पर कब्जा तो नहीं किया पर उसकी विदेश, व्यापार और सैनिक नीति में बहुत दख़ल डाला। औपनिवेशिक ताकत ब्रिटेन और रूस ने इसमें मुख्य सक्रिय भूमिका निभाई और फ्रांस, जर्मनी, अमेरिका तथा स्वीडन भी इसमें शामिल रहा। ये सभी हस्तक्षेप और सरकार (शाह) के ये सब हो जाने देने वाली नीति को देखकर 1905-11 तथा 1979 में जनता का विद्रोह भड़का। इस दौरान कई बार ईरानी शासकों ने एक यूरोपीय शक्ति का सहयोग इस लिए लिया ताकि दूसरी शक्तियों से बचा जा सके। ब्रिटेन तथा रूस दोनों मध्य एशिया तथा अफ़ग़ानिस्तान पर एक दूसरे के डर से अधिकार चाहते थे। ब्रिटेन मध्य एशिया में फैल रहे रूसी साम्राज्य को भारत की तरफ बढ़ता क़दम की तरह देखते थे जबकि रूसी ब्रिटेन को मध्य एशिया में हस्तक्षेप करने से रोकना चाहते थे। अंग्रेज़ी में ब्रिटेन तथा रूस की इस औपनिवेशिक द्वंद्व को ग्रेट गेम के नाम से जाना जाता था जो द्वितीय विश्वयुद्ध तक ही चला। इस नाम को प्रथमतया प्रयुक्त करने का श्रेय आर्थर कॉनेली को जाता है जिसको बाद में रुडयार्ड किपलिंग ने अपने उपन्यास किम में इस्तेमाल किया। .
देखें रुडयार्ड किपलिंग और ईरान में यूरोपीय हस्तक्षेप
ग्रैंड ट्रंक रोड
ग्रैंड ट्रंक रोड, दक्षिण एशिया के सबसे पुराने एवं सबसे लम्बे मार्गों में से एक है। दो सदियों से अधिक काल के लिए इस मार्ग ने भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी एवं पश्चिमी भागों को जोड़ा है। यह हावड़ा के पश्चिम में स्थित बांगलादेश के चटगाँव से प्रारंभ होता है और लाहौर (पाकिस्तान) से होते हुए अफ़ग़ानिस्तान में काबुल तक जाता है। पुराने समय में इसे, उत्तरपथ,शाह राह-ए-आजम,सड़क-ए-आजम और बादशाही सड़क के नामों से भी जाना जाता था। यह मार्ग, मौर्य साम्राज्य के दौरान अस्तित्व में था और इसका फैलाव गंगा के मुँह से होकर साम्राज्य के उत्तर-पश्चिमी सीमा तक हुआ करता था। आधुनिक सड़क की पूर्ववर्ती का पुनःनिर्माण शेर शाह सूरी द्वारा किया गया था। सड़क का काफी हिस्सा १८३३-१८६० के बीच ब्रिटिशों द्वारा उन्नत बनाया गया था। .
देखें रुडयार्ड किपलिंग और ग्रैंड ट्रंक रोड
गोंदिया जिला
गोंदिया भारतीय राज्य महाराष्ट्र का एक जिला है। जिले का मुख्यालय गोंदिया है। गोंदिया जिले को भंडारा जिला से अलग कर बनाया गया था। यह जिला महाराष्ट्र राज्य के उत्तर पुर्वी भाग में स्थित है। यह विदर्भ के एक प्रमुख जिलो में से एक है। इस जिले की पुर्वी सीमा पर छत्तीसगढ़ राज्य का राजनांदगांव जिला तथा उत्तरी सीमा पर मध्यप्रदेश राज्य का बालाघाट जिला है। इस जिले से लगे हुये महाराष्ट्र के अन्य जिले है, भंडारा, चन्द्रपुर और गड़चिरोली। यह जिला एक अविकसीत जिला है और इसकी भूमी का अधिकतर भाग वनो से आच्छादित है। धान इस जिले की मुख्य फसल है। अन्य फसलो में ज्वार, गेहुं, तुवर है। लोगो का मुख्य व्यवसाय कृषी है। इस जिले में उद्योगो की उपस्थिती नगण्य है जिससे यह जिला आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। धान इस जिले की मुख्य फसल होने से इस जिले में अनेको चावल की मीले है। गोंदिया को राइस सीटी (RICE CITY) भी कहा जाता है। गोंदिया जिला को दो उपविभागो में बांटा गया है, जो कि गोंदिया और देवरी है। हर उपविभाग में ४ तालुका, ५५६ ग्राम पंचायत और ९५४ गांव है। इस जिले में नौ विधानसभा क्षेत्र है जो कि गोंदिया, तिरोड़ा, गोरेगांव, आमगांव, लाखान्दूर और साकोली है। इसमे से लाखांदूर और साकोली भंडारा और गोंदिया के क्षेत्रों को मीला कर बने हुये विधानसभा क्षेत्र है। गोंदिया और तिरोड़ा में नगर परिषद है।.
देखें रुडयार्ड किपलिंग और गोंदिया जिला
किम
किम रुडयार्ड किपलिंग का लिखा एक उपन्यास है। किम इसका प्रमुख पात्र है वो एक आयरिश अनाथ है जो लाहौर में रहा करता था। एक दिन एक लामा के साथ यात्रा पे निकल जाता है। यात्रा में उसके पिता की रेजिमेंट उसको मिल जाती है। जिसका पादरी उसे गोद ले लेता है इसी बीच उसे ब्रिटिश भारत सरकार का खुफ़िया विभाग नौकरी पे ले लेता है। इसी उपन्यास में पहली बार दि ग्रेट गेम जैसा कूटनीतिक शब्द प्रयोग लाया गया था। श्रेणी:पुस्तक.
देखें रुडयार्ड किपलिंग और किम