9 संबंधों: परिमित समुच्चय, शून्य समुच्चय, समुच्चय (गणित), समुच्चय संकेतन, सर्वनिष्ठ (समुच्चय सिद्धान्त), संघ (समुच्चय सिद्धान्त), सुतीक्ष्ण समुच्चय, अपरिमित समुच्चय, उपसमुच्चय।
परिमित समुच्चय
वह समुच्चय जिसके अवयवों की संख्या परिमित हो उसे परिमित समुच्चय (Finite set) कहते हैं। .
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शून्य समुच्चय
समुच्चय सिद्धान्त में अवयव रहित समुच्चय को शून्य समुच्चय (Null set) कहते हैं। इसे Ø से निरुपित किया जाता है। .
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समुच्चय (गणित)
समुच्चय या कुलक (set) सुपरिभाषित समूह अथवा संग्रह को कहते हैं। परिभाषा के रूप में वस्तुओं के उस समूह अथवा समाहार को समुच्चय कहते हैं जिसमें सम्मिलित प्रत्येक वस्तु किसी गुण विशेष को संतुष्ट करती हो जिसके आधार पर स्पष्ट रूप से यह बताया जा सके कि अमुक वस्तु उस संग्रह में सम्मिलित है अथवा नहीं है। .
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समुच्चय संकेतन
समुच्चय संकेतन (Set notation) समुच्चय को निरुपित करने का तरिका होता है। चूँकि समुच्चय इसके अवयवों का समाहर है। इसे निरूपित करने के लिए अंग्रेज़ी के बड़े अक्षर A, B, C,...., X, Y, Z काम में लिए जाते हैं और इसके अवयवों को सामान्यतः अंग्रेज़ी के छोटे अक्षरों (a, b, c,..., x, y, z) अथवा संख्याओं (1, 2, 3..) से निरुपित किया जाता है। अवयवों को परिभाषा से भी लिखा जाता है जैसे A.
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सर्वनिष्ठ (समुच्चय सिद्धान्त)
समुच्चयों का सर्वनिष्ठ अथवा प्रतिच्छेद (Intersection) दो या दो से अधिक समुच्चयों के उभयनिष्ठ अवयवों के समुच्चय को कहते हैं। समुच्चय A और B के सर्वनिष्ठ को A ∩ B से निरुपित किया जाता है एवं इसे 'A सर्वनिष्ठ B' पढ़ा जाता है। यदि दो समुच्चयों का सर्वनिष्ठ समुच्चय रिक्त समुच्चय है तो उन समुच्चयों को असंयुक्त समुच्चय कहा जाता है। .
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संघ (समुच्चय सिद्धान्त)
समुच्चय सिद्धान्त में संघ उस समुच्चय को कहते हैं जो दो या दो से अधिक समुच्चयों के संयोजन से बनता है अर्थात दो या दो से अधिक समुच्चयों के सभी अवयवों को मिलाकर एक समुच्चय बनाय जाये तो उसे संघ समुच्चय कहते हैं। समुच्चय A और B के संघ समुच्चय को A ∪ B से निरुपित किया जाता है एवं इसे 'A संघ B' पढ़ा जाता है। .
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सुतीक्ष्ण समुच्चय
गणित में सुतीक्ष्ण समुच्चय अथवा पोइंटेड समुच्चय (आधारी समुच्चय अथवा नियत समुच्चय भी) (X, x_0) का क्रमित युग्म है जहाँ X एक समुच्चय तथा x_0 समुच्चय X का एक अवयव है जिसे इसका आधार बिन्दु कहते हैं तथा इसे अधार बिन्दु अथवा बेसपॉइंट पढ़ा जाता है। सुतीक्ष्ण समुच्चयों (X, x_0) और (Y, y_0) पर प्रतिचित्रण (जिसे आधार प्रतिचित्रण, सुतीक्ष्ण प्रतिचित्रण, अथवा बिन्दू-सरंक्षी प्रतिचित्रण कहा जाता है) X से Y में परिभाषित फलन हैं जो एक से अन्य में आधार बिन्दु का प्रतिचित्रण करते हैं। उदाहरण के लिए f: X \to Y इस प्रकार है कि f(x_0) .
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अपरिमित समुच्चय
गणित में अपरिमित समुच्चय उस समुच्चय को कहते हैं जो परिमित समुच्चय नहीं है अर्थात जिसमें अवयवों की संख्या परिमित नहीं हो अर्थात अपरिमित या अनन्त हो। .
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उपसमुच्चय
यदि कोई दो समुच्चय ऐसे हों कि एक का प्रत्येक अवयव दूसरे का भी अवयव हो तो प्रथम समुच्चय को द्वितीय का उपसमुच्चय (subset) कहते हैं। इसे ⊂ और ⊃ से निरुपित किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि समुच्चय A का प्रत्येक अवयव B का भी अवयव है तो इसे A ⊂ B से निरुपित करते हैं और 'A उपसमुच्चय है B का' पढ़ते हैं एवं B को A का अधिसमुच्चय कहते हैं। .
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