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2 संबंधों: दन्तचिकित्सा, दाँत।
दन्तचिकित्सा
दंतचिकित्सक दंतचिकित्सा (Dentistry) स्वास्थ्यसेवा की वह शाखा है, जिसका संबंध मुख के भीतरी भाग और दाँत आदि की आकृति, कार्यकरण, रक्षा तथा सुधार और इन अंगों तथा शरीर के अंत:संबंध से है। इसके अंतर्गत शरीर के रोगों के मुख संबंधी लक्षण, मुख के भीतर के रोग, घाव, विकृतियाँ, त्रुटियाँ, रोग अथवा दुर्घटनाओं से क्षतिग्रस्त दाँतों की मरम्मत और टूटे दाँतों के बदले कृत्रिम दाँत लगाना, ये सभी बातें आती हैं। इस प्रकार दंतचिकित्सा का क्षेत्र लगभग उतना ही बड़ा है, जितना नेत्र या त्वचाचिकित्सा का। इसका सामाजिक महत्व तथा सेवा करने का अवसर भी अधिक है। दंतचिकित्सक का व्यवसाय स्वतंत्र संगठित है और यह स्वास्थ्यसेवाओं का महत्वपूर्ण विभाग है। दंतचिकित्सा की कला और विज्ञान के लिये मुख की संरचना, दाँतों की उत्पत्ति विकास तथा कार्यकरण और इनके भीतर के अन्य अंगों और ऊतकों तथा उनके औषधीय, शल्य तथा यांत्रिक उपचार का समुचित ज्ञान आवश्यक है। .
देखें मानव दाँत और दन्तचिकित्सा
दाँत
दाँत (tooth) मुख की श्लेष्मिक कला के रूपांतरित अंकुर या उभार हैं, जो चूने के लवण से संसिक्त होते हैं। दाँत का काम है पकड़ना, काटना, फाड़ना और चबाना। कुछ जानवरों में ये कुतरने (चूहे), खोदने (शूकर), सँवारने (लीमर) और लड़ने (कुत्ते) के काम में भी आते हैं। दांत, आहार को काट-पीसकर गले से उतरने योग्य बनाते हैं। दाँत की दो पंक्तियाँ होती हैं,.
देखें मानव दाँत और दाँत
दांत (मानव के) के रूप में भी जाना जाता है।