सामग्री की तालिका
19 संबंधों: पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर, ब्रिटिश राजतंत्र, बॉस्टन चाय पार्टी, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872, मुकुटिय संपदाएँ, यूनाईटेड किंगडम की सरकार, यूनाइटेड किंगडम में कराधान, रॉयल मैरेजेज़ ऍक्ट, १७७२, सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर, संयुक्त राजशाही की राजनीति, विकीर्णन (डायसपोरा), वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली, कंपनी राज, अवध के नवाब, १० डाउनिंग स्ट्रीट, १६ दिसम्बर, २०१०, ९ दिसम्बर।
पैलेस ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर
पैलेस ऑफ वेस्टमिन्स्टर, जिसका अर्थ है वेस्टमिंस्टर का महल और जिसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट या वेस्टमिन्स्टर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटेन की संसद के दो सदनों का सभा स्थल है। इनमें से एक है ''हाउस ऑफ लॉर्ड्स'' और दूसरा है ''हाउस ऑफ कॉमन्स''। यह लंदन शहर के हृदय माने जाने वाले वेस्टमिन्स्टर शहर में थेम्स नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। यह सरकारी भवन वाइटहॉल और डाउन स्ट्रीट तथा ऐतिहासिक स्थल वेस्टमिन्स्टर ऐबी के करीब है। यह नाम निम्न दो में से किसी एक संरचना को संदर्भित कर सकता है, द ओल्ड पैलेस, जो एक मध्यकालीन इमारत है जो कि 1834 में ही नष्ट हो गई थी और उसके स्थान पर बनने वाला न्यू पैलेस जो आज भी मौजूद है। लेकिन इसकी मूल शैली और शाही ठाठबाट पूर्ववत बनी हुई है। इस जगह पर पहला शाही महल ग्यारहवीं शताब्दी में बनाया गया था और 1512 में इस इमारत के नष्ट होने से पहले वेस्टमिन्स्टर ही लंदन के राजा का प्राथमिक लंदन निवास था। इसके बाद से ही यह संसद भवन के रूप में कार्य कर रहा है। 13 वीं शताब्दी से यहां संसद की सभाएं होती हैं और शाही न्याय पीठ एवं वेस्टमिन्स्टर हॉल भी यहीं पर है। पुनः पूरी भव्यता से बनाये गये इस संसद भवन में 1834 में भयानक आग लग गई। इस आग से जो इमारते बच गईं उनमें शामिल हैं वेस्टमिन्स्टर हॉल, द क्लॉइस्टर्स ऑफ सेंट स्टीफन्स, चैपल ऑफ सेंट मैरी अंडरक्राफ्ट और जूअल टॉवर.
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ब्रिटिश राजतंत्र
ब्रिटिश एकराट्तंत्र अथवा ब्रिटिश राजतंत्र(British Monarchy, ब्रिटिश मोनार्की, ब्रिटिश उच्चारण:ब्रिठिश मॉंनाऱ्क़़ी), वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की संवैधानिक राजतंत्र है। ब्रिटिश एकाधिदारुक को संयुक्त राजशाही समेत कुल १५ राष्ट्रमण्डल प्रदेशों, मुकुटिया निर्भर्ताओं और समुद्रपार प्रदेशों के राजमुकुटों सत्ताधारक एकराजीय संप्रभु होने का गौरव प्राप्त है। वर्तमान सत्ता-विद्यमान शासक, ६ फरवरी वर्ष १९५२ से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हैं जब उन्होंने अपने पिता जॉर्ज षष्ठम् से राजगद्दी उत्तराधिकृत की थी। संप्रभु और उसके तत्काल परिवार के सदस्य देश के विभिन्न आधिकारिक, औपचारिक और प्रतिनिधि कार्यों का निर्वाह करते हैं। सत्ताधारी रानी/राजा पर सैद्धांतिक रूप से एक संवैधानिक शासक के अधिकार निहित है, परंतु सदियों पुराने आम कानून के कारण संप्रभु अपने अधिकतर शक्तियों का अभ्यास केवल संसद और सरकार के विनिर्देशों के अनुसार ही कार्यान्वित करने के लिए बाध्य हैं। इस कारण से, इसे वास्तविक तौर पर एक संसदीय सम्राज्ञता मानी जाता है। संसदीय शासक होने के नाते, शासक के अधिकतर अधिकार, निष्पक्ष तथा गैर-राजनैतिक कार्यों तक सीमित हैं। सम्राट, शासक और राष्ट्रप्रमुख होने के नाते उनके अधिकतर संवैधानिक शासन तथा राजनैतिक-शक्तियों का अभ्यय वे सरकार और अपने मंत्रियों की सलाह और विनिर्देशों पर ही करते हैं। परंपरानुसार शासक, ब्रिटेन के सशस्त्र बाल के अधिपति होते हैं। हालाँकि, संप्रभु के समस्त कार्य-अधिकारों का अभ्यय शासक के राज-परमाधिकार द्वारा होता है। वर्ष १००० के आसपास, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के राज्यों में कई छोटे प्रारंभिक मध्ययुगीन राज्य विकसित हुए थे। इस क्षेत्र में आंग्ल-सैक्सन लोगों का वर्चस्व इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय के दौरान १०६६ में समाप्त हो गया, जब अंतिम आंग्ल-सैक्सन राजा हैरल्ड द्वितीय की मृतु हो गयी थी और अंग्रेज़ी सत्ता विजई सेना के नेता, विलियम द कॉंकरर और उनके वंशजों के हाथों में चली गयी। १३वीं सदी में इंग्लैंड ने वेल्स की रियासत को अवशोषित किया तथा मैग्ना कार्टा द्वारा संप्रभु के क्रमिक निःशक्तकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। १६०३ में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स चतुर्थ, अंग्रेजी सिंहासन पर जेम्स प्रथम के नाम से विराजमान होकर जो दोनों राज्यों को एक व्यक्तिगत संघ की स्थिति में ला खड़ा किया। १६४९ से १६६० के लिए अंग्रेज़ी राष्ट्रमंडल के नाम से एक क्षणिक गणतांत्रिक काल चला, जो तीन राज्यों के युद्ध के बाद अस्तिव में आया, परंतु १६६० के बाद राजशाही को पुनर्स्थापित कर दिया गया। १७०७ में परवर्तित एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१, जो आज भी परवर्तित है, कॅथॉलिक व्यक्तियों तथा कैथोलिक व्यक्ति संग विवाहित व्यक्तियों को अंग्रज़ी राजसत्ता पर काबिज़ होने से निष्कर्षित करता है। १७०७ में अंग्रेज़ी और स्कॉटियाई राजशाहियों के विलय से ग्रेट ब्रिटेन राजशही की साथपना हुई और इसी के साथ अंग्रज़ी और स्कोटिश मुकुटों का भी विलय हो गया और संयुक्त "ब्रिटिश एकराट्तंत्र" स्थापित हुई। आयरिश राजशही ने १८०१ में ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के साथ जुड़ कर ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की स्थापना की। ब्रिटिश एकराट्, विशाल ब्रिटिश साम्राज्य के नाममात्र प्रमुख थे, जो १९२१ में अपने वृहत्तम् विस्तार के समय विष के चौथाई भू-भाग पर राज करता था। १९२२ में आयरलैंड का पाँच-छ्याई हिस्सा आयरिश मुक्त राज्य के नाम से, संघ से बहार निकल गया। बॅल्फोर घोषणा, १९२६ ने ब्रिटिश डोमिनिओनों के औपनिवेशिक पद से राष्ट्रमंडल के भीतर ही विभक्त, स्वशासित, सार्वभौमिक देशों के रूप में परिवर्तन को मान्य करार दिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश साम्राज्य सिमटता गया, और ब्रिटिश साम्राज्य के अधिकतर पूर्व उपनिवेश व प्रदेश स्वतंत्र हो गए। जो पूर्व उपनिवेश, ब्रिटिश शासक को अपना शासक मानते है, उन देशों को ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल प्रमंडल या राष्ट्रमण्डल प्रदेश कहा जाता है। इन अनेक राष्ट्रों के चिन्हात्मक समानांतर प्रमुख होने के नाते, ब्रिटिश एकराट् स्वयं को राष्ट्रमण्डल के प्रमुख के ख़िताब से भी नवाज़ते हैं। हालांकि की शासक को ब्रिटिश शासक के नाम से ही संबोधित किया जाता है, परंतु सैद्धान्तिक तौर पर सारे राष्ट्रों का संप्रभु पर सामान अधिकार है, तथा राष्ट्रमण्डल के तमाम देश एक-दुसरे से पूर्णतः स्वतंत्र और स्वायत्त हैं। .
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बॉस्टन चाय पार्टी
नाथानियल कुरीर द्वारा यह 1846 आयरोनिक लिथोग्राफ "द डेसट्रकशन ऑफ़ टी ऐट बॉस्टन हार्बर" पर वाक्यांश किया है; पर "बॉस्टन टी पार्टी" अभी तक मानक नहीं माना गया है। चमार के चित्रण के विपरीत, कुछ पुरुष जो चाय डंप कर रहे थे वास्तव में वे अमेरिकी भारतीय थे।यंग, शूमेकर, 183–85.
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भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) मूल रूप से 1872 में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया था। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 11 अध्याय और १६७ धाराएँ हैं। यह तीन भागों में विभक्त है। इस अधिनियम ने बनने के बाद से 125 से अधिक वर्षों की अवधि के दौरान समय-समय पर कुछ संशोधन को छोड़कर अपने मूल रूप को बरकरार रखा है। यह अदालत की सभी न्यायिक कार्यवाहियों पर लागू होता है (कोर्ट मार्शल सहित)। हालांकि, यह शपथ-पत्र और मध्यस्थता पर लागू नहीं होता। .
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मुकुटिय संपदाएँ
मुकुटिया संपदाएँ यानि क्राउन एस्टेट, यूनाइटेड किंगडम में कुछ विशिष्ट भूमि-संपदाओं और उपलब्धियों का समूह है, जोकि, संप्रभु के स्वामित्व में, उनके एकव्यक्ति संसथान(राजमुकुट) होने के नाते, हैं। यह संपदाएँ, नाहीं पर्याप्त रूपसे सरकारी संपत्ति है, ना शासक की निजी संवत्ति है। क्योंकि, ये सारे शासक की संपत्तियाँ तो हैं, परंतु इनका प्रबंधन और प्रशासन का अधिकार, अर्ध-स्वतंत्र सार्वजनिक रूप से अधिग्रहित निकायों द्वारा किया जाता है, और इनके प्रबंधन में संप्रभु का निजी रूप से शून्यमात्र या न्यूनतम् नियंत्रण या भागीदारी नहीं होती है। अतः इन्हें "संप्रभु की सार्वजनिक संपत्ति" कहा जा सकता है। मुकुटिया संपदाओं को जिन निकायों द्वारा प्रबंधित किया जाता है, उनपर सरपरस्ती, एक क्राउन एस्टेट कमिश्नर का होता है, जोकि उस विशेष संपत्ति के "स्वामित्व के अधिकारों" का अभ्यास करने हेतु सक्षम होता है। इन विरासती संपत्तियों द्वारा उत्पन्न राजस्व को शासक द्वारा उनकी शाही शान की सरकार के अधिकार में रखा गया है। अतः, इनसे उत्पन्न तमाम राजस्व सीधे सरकारी कोष में जाता है। क्राउन एस्टेट, आधिकारिक तौर पर, संसद के प्रति उत्तरदेह है। मुकुटिया संपदाएँ, ब्रिटेन के सबसे बड़े संपत्तियों के मालिकों में से एक है, और इसकी संपत्ति की कुल मूल्य £१२ बिलियन है, जिनमें ९.१ बिलियन शहरी संपत्तियों का है, और अन्य कुल १.६ बिलियन की ग्रामीण संपत्ति है।, इससे कुल वार्षिक आय, मार्च २०१६ में, £३०४.१ मिलियन हुई थी। इसमें से अधिकांश संपत्तियाँ शहरी इलाकों में है, जिनमे अनेक केंद्रीय लंदन में स्थित हैं। इसके अलावा, क्राउन एस्टेट कुल १,४४,००० हेक्टेयर की कृषि और वनभूमि भी है, तथा यह यूके की आधी से अधिक तटीय भूमियों और अन्य अनेक पारंपरिक उपलब्धियों और हितों पर भी स्वामित्व रखता है, जिनमें ऍस्कॉट रेसकोर्स और विंडसर ग्रेट पार्क शामिल हैं। संसद, संप्रभु के अधिकांश सरकारी खर्चों के लिए राशि संसदीय अनुदान तथा सार्वजनिक धन द्वारा प्रदान करता है, जिसे "नागरिक सूची"(सिविल लिस्ट) कहते हैं। तथा एक वार्षिक अनुदान, शाही निवासों के रखरखाव तथा रानी की आधिकारिक यात्राओं के लिए भी आवंटित की जाती है। कर्मचारियों की लागत, राज्य का दौरा, औपचारिक प्रतिबद्धताओं और आधिकारिक मनोरंजन सहित ज्यादातर खर्चों के लिए धन की पूर्ती नागरिक सूची द्वारा ही हो जाती है। यह राशि संसद द्वारा १० वर्षों की अवधी के लिए निर्धारित की जाती है। वर्ष १७६० तक शासक की वित्तीय आवश्यकताएँ, वंशानुगत राजस्व, मुकुटिय संपदाओं के लाभ(राजमुकुट की संपत्ति के पोर्टफोलियो), द्वारा पूरी होती थी। १७६० में राजा जॉर्ज तृतीय ने अपने वंशानुगत राजवन का परित्याग सिविल लिस्ट के लिए करने की सहमति दे दी, जो वर्ष २०१२ तक रहा। वर्त्तमान समय में मुकुटिया एस्टेटों से आई मुद्रा की मात्रा सिविल लिस्ट या अधिराट् को प्रदान किये जाने वाले अन्य अनुदानों से भी अधिक है। इस प्रकार २००७-०८ के बीच क्राउन एस्टेटों ने राजकोश में £२०० मिलियन(२० करोड़ पाउण्ड) की वृद्धि करवाई, जबकि संसद द्वारा ४० लाख पाउण्ड का भुगतान किया गया था। अतः ७.३ अरब पाउण्ड की संपदा के साथ मुकुटिय संपदाएँ ब्रिटेन के सबसे बड़ी ज़मींदारों में से एक है, यह साड़ी संपत्ति न्यास के अंतर्गत राखी गयी हैं और संप्रभु स्वेच्छा से इनका सौदा नहीं कर सकते हैं। २०१२ के बाद से संसदीय अनुदान और नागरिक सूची को मिला कर एक संकुक्त संप्रभु अनुदान से बदल दिया गया है। .
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यूनाईटेड किंगडम की सरकार
यूनाइटेड किंगडम की सरकार, आधिकारिक तौर पर हर मैजेस्टीज़ गवर्नमेंट यानी "उनकी महिमा की सरकार" अथवा "उनकी शाही शान की सरकार" या "महामहिम/महामहिमा की सरकार", वृहत् ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही की केंद्रीय सरकार है।.
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यूनाइटेड किंगडम में कराधान
यूनाइटेड किंगडम में कराधान दो स्तरों पर बनाया गया है:स्थानीय सरकार और केंद्र सरकार(टैक्स कार्यालय के माध्यम से)। स्थानीय सरकारें, अपनी वित्तीय स्थिति सरकारी अनुदान, वाणिज्यिक संपत्ति पर करों, स्थानीय करों और विशेष कर हल के दिनों में सड़कों पर पार्किंग शुल्क और मुनाफा शुल्क द्वारा बनाए रखती है, जबकि केंद्र सरकार की कर सामग्री मुख्य रूप से ईंधन, तंबाकू और शराब पर कर, अनिवार्य राष्ट्रीय बीमा, आयकर भुगतान, वैट, कॉरपोरेट टैक्स तथा उत्पाद शुल्क है। .
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रॉयल मैरेजेज़ ऍक्ट, १७७२
रॉयल मॅरेजेज़ ऍक्ट यानि शाही विवाह अधिनियम, वर्ष १७७२ में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक अधिनियम थी, जिसे ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्यों के विवाह की वैधता सिद्ध करने के नियमों को स्थापित करने हेतु और शाही विवाहों के संबंध में अन्य विधानों और नियमों को भी अंकित करने हेतु पारित किया गया था, ताकि शाही परिवार के सदस्यों के उन संबंधों से बचा जा सके, जिससे शाही परिवार की हैसियत या मान कम होती हो। शाही परिवार के सहस्यों के निजी मामलों के संबंध में, संप्रभु को दिए गए अधिकार के कारण यह अधिनियम भारी आलोचना का पात्र रहा था। २०११ के पर्थ समझौते के बाद, इसे पूर्ववत कर दिया गया, और इसके प्रावधानों में हस्तक्षेपों को काफी हद तक सीमित कर दियागया। .
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सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर
सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर (अंग्रेज़ी: City of Westminster) लंदन का एक बरो है। यह क्षेत्र, लंदन शहर के मध्य में, थेम्स नदी के किनारे स्थित है। यह ऐतिहासिक इलाका, मध्यकाल से ही, पूरे इंग्लैंड और संयुक्त अधिराज्य का राजनैतिक केंद्र रहा है। ब्रिटिश राजतंत्र और ब्रिटिश सरकार से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक इमारतें स्थित हैं, जिनमें:ब्रिटिश शासक का आधिकारिक निवास, बकिंघम पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर पैलेस(ब्रिटिश संसद भवन), सेंट जेम्स पैलेस, वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास, 10 डाउनिंग स्ट्रीट शामिल हैं। यह थेम्स के बाएँ तीर पर अवस्थित है। कुछ बगीचों और उद्यानों के अलावा, इस क्षेत्र का जनघनत्व काफ़ी अधिक है। .
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संयुक्त राजशाही की राजनीति
ब्रिटेन की राजनीतिक संरचना एक एकात्मक राज्य और एक संवैधानिक राजतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित है। ब्रिटिश राजतांत्रिक व्यवस्था में, अधिराट्(नरेश) को राष्ट्रप्रमुख का दर्ज दिया गया है, जबकि लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित प्रधानमंत्री शासनप्रमुख होते हैं। ब्रिटेन में प्रचलित यह राजनीतिक तथा सरकार की शासन प्रणाली ब्रिटेन की स्वयं की प्रणाली है, जो ब्रिटेन में ही, हज़ारों वर्षों के कालावधि में, क्रमशः विकसित हुई है। इसे वेस्टमिंस्टर प्रणाली के रूप में जाना जाता है। १८वीं और १९वीं सदी के दौरान ब्रिटेन के औपनिवेशिक विस्तार के कारण यह शासन प्रणाली विश्व के अन्य कई कोनों में फैली। आज, इसे, तथा इस पर आधारित या प्रभावित शासन प्रणालियों को कनाडा, भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और जमैका तथा अन्य राष्ट्रमंडल देशों में देखा जा सकता है। ब्रिटिश संविधान संहिताबद्ध नहीं है और लिखित तथा गैर-लिखा स्रोतों पर आधारित है। इसमें संसदीया अधिनियम, अदालती फैसलों समेत विभिन्न ऐतिहासिक संधियाँ और सभागम समूह तथा अन्य तत्त्व जैसे यूरोपीय विधान भी शामिल हैं, जिन्हें आज सामूहिक रूप से यूनाइटेड किंगडम का संविधान कहा जाता है। राज्य के प्रमुख और शासन-अधिकार के स्रोत, ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की संयुक्त राजशाही के एकादिदेव, पदविराजमान- महारानी एलिजाबेथ द्वितीय- हैं। परंपरा के मुताबिक नरेश, हाउस ऑफ कॉमन्स(आमसदन) में बहुमत प्राप्त करने वाली पार्टी के नेता को ही प्रधानमन्त्री नियुक्त करते हैं, हालांकि सैद्धांतिक रूप से इस पद के लिए कोई भी ब्रिटिश नागरिक जो संसद सदस्य है, चाहे वह हाउस ऑफ लॉर्ड्स या कॉमन्स में से किसी भी एक सदन का सदस्य हो, इस पद पर नियुक्त होने का अधिकार रखता है, बशर्ते की उसके पास आमसदन का समर्थन हासिल हो। सम्पूर्ण ब्रिटिश प्रभुसत्तात् प्रदेश में वैधिक नियमों को बनाने, बदलने तथा लागु करने का संपूर्ण तथा सर्वोच्च विधिवत अधिकार केवल तथा केवल संसद के ही अधिकारक्षेत्र के व्यय पर विद्यमान है(संसदीय सार्वभौमिकता)। ब्रिटिश विधान-प्रक्रिया के अनुसार, संसद द्वारा पारित अधिनियमों को सांविधिक होने के लिए, ब्रिटिश संप्रभु की शाही स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य होता है, जिसे स्वीकृत या अस्वीकृत करने के लिए वे सैधिन्तिक तौर पर पूणतः स्वतंत्र हैं, परंतु वास्तविक तौर पर अस्वीकृति की घटना अतिदुर्लभ है(पिछली ऐसी घटना 11 मार्च 1708 को हुई थी)। संप्रभु, प्रधानमंत्री की सलाह पर संसद भंग भी कर सकते हैं, लेकिन विधि सम्मत रूप से उनके पास, प्रधानमंत्री की सहमति के बिना भी संसद को भंग करने की शक्ति है। राजमुकुट के अन्य शाही शक्तियों, जिन्हें शाही विशेषाधिकार कहा जाता है, को संप्रभु, प्रधानमंत्री या मंत्रिमंडल की सलाह के बिना, अपने विवेक पर कर सकते हैं। तततिरिक्त, राजमुकुट की सारी कार्यकारी शक्तियों को संप्रभु, ऎतिहासिक परंपरानुसार, प्रधानमंत्री और अपनी मंत्रिमंडल की सलाह पर उपयोग करते हैं। तथा सार्वजनिक नीति में सम्राट की भूमिका औपचारिक कार्यों तक सीमित है। अतः, वर्तमान काल में ब्रिटेन में वास्तविक राजनीतिक शक्तियां प्रधानमंत्री और मंत्रिमण्डल के हाथों में होती है, जबकि अधिराट्, केवल एक पारंपरिक राष्ट्रप्रमुखीय पद है। ब्रिटिश राजनीतिक लहज़े में, संप्रभुता के वास्तविक कार्यवाहक को "ससंसाद माहरानी" कहा जाता है। वर्त्तमान ब्रिटेन, एक बहुदलीय लोकतंत्र है, और १९२० के दशक से, यहाँ की दो वृहदतम् राजनैतिक दल हैं कंजर्वेटिव पार्टी और लेबर पार्टी। ब्रिटिश राजनीति में, लेबर पार्टी के उदय से पहले लिबरल पार्टी एक बड़ी राजनीतिक दल हुआ करती थी। यूके में अल्पसंख्यक या गठबंधन सरकारों का शासन एक प्रासंगिक और यदाकदा की दृश्य है। तथा आम चुनावों में उपयोग होने वाली फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट निर्वाचन पद्यति इस रुझान को बरकरार रखने में और भी सहभागी साबित होती है। बहरहाल, हाल ही में, २०१० से २०१५ तक कंजर्वेटिव पार्टी और लिबरल-डेमोक्रैट पार्टी की गठबंधन सरकार सत्ता पर विद्यमान थी, जोकि १९४५ के बाद पहली गठबंधन सरकार थी। हालाँकि, संयुक्त राजशाही में सर्वोच्च विधानाधिकार, लंदन-स्थित ब्रिटिश संसद को है, परंतु संयुक्त राजशाही के विभिन्न संघटक देशों:स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड, वेल्स तथा लंदन क्षेत्र के लिए भी अनुक्रमित संसदों को स्थापित किया गया है, जिन्हें, संबंधित उपराष्ट्रीय इकाइयों के संदर्भ में सीमित विधानाधिकार प्रदान किया गया है, परंतु इस कारणवश संघीय या महासंघिया ढाँचे के विधानसभाओं के रूप में नहीं देखना चाहिए, ये केवल अनुक्रमित संसद हैं, और इनके द्वारा पारित किसी भी विधान को राष्ट्रीय संसद स्व-इच्छानुसार, कभी भी, पलट सकती है। वर्तमान में, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, आठ के समूह(जी-८), आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, राष्ट्रमण्डल तथा यूरोपीय संघ जैसे संगठनों का स्थायी सदस्य है, जिनमें से विशेष रूप से यूरोपीय संघ और उससे सम्बंधित मुद्दे, ब्रिटेन की राजनीती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। .
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विकीर्णन (डायसपोरा)
विकीर्णन या डायस्पोरा (diaspora) से आशय है -किसी भौगोलिक क्षेत्र के मूल वासियों का किसी अन्य बहुगोलिक क्षेत्र में प्रवास करना (विकीर्ण होना)। किन्तु डायसपोरा का विशेष अर्थ ऐतिहासिक अनैच्छिक प्रकृति के बड़े पैमाने वाले विकीर्ण, जैसे जुडा से यहूदियों का निष्कासन। .
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वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी
वेस्ट्मिन्स्टर ऍबी, (Westminster Abbey, सामान्य वर्तनी: वेस्टमिंस्टर ऐबी), जिसे पहले आधिकारिक रूप से अंग्रेज़ी में कॉलेजिएट चर्च ऑफ़ सेण्ट पीटर ऍट् वेस्ट्मिन्स्टर(वेस्टमिंस्टर में स्थित संत पीटर का कॉलेजिएट चर्च) का नाम दिया गया था, वेस्टमिंस्टर शहर, लंदन में स्थित एक विशाल, मुख्यत: गोथिक मठ व गिरिजाघर है। यह वेस्टमिंस्टर महल से पश्चिम में स्थित है। यह यूनाइटेड किंगडम के सबसे माननीय पूजा स्थलों में से एक है व ग्रेट ब्रिटेन के शाही परिवार के राज्याभिषेक का परम्परागत स्थल है। 1540 से 1556 तक इस मठ को कैथेड्रल का महत्व हासिल था। हालांकि 1560 से यह भवन मठ या कैथेड्रल नहीं रह गयी और सिर्फ़ शाही निजी संपत्ति ही कही जाती थी। "शाही निजी संपत्ति" – वो संपत्तियाँ थीं जो सीधे सम्राट के प्रति जवाबदेह थीं और सम्राट की जिम्मेदारी थीं। यह भवन वास्तविक मठ व गिरिजाघर है। 1080 में पहली बार सुलकार्ड द्वारा बताई गई परंपरा के अनुसार लंदन के थोर्नी द्वीप पर सातवीं शताब्दी में लंदन के पादरी मेलिटस के जमाने में एक गिरिजाघर का निर्माण हुआ था। वर्तमान गिरिजाघर का निर्माण सन् 1245 में हेनरी अष्टम के आदेश पर शुरु हुआ था।.
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वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली
वेस्टमिंस्टर महल, ब्रिटिश संसद का सभास्थल वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली, (सामान्य वर्तनी:वेस्टमिंस्टर प्रणाली) शासन की एक लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली है, जोकि सैकड़ों वर्षों के काल में, संयुक्त अधिराज्य में विकसित हुई थी। इस व्यवस्था का नाम, लंदन के पैलेस ऑफ़ वेस्टमिन्स्टर से आता है, जोकि ब्रिटिश संसद का सभास्थल है। वर्तमान समय में, विश्व के अन्य कई देशों में इस प्रणाली पर आधारित या इससे प्रभावित शासन-व्यवस्थाएँ स्थापित हैं। ब्रिटेन और राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमियों के अलावा, ऐसी व्यवस्थाओं को विशेषतः पूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों के शासन-व्यवस्था में देखा जा सकता है। वेस्टमिंस्टर प्रणाली की सरकारें, विशेष तौर पर राष्ट्रमंडल देशों में देखा जा सकता है। इसकी शुरुआत, सबसे पहले कनाडा (Canada) प्रान्त में हुई थी, और तत्पश्चात ऑस्ट्रेलिया ने भी अपनी सरकार को इस ही प्रणाली के आधार पर स्थापित किया। आज के समय, विश्व भर में कुल ३३ देशों में इस प्रणाली पर आधारित या इससे प्रभावित शासन-व्यवस्थाएँ हैं। एक समय ऐसा भी था जब तमाम राष्ट्रमंडल या पूर्व-राष्ट्रमण्डल देश और उसके उपराष्ट्रीय इकाइयों में वेस्टमिन्स्टर प्रणाली की सरकारें थीं। बाद में, अन्य कई देशों ने अपनी शासन प्रणाली को बदल लिया। .
देखें यूके की संसद और वेस्ट्मिन्स्टर प्रणाली
कंपनी राज
कंपनी राज का अर्थ है ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत पर शासन। यह 1773 में शुरू किया है, जब कंपनी कोलकाता में एक राजधानी की स्थापना की है, अपनी पहली गवर्नर जनरल वार्रन हास्टिंग्स नियुक्त किया और संधि का एक परिणाम के रूप में बक्सर का युद्ध के बाद सीधे प्रशासन, में शामिल हो गया है लिया जाता है1765 में, जब बंगाल के नवाब कंपनी से हार गया था, और दीवानी प्रदान की गई थी, या बंगाल और बिहार में राजस्व एकत्रित करने का अधिकार हैशा सन १८५८ से,१८५७ जब तक चला और फलस्वरूप भारत सरकार के अधिनियम १८५८ के भारतीय विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार सीधे नए ब्रिटिश राज में भारत के प्रशासन के कार्य ग्रहण किया। .
देखें यूके की संसद और कंपनी राज
अवध के नवाब
भारत के अवध के १८वीं तथा १९वीं सदी में शासकों को अवध के नवाब कहते हैं। अवध के नवाब, इरान के निशापुर के कारागोयुन्लु वंश के थे। नवाब सआदत खान प्रथम नवाब थे। .
देखें यूके की संसद और अवध के नवाब
१० डाउनिंग स्ट्रीट
10 डाउनिंग स्ट्रीट का मुख्य द्वार तत्कालीन प्रधानमंत्री, डेविड कैमरून, थाई प्रधानमंत्री के साथ, दस डाउनिंग स्ट्रीट के मुख्य दरवाज़े के बहार दस डाउनिंग स्ट्रीट, (१०, डाउनिंग स्ट्रीट) यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास और प्रधान कार्यालय है। यह लंदन के सिटी ऑफ़ वेस्ट्मिन्स्टर में स्थित एक इमारत है, जोकी डाउनिंग स्ट्रीट पर स्थित है। इस भवन को सबसे पहले १६८४ में बनाया गया था। यह ब्रिटिश राजप्रासाद, बकिंघम पैलेस और संसद भवन, वेस्टमिंस्टर पैलेस के पास स्थित है। 10 डाउनिंग स्ट्रीट में 100 से अधिक कमरे हैं। .
देखें यूके की संसद और १० डाउनिंग स्ट्रीट
१६ दिसम्बर
१६ दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का ३५०वाँ (लीप वर्ष मे ३५१वाँ) दिन है। वर्ष में अभी और १५ दिन बाकी है। .
देखें यूके की संसद और १६ दिसम्बर
२०१०
वर्ष २०१० वर्तमान वर्ष है। यह शुक्रवार को प्रारम्भ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष २०१० को अंतराष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इन्हें भी देखें 2010 भारत 2010 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 2010 साहित्य संगीत कला 2010 खेल जगत 2010 .
देखें यूके की संसद और २०१०
९ दिसम्बर
9 दिसंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 343वॉ (लीप वर्ष मे 344 वॉ) दिन है। साल में अभी और 22 दिन बाकी है। .
देखें यूके की संसद और ९ दिसम्बर
ब्रिटिश संसद के रूप में भी जाना जाता है।