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मिंट (समाचार पत्र)

सूची मिंट (समाचार पत्र)

मिंट (समाचार पत्र) भारत मे प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है।.

2 संबंधों: पूनिया हत्याकांड, सफदरजंग विमानक्षेत्र

पूनिया हत्याकांड

पूनिया हत्याकान्ड (या रेलू राम पूनिया हत्या का मुकदमा) भारतीय राजनेता रेलू राम पूनिया और उनके परिवार के सात सदस्यों की सामूहिक हत्या का मामला है। संपत्ति के विवाद के चलते २३ अगस्त २००१ की रात को रेलू राम की बेटी सोनिया ने अपने पति संजीव कुमार के साथ इनकी हत्या कर दी थी। यह मामला न्यायालय में दायर किया गया था और सोनिया, संजीव और उनके परिवार के विभिन्न सदस्यों पर चलाया गया था। दंपति को हत्या के आरोपों से दोषी ठहराया गया था और जिला न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई थी। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस सजा को कम कर आजीवन कारावास दिया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने फिर से मौत की सजा बहाल की थी। भारत के संविधान के खंड ७२ (१) के तहत, इस दलील के दौरान दंपति ने राष्ट्रपति को दया याचिका उठाई थी। यह याचिका राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के कार्यकाल के दौरान अनुत्तरित रही लेकिन उनके उत्तराधिकारी प्रणब मुखर्जी ने इसे खारिज कर दि थी। हालांकि, एक नागरिक अधिकार समूह "पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स" (पीयूडीआर) ने दया याचिका के निपटान में देरी का कारण देकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी २०१४ में स्वीकार किया और दंपति की मौत की सजा वापस लौटा दी गई थी। .

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सफदरजंग विमानक्षेत्र

सफ़दरजंग विमानक्षेत्र (जिसे सफ़दरजंग वायुसेना स्टेशन भी कहा जाता है) भारत की राजधानी नई दिल्ली के दक्षिणी भाग में इसी नाम से बसे क्षेत्र में बना एक विमानक्षेत्र या हवाई अड्डा है। ब्रिटिश राज के समय स्थापित यह हवाई अड्डा तब विलिंग्डन एयरफ़ील्ड के नाम से आरंभ हुआ था। १९२९ में यहां प्रचालन प्रारंभ हुआ जब यह दिल्ली का पहला एवं भारत का दूसरा हवाई अड्डा बना। साउथ एटलांटिक एयर फ़ेरी मार्ग में आने के कारण इसका भरपूर उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध में, तथा कालांतर में भारत पाक युद्ध १९७४ में हुआ। कभी लूट्यन्स देल्ही के दक्षिणी छोर पर बसा यह हवाई अड्डा अब पूरे नयी दिल्ली शहर के लगभग बीच में आ गया है। १९६२ तक यह शहर का प्रमुख हवाई अड्डा बना रहा और दशक के अंत तक पूरा प्रचालन नये हवाई अड्डे पालम विमानक्षेत्र को स्थानांतरित हुआ। इसका प्रमुख कारण था इस विमानक्षेत्र का जेट विमान जैसे बड़े वायुयानों को उतार पाने में असमर्थता। १९२८ में यहीं दिल्ली फ़्लाइंग क्लब की स्थापना हुई। तब यहां देल्ही एवं रोशनारा नामक २ दे हैविलैण्ड मोठ यान हुआ करते थे। हवाई अड्डे पर प्रचालन २००१ तक चला, किन्तु जनवरी २००२ से सरकार ने ९/११ की घटना को देखते हुए उरक्षा की दृष्टि से इस हवाई अड्डे पर प्रचालन को पूर्ण विराम दिया। तब से यह क्लब यहां केवल वायुयान अनुरक्षण एवं मरम्मत पाठ्यक्रम चलाता है। आजकल इसका प्रयोग मात्र राष्ट्रपति एवं प्रधान मंत्री सहित अन्य वीवीआईपी हेलिकॉप्टर्स की पालम हवाई अड्डे तक की यात्राओं के लिये प्रयोग किया जाता है। १९० एकड़ के इस हवाई अड्डे के परिसर में, राजीव गाँधी भवन परिसर बना है, जहां भारतीय नागर विमानन मंत्रालय तथा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का निगमित मुख्यालय स्थापित है। .

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