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मातृवंश समूह ऍल१

सूची मातृवंश समूह ऍल१

मध्य अफ़्रीका की पिग्मी जनजातियों के स्त्री ओर पुरुष अक्सर मातृवंश समूह ऍल१ के वंशज होते हैं मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह ऍल१ या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L1 एक अत्यंत प्राचीनतम मातृवंश समूह है। इस मातृवंश समूह के सदस्य व्यक्ति (स्त्री ओर पुरुष दोनों) ज़्यादातर मध्य ओर पश्चिम अफ़्रीका में पाए जाते हैं। इस इलाक़े की पिग्मी जनजाति की अम्बेंगा शाखा के लोगों में यह मातृवंश सब से अधिक मिलता है। अनुमान है के जिस नारी से यह मातृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग १५०,००० से १७०,००० वर्ष पहले पूर्वी अफ़्रीका में रहती थी। .

1 संबंध: मनुष्य मातृवंश समूह

मनुष्य मातृवंश समूह

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह उस वंश समूह या हैपलोग्रुप को कहते हैं जिसका किसी भी व्यक्ति (स्त्री या महिला) के माइटोकांड्रिया के गुण सूत्र पर स्थित डी॰एन॰ए॰ की जांच से पता चलता है। अगर दो व्यक्तियों का मातृवंश समूह मिलता हो तो इसका अर्थ होता है के उनकी हजारों साल पूर्व एक ही महिला पूर्वज रही है, चाहे आधुनिक युग में यह दोनों व्यक्ति अलग-अलग जातियों से सम्बंधित ही क्यों न हों। .

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