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मंगल (फॉण्ट)

सूची मंगल (फॉण्ट)

मंगल हिन्दी (देवनागरी लिपि) के लिये एक ओपनटाइप यूनिकोड फॉण्ट है जो कि विण्डोज ऑपरेटिंग सिस्टम का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट है। यह यूजर इंटरफेस फॉण्ट के तौर पर डिजाइन किया गया है। यह विंडोज़ ऍक्सपी तथा इसके उत्तरोत्तर संस्करणों (विंडोज़ विस्ता, विंडोज़ ७ आदि) में इण्डिक टैक्स्ट के वैकल्पिक समर्थन हेतु उपलब्ध करवाया गया है। यह देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली सभी भाषाओं जैसे हिन्दी, मराठी, नेपाली तथा संस्कृत हेतु विंडोज़ का डिफॉल्ट फॉण्ट है। यह माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के द्वारा विकसित तथा मैण्टेन किया जाता है। यह माइक्रोसॉफ्ट हेतु प्रो॰ रघुनाथकृष्ण जोशी द्वारा विकसित किया गया था। यद्यपि यह विण्डोज के लिए बनाया गया था तथापि तकनीकी रूप से इसका उपयोग अन्य़ प्रचानल तन्त्रों में भी किया जा सकता है, परन्तु यह वितरण के लिए मुफ्त उपलब्ध नहीं है। मंगल स्क्रीन रीडिंग के लिये बनाया गया है, इसमें छोटे फॉण्ट आकार में भी स्पष्ट पढ़ा जा सकता है परन्तु यह मुद्रण के कार्य हेतु उपयुक्त नहीं। मुद्रण में (विशेषकर बड़े फॉण्ट आकार में यह काफी असुन्दर लगता है)। .

6 संबंधों: प्रो॰ रघुनाथ कृष्ण जोशी, मंगल (बहुविकल्पी), मुद्रलिपि, रघु (फॉण्ट), संस्कृत २००३, हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

प्रो॰ रघुनाथ कृष्ण जोशी

रघुनाथ कृष्ण जोशी रघुनाथ कृष्ण जोशी (1936 – 2008) कैलिग्राफर, डिजाइनर, कवि एवं शिक्षक थे। वे देवनागरी के मंगल फॉण्ट के जनक थे। उनकी वजह से आज से हिन्दी और मराठी जैसी भाषाओं को इंटरनेट पर एक अलग पहचान मिली। वे वैदिक संस्कृत लिपि को मान्यता देने संबंधी एक प्रस्ताव लेकर अमरीका गए थे और वहाँ एअरपोर्ट पर ही उनका निधन हो गया। उन्होने भारत की सभी लिपियों का अध्ययन करके 'देशनागरी' नामक लिपि विकसित की। वे भारतीय लिपियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु सुन्दर फॉण्ट डिजाइन करने वाले, टाइपोग्राफर तथा कैलिग्राफर थे। वे देवनागरी लिपि हेतु यूनिकोड मानकों के निर्धारण के लिए निरन्तर कार्यरत थे। श्री जोशी ने अनेकानेक फॉण्ट्स के कम्प्यूटरीकरण किए, जिसमें लिनक्स प्लेटफॉर्म में हिन्दी का रघु, तथा माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट मंगल शामिल है। प्रोफेसर जोशी भारतीय भाषाओं/लिपियों के कम्प्यूटरीकरण को पूर्णतः फोनेटिक, सरल, सपाट और एकमुखी बनाने के लिए मौलिक शोधपूर्ण सरल प्रौद्योगिकी के मानकीकरण के लिए सतत् प्रयत्नशील थे। .

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मंगल (बहुविकल्पी)

मंगल के कई अर्थ हो सकते हैं -.

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मुद्रलिपि

फॉण्ट (मुद्रलिपि) या टाइप फ़ेस अक्षरों के लिखने की अलग अलग शैलियाँ हैं जो छापे की लिखावट को विभिन्नता और सौंदर्य प्रदान करते हैं। .

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रघु (फॉण्ट)

रघु एक मुफ्त यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट है। यह प्रो॰ रघुनाथकृष्ण जोशी द्वारा विकसित किया गया था। यद्यपि यह लिनक्स के लिए बनाया गया था तथापि इसका उपयोग विंडोज़ समेत अन्य़ प्रचानल तन्त्रों में भी किया जा सकता है। बीबीसी हिन्दी की पर उपलब्ध फॉण्ट इंस्टालर में भी इसी का प्रयोग किया गया है। रघु डाउनलोड एवं वितरण के लिए मुफ्त उपलब्ध है। .

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संस्कृत २००३

संस्कृत २००३ देवनागरी विशेषकर संस्कृत हेतु एक यूनिकोड फॉण्ट है। यह देवनागरी को संयुक्ताक्षरों सहित शुद्ध पारम्परिक रूप में दर्शाता है जिस कारण यह हिन्दी/संस्कृत टैक्स्ट के मुद्रण हेतु विशेष उपयोगी है। यह के स्वामी सत्चिदानन्द द्वारा विकसित किया गया है। इस फॉण्ट में देवनागरी के अतिरिक्त रोमन लिपि के glyphs भी सम्मिलित हैं जिस कारण यह द्विभाषी पाठ (हिन्दी-अंग्रेजी) के मुद्रण हेतु भी उपयोगी है। देवनागरी के पारम्परिक रूप में शुद्ध प्रदर्शन हेतु इसमें अतिरिक्त ग्लिफ्स जोड़े गये हैं। यह पहला देवनागरी फॉण्ट माना जाता है जिसमें वैदिक तथा क्लासिक संस्कृत के सभी संयुक्ताक्षर जोड़े गये हैं। इसके अतिरिक्त इसमें हिन्दी तथा मराठी में प्रयुक्त होने वाले संयुक्ताक्षर भी जोड़े गये हैं। इसके प्रयोग हेतु विंडोज़ २००० या विंडोज़ ऍक्सपी की आवश्यकता है, साथ ही इनमें इण्डिक समर्थन सक्षम किया होना चाहिये। यह फॉण्ट मूल रूप से आइट्राँसलेटर २००३ नामक प्रोग्राम के लिये बनाया गया था परन्तु इसको स्वतन्त्र रूप से भी प्रयोग किया जा सकता है। इसका नवीनतम संस्करण १.१ है जो कि १८ सितम्बर २००५ को जारी किया गया। .

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हिन्दी कम्प्यूटिंग का इतिहास

सबसे पहले हिन्दी टाइप शायद वर्डस्‍टार (वर्जन III प्लस) जैसे एक शब्द संसाधक ‘अक्षर’ में आया। फिर विंडोज़ आया और पेजमेकर व वेंचुरा का समय आया। इस सारी यात्रा में कम्प्‍यूटर केवल प्रिटिंग की दुनिया की सहायता भर कर रहा था। यूनिकोड के आगमन एवं प्रसार के पश्चात हिन्दी कम्प्यूटिंग प्रिंटिंग तक सीमित न रहकर संगणन के विभिन्न पहलुओं तक पहुँच गयी। अब भाषायी संगणन के सभी क्षेत्रों में हिन्दी अपनी पहुँच बना रही है। हिन्दी कम्प्यूटिंग को वर्तमान स्थिति तक पहुँचाने में सरकार, अनेक संस्थाओं, समूहों एवं प्रोग्रामरों-डैवलपरों का योगदान रहा। .

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मंगल फॉण्ट

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