4 संबंधों: बन्दूक, बैरेटा (छोटी पिस्तौल), माउज़र पिस्तौल, रेमिंग्टन 1100 (बन्दूक)।
बन्दूक
बन्दूक (अंग्रेजी: Coach gun) बीसवीं सदी तक सैनिकों द्वारा प्रयुक्त एक प्रमुख हथियार रहा है। यह आकार में बड़ा एवं वजनी होता है। साम्राज्यवाद के दौर में मुख्यतः इसी अस्त्र के कारण यूरोपीय सेनाओं ने एशियाई, अफ्रीकी एवं अमेरिकी भूभागों पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया था। इकनाली बन्दूक में एक बार मे केवल एक ही गोली भर कर दागी जाती है जबकि दुनाली बन्दूक में दो गोलियाँ भरकर क्रमश: दागी जा सकती हैं। आजकल भारत की आम जनता में जो लाइसेंसी बन्दूकें मिलती हैं उनमें प्राय: बारह बोर के ही कारतूस प्रयोग में लाये जाते हैँ। ब्रिटिश भारत में प्राय: विदेश में बनी बन्दूकें ही अमीर लोगों के पास होती थीं किन्तु अब भारतीय आयुध निर्माणी द्वारा बनायी गयीं इकनाली व दुनाली बन्दूकें यहाँ के शस्त्र विक्रेता अपने पास रखने लगे हैं। इन्हें कोई भी शस्त्र अनुज्ञप्ति धारक उनसे सीधे मूल्य देकर खरीद सकता है। .
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बैरेटा (छोटी पिस्तौल)
बैरेटा (छोटी पिस्तौल) मूल रूप से यूएसए में बनी 20 कैलिबर की सबसे छोटी पिस्तौल थी जिसका अमेरिका के मेरीलैण्ड राज्य (उपनिवेश) के ऐकोकीक शहर में सन् 1985 तक उत्पादन हुआ। क्योंकि 1984 से इटली की बैरेटा कम्पनी ने इसके उन्नत मॉडल बैरेटा 21 A बॉबकैट (अं: Beretta 21 A Bobcat) के नाम से उत्पादन शुरू कर दिया था इसलिये अमरीका की यह सबसे छोटी पिस्तौल अब दुर्लभ शस्त्र की श्रेणी में आ गयी। आसानी से मनुष्य की हथेली में आ जाने वाली यह पिस्तौल जेब में भी आराम से रखी जा सकती थी। नाथूराम गोडसे ने इसी मॉडल की पिस्तौल से महात्मा गान्धी की हत्या की थी। मुकदमे के दौरान न्यायालय में नाथूराम गोडसे द्वारा दिये गये बयान के अनुसार इस प्रकार की पिस्तौल उसने नई दिल्ली में एक शरणार्थी से खरीदी थी। .
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माउज़र पिस्तौल
माउज़र पिस्तौल (अंग्रेजी: Mauser C96) मूल रूप से जर्मनी में बनी एक अर्द्ध स्वचालित पिस्तौल है। इस पिस्तौल का डिजाइन जर्मनी निवासी दो माउज़र बन्धुओं ने सन् 1895 में तैयार किया था। बाद में 1896 में जर्मनी की ही एक शस्त्र निर्माता कम्पनी माउज़र ने इसे माउज़र सी-96 के नाम से बनाना शुरू किया। 1896 से 1937 तक इसका निर्माण जर्मनी में हुआ। 20वीं शताब्दी में इसकी नकल करके स्पेन और चीन में भी माउज़र पिस्तौलें बनीं। इसकी मैगज़ीन ट्रिगर के आगे लगती थी जबकि सामान्यतया सभी पिस्तौलों में मैगज़ीन ट्रिगर के पीछे और बट के अन्दर होती है। इस पिस्तौल का एक अन्य मॉडल लकड़ी के कुन्दे के साथ सन 1916 में बनाया गया। इसमें बट के साथ लकड़ी का बड़ा कुन्दा अलग से जोड़ कर किसी रायफल या बन्दूक की तरह भी प्रयोग किया जा सकता था। विंस्टन चर्चिल को यह पिस्तौल बहुत पसन्द थी। भारतीय क्रान्तिकारी रामप्रसाद 'बिस्मिल' ने महज़ 4 माउज़र पिस्तौलों के दम पर 9 अगस्त 1925 को काकोरी के पास ट्रेन रोक कर सरकारी खजाना लूट लिया था। स्पेन ने सन् 1927 में इसी की नक़ल करते हुए अस्त्र मॉडल बनाया। रेलवे गार्डों की सुरक्षा हेतु सन् 1929 में चीन ने इसकी नकल करके.45 कैलिबर का माउज़र बनाया। .
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रेमिंग्टन 1100 (बन्दूक)
रेमिंग्टन 1100 (बन्दूक) (अंग्रेजी: Remington Model 1100) यूनाइटेड स्टेट्स की शस्त्र निर्माता कम्पनी रेमिंग्टन आर्म्स द्वारा बनायी गयी 12 बोर की एक नाल वाली अर्द्ध स्वचालित बन्दूक है। इसकी आन्तरिक नलीनुमा मैगज़ीन में 10 और 1 चैम्बर में यानी 11 कारतूस एक के बाद एक फायर किये जा सकते हैं। 12 बोर के अलावा अब यह बन्दूक 16, 20, 28 और.410 के गेज़ (बोर व्यास) में भी बनने लगी है। यह वजन में काफी हल्की है और इससे फायर करना भी बहुत आसान है। इसका उत्पादन सन् 1963 में प्रारम्भ हुआ था तब से अब तक इस बन्दूक के कई मॉडल बाजार में आ चुके हैं और अभी भी आ रहे हैं। .
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