सामग्री की तालिका
8 संबंधों: चोकिला अय्यर, निरुपमा राव, श्याम सरण, सुब्रह्मण्यम जयशंकर, सुजाता सिंह, ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित, अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प, २०१४ में निधन।
चोकिला अय्यर
चोकिला अय्यर भारत की पहली महिला विदेश सचिव रह चुकी हैं। वे 1964 बैच की आई एफ एस अधिकारी हैं। उन्होने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग के उपाध्यक्ष एवं संघ लोक सेवा आयोग की सदस्य के रूप में भी काम किया है।http://www.outlookindia.com/peoplehome3.aspx?author.
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निरुपमा राव
निरुपमा मेनन राव (जन्म 6 दिसम्बर 1950) भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की एक अधिकारी हैं, जिन्होने 31 जुलाई 2009 से 31 जुलाई 2011 तक विदेश मंत्रालय में भारतीय विदेश सचिव के रूप में कार्य कर चुकी हैं। भारतीय विदेश सेवा का इस सर्वोच्च पद पर पहुँचने वाली चोकिला अय्यर के बाद वे दूसरी महिला हैं। वे 1 अगस्त 2011 से 5 नवम्बर 2013 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत की राजदूत रह चुकी हैं। अपने करियर में वे कई पदों पर कार्य कर चुकी हैं जिनमे शामिल हैं - वॉशिंगटन में प्रेस मामलों की मंत्री, मास्को में मिशन की उप प्रमुख, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्व एशिया), (बाहरी प्रचार) जिसने उन्हें विदेश मंत्रालय की पहली महिला प्रवक्ता बनाया, कार्मिक प्रमुख, पेरू और चीन की राजदूत और श्रीलंका की उच्चायुक्त.
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श्याम सरण
श्याम सरण (जन्म: ४ सितम्बर १९४६) भारत के विदेश सचिव रह चुक हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में अमेरिका से नाभिकीय डील करना इनकी प्रमुख उपलब्धियों में से एक थी। .
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सुब्रह्मण्यम जयशंकर
एस॰ जयशंकर या सुब्रह्मण्यम जयशंकर (जन्म: 15 जनवरी 1957) वर्तमान में टाटा समूह के वैश्विक कॉरपोरेट मामलों का प्रमुख हैं। वहाँ वे वे टाटा समूह के वैश्विक कारपोरेट मामले और अंतरराष्ट्रीय रणनीति से जुड़े मामले देखते हैं। टाटा संस का कार्यालय उन्हें रिपोर्ट करता है और वे टाटा संस के चेयरमैन एन.
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सुजाता सिंह
श्रीमति सुजाता सिंह एक भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी हैं। वे 1 अगस्त 2013 से 29 जनवरी 2015 तक भारत की विदेश सचिव रह चुकी हैं। इससे पूर्व वे जर्मनी में भारत की राजदूत थीं। .
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ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित
श्री ज्योतिन्द्र नाथ दीक्षित (१९३६-२००५), जिन्हें जे एन दीक्षित नाम से अधिक जाना जाता है, एक अनुभवी राजनयिक थे जो कि भारत के विदेश सचिव भी रहे। 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद वे वहाँ भारत के पहले उच्चायुक्त थे। वे पाकिस्तान और श्रीलंका में भी भारत के उच्चायुक्त रहे। 1936 में मद्रास में जन्मे जेएन दीक्षित 1958 में भारतीय विदेश सेवा में आए और उन्होंने दुनिया के कई देशों में भारत की नुमाइंदगी की। 1994 में सेवानिवृत होने के बाद से वो लगातार देश-विदेश में पढ़ाने के अलावा अख़बारों में लिखते रहे। वे हल, मैंचेस्टर, ऑक्सफ़ोर्ड,मेलबर्न, लंदन सहित कई अन्य पश्चिमी विश्वविद्यालयों में भी अकसर लेक्चर देने जाया करते थे। दीक्षित काँग्रेस पार्टी में विदेश मामलों की इकाई के उपाध्यक्ष रहे। २००४ के आमचुनाव से पहले विदेश, सुरक्षा और रक्षा मामलों पर उन्होंने काँग्रेस का एजेंडा या घोषणा-पत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। वे 26 मई 2004 से 3 जनवरी 2005 (निधन) तक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी रहे। .
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अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प
2015 नेपाल भूकम्प क्षणिक परिमाण परिमाप पर 7.8 या 8.1 तीव्रता का भूकम्प था जो 25 अप्रैल 2015 सुबह 11:56 स्थानीय समय में घटित हुआ था। भूकम्प का अधिकेन्द्र लामजुंग, नेपाल से 38 कि॰मी॰ दूर था। भूकम्प के अधिकेन्द्र की गहराई लगभग 15 कि॰मी॰ नीचे थी। बचाव और राहत कार्य जारी हैं। भूकंप में कई महत्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर व अन्य इमारतें भी नष्ट हुईं हैं। 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकम्प आया है जिससे 8000 से अधिक मौते हुई हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किये गये। नेपाल के साथ-साथ चीन, भारत और बांग्लादेश में भी लगभग 250 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भूकम्प की वजह से एवरेस्ट पर्वत पर हिमस्खलन आ गया जिससे 17 पर्वतारोहियों के मृत्यु हो गई। काठमांडू घाटी में यूनेस्को विश्व धरोहर समेत कई प्राचीन एतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुचाँ है। 18वीं सदी में निर्मित धरहरा मीनार पूरी तरह से नष्ट हो गयी, अकेले इस मीनार के मलबे से 200 से ज्यादा शव निकाले गये। भूकम्प के बाद के झटके 12 मई 2015 तक भारत, नेपाल, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान व पडोसी देशों में महसूस किये जाते रहे। .
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२०१४ में निधन
निम्नलिखित सूची २०१४ में निधन हो गये लोगों की है। यहाँ पर सभी दिनांक के क्रमानुसार हैं और एक दिन की दो या अधिक प्रविष्टियाँ होने पर उनके मूल नाम को वर्णक्रमानुसार में दिया गया है। यहाँ लिखने का अनुक्रम निम्न है.
देखें भारत के विदेश सचिव और २०१४ में निधन
भारतीय विदेश सचिव के रूप में भी जाना जाता है।