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राजस्थान विश्वविद्यालय

सूची राजस्थान विश्वविद्यालय

राजस्थान विश्वविद्यालय, राजस्थान का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य, एवं विधि अध्ययन आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा और शोध कार्य में संलग्न भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से है। .

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सामग्री की तालिका

  1. 28 संबंधों: डॉ मंडन मिश्र, दिवाकर शर्मा, नरेश दाधीच (राजनीतिशास्त्री), पद्माकर, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर, प्रभु लाल भटनागर, प्रकाश परिमल, भारत में विश्वविद्यालयों की सूची, महारानी महाविद्यालय, महाराजा महाविद्यालय, माताप्रसाद गुप्त, मोहन सिंह मेहता, राज ऋषि कॉलेज, राजस्थान, राजस्थान महाविद्यालय, राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय, श्री कल्याण महाविद्यालय, सीकर, सांवर लाल जाट, सेठ ज्ञानीराम बंसीधर पोदार महाविद्यालय, नवलगढ़, वनस्थली विद्यापीठ, विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य, गोस्वामी हरिकृष्ण शास्त्री, गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, कन्हैयालाल सेठिया, कमलानाथ, कलानाथ शास्त्री, अर्चना रामासुंदरम, अशोक आत्रेय

डॉ मंडन मिश्र

आठवीं शताब्दी के दार्शनिक मण्डन मिश्र के लिये वहाँ जाएँ। ---- डॉ मंडन मिश्र (७ जून १९२९ - १५ नवम्बर, २००१) संस्कृत के प्रसिद्ध पण्डित थे जिन्होने श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ की स्थापना की। सन् २००० में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। डॉ॰ मण्डन मिश्र का जन्म 7 जून 1929 ई.

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और डॉ मंडन मिश्र

दिवाकर शर्मा

राजास्थान विश्वविद्यालय् दिवाकर शर्मा (१९३३ चूरु,राजस्थान-२००९) संस्कृत, हिंदी तथा राजस्थानी भाषाओं के विद्वान थे। आपने संस्कृत की कलाधिस्नातक परीक्षा कोटा में उत्तीर्ण की थी तथा पीएच.

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नरेश दाधीच (राजनीतिशास्त्री)

डॉ॰ नरेश दाधीच (जन्म: ३ जनवरी १९५७) वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के उपकुलप्ति हैं। इसके पूर्व वे राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर में राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक थे। वे गांधीवाद एवं शान्ति अध्ययन के प्रसिद्ध विद्वान हैं। उनके पीएचडी का विषय था - 'गाँधी और अस्तित्ववाद का तुलनात्मक अध्ययन'। यह गाँधीजी के ऊपर किए गये आरम्भिक तुलनात्मक अध्यनों में से एक है। .

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पद्माकर

रीति काल के ब्रजभाषा कवियों में पद्माकर (1753-1833) का महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे हिंदी साहित्य के रीतिकालीन कवियों में अंतिम चरण के सुप्रसिद्ध और विशेष सम्मानित कवि थे। मूलतः हिन्दीभाषी न होते हुए भी पद्माकर जैसे आन्ध्र के अनगिनत तैलंग-ब्राह्मणों ने हिन्दी और संस्कृत साहित्य की श्रीवृद्धि में जितना योगदान दिया है वैसा अकादमिक उदाहरण अन्यत्र दुर्लभ है। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और पद्माकर

पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, बीकानेर

पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय राजस्थान विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। इसकी स्थापना १९६५ में हुई ही। भारत के सभी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालयों मे बीकानेर के महाविद्यालय की अधोसंरचना, शैक्षणिक स्तर व प्रयोगशालाओं में उपलब्ध शोध सुविधाओं के आधार पर सदैव प्रथम पांच मे से एक स्थान सुनिश्चिचित माना जाता रहा है। .

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प्रभु लाल भटनागर

प्रभुलाल भटनागर, (8 अगस्त, 1912 - 5 अक्टूबर, 1976) विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें गणित के लैटिस-बोल्ट्ज़मैन मैथड में प्रयोग किये गए भटनागर-ग्रॉस-क्रूक (बी.जी.के) कोलीज़न मॉडल के लिये जाना जाता है।। इंडियन मैथ सोसायटी। ऑब्सोल्यूट एस्ट्रॉनोमी .

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प्रकाश परिमल

प्रकाश परिमल (जन्म- २८ नवम्बर १९३६, बीकानेर) एक हिन्दी-राजस्थानी लेखक, कला-समीक्षक, चित्रकार और अनुवादक हैं। इनके साहित्य, दर्शन, वैदिक-ज्ञान, कला विषयक कई ग्रन्थ प्रकाशित हुए हैं। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और प्रकाश परिमल

भारत में विश्वविद्यालयों की सूची

यहाँ भारत में विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है। भारत में सार्वजनिक और निजी, दोनों विश्वविद्यालय हैं जिनमें से कई भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समर्थित हैं। इनके अलावा निजी विश्वविद्यालय भी मौजूद हैं, जो विभिन्न निकायों और समितियों द्वारा समर्थित हैं। शीर्ष दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालयों के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालयों में से अधिकांश भारत में स्थित हैं। .

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महारानी महाविद्यालय

विश्वविद्यालय महारानी महाविद्यालय भारतीय राज्य राजस्थान में महिलाओं के लिए अग्रणी महाविद्यालय है। यह जयपुर में स्थित है। इसकी स्थापना १९४४ में हुई। वर्तमान में राजस्थान विश्वविद्यालय के छः घटक महाविद्यालयों में से एक है। महारानी महाविद्यालय वर्ष १९६२ में राजस्थान विश्वविद्यालय की घटक महाविद्यालय के रूप में जुड़ी। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और महारानी महाविद्यालय

महाराजा महाविद्यालय

महाराजा विश्वविद्यालय भारत में राजस्थान की राजधानी, जयपुर में एक कॉलिज है। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और महाराजा महाविद्यालय

माताप्रसाद गुप्त

माताप्रसाद गुप्त (जन्म-1909 ई०) हिन्दी भाषा एवं साहित्य के सर्वप्रमुख अनुसंधानकर्ताओं में से एक तथा पाठालोचन के सर्वमान्य विशेषज्ञ थे। .

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मोहन सिंह मेहता

मोहन सिंह मेहता (1895-1986) देश के जाने माने शिक्षाविद, राजस्थान विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति, सेवा मंदिर और विद्या भवन उदयपुर के संस्थापक, भूतपूर्व विदेश सचिव पद्मविभूषण जगत मेहता के पिता थे। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और मोहन सिंह मेहता

राज ऋषि कॉलेज

राज ऋषि कॉलेज भारत के राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित है। यह राजस्थान के प्रतिष्ठित कॉलेजों में से एक है। यह अलवर जिले का सबसे बड़ा विज्ञान और कॉमर्स कॉलेज है और यह राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध है। विश्वविद्यालय एक मध्यवर्ती कॉलेज के रूप में तत्कालीन महाराजा राज ऋषि देव जय सिंह द्वारा 1930 में राजर्षि कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया था। कॉलेज का कैंपस 250 एकड़ (1.0 किमी2) का है जो की विनय विलास पैलेस में चल रहा है। कॉलेज में 105 (35 महिला और 70 पुरुष) शिक्षक एवं 2600 छात्र हैं। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और राज ऋषि कॉलेज

राजस्थान

राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब (भारत), उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है। राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ (132139 वर्ग मील) है। 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं। जयपुर राज्य की राजधानी है। भौगोलिक विशेषताओं में पश्चिम में थार मरुस्थल और घग्गर नदी का अंतिम छोर है। विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है, जो कि पर्यटन का केन्द्र है, माउंट आबू और विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर सम्मिलित करती है। पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और राजस्थान

राजस्थान महाविद्यालय

विश्वविद्यालय राजस्थान महाविद्यालय (केवल राजस्थान महाविद्यालय) भारतीय राज्य राजस्थान के जयपुर नगर में स्थित एक महाविद्यालय है। यह राजस्थान विश्वविद्यालय के छः घटक महाविद्यालयों में से एक है। महाविद्यालय में स्नातक स्तर के कला संकाय के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करवाया जाता है। यह जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर स्थित है। इस महाविद्यालय से सम्बद्ध छात्रावास विवेकानन्द छात्रावास है। .

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राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय

राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर के निकट,राजस्थान, भारत में एक शैक्षणिक संस्थान है। यह संसद के एक अधिनियम के माध्यम से स्थापित किया गया है: "केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009" भारत सरकार द्वारा स्थापित। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय को एक नए केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में संसद के एक अधिनियम (2009 के अधिनियम सं.

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय

श्री कल्याण महाविद्यालय, सीकर

श्री कल्याण महाविद्यालय, (Shri Kalyan Government PG College) संक्षेप में एस.

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सांवर लाल जाट

सांवर लाल जाट एक भारतीय राजनेता थे। अजमेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद थे। पहले ये राजस्थान सरकार में केन्द्रिय मंत्री थे। वो राजस्थान विधानसभा में अजमेर जिले की नसीराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। उन्होंने सोहलवीं लोकसभा का चुनाव अजमेर से जीता था। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और सांवर लाल जाट

सेठ ज्ञानीराम बंसीधर पोदार महाविद्यालय, नवलगढ़

सेठ ज्ञानीराम बंसीधर पोदार महाविद्यालय मुख्य परिसर का भवन सेठ ज्ञानीराम बंसीधर पोदार महाविद्यालय, (Seth Gyaniram Bansidhar Podar College) संक्षेप में पोदार कॉलेज, नवलगढ़, झुँझुनू में स्थित निजी महाविद्यालय है। यह मानविकी, समाज विज्ञान, विज्ञान, वाणिज्य आदि विषयों में उच्च स्तर की शिक्षा कार्य में संलग्न राजस्थान के अग्रणी संस्थानों में से है। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और सेठ ज्ञानीराम बंसीधर पोदार महाविद्यालय, नवलगढ़

वनस्थली विद्यापीठ

वनस्थली विद्यापीठ महिला शिक्षा की राष्ट्रीय संस्था है जो राजस्थान के टोंक जिले की निवाई में स्थित है। जहॉ शिशु कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षण एंव अनुसंधान कार्य हो रहा है। विद्यापीठ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम की धारा 3 के अधीन भारत सरकार द्वारा समविश्वविद्यालय घोषित किया गया है। विद्यापीठ भारतीय विश्वविद्यालय संघ तथा एसोसिएशन ऑफ कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटीज का सदस्य है। वनस्थली का वातावरण स्वतंत्रता का वातावरण है। छात्राओं को अधिकतम स्वतन्त्रता दी जाती है और उनके व्यक्तित्व के निर्माण का प्रयास किया जाता है। जो छात्रा दो-चार वर्ष वनस्थली में पढ़ लेती है उसके व्यक्तित्व मे वनस्थली की झलक देखी जा सकती है। वनस्थली के विशाल पुस्तकालय में लगभग एक लाख पुस्तकें हैं जिनमें उच्चकोटि के अनेक दुर्लभ ग्रन्थ भी हैं। लगभग 750 पत्रिकाएँ नियमित रूप से आती हैं जिनमें उच्च स्तर की विदेशी पत्रिकाएँ भी हैं। क्षेत्रीय स्तर पर, राज्य के स्तर पर, तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी वनस्थली की छात्राएँ खेलकूद के विभिन्न कार्यक्रमों में पुरस्कृत होती है। घुड़सवारी के प्रशिक्षण की यहाँ जो व्यवस्था है वह यही का एक विशिष्ट और सराहनीय पक्ष है। लगभग प्रतिवर्ष ही राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तथा राजस्थान विश्वविद्यालय की मेरिट लिस्ट में यहाँ की छात्राएँ भी स्थान पाती हैं। वनस्थली का उच्च माध्यमिक विद्यालय देश का प्रथम 'गर्ल्स ऑटोनॉमस स्कूल' है। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और वनस्थली विद्यापीठ

विभिन्न संस्थान और उनके संस्कृत ध्येय-वाक्य

नीचे कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के नाम और उनके संस्कृत में ध्येय-वाक्य या मोट्टो दिये गये हैं: ।श्रीमद्द्यानन्द वेदार्ष महाविद्यालय।गुरुकुल गौतम नगर नई दिल्ली ।पावका न: सरस्वती । .

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गोस्वामी हरिकृष्ण शास्त्री

सन 1904 ईस्वी में महापुरा (जयपुर) में जन्मे गोस्वामी हरिकृष्ण शास्त्री साहित्य, न्याय-शास्त्र और वेदांत दर्शन के जाने माने अध्येता विद्वान, तंत्र-विद्या के ज्ञाता, संस्कृत गद्य और पद्य के जाने-माने लेखक और आशुकवि थे। इनके पिता का नाम गोपीकृष्ण गोस्वामी और माता का नाम ऐनादेवी था। इनका विवाह मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में ओरछा राजगुरुओं के परिवार में हुआ। कवि शिरोमणि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के साले गोस्वामी हरिकृष्ण शास्त्री तैलंग ब्राह्मणों के आत्रेय गोत्र में कृष्ण-यजुर्वेद के तैत्तरीय आपस्तम्ब में मूलपुरुष श्रीव्येंकटेश अणणम्मा और शिवानन्द गोस्वामी के वंशज थे। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और गोस्वामी हरिकृष्ण शास्त्री

गोविन्द चन्द्र पाण्डेय

डॉ॰ गोविन्द चन्द्र पाण्डेय (30 जुलाई 1923 - 21 मई 2011) संस्कृत, लेटिन और हिब्रू आदि अनेक भाषाओँ के असाधारण विद्वान, कई पुस्तकों के यशस्वी लेखक, हिन्दी कवि, हिन्दुस्तानी अकादमी इलाहबाद के सदस्य राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति और सन २०१० में पद्मश्री सम्मान प्राप्त, बीसवीं सदी के जाने-माने चिन्तक, इतिहासवेत्ता, सौन्दर्यशास्त्री और संस्कृतज्ञ थे। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और गोविन्द चन्द्र पाण्डेय

कन्हैयालाल सेठिया

महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया (11 सितम्बर 1919-11 नवंबर 2008) राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। आपको 2004 में पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 1988 में ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरास्कार से भी सम्मानित किया गया था। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और कन्हैयालाल सेठिया

कमलानाथ

कमलानाथ शर्मा (के.एन.शर्मा भी) जलविज्ञान, सिंचाई तथा जल-निकास, एवं जल-विद्युत अभियांत्रिकी के अन्तरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, वैदिक ग्रंथों में जलविज्ञान, पर्यावरण आदि विषयों के लेखक, साहित्यकार, तथा हिंदी के जानेमाने व्यंग्य लेखक और कहानीकार हैं। जलविज्ञान, जल-विद्युत अभियांत्रिकी व विश्व खाद्यान्न में उल्लेखनीय योगदान के अतिरिक्त के॰एन॰शर्मा ने वेदों, उपनिषदों आदि वैदिक वाङ्मय में जल, पर्यावरण, पारिस्थितिकी आदि पर भी शोध करके प्रचुरता से लिखा है। हिंदी साहित्य में साठ के दशक से कमलानाथ के नाम से उनके व्यंग्य तथा कहानियां भी देश की विभिन्न पत्रिकाओं में छपते रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा की, वहां के सिंचाई, जलनिकास, जलविज्ञान आदि के विकास में योगदान दिया तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के कार्यक्रमों तथा परियोजनाओं से संबद्ध रहे। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और कमलानाथ

कलानाथ शास्त्री

कलानाथ शास्त्री (जन्म: 15 जुलाई 1936) संस्कृत के जाने माने विद्वान,भाषाविद्, एवं बहुप्रकाशित लेखक हैं। आप राष्ट्रपति द्वारा वैदुष्य के लिए अलंकृत, केन्द्रीय साहित्य अकादमी, संस्कृत अकादमी आदि से पुरस्कृत, अनेक उपाधियों से सम्मानित व कई भाषाओँ में ग्रंथों के रचयिता हैं। वे विश्वविख्यात साहित्यकार तथा संस्कृत के युगांतरकारी कवि भट्ट मथुरानाथ शास्त्री के ज्येष्ठ पुत्र हैं। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और कलानाथ शास्त्री

अर्चना रामासुंदरम

अर्चना रामासुंदरम भारत के सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक हैं। वे किसी अर्धसैनिक बल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। इसके पूर्व वे राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो की निदेशक थीं। .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और अर्चना रामासुंदरम

अशोक आत्रेय

अशोक आत्रेय बहुमुखी प्रतिभा के संस्कृतिकर्मी सातवें दशक के जाने माने वरिष्ठ हिन्दी-कथाकार और (सेवानिवृत्त) पत्रकार हैं | मूलतः कहानीकार होने के अलावा यह कवि, चित्रकार, कला-समीक्षक, रंगकर्मी-निर्देशक, नाटककार, फिल्म-निर्माता, उपन्यासकार और स्तम्भ-लेखक भी हें| .

देखें राजस्थान विश्वविद्यालय और अशोक आत्रेय

युनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान के रूप में भी जाना जाता है।