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भानुसिंह ठाकुरेर पदावली

सूची भानुसिंह ठाकुरेर पदावली

भानुसिंह ठाकुरेर पदाबली रबीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित एक काव्यग्रन्थ है। यह ब्रजबुलि में है। रबीन्द्रनाथ अपनी किशोरावस्था में "भानुसिंह" के छद्मनाम से बैष्णव कवियों का अनुकरण करते हुए कुछ पद रचना किए थे। वर्ष १८८४ में वे कविताएँ 'भानुसिंह ठाकुरेर पदाबली' नाम से प्रकाशित हुईं। ये कविताएँ पहले विभिन्न समय पर 'भारती' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुईं थीं। इन कविताओं के रचना का इतिहास बाद में रबीन्द्रनाथ ठाकुर ने 'जीबनस्मृति' ग्रन्थ के 'भानुसिंहेर कबिता' नामक अध्याय में वर्णित किया है। श्रेणी:बांग्ला साहित्य.

1 संबंध: ब्रजबुलि

ब्रजबुलि

ब्रजबुलि उस काव्यभाषा का नाम है जिसका उपयोग उत्तर भारत के पूर्वी प्रदेशों अर्थात् मिथिला, बंगाल, आसाम तथा उड़ीसा के भक्त कवि प्रधान रूप से कृष्ण की लीलाओं के वर्णन के लिए करते रहे हैं। नेपाल में भी ब्रजबुलि में लिखे कुछ काव्य तथा नाटकग्रंथ मिले हैं। इस काव्यभाषा का उपयोग शताब्दियों तक होता रहा है। ईसवी सन् की 15वीं शताब्दी से लेकर 19वीं शताब्दी तक इस काव्यभाषा में लिखे पद मिलते हैं। यद्यपि "ब्रजबुलि साहित्य" की लंबी परंपरा रही हैं, फिर भी "ब्रजबुलि" शब्द का प्रयोग ईसवी सन् की 19वीं शताब्दी में मिलता है। इस शब्द का प्रयोग अभी तक केवल बंगाली कवि ईश्वरचंद्र गुप्त की रचना में ही मिला है। .

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