यमुना नदी की पावन धारा के तट का यह भू-भाग, जिसे आजकल ब्रजमंडल या मथुरामंडल कहते हैं और जो पहिले मध्य देश अथवा ब्रम्हर्षि देश के अन्तर्गत शूरसेन जनपद के नाम से प्रसिद्ध था, भारतवर्ष का अत्यन्त प्राचीन और महत्वपूर्ण प्रदेश माना गया है, अत्यन्त प्राचीन काल से ही इसी गौरव-गाथा के सूत्र मिलते हैं। हिन्दू, जैन और बौद्धों की धार्मिक अनुश्रुतियों तथा संस्कृत, पालि, प्रकृत के प्राचीन ग्रन्थों में इस पवित्र भू-खण्ड का विशद वर्णन वर्णित है। .
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