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मानेसर

सूची मानेसर

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का मानचित्र मानेसर भारत के हरियाणा राज्य के गुड़गांव जिले का एक तेजी से उभरता औद्योगिक शहर है, साथ ही यह दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर (NCR) का एक हिस्सा भी है। यह एक सुशुप्त गाँव से भारत के एक सर्वाधिक तेजी से उभरते टाउनशिप में परिवर्तित हो चुका है। यह एनसीआर (NCR) से एक शीघ्र जुड़नेवाला क्षेत्र है। कुछ विकासकों ने मानेसर के साथ एक नया उपनाम जोड़कर इसे 'नया गुड़गांव' का नाम दिया है। राजनीतिक संवेदनशीलता के केन्द्र - दिल्ली से इसकी निकटता के कारण सरकार ने यहाँ राष्ट्रीय महत्त्व के कुछ संस्थानों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (और इसका प्रशिक्षण केंद्र), राष्ट्रीय बम डेटा केंद्र और राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र के मुख्यालयों की स्थापना की स्थापना की है। आसपास के स्थानों से 100,000 से अधिक लोग काम करने के लिए मानेसर जाते हैं। गुड़गांव-मानेसर मास्टर प्लान के अनुमान के अनुसार 2021 तक यहाँ की जनसंख्या 37,00,000 हो जाएगी.

5 संबंधों: नैनवाल, पश्चिमी परिधीय द्रुतगामी मार्ग, दिल्ली, मारुति सुज़ुकी सिलैरियो, मारुति सुजुकी, संदीप उन्नीकृष्णन

नैनवाल

नैनवाल, भारत के हरियाणा राज्य के गुरुग्राम जिले के मानेसर तहसील का एक गांव है। इस गांव में यादव समुदाय के लोगों का बाहुल्य है। इसका पिनकोड 122051 है। यह मानेसर तहसील मुख्यालय से 2 KM दूर और गुरुग्राम जिला मुख्यालय से 19 KM दूर स्थित है। नैनवाल गांव का कुल भौगोलिक क्षेत्र 410 हेक्टेयर है। इसकी जनसंख्या लगभग 987 और घरों की संख्या लगभग 179 है। .

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पश्चिमी परिधीय द्रुतगामी मार्ग, दिल्ली

पश्चिमी परिधीय द्रुतगामी मार्ग, दिल्ली (अंग्रेजी: Delhi Western Peripheral Expressway), जिसे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, भारत के हरियाणा राज्य में १३५.६ किमी (८४.३ मील) लंबा एक निर्माणाधीन द्रुतमार्ग है। .

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मारुति सुज़ुकी सिलैरियो

मारुति सुज़ुकी सिलैरियो (अंग्रेजी: Maruti Suzuki Celerio) सुज़ुकी कम्पनी द्वारा भारत में बनायी गयी पूर्णत: ऑटोमेटिक सिटी कार है। पहले यह कार भारत में सुज़ुकी के मानेसर (हरियाणा) स्थित प्लाण्ट में मारुति सुज़ुकी ए-स्टार के नाम से दिसम्बर 2008 में लॉन्च की गयी थी। अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में यही कार मारुति सुज़ुकी सिलैरियो के नाम से जानी जाती है। ग्रेटर नोएडा में होने वाले ऑटो एक्सपो 2014 में लॉन्च होने वाली इस हैचबैक कार की एक्स शोरूम कीमत 3.0 से 5.5 लाख रुपये के बीच होने की सम्भावना व्यक्त की गयी थी। भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनायी गयी इस कार का औसत माइलेज एक लिटर पेट्रोल में 23.1 किलोमीटर का बताया जाता है। इज़ी ड्राइव नामक पूर्णत: भारतीय ऑटो गीयर शिफ्ट सिस्टम से युक्त इस कार में बार-बार गीयर बदलने का कोई झंझट नहीं रहेगा। शहरी यातायात के लिये इस छोटी कार का प्रयोग काफी सुगम होगा। मारुति सिलैरियो ग्रेटर नोएडा के ऑटो एक्सपो में 6 फरबरी 2014 को लॉन्च की गयी। इस कार की शुरुआती कीमत 3.90 लाख रुपये होगी। .

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मारुति सुजुकी

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड सामान्यत: मारुति और इसके पूर्व में मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह संगठन भारत में मोटर निर्माता है। यह जापानी मोटरगाडी एवं मोटरसाईकिल निर्माता सुजुकी की एक सहायक कंपनी है। नवंबर २०१२ तक, भारतीय यात्री कार बाज़ार में इस कंपनी की हिस्सेदारी ३७% की थी। मारुति सुजुकी प्रवेश स्तर से कारों की पुरी शृंखलाओं के निर्माता एवं विक्रेता रह चुके हैं। प्रवेश स्तर ऑल्टो से हैचबैक रिट्ज़, ए स्टार, स्विफ्ट, वैगन आर, ज़ेन और सेडान वर्ग में डिज़ायर, किज़ाषी (Kizashi) तथा 'सी' वर्ग में ईको, ओम्नी एवं अन्य आवश्यकताओं वाले कार जैसे सुजुकी अरटीगा और स्पोर्टस यूटिलिटी वाहन ग्रांड विटारा के लिये मारुति सुजुकी देश भर में प्रसिध्द है। कंपनी का मुख्यालय नेलसन मंडेला रोड, नई दिल्ली में स्थित है। फरवरी २०१२ के अंत तक कंपनी अपनी एक करोड़ करें बेच चुकी है।http://archive.indianexpress.com/news/maruti-suzuki-sales-cross-1-cr-mark/909976/ .

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संदीप उन्नीकृष्णन

संदीप उन्नीकृष्णन (സന്ദീപ് ഉണ്ണിക്കൃഷ്ണന്‍, ಸಂದೀಪ್ ಉನ್ನೀಕೃಷ್ಣನ್, संदीप उन्नीकृष्णन) (15 मार्च 1977 -28 नवम्बर 2008) भारतीय सेना में एक मेजर थे, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) के कुलीन विशेष कार्य समूह में काम किया। वे नवम्बर 2008 में मुंबई के हमलों में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें 26 जनवरी 2009 को भारत के सर्वोच्च शांति समय बहादुरी पुरस्कार, अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। "उपर मत आना, मैं उन्हें संभाल लूंगा", ये संभवतया ऑपरेशन ब्लैक टोरनेडो के दौरान उनके द्वारा आदमियों को कहे गए अंतिम शब्द थे। ऐसा कहते ही वे मुंबई के ताज होटल के अन्दर सशस्त्र आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए। बाद में, एनएसजी के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि जब ऑपरेशन के दौरान एक कमांडो घायल हो गया, मेजर उन्नीकृष्णन ने उसे बाहर निकालने की व्यवस्था की और खुद ही आतंकवादियों से निपटना शुरू कर दिया.

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