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रंग

सूची रंग

रंग प्रकाश का गुण है। इसके तीन गुण होते है- रंगत,मान,सघनता।वर्ण, चाक्षुक या आभासी कला के महत्वपूर्ण अंग हैं। वर्ण या रंग होते हैं, आभास बोध का मानवी गुण धर्म है, जिसमें लाल, हरा, नीला, इत्यादि होते हैं। रंग, मानवी आँखों की वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से से उत्पन्न होते हैं। रंग की श्रेणियाँ एवं भौतिक विनिर्देश जो हैं, जुड़े होते हैं वस्तु, प्रकाश स्त्रोत, इत्यादि की भौतिक गुणधर्म जैसे प्रकाश अन्तर्लयन, विलयन, समावेशन, परावर्तन या वर्णक्रम उत्सर्ग पर निर्भर भी करते हैं। .

85 संबंधों: ऊर्जा (वैशेशिक दर्शन के अनुसार), चाक रूपरेखा, टाल्क, टिटहरी, एसिटिक अम्ल, झारखण्ड के आदिवासी त्योहार, दिव्या भारती, धूप के चश्मे, नपुंसक, नौसेना नीला, नैहाटि, नोकिया ५०००, नोकिया ५०३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५०७०, नोकिया ५१००, नोकिया ५११०, नोकिया ५१३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५१९०, नोकिया ५२०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५२१०, नोकिया ५३०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५३१० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५३२० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५३३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५५०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५५१०, नोकिया ५६१० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५६३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५७०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५७३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया ५८०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नील-हरित, नीलगिरी (यूकलिप्टस), पतली परत क्रोमैटोग्राफी, प्रस्तर मूर्तिकला, पेंसिल, पीला, फ्यूशिया (रंग), बारूद, बेज रंग, भारत का संविधान, भारत के इमारती लकड़ी वाले वृक्ष, भूरा, महाद्वीप, मैरून (रंग), यार्चा गुम्बा, याक, रंग मनोविज्ञान, रंग शीर्षकों की सूची, रंगोली, ..., रंगों की सूची, रूपहला, रोज़, लाइम (रंग), लॅवेंडर (रंग), श्वेत, संयोजी वर्ण, सेब, सी एम वाई के वर्ण प्रतिरूप, हरा, हरा वर्ण के परिवर्तन, होली, होली की कहानियाँ, ज्वारासुर, वर्ण सिद्धान्त, वर्ण व्योम, वर्णान्धता, वर्णक, वर्णक्रम, वीडियो कम्प्रेशन (वीडियो संपीडन), ग़ाज़ियाबाद ज़िला, गैमट, गीत बैठकी, आटोक्लेव, आधुनिकतावाद, आग, आइज़क न्यूटन, आकाश, इंडिगो, काला, काली मिर्च, अपूर्ण इनेमलजनन, अलंकारी पटलित, अंजीर, छपाई (वस्त्रों की) सूचकांक विस्तार (35 अधिक) »

ऊर्जा (वैशेशिक दर्शन के अनुसार)

वैशेषिक दर्शनके अनुसार 'ऊर्जा' (तेज) एक तीव्र चाकचक्य (चमक) युक्त पदार्थ है। प्रकृति से यह आणविक होती है। ऊर्जा का एक महत्त्वपूर्ण गुण ऊष्ण उत्तेजना प्रदान करना है, अत: कोई भी पिण्ड जो इसके साथ संयोग करता है उच्चतापमान प्रदर्शित करता है। तेज का संयोग कर्म (Motion) में परिवर्तन ले आता है। रासायनिक अभिक्रियाएँ, ऊर्जा (तेज) की मात्रा के संयोग के कारण होती है। द्रव्य अवरोध दो प्रकार (material obstructions) के होते हैं- १. शोषण व २. आवर्तन जैसे लकड़ी शोषण के द्वारा इसके मार्ग को अवरुद्ध कर देती है। उसी प्रकार काँच जैसे द्रव्य आवर्तन के द्वारा अपने अन्दर से तेज गुजर जाने की अनुमति प्रदान करते हैं। पिण्ड में तेज के संयोगिक प्रभाव के कारण जो रंग का प्रत्यक्ष होता है, वह उसके छितराए हुए (scattering) तेजोघन (photon) के कारण दिखाई देता है। अंशुबोधिनी के अध्ययन से ज्ञात होता है कि प्राचीन भारत में वर्ण-क्रम-मापन-विज्ञान (spectroscopy) का अस्तित्व रहा है। हम इस विषय पर अलग से अष्टादश अध्याय में विचार करेंगे। .

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चाक रूपरेखा

चाक रूपरेखा (चाक आउटलाइन) एक अस्थायी रूपरेखा है जो अपराध के स्थान पर जमीन पर सबूतों को रूपरेखित करने के लिए बनाई जाती है। रूपरेखा अपराध स्थल की तस्वीरों के लिए संदर्भ प्रदान करता है, और सबूत के संरक्षण में जांचकर्ताओं को सहायता करता है। आधुनिक जांचकर्ताओं लगभग चाक या टेप का उपयोग कभी नहीं करते अपराधिक स्थान पर उससे सबूत संदूषण हो सकते है। आधुनिक जांच में वे लोकप्रिय संस्कृति में एक साहित्यिक खीस्तयाग बन गए हैं। .

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टाल्क

कण तालक. टाल्क (Talc) एक खनिज है। इसका रासायनिक सूत्र Mg3 (OH) 2 Si4 O10 है। यह खनिज बड़ा मुलायम होता है तथा साबुन की तरह चिकनाहट लिए रहता है। इसका रंग सफेद या हरा होता है। कठोरता १ होने के कारण इसका चूर्ण आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसका आपेक्षिक घनत्व २.७-२.८ है। टाल्कम पाउडर का प्रयोग प्राय: सभी घरों में होता है। यह पाउडर खनिज टाल्क से ही तैयार किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह खनिज कपड़ों से चिकनाई को हटाने में, चीनी मिट्टी के उद्योग में, पोर्सिलेन तथा टाइल बनाने के काम में तथा रबर, कागज और रंग के उद्योगों में पूरक के रूप में काम आता है। रासायनिक बरतन बनाने तथा बिजली के उद्योगों में भी यह प्रयोग में लाया जाता है। भारत में इस खजि के उच्च श्रेणी के निक्षेप राजस्थान, आंध्र प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में है। कदाचित्‌ विश्व का सबसे अच्छा टाल्क फ्रांस के पाइरेनीज प्रदेश में मिलता है। श्रेणी:खनिज.

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टिटहरी

टिटहरी (अंग्रेज़ी:Sandpiper, संस्कृत: टिट्टिभ) मध्यम आकार के जलचर पक्षी होते हैं, जिनका सिर गोल, गर्दन व चोंच छोटी और पैर लंबे होते हैं। यह प्राय: जलाशयों के समीप रहती है। इसे कुररी भी कहते हैं। नर अपनी मादा को हवाई करतबों से रिझाता है, जिनमें उड़ान के बीच में द्रुत चढ़ाव, पलटे और चक्कर होते है। यह तेज़ चक्करों, हिचकोलों और लुढ़कन भरी उड़ान है, जिसमें कुछ अंतराल पर पंख फड़फड़ाने की ऊंची ध्वनि दूर तक सुनाई देती है। ये धरती पर मामूली सा खोदकर अथवा थोड़े से कंकरों और बालू से घिरे गढ्डे में घोंसला बनाते हैं। इनका प्रजनन बरसात के समय मार्च से अगस्त के दौरान होता है। ये सामान्यत: दो से पांच नाशपाती के आकार के (पृष्ठभूमि से बिल्कुल मिलते-जुलते, पत्थर के रंग के हल्के पीले पर स्लेटी-भूरे, गहरे भूरे या बैंगनी धब्बों वाले) अंडे देती हैं। .

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एसिटिक अम्ल

शुक्ताम्ल (एसिटिक अम्ल) CH3COOH जिसे एथेनोइक अम्ल के नाम से भी जाना जाता है, एक कार्बनिक अम्ल है जिसकी वजह से सिरका में खट्टा स्वाद और तीखी खुशबू आती है। यह इस मामले में एक कमज़ोर अम्ल है कि इसके जलीय विलयन में यह अम्ल केवल आंशिक रूप से विभाजित होता है। शुद्ध, जल रहित एसिटिक अम्ल (ठंडा एसिटिक अम्ल) एक रंगहीन तरल होता है, जो वातावरण (हाइग्रोस्कोपी) से जल सोख लेता है और 16.5 °C (62 °F) पर जमकर एक रंगहीन क्रिस्टलीय ठोस में बदल जाता है। शुद्ध अम्ल और उसका सघन विलयन खतरनाक संक्षारक होते हैं। एसिटिक अम्ल एक सरलतम कार्बोक्जिलिक अम्ल है। ये एक महत्वपूर्ण रासायनिक अभिकर्मक और औद्योगिक रसायन है, जिसे मुख्य रूप से शीतल पेय की बोतलों के लिए पोलिइथाइलीन टेरिफ्थेलेट; फोटोग्राफिक फिल्म के लिए सेलूलोज़ एसिटेट, लकड़ी के गोंद के लिए पोलिविनाइल एसिटेट और सिन्थेटिक फाइबर और कपड़े बनाने के काम में लिया जाता है। घरों में इसके तरल विलयन का उपयोग अक्सर एक डिस्केलिंग एजेंट के तौर पर किया जाता है। खाद्य उद्योग में एसिटिक अम्ल का उपयोग खाद्य संकलनी कोड E260 के तहत एक एसिडिटी नियामक और एक मसाले के तौर पर किया जाता है। एसिटिक अम्ल की वैश्विक मांग क़रीब 6.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष (Mt/a) है, जिसमें से क़रीब 1.5 Mt/a प्रतिवर्ष पुनर्प्रयोग या रिसाइक्लिंग द्वारा और शेष पेट्रोरसायन फीडस्टोक्स या जैविक स्रोतों से बनाया जाता है। स्वाभाविक किण्वन द्वारा उत्पादित जलमिश्रित एसिटिक अम्ल को सिरका कहा जाता है। .

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झारखण्ड के आदिवासी त्योहार

झारखंड में कुल ३२ जनजातिया मिलकर रह्ती है। एक विशाल सांस्कृतिक प्रभाव होने के साथ साथ, झारखंड यहाँ के मनाये जाने वाले त्योहारों की मेजबानी के लिए जाना जाता है। इसके उत्सव प्रकृति के कारण यह भारत की ज्वलंत आध्यात्मिक कैनवास पर भी कुछ अधिक रंग डालता है। यह राज्य प्राचीन काल के संदर्भ में बहुत मायने रखता है। झारखंड में पूरे मज़ा और उल्लास के साथ सभी त्योहारो को मनाया जाता है। देशभर में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों को भी झारखंड में पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस राज्य में मनाये जाने वाले त्योहारों से झारखंड का भारत में सांस्कृतिक विरासत के अद्भुत उपस्थिति का पता चलता है। हालाकि झारखंड के मुख्य आकर्षण आदिवासी त्योहारों के उत्सव में होता है। यहाँ की सबसे प्रमुख, उल्लास के साथ मनायी जाने वाली त्योहारो में से एक है सरहुल। .

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दिव्या भारती

दिव्या भारती (14 फ़रवरी 1974–5 अप्रैल 1993) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री थीं, जिनकी अभिनय विविधता से उन्हें "अपनी पीढ़ी के सबसे चित्ताकर्षक युवा अभिनेत्री " होने का गौरव मिला। 90 के दशक से अपनी करियर की शुरुवात करने वाली दिव्या ने कई प्रकार के व्यावसायिक रूप से सफल गति चित्रों में अभिनय किया है। हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी दर्शकों से उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अधिक तत्परता से भारती ने अपनी करियर की शुरुआत तमिल एवं तेलुगु फिल्मों से ही की थी। अभिनय के अतिरिक्त भारती में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की छवि नज़र आती थी। भारती ने अपने अभिनय की शुरुवात तेलुगु फिल्म "बोब्बिली राजा" से सन् 1990 में की। शुरुआती समय में भारती को कम महत्व संबंधित भूमिकाएँ दी जाती थीं। फ़िल्मी सफर में उन्हें सफलता हिंदी फिल्म विश्वात्मा से मिली। इसी फिल्म के "सात समुन्दर पार गाने" से उन्हें एक अलग पहचान मिली। सन् 1992 तक भारती स्वयं को बॉलीवुड में एक सफल नायकत्व के रूप में स्थापित कर लिया था। अन्य फिल्में सरूप शोला और शबनम, एक नाटकीय फिल्म जिसमें भारती को निडर रास के भूमिका को दर्शाया। 1992 में बनी प्रेम प्रसंगयुक्त फिल्म दीवाना में भारती के निष्पादन ने उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया। 1992-1993 के मध्य तक भारती ने मात्र 19 वर्ष की आयु में सात चौदह हिंदी और सात दक्षिण भारतीय फिल्में की। अपने कम समय के करियर के दौरान मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा भारती ने एक शक्तिशाली अभिनय की उत्पत्ति की। उनकी अंतिम पूरी की हुई फिल्में रंग, सह अभिनीत कमल सदानाह और शतरंज, सह अभिनीत जैकी श्रॉफ थी, जिन्हें भारती के ३ अप्रैल १९९३ में रहस्यमय मरण के बाद जारी किया गया। यद्यपि भारती को अपने सम्पूर्ण करियर में कई अवनतियों का सामना करना पड़ा, उन्होंने खुद को ढूंढा और स्वयं को बॉलीवुड में एक सफल मुकाम बनाने में कामयाब भी रहीं। 1993 में हुई उनकी रहस्मयी मृत्यु से उनका करियर भी समाप्त हो गया। .

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धूप के चश्मे

प्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश में धूप का चश्मा पहनना: बड़ा लेंस अच्छी सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन अगल-बगल से "अनचाहे प्रकाश" को रोकने के लिए चौड़ी बनावट वाले की ज़रूरत है। धूप के चश्मे एक प्रकार के सुरक्षात्मक नेत्र पहनावे हैं जिन्हें प्राथमिक रूप से आखों को सूरज की तेज़ रोशनी और उच्च-उर्जा वाले दृश्यमान प्रकाश के कारण होने वाली हानि या परेशानी से बचने के लिए डिजाइन किया गया है। वे कभी-कभी एक दृश्य सहायक के रूप में भी कार्य करते हैं, चूंकि विभिन्न नामों से ज्ञात चश्मे मौजूद हैं, जिनकी विशेषता यह होती है की उनका लेंस रंगीन, ध्रुवीकृत या गहरे रंग वाली होती है। 20वीं सदी के पूर्वार्ध में इन्हें सन चीटर्स के नाम से भी जाना जाता था (अमेरिकी अशिष्ट भाषा में चश्मो के लिए चीटर्स शब्द का इस्तेमाल किया जाता था).

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नपुंसक

तिलडट्टा-घरों, बंदनालो, बिलो तथा अन्य गन्दे जगहो पर पाये जाते हैं। यह कत्थईरंग ते होते हैं इनका शरीर 4 सेमी लम्बा होता हैं। इसके स्पर्स से सुजन हो जाता हैं।.

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नौसेना नीला

नेवी ब्लू यानी नौसिना नीला। यह नीले रंग का अति गहरा छाया है। इसे अपना नाम नौसेना की वर्दी के इस रंग जो कि श्वेत रंग के साथ होता है, से मिला। यह सन 1748 से प्रचलन में है और अब तो प्रायः सभी देशों की नौसेनाओं में यही रंग प्रयुक्त होता है। .

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नैहाटि

नैहाटी नगर भारत के पश्चिमी बंगाल राज्य में हुगली नदी पर कलकत्ता से 35 किमी उत्तर चौबीस परगना जिले में स्थित नगर है। यह चावल, पटसन, तिलहन आदि स्थानीय उपजों का व्यावसायिक केंद्र है। कागज तथा रंगों के निर्माण के उद्योग यहाँ विकसित हैं। इसके उत्तरी उपनगर गौरीपुर में विशाल शक्ति संयंत्र है। कोलकत्ता के अत्यंत समीप होने के कारण यहाँ भी व्यवसाय और उद्योग में उत्तरोत्तर उन्नति की संभावनाएँ हैं। श्रेणी:कोलकाता.

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नोकिया ५०००

नोकिया ५०००, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, ६५००० रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें १.३ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५०३० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५०३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००९ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, ६५५३६ रंग दिखाने में सक्षम - १२८X१६० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५०७०

नोकिया ५०७०, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००७ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, ६५५३६ रंग दिखाने में सक्षम - १२८X१६० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें विजिए कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५१००

नोकिया ५१००, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००३ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, ४०९६ रंग दिखाने में सक्षम - १२८X१२८ पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५११०

नोकिया ५११०, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन १९९८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, मोनोक्रोम रंग दिखाने में सक्षम - ८४X४८ पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५१३० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५१३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, २५६००० रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें २.० मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५१९०

नोकिया ५१९०, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन १९९८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, मोनोक्रोम रंग दिखाने में सक्षम - ८४X४८ पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५२०० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५२०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००६ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का स्लाइड बनावट वाला, २६२१४४ रंग दिखाने में सक्षम - १२८X१६० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें विजिए कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५२१०

नोकिया ५२१०, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००२ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, मोनोक्रोम रंग दिखाने में सक्षम - ८४X४८ पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५३०० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५३०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००७ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का स्लाइड बनावट वाला, १६७७२१६ रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें १.३ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५३१० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५३१० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, १६००००० रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें २.० मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५३२० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५३२० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, १६००००० रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें २.० मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५३३० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५३३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००९ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह युएम्टीएस तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का स्लाइड बनावट वाला, १६७७२१६ रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें ३.१५ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५५०० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५५०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००६ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, २६२१४४ रंग दिखाने में सक्षम - २०८X२०८ पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें २.० मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५५१०

नोकिया ५५१०, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००१ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह जीएसएम तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, मोनोक्रोम रंग दिखाने में सक्षम - ८४X८४ पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५६१० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५६१० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००७ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह युएम्टीएस तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का स्लाइड बनावट वाला, १६७७२१६ रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें ३.२ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५६३० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५६३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००९ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह युएम्टीएस तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, १६७७२१६ रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें ३.५ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५७०० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५७०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००७ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह युएम्टीएस तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, १६००००० रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें २.० मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। नोकिया ५७०० कुछ चुनिन्दा सिम्बियन ओऍस आधारित फोनों में से है जिनमें हिन्दी समर्थन उपलब्ध है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५७३० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५७३० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००९ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह युएम्टीएस तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का स्लाइड बनावट वाला, १६७७२१६ रंग दिखाने में सक्षम - २४०X३२० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें ३.१५ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नोकिया ५८०० एक्सप्रेस म्यूजिक

नोकिया ५८०० एक्सप्रेस म्यूजिक नोकिया ५८०० एक्सप्रेस म्यूजिक, नोकिया द्वारा बनाया गया एक मोबाइल फ़ोन उपकरण है। इसे सन २००८ में बाज़ार में उपलब्ध कराया गया। यह युएम्टीएस तकनीक पर कार्य करता है। यह नोकिया ५००० एक्टिव श्रृंखला का केंडीबार बनावट वाला, १६००००० रंग दिखाने में सक्षम - ३६०X६४० पिक्सल की स्क्रीन लगा उत्पाद है। इसमें ३.२ मेगापिक्सल का कैमरा रंगीन फोटो खेचने व संग्रहण के लिए लगा है। श्रेणी:नोकिया के मोबाइल फ़ोन.

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नील-हरित

यह नीला एवं हरा रंग के मिश्रण से बनने वाला एक रंग है। इसके अन्य निकटवर्ती रंगों की छायाओं को देखेने हेतु देखें.

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नीलगिरी (यूकलिप्टस)

नीलगिरी मर्टल परिवार, मर्टसिया प्रजाति के पुष्पित पेड़ों (और कुछ झाडि़यां) की एक भिन्न प्रजाति है। इस प्रजाति के सदस्य ऑस्ट्रेलिया के फूलदार वृक्षों में प्रमुख हैं। नीलगिरी की 700 से अधिक प्रजातियों में से ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया मूल की हैं और इनमें से कुछ बहुत ही अल्प संख्या में न्यू गिनी और इंडोनेशिया के संलग्न हिस्से और सुदूर उत्तर में फिलपिंस द्वीप-समूहों में पाये जाते हैं। इसकी केवल 15 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया के बाहर पायी जाती हैं और केवल 9 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया में नहीं होतीं.

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पतली परत क्रोमैटोग्राफी

पतली परत क्रोमैटोग्राफी एक क्रोमैटोग्राफी की तकनीक है जो गैर वाष्पशील मिश्रण को अलग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पतली परत क्रोमैटोग्राफी कांच, प्लास्टिक, या एल्यूमीनियम पन्नी, जो पी लेनेवाला सामग्री, आमतौर पर सिलिका जेल, एल्यूमीनियम ऑक्साइड (एल्यूमिना), या सेल्यूलोज की एक पतली परत के साथ लेपित के एक पत्रक पर किया जाता है। सोख लेनेवाला यह परत स्थिर चरण के रूप में जाना जाता है। घटकों की पहचान आये हुए स्पॉट रंग और उनके मंदता कारक के आदार पर किया जाता है। .

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प्रस्तर मूर्तिकला

पत्थर की मूर्तियाँ प्रागैतिहासिक काल से ही अनेक कारणों से बनाई जा रही हैं। पत्थर की मूर्तियाँ केवल सुंदरता का ही नहीं, बलकी और भी बहुत चीज़ों का प्रतीक है। इस बात को इस लेख में समझाया गया है। और यह भी दिखाया है कि सालों से विकास करती यह कला अत्यंत आकर्शक और महत्वपूर्ण है। पत्थर की मूर्तियाँ पत्थर को तीन आयमों में काटने से बनती हैं। इनकी आधारभूत संकलपना एक ही होने पर भी हमें लाखों तरह की रचनाएँ देखने को मिलती हैं। यह एक प्राचीन कला है जिसमें प्राकृतिक पत्थर को नियंत्रित रीति से काटा जाता हैं। कलाकार अपनी क्शमता को पथ्थर को काटने में दिखाता हैं, जैसे वह उसकी कुशलता का प्रतीक हो। सुबह शाम, दिन रात एक करके वे पत्थर को विभिन्न आकृतियों में काँट कर, उसको एक मूर्ती का रूप देता हैं। .

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पेंसिल

पेंसिल लिखने या चित्र बनाने के काम आती है। इसमें एक आसानी से सरकने वाली पतली छड़ होती है जो प्राय: ग्रेफाइट की बनी होती है जो कागज पर घिसकर अपने रंग के अनुरूप एक निशान छोड़ जाती है। बाज़ार में कई प्रकार के पेंसिल उप्लब्ध हैं जैसे 6H,2B,HB ईत्यादी। HB में H का hard एवं B का मतलब black से होता है। The Wikipede edits ''पेंसिल''. .

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पीला

पीला एक रंग है जो कि मानवीय चक्षु के शंकुओं में लम्बे एवं मध्यम, दोनों तरंग दैर्घ्य वालों को प्रभावित करता है। यह वह वर्ण है, जिसमें लाल एवं हरा वर्ण बाहुल्य में, एवं नीला वर्ण न्यून हो। इस का तरंग दैर्घ्य 570–580 nm है। .

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फ्यूशिया (रंग)

फ्यूशिया पौधे का फूल फ्यूशिया रंग फ्यूशिया पेड़ के फूल के नाम पर रखा गया है। यह विद्युत रानी रंग के नाम का एक विकल्प भी है। यह नाम प्रथम दृष्ट्या अँग्रेजी़ भाषा में 1892 में प्रयुक्त हुआ था। .

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बारूद

बारूद एक विस्फोटक रासायनिक मिश्रण है। इसे गन पाउडर (gunpowder) या अपने काले रंग के कारण काला पाउडर (black powder) भी कहते हैं। बारूद गंधक, कोयला एवं शोरा (पोटैसिअम नाइट्रेट या साल्टपीटर) का मिश्रण होता है और यह मानव इतिहास का सर्वप्रथम निर्मित विस्फोटक था। बारूद का प्रयोग पटाखों एवं नोदक (प्रोपेलन्ट) के रूप में अग्निशस्त्रों (firearms) में किया जाता है। बारूद चिंगारी पाकर तेजी से जलता है जिससे भारी मात्रा में गैस एवं गरम ठोस पैदा होता है। आधुनिक काल में बारूद एक "कमजोर विस्फोटक" (low explosive) के रूप में जाना जाता है क्योंकि विस्फोट होने पर यह अपश्रव्य तरंगें (subsonic) पैदा करता है न कि पराश्रव्य तरंगें (supersonic)। इसलिये बारूद के जलने से उत्पन्न गैसे इतना ही दाब पैदा कर पाती हैं जो गोली को आगे फेंकने में सहायक होती है किन्तु बन्दूक की नली को क्षति नहीं पहुंचा पाती। किसी चट्टान के विध्वंस या किसी किले को तोडने के लिये बारूद का प्रयोग उपयुक्त नहीं होता बल्कि इनके लिये "टी एन टी" आदि अच्छे रहते हैं। वर्तमान समय में बारूद के मानक मिश्रण में ७५% शोरा, १५% कोमल लकड़ी का कोयला तथा १०% गंधक होता है। .

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बेज रंग

बेज रंग एक बहुत ही मद्धिम पीला ish - क्रीम रंग है। शब्द बेज रंग कपड़े, एक सूती कपड़े छोड़ दिया अपने प्राकृतिक रंग में से बनती है। यह बाद से प्रकाश रंग s अपने तटस्थ या अच्छा दिखने के लिए चुना की एक श्रृंखला के लिए इस्तेमाल किया जा करने के लिए आ गया है। 1920 के दशक के बाद से, इस बिंदु जहाँ इसे अब भी उपयोग पीला भूरे रंग, जो नीचे दिखाया गया है की अधिक उल्लेखनीय में से कुछ की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए होता है के लिए शब्द बेज रंग का अर्थ का विस्तार किया।  .

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भारत का संविधान

भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .

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भारत के इमारती लकड़ी वाले वृक्ष

भारत में 150 से भी अधिक इमारती लकड़ी वाले वृक्षों की जातियाँ पायी जाती हैं। नीचे इनकी कुछ प्रमुख जातियों की सूची दी गयी है- ¹ After seasoning at 12% moisture content .

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भूरा

भूरा एक रंग है। यह लाल, नारंगी एवं पीले रंग के गहरे शेड में होता है। .

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महाद्वीप

महाद्वीपों को समाहित या विभाजित किया जा सकता है, उदाहरणतः यूरेशिया को प्रायः यूरोप तथा एशिया में विभाजित किया जाता है लाल रंग में। बक्मिन्स्टर फुलर द्वारा डायमैक्सियम नक्शा जो दर्शित करता है भूमिखण्ड कम से कम विरूपण समेत, एक एक लगातार महाद्वीप में बंटे हुए विश्व के महाद्वीप महाद्वीप (en:Continent) एक विस्तृत ज़मीन का फैलाव है जो पृथ्वी पर समुद्र से अलग दिखाई देतै हैं। महाद्वीप को व्यक्त करने के कोई स्पष्ट मापदण्ड नहीं है। अलग-अलग सभ्यताओं और वैज्ञानिकों नें महाद्वीप की अलग परिभाषा दी है। पर आम राय ये है कि एक महाद्वीप धरती बहुत बड़ा का विस्तृत क्षेत्र होता है जिसकी सीमाएं स्पष्ट पहचानी जा सके.

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मैरून (रंग)

मैरून एक गहरा भूरे आभा से पर्पल की ओर लाल रंग की छाया है।.

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यार्चा गुम्बा

यार्चा गुम्बा यार्चा गुम्बा एक आयुर्वेदिक जड़ि-बुटि है जिसे अंग्रेजी में Cordyceps Sinensis कहा जाता है। यार्चा गुम्बा नेपाली नाम है जो समुद्र तल से 3800 मिटर ऊपर नेपाल और तिब्बत के हिमालय पर पाया जाता है। यह एक High Value Traditional Medicine है। यार्चा गुम्बा एक फिल्म किट (movie insect) और एक प्रकार के पौधे के प्रतिक्रिया के द्वारा सर्दियोँ के दिनोँ में बनता है। यह भूरे रंग का होता है तथा यह 2 ईंच लम्बा होता है तथा इसका स्वाद मीठा होता है। .

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याक

याक याक (वैज्ञानिक नाम: Bos Grunniens) एक पशु है जो तिब्बत के ठण्डे तथा वीरान पठार, नेपाल और भारत के उत्तरी क्षेत्रों में पाया जाता है। यह काला, भूरा, सफेद या धब्बेदार रंग का होता है। इसका शरीर घने, लम्बे और खुरदरे बालों से ढँका हुआ होता है। इसे कुछ लोग तिब्बत का बैल भी कहते हैं। इसे 'चमरी' या 'चँवरी' या 'सुरागाय' भी कहते हैं। .

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रंग मनोविज्ञान

रंग चक्र .

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रंग शीर्षकों की सूची

यह रंग शीर्षकों की सूची है; (रंगों की सूची को भी देखें), जो कि विशिष्ट नामित रंगों या वर्णों संबंधित लेखों की सूची है। श्रेणी सूची:श्रेणी:रंग भी देखें, जो कि इस लेख से कहीं अधिक विस्तृत बनने वाली है।.

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रंगोली

अधिक विकल्पों के लिए यहाँ जाएँ - रंगोली (बहुविकल्पी) रंगोली पर जलते दीप। रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है। अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। इसकी यही विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती है। इसे सामान्यतः त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी देवताओं की आकृतियाँ। इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है। इन्हें प्रायः घर की महिलाएँ बनाती हैं। विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं। इसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले पारंपरिक रंगों में पिसा हुआ सूखा या गीला चावल, सिंदूर, रोली,हल्दी, सूखा आटा और अन्य प्राकृतिक रंगो का प्रयोग किया जाता है परन्तु अब रंगोली में रासायनिक रंगों का प्रयोग भी होने लगा है। रंगोली को द्वार की देहरी, आँगन के केंद्र और उत्सव के लिए निश्चित स्थान के बीच में या चारों ओर बनाया जाता है। कभी-कभी इसे फूलों, लकड़ी या किसी अन्य वस्तु के बुरादे या चावल आदि अन्न से भी बनाया जाता है। .

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रंगों की सूची

रंग दृश्य कलाओं का एक महत्वपूर्ण भाग हैं। यहाँ सम्बंधित वस्तुओं सहित रंगों की आंशिक सूची दी गई है। रंग का नाम एवं रंग शीर्षकों की सूची भी देखें। यहाँ कृप्या ध्यान दें कि नीचे दिए गए अधिकतर रंगों के धब्बे कम्प्यूटर प्रक्षेत्र विशेष की नामकरण पद्धति से लिए गए हैं। उदाहरणतः X11 या HTML4 (देखें वेब रंग)। प्रत्येक धब्बे के लिए लाल हरा नीला रंग प्रतिरूप या RGB मान दिए गए हैं, क्योंकि ऐसे मानक sRGB वर्ण व्योम (यानि RGB color space) के टर्म में परिभाषित किए जाते हैं। इन धब्बों में से कई धब्बों को को CMYK मान में परिशुद्ध रूपांतरण करना, दो रिक्त स्थानों के बदले गैमट के कारण; संभव नहीं है। परंतु संचालन प्रणालियों (operating systems) एवं चित्र सम्पादन सॉफ्टवेयरों में रंग प्रबंधन प्रणालियों का समन्वय; निकटतम या परिशुद्ध परिवर्तन यथासंभव प्रयासित है। HSV मान यानि (रंग, संतृप्ति, उज्ज्वलता) (Hue, Saturation, Brightness) एवं षड्दशमलव ट्रिप्लेट (HTML वेबरंगों हेतु) भी यहाँ सारणी में दिए गए हैं। अधोलिखित रंगों के धब्बों के यथार्थ रंगों के रूप में भी अंतर हो सकता ह, जो कि कई पैरामीटरों पर निर्भर है, जैसे कि; प्रदर्शक उपकरण, रंग प्रबंधन की सैटिंग एवं.

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रूपहला

---- रुपहले रंग का छायांकित प्रतिरूप रुपहला एक धात्विक छाया रंग है, जो कि सलेटी के निकटतम है। दृश्य अनुभूति प्रायः धातु रजत जैसी होती है, उसकी धात्विक आभा में। यह सरल ठोस रंग द्वारा प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इसकी चमक धातु की उज्ज्वल चमक से होती है, जो कि भिन्न कोणों पर भिन्न्ता से बदलती है। इसी प्रकार ऐसा कोई तरीका अभी तक नहीं है, जिससे कि धात्विक या प्रतिदीप्त रंगों को कम्प्यूटर पर प्रदर्शित किया जा सके। फलतः कलात्मकता हेतु कागज़ इत्यादि पर चमकता झिलमिलाता रंग प्रयुक्त होता है। मैट्ट सलेटी जो यहाँ धब्बे में दिखाया है, उसे रुपहला तो नहीं कहा जा सकता, परंतु इससे बेहतर कोई विकल्प अभी तक नहीं है। या फिर इसे छायित रूप में दिखाया जाये। .

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रोज़

इस शब्द के अनेक अर्थ हो सकते हैं:-.

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लाइम (रंग)

लाइम हरा रंग पीला एवं हरा के बीच का होता है। इसका नाम नीबू नामक फल पर किया गया है, जो कि दांए दर्शित है। यह रंग वेब रंग चार्ट्रियूस एवं पीले के मध्य मार्ग में वर्ण चक्र पर है। Maerz and Paul A Dictionary of Color New York:1930 McGraw-Hill; The index refers to Plate 20 Color Sample J1 for Lime Green, though Plate 20 has no such label; this color is shown on Plate 20 as being halfway between yellow-green (the old name for the color that is now called chartreuse) and yellow on the color wheel.

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लॅवेंडर (रंग)

यह एक रंग का नाम है, जो कि इसी नाम के फूल के रंग के ऊपर दिया गया है। .

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श्वेत

श्वेत रंग प्रत्यक्ष प्रकाश के सभी रंगों को मिलाने पर बनता है।.

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संयोजी वर्ण

संयोजी वर्ण मिश्रण: लाल में हरा मिलाने से पीला मिलता है, पीला में नीला मिलाने पर सफेद मिलता है। एक संयोजी वर्ण प्रतिरूप (additive color model) में संसक्त या एकल स्रोत से निकले प्रकाश का प्रयोग होता है। संयोजी मिश्रण में लाल, हरा एवं नीला प्रकाश प्रयोग होता है, अन्य प्रकाशों को निर्मित करने हेतु। देखें लाल हरा नीला रंग प्रतिरूप.

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सेब

कोई विवरण नहीं।

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सी एम वाई के वर्ण प्रतिरूप

क्यान, रानी, पीला एवं कुंजी (काला) अर्ध-पारदर्शी काँच की रंगीन पर्तें दिखाती हैं, कि कैसे रंगों की पर्तें कागज़ पर मिश्रित होकर CMY वर्णों का वर्णक्रम बनाती हैं। .

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हरा

हरा एक रंग है। .

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हरा वर्ण के परिवर्तन

यह लेख हरे रंग के प्रसिद्ध टिंट एवं छायाओं के बारे में है। .

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होली

होली (Holi) वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन इसके अन्य नाम हैं, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं। राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है। राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज है। नए कपड़े पहन कर होली की शाम को लोग एक दूसरे के घर होली मिलने जाते है जहाँ उनका स्वागत गुझिया,नमकीन व ठंडाई से किया जाता है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है। .

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होली की कहानियाँ

होली खेलते राधा और कृष्ण होली भारत के सबसे पुराने पर्वों में से है। यह कितना पुराना है इसके विषय में ठीक जानकारी नहीं है लेकिन इसके विषय में इतिहास पुराण व साहित्य में अनेक कथाएँ मिलती है। इस कथाओं पर आधारित साहित्य और फ़िल्मों में अनेक दृष्टिकोणों से बहुत कुछ कहने के प्रयत्न किए गए हैं लेकिन हर कथा में एक समानता है कि असत्य पर सत्य की विजय और दुराचार पर सदाचार की विजय और विजय को उत्सव मनाने की बात कही गई है। .

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ज्वारासुर

हिंदू पौराणिक कथाओं अनुसार, ज्वारासुर बुखार के दानव और शीतला देवी का जीवनसाथी है। .

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वर्ण सिद्धान्त

रंगों को मिलाने तथा रंगों के मिलान से उत्पन्न दृष्य प्रभावों से सम्बन्धित व्यावहारिक मार्गदर्शन वर्ण सिद्धान्त (color theory) के अन्तर्गत आते हैं। .

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वर्ण व्योम

भिन्न वर्ण व्योमों की तुलना वर्ण प्रतिरूप एक निराकार गणितीय प्रतिरूप को कहते हैं, जो कि रंगों को कैसे प्रदर्शित किया जाये, यह वर्णित करता है। रंगों को संख्या के ट्यूपल के मान में प्रदर्शित किया जाता है, जो कि तीन या चार घटकों में (उदाहरणतः RGB एवं CMYK वर्ण प्रतिरूप)। .

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वर्णान्धता

इन्द्रधनुष के सात रंग। जिस व्यक्ति की दृष्टि में किसी भी प्रकार की वर्णांधता नहीं होगी उसे ये सातों रंग दिखेंगे। नीचे से उपर की तरफ ये सात रंग हैं - बैगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी, लाल इशिहारा वर्ण प्लेटें: जिस व्यक्ति को किसी प्रकार की वर्णांधता नहीं होगी उसे इस प्लेट में '''74''' लिखा देखेगा। द्विवर्णता (डाइक्रोमैसी) या त्रिवर्णता (ट्राईक्रोमेसी) से ग्रसित व्यक्तियों को इसमें '''21''' दिखेगा। एक्रोमैटोप्सिया से ग्रसित व्यक्ति को इसमें कोई संख्या नहीं दिखेगी। वर्णांधता (Colourblindness) आँखों का एक रोग है जिसमें रोगी को किसी एक या एक से अधिक रंगों का बोध नहीं हो पाता है; जिससे उसकी रंगबोध की शक्ति साधारण व्यक्तियों के रंगबोध की शक्ति से कम होती है। यह रोग जन्म से हो सकता है, अथवा कतिपय रोगों के बाद उत्पन्न हो सकता है। साधारण व्यक्ति रंग के हलकेपन या गहरेपन का भली भाँति बोध (perception) कर सकता है। पर इस रोग में व्यक्ति की रंगों के गहरेपन का बोध या रंगों को पहचानने की शक्ति लुप्त हो जाती है। वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम /spectrum) के एक रंग अथवा रंगों के मिश्रण के बोध के लोप होने के आधार पर रोग के पृथक्-पृथक् वर्ग तथा उनके नाम भी हैं। .

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वर्णक

वर्णक या रंगद्रव्य या रंजक या पिगमेन्ट (pigment) ऐसे पदार्थ को कहते हैं जो अपने ऊपर गिरने वाले प्रकाश को किसी अन्य रंग में बदलकर प्रतिबिम्बित करे। ऐसे पदार्थ अपने ऊपर गिरने वाले प्रकाश की किरणों में से कुछ तरंगदैर्घ्य (वेवलेन्थ) वाली किरणें सोख लेते हैं और बाकी को प्रतिबिम्बित कर देते हैं। जो किरणें प्रतिबिम्बित होती हैं पदार्थ का रंग वही दिखता है। उदाहरण के लिए सिन्दूर नीले व हरे रंग वाली किरणें सोख लेता है और लाल व नारंगी किरणें प्रतिबिम्बित करता है। प्रयोग-योग्य रंगद्रव्य ऐसे पदार्थ और द्रव होते हैं जिन्हें अन्य वस्तुओं पर लेपा जा सके जिससे उन वस्तुओं का भी वही रंग हो जाता है। .

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वर्णक्रम

एक इन्द्रधनुष के अनगिनत रंग एक वर्णक्रम में व्यवस्थित होते हैं एक तारे के प्रकाश के वर्णक्रम से उस तारे का तापमान और बनावट अनुमानित किया जा सकता है वर्णक्रम या स्पॅकट्रम (spectrum) किसी चीज़ की एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें उस चीज़ की विविधताएँ किसी गिनती की श्रेणियों में सीमित न हों बल्कि किसी संतात्यक (कन्टिन्यम) में अनगिनत तरह से विविध हो सके। "स्पॅकट्रम" शब्द का इस्तेमाल सब से पहले दृग्विद्या (ऑप्टिक्स) में किया गया था जहाँ इन्द्रधनुष के रंगों में अनगिनत विविधताएँ देखी गयीं। .

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वीडियो कम्प्रेशन (वीडियो संपीडन)

वीडियो कम्प्रेशन का अभिप्राय डिजिटल वीडियो छवियों को दर्शाने वाले डेटा (आंकड़े) की मात्रा कम किये जाने से है और यह छवियों द्वारा लिए गए स्थान का संकुचन तथा सामयिक रूप से गति के प्रतिकरण का संयोजन है। वीडियो कम्प्रेशन सोर्स कोडिंग की अवधारणा तथा सूचना सिद्धांत का एक उदाहरण है। यह लेख वीडियो कम्प्रेशन के अनुप्रयोगों से सम्बंधित है: संकुचित वीडियो, वीडियो को प्रसारित करने में लगने वाली बैंडविथ को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है, चाहे वह धरती पर होने वाले ब्रॉडकास्ट के ज़रिये हो, केबल टीवी अथवा उपग्रहीय टीवी सेवाओं से हो.

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ग़ाज़ियाबाद ज़िला

ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक जिला है। नगर का नाम ग़ाज़ी-उद्-दीन के नाम पर पडा़ है। बाद में इसका नाम ग़ाज़ियाबाद हो गया जो प्रयोग में छोटा और सरल था। यहाँ भारत इलेक्ट्रोनिक्स लि० तथा अग्रिम स्तरीय दूरसंचार प्रशिक्षण केन्द्र (ALTTC) स्थित है। यह प्रमुख नगरीय क्षेत्र होने के नाते अच्छी तरह से सड़कों और रेल से जुड़ा हुआ है। हाल ही में एक बडी़ संख्या में शहर में मॉल और मल्टीप्लेक्स खुले हैं। सड़कों को चौड़ा किया जाने के साथ जगह जगह पर उड़नपुलों का निर्माण और सुधार किया जा रहा है, तथा शीघ्र ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क से जुडने वाला है। इनके कारण इसे न्यूज़वीक इंटरनेशनल ने 2006 के लिए दुनिया के 10 सबसे प्रगतिशील शहरों में शामिल किया था। .

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गैमट

रंग पुनरुत्पत्ति में, कम्प्यूटर ग्राफिक्स एवं फोटोग्राफी समेत, गैमट या रंग गैमट (उच्चा्रित), निश्चित पूर्ण उपसमुच्चय (complete subset) होता है रंगों का। सर्वाधिक सामान्य अनुप्रयोग संकेत करता है संगों के उपसमुच्चय को, जिसे कि सही ढंग से दर्शित किया जा सकता है, किसी दिये हुए परिस्थिति में, जैसे कि दिये हुए वर्ण व्योम या किसी आउटपुट उपकरण पर। श्रेणी:रंग श्रेणी:वर्ण व्योम.

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गीत बैठकी

गीत बैठकी खड़ी होली या गीत बैठकी उत्तराखंड के कुमाऊँ मंडल की सरोवर नगरी नैनीताल और अल्मोड़ा जिले में होली के अवसर पर आयोजित की जाती हैं। यहाँ नियत तिथि से काफी पहले ही होली की मस्ती और रंग छाने लगते हैं। इस रंग में सिर्फ अबीर-गुलाल का टीका ही नहीं होता बल्कि बैठकी होली और खड़ी होली गायन की शास्त्रीय परंपरा भी शामिल होती है। बरसाने की लठमार होली के बाद अपनी सांस्कृतिक विशेषता के लिए कुमाऊंनी होली को याद किया जाता है। वसंत के आगमन पर हर ओर खिले फूलों के रंगों और संगीत की तानों का ये अनोखा संगम दर्शनीय होता है। शाम के समय कुमाऊं के घर घर में बैठक होली की सुरीली महफिलें जमने लगती है। गीत बैठकी में होली पर आधारित गीत घर की बैठक में राग रागनियों के साथ हारमोनियम और तबले पर गाए जाते हैं। इन गीतों में मीराबाई से लेकर नज़ीर और बहादुर शाह ज़फ़र की रचनाएँ सुनने को मिलती हैं। गीत बैठकी में जब रंग छाने लगता है तो बारी बारी से हर कोई छोड़ी गई तान उठाता है और अगर साथ में भांग का रस भी छाया तो ये सिलसिला कभी कभी आधी रात तक तो कभी सुबह की पहली किरण फूटने तक चलता रहता है। होली की ये परंपरा मात्र संगीत सम्मेलन नहीं बल्कि एक संस्कार भी है। ये बैठकें आशीर्वाद के साथ संपूर्ण होती हैं जिसमें मुबारक हो मंजरी फूलों भरी...या ऐसी होली खेले जनाब अली...जैसी ठुमरियाँ गई जाती हैं। गीत बैठकी की महिला महफ़िलें भी होती हैं। पुरूष महफिलों में जहाँ ठुमरी और ख़याल गाए जाते हैं वहीं महिलाओं की महफिलों का रुझान लोक गीतों की ओर होता है। इनमें नृत्य संगीत तो होता ही है, वे स्वांग भी रचती हैं और हास्य की फुहारों, हंसी के ठहाकों और सुर लहरियों के साथ संस्कृति की इस विशिष्टता में नए रोचक और दिलकश रंग भरे जाते हैं। देवर भाभी के हंसी मज़ाक से जुड़े गी तो होते ही हैं राजनीति और प्रशासन पर व्यंग्य भी होता है। होली गाने की ये परंपरा सिर्फ कुमाऊं अंचल में ही देखने को मिलती है।” इसकी शुरूआत यहां कब और कैसे हुई इसका कोई ऐतिहासिक या लिखित लेखाजोखा नहीं है। कुमाऊं के प्रसिद्द जनकवि गिरीश गिर्दा ने होली बैठकी के सामाजिक शास्त्रीय संदर्भों और इस पर इस्लामी संस्कृति और उर्दू के असर के बारे में गहराई से अध्ययन किया है। वो कहते हैं कि “यहां की होली में अवध से लेकर दरभंगा तक की छाप है। राजे-रजवाड़ों का संदर्भ देखें तो जो राजकुमारियाँ यहाँ ब्याह कर आईं वे अपने साथ वहाँ के रीति रिवाज भी साथ लाईं। ये परंपरा वहां भले ही खत्म हो गई हो लेकिन यहां आज भी कायम हैं। यहां की बैठकी होली में तो आज़ादी के आंदोलन से लेकर उत्तराखंड आंदोलन तक के संदर्भ पाए जाते हैं।” .

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आटोक्लेव

आटोक्लेव एक ऐसा साधन है, जो उपकरणों और सामग्रियों को उनके भार और अन्तर्वस्तु के आधार पर, विशेषतः 15 से 20 मिनट तक, 121 °C या अधिक के उच्च दबाव वाले वाष्प के अधीन रख कर, उन्हें निष्कीटित करता है। 1879 में चार्ल्स चेम्बरलैंड द्वारा इसका आविष्कार किया गया, जबकि स्टीम डाईजेस्टर नामक इसके पुरोगामी को डेनिस पापिन ने 1679 में बनाया था। इसके नाम की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द aut और लैटिन शब्द clavis अर्थात् कुंजी से हुई है जिसका अर्थ है - एक स्व-अवरोधी उपकरण.

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आधुनिकतावाद

हंस होफ्मन, "द गेट", 1959–1960, संग्रह: सोलोमन आर. गुगेन्हीम म्यूज़ियम होफ्मन केवल एक कलाकार के रूप में ही नहीं, बल्कि एक कला शिक्षक के रूप में भी मशहूर थे और वे अपने स्वदेश जर्मनी के साथ-साथ बाद में अमेरिका के भी एक आधुनिकतावादी सिद्धांतकार थे। 1930 के दशक के दौरान न्यूयॉर्क एवं कैलिफोर्निया में उन्होंने अमेरिकी कलाकारों की एक नई पीढ़ी के लिए आधुनिकतावाद एवं आधुनिकतावादी सिद्धांतों की शुरुआत की.ग्रीनविच गांव एवं मैसाचुसेट्स के प्रोविंसटाउन में स्थित अपने कला विद्यालयों में अपने शिक्षण एवं व्याख्यान के माध्यम से उन्होंने अमेरिका में आधुनिकतावाद के क्षेत्र का विस्तार किया।हंस होफ्मन की जीवनी, 30 जनवरी 2009 को उद्धृत आधुनिकतावाद, अपनी व्यापक परिभाषा में, आधुनिक सोच, चरित्र, या प्रथा है अधिक विशेष रूप से, यह शब्द उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी के आरम्भ में मूल रूप से पश्चिमी समाज में व्यापक पैमाने पर और सुदूर परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के एक समूह एवं सम्बद्ध सांस्कृतिक आन्दोलनों की एक सरणी दोनों का वर्णन करता है। यह शब्द अपने भीतर उन लोगों की गतिविधियों और उत्पादन को समाहित करता है जो एक उभरते सम्पूर्ण औद्योगीकृत विश्व की नवीन आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थितियों में पुराने होते जा रहे कला, वास्तुकला, साहित्य, धार्मिक विश्वास, सामाजिक संगठन और दैनिक जीवन के "पारंपरिक" रूपों को महसूस करते थे। आधुनिकतावाद ने ज्ञानोदय की सोच की विलंबकारी निश्चितता को और एक करुणामय, सर्वशक्तिशाली निर्माता के अस्तित्व को भी मानने से अस्वीकार कर दिया.

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आग

जंगल की आग आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.

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आइज़क न्यूटन

सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे। इनका शोध प्रपत्र "प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांतों "" सन् १६८७ में प्रकाशित हुआ, जिसमें सार्वत्रिक गुर्त्वाकर्षण एवं गति के नियमों की व्याख्या की गई थी और इस प्रकार चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल भौतिकी) की नींव रखी। उनकी फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका, 1687 में प्रकाशित हुई, यह विज्ञान के इतिहास में अपने आप में सबसे प्रभावशाली पुस्तक है, जो अधिकांश साहित्यिक यांत्रिकी के लिए आधारभूत कार्य की भूमिका निभाती है। इस कार्य में, न्यूटन ने सार्वत्रिक गुरुत्व और गति के तीन नियमों का वर्णन किया जिसने अगली तीन शताब्दियों के लिए भौतिक ब्रह्मांड के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। न्यूटन ने दर्शाया कि पृथ्वी पर वस्तुओं की गति और आकाशीय पिंडों की गति का नियंत्रण प्राकृतिक नियमों के समान समुच्चय के द्वारा होता है, इसे दर्शाने के लिए उन्होंने ग्रहीय गति के केपलर के नियमों तथा अपने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बीच निरंतरता स्थापित की, इस प्रकार से सूर्य केन्द्रीयता और वैज्ञानिक क्रांति के आधुनिकीकरण के बारे में पिछले संदेह को दूर किया। यांत्रिकी में, न्यूटन ने संवेग तथा कोणीय संवेग दोनों के संरक्षण के सिद्धांतों को स्थापित किया। प्रकाशिकी में, उन्होंने पहला व्यवहारिक परावर्ती दूरदर्शी बनाया और इस आधार पर रंग का सिद्धांत विकसित किया कि एक प्रिज्म श्वेत प्रकाश को कई रंगों में अपघटित कर देता है जो दृश्य स्पेक्ट्रम बनाते हैं। उन्होंने शीतलन का नियम दिया और ध्वनि की गति का अध्ययन किया। गणित में, अवकलन और समाकलन कलन के विकास का श्रेय गोटफ्राइड लीबनीज के साथ न्यूटन को जाता है। उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय का भी प्रदर्शन किया और एक फलन के शून्यों के सन्निकटन के लिए तथाकथित "न्यूटन की विधि" का विकास किया और घात श्रृंखला के अध्ययन में योगदान दिया। वैज्ञानिकों के बीच न्यूटन की स्थिति बहुत शीर्ष पद पर है, ऐसा ब्रिटेन की रोयल सोसाइटी में 2005 में हुए वैज्ञानिकों के एक सर्वेक्षण के द्वारा प्रदर्शित होता है, जिसमें पूछा गया कि विज्ञान के इतिहास पर किसका प्रभाव अधिक गहरा है, न्यूटन का या एल्बर्ट आइंस्टीन का। इस सर्वेक्षण में न्यूटन को अधिक प्रभावी पाया गया।.

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आकाश

ऊँचाई से वायुयान द्वारा आकाश का दृष्य किसी भी खगोलीय पिण्ड (जैसे धरती) के वाह्य अन्तरिक्ष का वह भाग जो उस पिण्ड के सतह से दिखाई देता है, वही आकाश (sky) है। अनेक कारणों से इसे परिभाषित करना कठिन है। दिन के प्रकाश में पृथ्वी का आकाश गहरे-नीले रंग के सतह जैसा प्रतीत होता है जो हवा के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के परिणामस्वरूप घटित होता है। जबकि रात्रि में हमे धरती का आकाश तारों से भरा हुआ काले रंग का सतह जैसा जान पड़ता है। .

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इंडिगो

इंडिगो एक रंग है, जो कि विद्युतचुंबकीय वर्णक्रम में 420 से 450 nm तरंग दैर्घ्य पर नीला एवं बैंगनी वृण के बीच होता है। .

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काला

काला एक रंग है। श्रेणी:रंग.

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काली मिर्च

thumb 'काली मिर्च' के काले तथा सफेद दाने वनस्पति जगत्‌ में पिप्पली कुल (Piperaceae) के मरिचपिप्पली (Piper nigrum) नामक लता सदृश बारहमासी पौधे के अधपके और सूखे फलों का नाम काली मिर्च (Pepper) है। पके हुए सूखे फलों को छिलकों से बिलगाकर सफेद गोल मिर्च बनाई जाती है जिसका व्यास लगभग ५ मिमी होता है। यह मसाले के रूप में प्रयुक्त होती है। .

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अपूर्ण इनेमलजनन

अपूर्ण इनेमलजनन (अमीलोजेनेसिस इम्पर्फेक्टा) दांतों में पाए जाने वाली वह असामान्यता है जिसमे दांतों पर इनेमल की परत चढ़ जाती है या फिर दांतों के क्राउन की परत बढ़ जाती है। अमीलोजेनेसिस इम्पर्फेक्टा दांतों में प्रोटीन्स की कमी के कारण होती है। दांतों की यह असामान्यता X अनुवांशिकी पर पाई जाती है और यह प्रबल भी होती है। इस समस्या से पीड़ित लोगो के दांतों का रंग पीला, भूरा और धुमैला होता है।अमीलोजेनेसिस इम्पर्फेक्टा दांतों के किसी भी अंक में पाया जा सकता है और इससे पीड़ित दांत बहुत ही सूक्षम होते है और इनमे दंत गुहा होने के अत्यधिक संयोग होते है। .

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अलंकारी पटलित

अलंकारी पटलित या सजावटी लेमिनेट (Decorative laminate) का उपयोग फर्नीचर में किया जाता है। लेमिनेट कई रंगों में आते हैं। लेमिनेट पर चिपचिपा पदार्थ लगाकर प्लाइवुड पर चिपकाया जाता है। यह काफी आकर्षक दिखता है। इससे घर काफी अच्छा दिखता है। 'सनमाइका' (Sunmica), अलंकारी पटलित का एक ब्राण्ड है जो भारत में बहुत लोकप्रिय है। .

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अंजीर

अंजीर (अंग्रेजी नाम फ़िग, वानस्पतिक नाम: "फ़िकस कैरिका", प्रजाति फ़िकस, जाति कैरिका, कुल मोरेसी) एक वृक्ष का फल है जो पक जाने पर गिर जाता है। पके फल को लोग खाते हैं। सुखाया फल बिकता है। सूखे फल को टुकड़े-टुकड़े करके या पीसकर दूध और चीनी के साथ खाते हैं। इसका स्वादिष्ट जैम (फल के टुकड़ों का मुरब्बा) भी बनाया जाता है। सूखे फल में चीनी की मात्रा लगभग ६२ प्रतिशत तथा ताजे पके फल में २२ प्रतिशत होती है। इसमें कैल्सियम तथा विटामिन 'ए' और 'बी' काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके खाने से कोष्ठबद्धता (कब्जियत) दूर होती है। अंजीर मध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम एशियाई मूल की एक पर्णपाती झाड़ी या एक छोटे पेड़ है जो पाकिस्तान से यूनान तक पाया जाता है। इसकी लंबाई ३-१० फुट तक हो सकती है। अंजीर विश्व के सबसे पुराने फलों मे से एक है। यह फल रसीला और गूदेदार होता है। इसका रंग हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। अंजीर अपने सौंदर्य एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। यह विश्व के ऐसे पुराने फलों में से एक है, जिसकी जानकारी प्राचीन समय में भी मिस्त्र के फैरोह लोगों को थी। आजकल इसकी पैदावार ईरान, मध्य एशिया और अब भूमध्यसागरीय देशों में भी होने लगी है। प्राचीन यूनान में यह फल व्यापारिक दृष्टि से इतना महत्त्वपूर्ण था और इसके निर्यात पर पाबंदी थी। आज विश्व का सबसे पुराना अंजीर का पेड़ सिसली के एक बगीचे में है। अंजीर का वृक्ष छोटा तथा पर्णपाती (पतझड़ी) प्रकृति का होता है। तुर्किस्तान तथा उत्तरी भारत के बीच का भूखंड इसका उत्पत्ति स्थान माना जाता है। भूमध्यसागरीय तट वाले देश तथा वहाँ की जलवायु में यह अच्छा फलता-फूलता है। निस्संदेह यह आदिकाल के वृक्षों में से एक है और प्राचीन समय के लोग भी इसे खूब पसंद करते थे। ग्रीसवासियों ने इसे कैरिया (एशिया माइनर का एक प्रदेश) से प्राप्त किया; इसलिए इसकी जाति का नाम कैरिका पड़ा। रोमवासी इस वृक्ष को भविष्य की समृद्धि का चिह्न मानकर इसका आदर करते थे। स्पेन, अल्जीरिया, इटली, तुर्की, पुर्तगाल तथा ग्रीस में इसकी खेती व्यावसायिक स्तर पर की जाती है। नाशपाती के आकार के इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष तेज़ सुगंध नहीं पर यह रसीला और गूदेदार होता है। रंग में यह हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। छिलके के रंग का स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर इसका स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहाँ उगाया गया है और यह कितना पका है। इसे पूरा का पूरा छिलका बीज और गूदे सहित खाया जा सकता है। घरेलू उपचार में ऐसा माना जाता है कि स्थाई रूप से रहने वाली कब्ज़ अंजीर खाने से दूर हो जाती है। जुकाम, फेफड़े के रोगों में पाँच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह पानी सुबह-शाम पीना चाहिए। दमा जिसमे कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है इससे कफ बाहर आ जाता है। कच्चे अंजीरों को कमरे के तापमान पर रख कर पकाया जा सकता है लेकिन उसमें स्वाभाविक स्वाद नहीं आता। घरेलू उपचारों में अंजीर का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है। .

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छपाई (वस्त्रों की)

हाथ द्वारा ठप्पे से छपाई हेतु एक डिजाइन। इससे ठप्पों की जटिलता का अनुमान लगाया जा सकता है वस्त्रों के उपर निश्चित पैटर्न या डिजाइन के अनुसार रंग चढ़ाने की प्रक्रिया का वस्त्रों की छपाई (Textile printing) कहते हैं। एक अच्छी छपाई वह है जिसमें रंग सूत के साथ एकाकार हो जाय ताकि घर्षण से या धुलाई करने पर भी रंग न छूटे। छपाई, रंजन (dyeing) से सम्बन्धित तो है किन्तु भिन्न कार्य है। रंजन की क्रिया में सम्पूर्ण सूत को एक ही रंग से समान रूप से रंग दिया जाता है जबकि छपाई की प्रक्रिया में एक से अधिक रंग केवल कुछ चुने हुए स्थानों पर ही लगाये जाते हैं। प्रिन्टिंग की क्रिया में काष्ट के ठप्पे, स्टेंसिलें, नक्काशी की हुई धातु की प्लेटें, रोलर या सिल्कस्क्रीन आदि का उपयोग किया जाता है। छपाई में प्रयुक्त रंजक इतने गाढ़े बनाये जाते हैं कि वे सूक्ष्मनलिका-क्रिया (कैपिलरी-एक्शन) द्वारा पसर न सकें। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

रंग समानार्थी, कलर

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