लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
डाउनलोड
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

भारतीय नौवहन निगम

सूची भारतीय नौवहन निगम

भारतीय नौवहन निगम (shipping Corporation of India या SCI) (भारतीय नौवहन निगम) एक भारत सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की जहाजरानी कंपनी है। यह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय नौवहन हेतु जहाज चलाती है। भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड (एससीआई) की स्थापना दिनांक 2 अक्टूबर 1961 को ईस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन तथा वेस्टर्न शिपिंग कॉर्पोरेशन का समामेलन कर हुई थी। कंपनी की अधिकृत पूंजी 450 करोड़ रुपए और चुकता पूंजी 282.30 करोड़ रुपए थी। 18 सितंबर 1992 को कंपनी का दर्जा 'प्राइवेट लिमिटेड' से बदलकर 'पब्‍लिक लिमिटेड' कर दिया गया। कंपनी को भारत सरकार ने 24 फ़रवरी 2000 को 'मिनी रत्‍न' का खिताब दिया। कंपनी की 80.12 प्रतिशत शेयर पूंजी सरकार के पास है, जबकि शेष पूंजी वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और अन्‍य निकायों, अनिवासी भारतीयों, कॉर्पोरेट निकायों आदि के पास है। केवल 19 जहाजों को लेकर एक लाइनर शिपिंग कंपनी की शुरुआत हुई थी और आज एससीआई के पास कुल 4.6 मिलियन डीडब्ल्यूटी के 83 जहाज हैं। एससीआई का शिपिंग व्यापार में 10 विविध खंडों में भी व्यापार फैला हुआ है। गत चार दशकों की यात्रा करने के बाद एससीआई ने विश्व के समुद्री नक्शे पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है| देश की एक प्रमुख कंपनी होने के नाते एससीआई, स्वामित्ववाले और भाड़े पर जहाज परिचालित करती हैं, जो भारतीय टनेज का लगभग 35 हिस्सा है और व्यावहारिक तौर पर नौवहन व्यापार के सभी क्षेत्रों में अपना कारोबार करती है जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है| भारतीय व्यापार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, एससीआई ने विभिन्न क्षेत्रों में विशाखन किया है। एससीआई आज एकमात्र शिपिंग कंपनी है, जो ब्रेक बल्क सेवा, अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर सेवा, लिक्विड/ड्राय बल्क सेवा, तटदूर सेवा, यात्री सेवा आदि का परिचालन करती है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों की ओर से बड़ी संख्या में जहाजों का जनबल एवं प्रबंध कार्य भी संभालती है| एससीआई ने भारत के आयात-निर्यात व्यापार में तथा देश के लिए बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित कर और बचाकर राष्ट्रीय मुद्रा कोष में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया है| .

8 संबंधों: नवरत्न कम्पनियाँ, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड, राधिका मेनन, सोमनाथ शर्मा, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता, कोलकाता में यातायात

नवरत्न कम्पनियाँ

भारत सरकार ने सन् १९९७ में नौ सार्वजनिक उद्यमों की पहचान की जो तुलनात्मक रूप से फायदे की स्थिति में थे और इनमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशाल उद्यमों के रूप में उभरने की क्षमता थी। उस समय बीएचईएल, बीपीसीएल, जीएआईएल, एचपीसीएल, आईओसी, एमटीएनएल, एनटीपीसी, ओएनजीसी और सेल को नवरत्न कहा गया था। किन्तु इस समय "नवरत्न" का दर्जा प्राप्त सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या २३ हो गयी है। इन सार्वजनिक उद्यमों को पूंजीगत खर्चों, संयुक्त प्रौद्योगिकी उद्यम तथा सामरिक साझीदारी स्थापित करने, संगठनात्मक पुनर्गठन करने, बोर्ड स्तर से नीचे के पदों के सृजन तथा समापन, स्वदेशी तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार से पूंजी उठाने, संयुक्त वित्तीय उद्यम तथा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां आदि स्थापित करने के बारे में और ज्यादा स्वायतत्ता तथा अधिकार दिए गए थे। .

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और नवरत्न कम्पनियाँ · और देखें »

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

कोई विवरण नहीं।

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम · और देखें »

भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड

भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड (Container Corporation of India Ltd) / कॉनकॉर) भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का एक उपक्रम है। इसका गठन कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत मार्च, 1988 में हुआ और इसने भारतीय रेल के उस समय विद्यमान 7 अन्तर्देशीय कंटेनर डिपो को लेकर नवम्बर, 1989 में कार्य करना आरम्भ किया। इस कम्पनी के गठन का उद्देश्य भारत के अन्तर्राष्ट्रीय एवं आन्तरिक कंटेनरीकृत कार्गो एवं व्यवसाय हेतु बहुविध यातायात संभारतंत्र को बढ़ावा देना था तथा इसका कार्य, यह ध्यान में रखते हुए कि भारतीय रेल के नेटवर्क पर रेल यातायात सुगठित एवं अपेक्षाकृत किफायती विकल्प है, ग्राहकों से सीधे ही सम्पर्क करके ‘द्वार से द्वार तक’ सेवा प्रदान करना था जो कि सड़क यातायात का आधार है। अभी भारत में केवल कॉनकॉर ही सामुद्रिक व्यापारियों को रेल मार्ग से कंटेनरीकृत कार्गों हेतु यातायात मुहैया कराता है। यद्यपि हमारी यातायात योजना में रेलमार्ग ही मुख्य है तथापि व्यवसायिक मांग तथा परिचालन की तत्कालिक आवश्यकताओं के अनुरूप हम सड़क मार्ग की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं। व्यावसायिक आवश्यकताओं, चाहे वे आयात-निर्यात से संबद्ध हो अथवा आन्तरिक (डोमेस्टिक) से, सभी की पूर्ति हेतु कॉनकॉर पूरे देश में फैले हुए कंटेनर टर्मिनलों का भी संचालन करता है। .

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और भारतीय कंटेनर निगम लिमिटेड · और देखें »

राधिका मेनन

राधिका मेनन भारतीय नौवहन निगम में तैनात एक भारतीय टैंकर कैप्टन हैं। 7 जुलाई, 2016 को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन ने सागर में असाधारण बहादुरी के लिए उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया। उन्हें यह पुरस्कार समुद्र में दुर्गम्मा नामक मछली पकड़ने की नाव में सवार सात मछुआरों के जान बचाने के लिए दिया गया। उन्होंने मछुआरों की जान तब बचाई जब वह भारतीय नौवहन निगम के संपूर्ण स्वराज नामक तेल टैंकर पर नियुक्त थीं। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली वो दुनिया की पहली महिला हैं। .

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और राधिका मेनन · और देखें »

सोमनाथ शर्मा

मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन की डेल्टा कंपनी के कंपनी-कमांडर थे जिन्होने अक्टूबर-नवम्बर, १९४७ के भारत-पाक संघर्ष में हिस्सा लिया था। उन्हें भारत सरकार ने मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित किया। परमवीर चक्र पाने वाले वे प्रथम व्यक्ति हैं। १९४२ में शर्मा की नियुक्ति उन्नीसवीं हैदराबाद रेजिमेन्ट की आठवीं बटालियन में हुई। उन्होंने बर्मा में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अराकन अभियान में अपनी सेवाएँ दी जिसके कारण उन्हें मेन्शंड इन डिस्पैचैस में स्थान मिला। बाद में उन्होंने १९४७ के भारत-पाक युद्ध में भी लड़े और ३ नवम्बर १९४७ को श्रीनगर विमानक्षेत्र से पाकिस्तानी घुसपैठियों को बेदख़ल करते समय वीरगति को प्राप्त हो गये। उनके युद्ध क्षेत्र में इस साहस के कारण मरणोपरान्त परम वीर चक्र मिला। .

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और सोमनाथ शर्मा · और देखें »

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड का यार्ड में एक नया जहाझ। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड (Garden Reach Shipbuilders and Engineers / GRSE)) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रणाधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह कोलकाता में स्थित है। यह भारतीय नौसेना के पोतों से लेकर व्यापारिक जलपोतों तक का निर्माण एवं मरम्मत करते हैं। 20 हैक्टेयर के क्षेत्र में फैले जीआरएसई का अगला भाग करीब 1 किलोमीटर तक नदी से घिरा हुआ है। .

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड · और देखें »

कोलकाता

बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगाली: কলকাতা, पूर्व नाम: कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और कोलकाता · और देखें »

कोलकाता में यातायात

वी.आई.पी मार्ग, शहर को हवाई अड्डे से जोड़ता एक व्यस्त मार्ग भारत में एकमात्र कोलकाता शहर में ट्राम चलती हैं। विद्यासागर सेतु कोलकाता को हावड़ा से जोड़ता है कोलकाता में जन यातायात कोलकाता उपनगरीय रेलवे, कोलकाता मेट्रो, ट्राम और बसों द्वारा उपलब्ध है। व्यापक उपनगरीय जाल सुदूर उपनगरीय क्षेत्रों तक फैला हुआ है। भारतीय रेल द्वारा संचालित कोलकाता मेट्रो भारत में सबसे पुरानी भूमिगत यातायात प्रणाली है। ये शहर में उत्तर से दक्षिण दिशा में हुगली नदी के समानांतर शहर की लंबाई को १६.४५ कि.मी.

नई!!: भारतीय नौवहन निगम और कोलकाता में यातायात · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

भारतीय शिपिंग निगम, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »