हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

मनमोहन देसाई

सूची मनमोहन देसाई

मनमोहन देसाई हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 21 संबंधों: चाचा भतीजा (1977 फ़िल्म), द डर्टी पिक्चर, देश प्रेमी (1982 फ़िल्म), धरम वीर, नसीब (१९८१ फ़िल्म), परवरिश (1977 फ़िल्म), भारतीय सिनेमा, भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म), मर्द (1985 फ़िल्म), रोटी (1974 फ़िल्म), लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, श्वेत रातें (लघु कथा), सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म), सुहाग (1979 फ़िल्म), हिंदी चलचित्र, १९६० दशक, हिंदी चलचित्र, १९७० दशक, हिंदी चलचित्र, १९८० दशक, गंगा जमुना सरस्वती (1988 फ़िल्म), अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म), अमिताभ बच्चन, छलिया (1960 फ़िल्म)

चाचा भतीजा (1977 फ़िल्म)

चाचा भतीजा 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और चाचा भतीजा (1977 फ़िल्म)

द डर्टी पिक्चर

द डर्टी पिक्चर (The Dirty Picture) 2011 में बनी सिल्क स्मिता की जीवनी पर आधारित हिन्दी फ़िल्म है। फ़िल्म निर्माताओं ने हालांकि यह साफ़ किया है कि फ़िल्म कि कहानी पूरी तरह स्मिता पर आधारित नहीं है परन्तु उन्ही की तरह अन्य दक्षिणात्य अभिनेत्रियों, जैसे नायलोन नलिनी और डिस्को शांती से भी प्रभावित है और लोकप्रिय संस्क्रती में एक स्त्री के निजी जीवन और उसके संघर्ष की कहानी बयां करती है जिसमें हॉलीवुड अभिनेत्री और सेक्स सिम्बल मर्लिन मुनरो भी शामिल है। फ़िल्म का निर्देशन मिलन लुथरिया ने किया है और इसकी सह-निर्माता शोभा कपूर और एकता कपूर है। एकता कपूर को जब इस फ़िल्म का खयाल आया तब उन्होंने कथानक-कर रजत अरोडा को कहानी लिखने को कहा। द डर्टी पिक्चर को विश्वभर में हिन्दी, तमिल और तेलगु भाषओं में 2 दिसम्बर 2011 को रिलीज़ किया गया (स्मिता की जन्म तारीख पर)। विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह और इमरान हाशमी ने फ़िल्म में मुख्य किरदारों की भुमिका निभाई है। रिलीज़ के पश्च्यात फ़िल्म को समीक्षकों द्वारा काफ़ी सराहा गया और व्यावसाइक दृष्टी से यह एक सफल फ़िल्म रही। .

देखें मनमोहन देसाई और द डर्टी पिक्चर

देश प्रेमी (1982 फ़िल्म)

देश प्रेमी 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और देश प्रेमी (1982 फ़िल्म)

धरम वीर

धरम वीर १९७७ में बनी एक फ़िल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और धरम वीर

नसीब (१९८१ फ़िल्म)

नसीब 1981 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन का काम मनमोहन देसाई ने किया था। इसमें मुख्य किरदार में अमिताभ बच्चन, शत्रुघन सिन्हा, ऋषि कपूर, हेमामालिनी आदि हैं। .

देखें मनमोहन देसाई और नसीब (१९८१ फ़िल्म)

परवरिश (1977 फ़िल्म)

परवरिश 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और परवरिश (1977 फ़िल्म)

भारतीय सिनेमा

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और बॉलीवुड शामिल हैं। भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा के जनक के रूप में जाना जाते हैं। दादा साहब फाल्के के भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के प्रतीक स्वरुप और 1969 में दादा साहब के जन्म शताब्दी वर्ष में भारत सरकार द्वारा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना उनके सम्मान में की गयी। आज यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित और वांछित पुरस्कार हो गया है। २०वीं सदी में भारतीय सिनेमा, संयुक्त राज्य अमरीका का सिनेमा हॉलीवुड तथा चीनी फिल्म उद्योग के साथ एक वैश्विक उद्योग बन गया।Khanna, 155 2013 में भारत वार्षिक फिल्म निर्माण में पहले स्थान पर था इसके बाद नाइजीरिया सिनेमा, हॉलीवुड और चीन के सिनेमा का स्थान आता है। वर्ष 2012 में भारत में 1602 फ़िल्मों का निर्माण हुआ जिसमें तमिल सिनेमा अग्रणी रहा जिसके बाद तेलुगु और बॉलीवुड का स्थान आता है। भारतीय फ़िल्म उद्योग की वर्ष 2011 में कुल आय $1.86 अरब (₹ 93 अरब) की रही। जिसके वर्ष 2016 तक $3 अरब (₹ 150 अरब) तक पहुँचने का अनुमान है। बढ़ती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। अब सुपर हीरो तथा विज्ञानं कल्प जैसी फ़िल्में न केवल बन रही हैं बल्कि ऐसी कई फिल्में एंथीरन, रा.वन, ईगा और कृष 3 ब्लॉकबस्टर फिल्मों के रूप में सफल हुई है। भारतीय सिनेमा ने 90 से ज़्यादा देशों में बाजार पाया है जहाँ भारतीय फिल्मे प्रदर्शित होती हैं। Khanna, 158 सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, अडूर गोपालकृष्णन, बुद्धदेव दासगुप्ता, जी अरविंदन, अपर्णा सेन, शाजी एन करुण, और गिरीश कासरावल्ली जैसे निर्देशकों ने समानांतर सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वैश्विक प्रशंसा जीती है। शेखर कपूर, मीरा नायर और दीपा मेहता सरीखे फिल्म निर्माताओं ने विदेशों में भी सफलता पाई है। 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रावधान से 20वीं सेंचुरी फॉक्स, सोनी पिक्चर्स, वॉल्ट डिज्नी पिक्चर्स और वार्नर ब्रदर्स आदि विदेशी उद्यमों के लिए भारतीय फिल्म बाजार को आकर्षक बना दिया है। Khanna, 156 एवीएम प्रोडक्शंस, प्रसाद समूह, सन पिक्चर्स, पीवीपी सिनेमा,जी, यूटीवी, सुरेश प्रोडक्शंस, इरोज फिल्म्स, अयनगर्न इंटरनेशनल, पिरामिड साइमिरा, आस्कार फिल्म्स पीवीआर सिनेमा यशराज फिल्म्स धर्मा प्रोडक्शन्स और एडलैब्स आदि भारतीय उद्यमों ने भी फिल्म उत्पादन और वितरण में सफलता पाई। मल्टीप्लेक्स के लिए कर में छूट से भारत में मल्टीप्लेक्सों की संख्या बढ़ी है और फिल्म दर्शकों के लिए सुविधा भी। 2003 तक फिल्म निर्माण / वितरण / प्रदर्शन से सम्बंधित 30 से ज़्यादा कम्पनियां भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध की गयी थी जो फिल्म माध्यम के बढ़ते वाणिज्यिक प्रभाव और व्यसायिकरण का सबूत हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग दक्षिण भारत की चार फिल्म संस्कृतियों को एक इकाई के रूप में परिभाषित करता है। ये कन्नड़ सिनेमा, मलयालम सिनेमा, तेलुगू सिनेमा और तमिल सिनेमा हैं। हालाँकि ये स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं लेकिन इनमे फिल्म कलाकारों और तकनीशियनों के आदान-प्रदान और वैष्वीकरण ने इस नई पहचान के जन्म में मदद की। भारत से बाहर निवास कर रहे प्रवासी भारतीय जिनकी संख्या आज लाखों में हैं, उनके लिए भारतीय फिल्में डीवीडी या व्यावसायिक रूप से संभव जगहों में स्क्रीनिंग के माध्यम से प्रदर्शित होती हैं। Potts, 74 इस विदेशी बाजार का भारतीय फिल्मों की आय में 12% तक का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसके अलावा भारतीय सिनेमा में संगीत भी राजस्व का एक साधन है। फिल्मों के संगीत अधिकार एक फिल्म की 4 -5 % शुद्ध आय का साधन हो सकते हैं। .

देखें मनमोहन देसाई और भारतीय सिनेमा

भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म)

भाई हो तो ऐसा 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और भाई हो तो ऐसा (1972 फ़िल्म)

मर्द (1985 फ़िल्म)

मर्द 1985 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और मर्द (1985 फ़िल्म)

रोटी (1974 फ़िल्म)

रोटी 1974 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और रोटी (1974 फ़िल्म)

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल एक लोकप्रिय भारतीय संगीतकार की जोड़ी है, लक्ष्मीकांत शांताराम कुदलकर (१९३७-१९९८) और प्यारेलाल रामप्रसाद शर्मा (जन्म १९४०) से मिलकर बनी थी। उन्होंने १९६३ से १९९८ तक ६३५ हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और इस समय के लगभग सभी उल्लेखनीय फिल्म निर्माताओं के लिए काम किया जिसमे सम्मिलित थे राज कपूर, देव आनंद, बी.आर.

देखें मनमोहन देसाई और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल

श्वेत रातें (लघु कथा)

श्वेत रात या "व्हाइट नाइट्स" फ़्योद्र दोस्तोयेव्स्की नामक एक रूसी लेखक द्वारा अपने कैरियर के आरम्भ में लिखी गई एक लघु कथा है। मूल कथा १८४८ में प्रकाशित हुई थी। .

देखें मनमोहन देसाई और श्वेत रातें (लघु कथा)

सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म)

सच्चा झूठा 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और सच्चा झूठा (1970 फ़िल्म)

सुहाग (1979 फ़िल्म)

सुहाग 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और सुहाग (1979 फ़िल्म)

हिंदी चलचित्र, १९६० दशक

1960 दशक के हिंदी चलचित्र .

देखें मनमोहन देसाई और हिंदी चलचित्र, १९६० दशक

हिंदी चलचित्र, १९७० दशक

1970 के दशक के सबसे सफल चलचित्र है: .

देखें मनमोहन देसाई और हिंदी चलचित्र, १९७० दशक

हिंदी चलचित्र, १९८० दशक

1980 के दशक के हिंदी चलचित्र: .

देखें मनमोहन देसाई और हिंदी चलचित्र, १९८० दशक

गंगा जमुना सरस्वती (1988 फ़िल्म)

गंगा जमुना सरस्वती 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और गंगा जमुना सरस्वती (1988 फ़िल्म)

अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)

अमर अकबर एन्थोनी 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और अमर अकबर एन्थोनी (1977 फ़िल्म)

अमिताभ बच्चन

अमिताभ बच्चन (जन्म-११ अक्टूबर, १९४२) बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता हैं। १९७० के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख व्यक्तित्व बन गए हैं। बच्चन ने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार शामिल हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अभिनय के अलावा बच्चन ने पार्श्वगायक, फ़िल्म निर्माता और टीवी प्रस्तोता और भारतीय संसद के एक निर्वाचित सदस्य के रूप में १९८४ से १९८७ तक भूमिका की हैं। इन्होंने प्रसिद्द टी.वी.

देखें मनमोहन देसाई और अमिताभ बच्चन

छलिया (1960 फ़िल्म)

छलिया 1960 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .

देखें मनमोहन देसाई और छलिया (1960 फ़िल्म)