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मित्रपक्ष

सूची मित्रपक्ष

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) नामक सैनिक मित्रपक्ष के एक समारोह में सदस्य राष्ट्रों के झंडों का प्रदर्शन हाथी पर बैठा सिन्धु राज्य का नरेश जयद्रथ कौरव नहीं था, लेकिन उनका जीजा होने के नाते महाभारत के युद्ध में उनके साथ मित्रपक्ष में पांडवों के ख़िलाफ़ लड़ा मित्रपक्ष (अंग्रेज़ी: Allies, ऐलाइज़​) उन व्यक्तियों, दलों, संस्थाओं या राष्ट्रों को कहते हैं जो किसी सांझे ध्येय के लिए एक-दूसरे से सहयोग करते हैं। यह ज़रूरी नहीं है कि उनमें आपस में कोई लिखित समझौता हो या वे किसी विधि से आपसी सहयोग करने के लिए बद्ध हों।, रफ़्तार शब्दकोष, Accessed 01 जुलाई 2012,...

17 संबंधों: चेकोस्लोवाकिया, दशराज्ञ युद्ध, द्रुह्यु लोग, पुरु लोग, बनू किनानाह, भालन लोग, लेग़ारी, सोमाली प्रदेश, सोवियत संघ, ज़हरान क़बीला, ग़म्द क़बीला, इस्लाम से पहले का अरब, अनु लोग, अमेरिकी युद्ध स्मारक, अरब लोग, अलीन लोग, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध

चेकोस्लोवाकिया

चेकोस्लोवाकिया मध्य यूरोप में स्थित एक देश हुआ करता था जो अक्टूबर १९१८ से १९९२ तक अस्तित्व में रहा। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान १९३९ से १९४५ के एक अंतराल में इसका ज़बरदस्ती जर्मनी में विलय कर दिया गया इसलिए वास्तविकता में यह देश उस ज़माने में अस्तित्व में नहीं था, हालांकि औपचारिक रूप से मित्रपक्ष शक्तियाँ तब भी इसे मान्यता देती रहीं। १९४५ में सोवियत संघ ने इसके एक पूर्वी हिस्से को चेकोस्लोवाकिया से अलग करके अपने क्षेत्र का भाग बना लिया। शीत युद्ध काल में चेकोस्लोवाकिया पर साम्यवाद (कोम्युनिस्ट) शासन रहा और यह देश सोवियत संघ के नेतृत्व में गठित वारसा संधि के मित्रपक्ष में शामिल था। सोवियत संघ के टूटने पर १९९० में यहाँ भी साम्यवाद ख़त्म हो गया। धीरे-धीरे देश के दो मुख्य समुदायों - चेक और स्लोवाक - के बीच तनाव बढ़ता रहा और लगने लगा कि वे एक राष्ट्र में मिलकर नहीं रह पाएँगे। १९९२ में रायशुमारी (लोगों का विभाजन के प्रश्न पर सीधा मतदान) की गई और जनता ने देश को बांटने का फ़ैसला चुना। १ जनवरी १९९३ को देश बिना किसी हिंसा के दो अलग राष्ट्रों में बाँट गया जिन्हें चेक गणतंत्र और स्लोवाकिया के नामों से जाना जाता है। विश्व में अन्य देशों के हुए विभाजनों की तुलना में यह बंटवारा इतने कोमल और शांतिपूर्वक ढंग से हुए कि इस घटना को इतिहासकार और समीक्षक कभी-कभी 'मख़मली तलाक़' कहते हैं।, Craig Zelizer, Kumarian Press, 2009, ISBN 978-1-56549-286-8,...

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दशराज्ञ युद्ध

दशराज्ञ युद्ध या दस राजाओं का युद्ध एक युद्ध था जिसका उल्लेख ऋग्वेद के सातवें मंडल में ७:१८, ७:३३ और ७:८३:४-८ में मिलता है। इस युद्ध में एक तरफ़ पुरु नामक आर्य क़बीला और उनका मित्रपक्ष समुदाय था, जिनके सलाहकार ऋषि विश्वामित्र थे। दूसरी ओर भारत नामक समुदाय था, जिसका नेतृत्व तृत्सु नामक क़बीले के राजा सुदास कर रहें थे और जिनके प्रेरक ऋषि वशिष्ठ थे।, Sushant Kumar, pp.

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द्रुह्यु लोग

द्रुह्यु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक प्रमुख क़बीला था। इनका वर्णन ऋग्वेद में अनु समुदाय के साथ आता है। ऋग्वेद के सातवे मंडल में द्रुह्यु योद्धा पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। .

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पुरु लोग

पुरु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक क़बीला या क़बीलाई परिसंघ था। ऋग्वेद ७:९६:२ में वे सरस्वती नदी के किनारे बसे हुए बताए जाते हैं। इनमें आपस में कई गुट थे, जिनमें से एक भारत नामक समुदाय था। ऋग्वेद के सातवे मंडल में पुरुओं द्वारा कई अन्य क़बीलों का मित्रपक्ष बनाकर दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से हुई जंग का वर्णन है। इसमें पुरु हार गए और भारत विजयी रहे।, Krishna Reddy, pp.

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बनू किनानाह

६०० ईसवी में अरबी क़बीलों का विस्तार जिसमें किनानाह भी देखे जा सकते हैं बनू किनानाह (अरबी:, अंग्रेज़ी: Banu Kinanah) एक अरबी क़बीला है। पारम्परिक क़हतानी-अदनानी अरब श्रेणीकरण के नज़रिए से बनू किनानाह अदनानी क़बीले के मुदर क़बीले की सबसे बड़ी शाखा है। इस क़बीले के लोग अधिकतर सउदी अरब के हिजाज़ और तिहामाह क्षेत्रों में बसते हैं। .

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भालन लोग

भालन बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक क़बीला था। ऋग्वेद के सातवे मंडल में वे पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। कुछ विद्वानों के अनुसार भालन लोग आधुनिक बलोचिस्तान के बोलन दर्रे क्षेत्र में रहते थे और उस दर्रे का नाम उन्ही पर पड़ा है।, pp.

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लेग़ारी

लेग़ारी या लग़ारी (बलोच व सिन्धी) एक बलोच समुदाय है जो पकिस्तान के बलोचिस्तान, सिन्ध और पंजाब प्रान्तो में बसा हुआ है। वे बलोच, सिन्धी और सराईकी भाषाएँ बोलते हैं और सुन्नी मुस्लिम हैं। .

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सोमाली प्रदेश

सोमाली प्रदेश (Somali, ሶማሌ) इथियोपिया के ९ जाति-आधारित प्रदेशों का सबसे पूर्वी प्रदेश है। २०१३ में लगाए गए अनुमान के अनुसार यहाँ के ९६.२३% लोग सोमाली जाति के हैं और ९५.९% सोमाली भाषा बोलते हैं। इस प्रदेश की उत्तरी और पूर्वी सरहद सोमालिया से लगती है। उत्तर में इसकी सीमा का एक भाग जिबूती से और दक्षिण में कीनिया से भी लगता है। .

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सोवियत संघ

सोवियत संघ (रूसी भाषा: Сове́тский Сою́з, सोवेत्स्की सोयूज़; अंग्रेज़ी: Soviet Union), जिसका औपचारिक नाम सोवियत समाजवादी गणतंत्रों का संघ (Сою́з Сове́тских Социалисти́ческих Респу́блик, Union of Soviet Socialist Republics) था, यूरेशिया के बड़े भूभाग पर विस्तृत एक देश था जो १९२२ से १९९१ तक अस्तित्व में रहा। यह अपनी स्थापना से १९९० तक साम्यवादी पार्टी (कोम्युनिस्ट पार्टी) द्वारा शासित रहा। संवैधानिक रूप से सोवियत संघ १५ स्वशासित गणतंत्रों का संघ था लेकिन वास्तव में पूरे देश के प्रशासन और अर्थव्यवस्था पर केन्द्रीय सरकार का कड़ा नियंत्रण रहा। रूसी सोवियत संघीय समाजवादी गणतंत्र (Russian Soviet Federative Socialist Republic) इस देश का सबसे बड़ा गणतंत्र और राजनैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र था, इसलिए पूरे देश का गहरा रूसीकरण हुआ। यही कारण रहा कि विदेश में भी सोवियत संघ को अक्सर गलती से 'रूस' बोल दिया जाता था। .

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ज़हरान क़बीला

ज़हरान (अरबी:, अंग्रेज़ी: Zahran) एक बदू अरबी कबीला है। यह उन गिनती के अरब क़बीलों में से है जिन्हें अरबी प्रायद्वीप का मूल निवासी माना जाता है। इस कबीले के लोग ग़ामिद​ क़बीले के भी सम्बन्धी हैं और उनके ऐतिहासिक मित्रपक्ष में रहे हैं।, Kathy Cuddihy, pp.

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ग़म्द क़बीला

ग़म्द​ या ग़ामिद​ (अरबी:, अंग्रेज़ी: Ghamd या Ghamid) एक बदू अरबी कबीला है। यह उन गिनती के अरब क़बीलों में से है जिन्हें अरबी प्रायद्वीप का मूल निवासी माना जाता है। इस कबीले के लोग ज़हरान क़बीले के भी सम्बन्धी हैं और उनके ऐतिहासिक मित्रपक्ष में रहे हैं।, Kathy Cuddihy, pp.

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इस्लाम से पहले का अरब

सउदी अरब के मदीना प्रान्त में मदाइन सालेह नामक नबाती मक़बरे यमन के सबाई संस्कृति के अल्मक़ाह चन्द्र-देवता की एक प्रार्थना नबाती लोगों के व्यापारिक मार्ग इस्लाम से पहले का अरब (अरबी:, अल-अरब क़ब्ल अल-इस्लाम; अंग्रेज़ी: Pre-Islamic Arabia) ६३० ईसवी के दशक में इस्लाम के उभरने से पहले के काल का अरबी प्रायद्वीप था। यदि इराक़ में केन्द्रित मेसोपोटामिया की सभ्यताओं को छोड़ा जाए तो अरबी प्रायद्वीप में सबसे पहली मानवीय संस्कृति २५०० ईसापूर्व के आसपास की उम्म अन-नार संस्कृति थी जो उत्तरी संयुक्त अरब अमीरात और ओमान के इलाक़े में लगभग ५०० सालों तक चली। इसके बाद यहाँ कई राज्य उभरे। .

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अनु लोग

अनु बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक प्रमुख क़बीला था। इनका वर्णन ऋग्वेद १:१०८:८ और ८:१०:५ में मिलता है और दोनों जगहों पर उनका उल्लेख द्रुह्यु समुदाय के साथ आता है। ऋग्वेद के सातवे मंडल में अनु योद्धा पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। इन श्लोकों में उनका नाम आनव के वृद्धि रूप में मिलता है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार यह क़बीला परुष्णि नदी (रावी नदी) क्षेत्र में बसा हुआ था। आगे चलकर सौवीर, कैकेय और मद्र क़बीले इन्ही आनवों से उत्पन्न हुए थे।, Sir Alexander Cunningham, Indological Book House, 1962,...

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अमेरिकी युद्ध स्मारक

अमेरिकी युद्ध स्मारक (American War Memorial), अधिक औपचारिक रूप से नेवल मौन्युमेन्ट ऐट जिब्राल्टर (Naval Monument at Gibraltar, हिन्दी: जिब्राल्टर में नौसेना स्मारक), ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर की लाइन वॉल सड़क पर स्थित एक युद्ध स्मारक है। प्रथम विश्व युद्ध स्मारक अमेरिकन बैटल मौन्युमेन्ट्स कमीशन (अमेरिकी युद्ध स्मारक आयोग) के लिए वर्ष 1933 में बनाया गया था तथा इसके फैलाव में शहर की प्रमुख दीवार लाइन वॉल कर्टेन का एक हिस्सा भी आता है। इसका निर्माण महान लड़ाई के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की नौसेनाओं के जिब्राल्टर के समीप बनाए गए सफ़ल गठबंधन के स्मरण के लिए किया गया था। स्मारक का उद्घाटन 1937 में हुआ था। इकसठ वर्ष पश्चात, नवम्बर 1998 में स्मारक एक और अनावरण समारोह का स्थान था जिसमें मित्रपक्ष राष्ट्रों के उत्तरी अफ़्रीका पर किए गए आक्रमण (ऑपरेशन टॉर्च) के स्मरण में यहाँ एक कांस्य पट्टिका स्थापित की गई थी। यह अनावरण समारोह उस सप्ताह के अंत के अंत में हुए विभिन्न आयोजनों में से एक था जिनके अतिथियों में यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। .

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अरब लोग

अरब लोग या अरबी लोग (अरबी:, अंग्रेज़ी: Arab) एक मानव जातियों का समूह है जो मुख्य रूप से पश्चिमी एशिया और उत्तर अफ़्रीका में रहते हैं। अरब लोग मुख्य रूप से अरबी भाषा और संस्कृति से जुड़े हुए हैं हालांकि ऐतिहासिक रूप से 'अरब' की परिभाषा में फेर-बदल आया है।, Mark Allen, pp.

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अलीन लोग

अलीन बृहत भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में बसने वाले आर्य समुदाय का एक क़बीला था। इनका वर्णन ऋग्वेद ७:१८:७ में मिलता है। ऋग्वेद के सातवे मंडल में वे पुरुओं द्वारा स्थापित उस मित्रपक्ष में थे जिन्होने दस राजाओं के युद्ध (दशराज्ञ युद्ध) में भारत क़बीले के राजा सुदास से जंग की थी जिसमें पुरुओं की हार हुई थी। अलीन लोग शायद आधुनिक अफ़ग़ानिस्तान के नूरिस्तान क्षेत्र से पूर्वोत्तर में रहते थे क्योंकि चीनी तीर्थयात्री हुएन त्सांग ने उस जगह पर इनकी गृहभूमि होने का उल्लेख किया था।, pp.

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अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध (International sanctions) किसी देश, क्षेत्र या संगठन के सम्बन्ध में किसी अन्य देश, संगठन या मित्रपक्ष द्वारा लिये गये ऐसे राजनैतिक या आर्थिक निर्णय होते हैं जिनके अन्तर्गत उनकी कुछ आर्थिक, व्यापारिक, कूटनीतिक, सांस्कृतिक या अन्य गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है। अक्सर इन प्रतिबंधों का ध्येय किसी सुरक्षा, राजनैतिक या अर्थिक लक्ष्य की प्राप्ति होता है। मसलन अपार्थाइड काल में दक्षिण अफ़्रीका पर अंतर्राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा हुआ था, ताकि वहाँ के नस्लवाद सत्ताधारी लोग स्वयं को विश्व में अकेला महसूस करें और उनका मनोबल कमज़ोर हो। .

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