लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

बुद्धि

सूची बुद्धि

बुद्धि (Intelligence) वह मानसिक शक्ति है जो वस्तुओं एवं तथ्यों को समझने, उनमें आपसी सम्बन्ध खोजने तथा तर्कपूर्ण ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होती है। यह 'भावना' और अन्तःप्रज्ञा (Intuition/इंट्युसन) से अलग है। बुद्धि ही मनुष्य को नवीन परिस्थितियों को ठीक से समझने और उसके साथ अनुकूलित (adapt) होने में सहायता करती है। बुद्धि को 'सूचना के प्रसंस्करण की योग्यता' की तरह भी समझा जा सकता है। .

14 संबंधों: द बिग बैंग थीअरी, प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त, प्रार्थना, बहु-प्रतिभा सिद्धांत, बुद्धि परीक्षण, बुद्धिवाद, संज्ञान, संज्ञानात्मक विज्ञान, हिन्दू देवी देवताओं की सूची, विभेदक मनोविज्ञान, अधर्म, अन्तःप्रज्ञा, अभिक्षमता, छांदोग्य उपनिषद

द बिग बैंग थीअरी

बिग बैंग थीअरी एक अमेरिकी स्थितिपरक प्रहसन है, जिसका सृजन और कार्यकारी निर्माण चक लोर्री और बिल प्रैडी ने किया और जिसका प्रथम प्रदर्शन CBS पर 24 सितंबर 2007 को किया गया। पासाडेना, कैलिफ़ोर्निया में दृश्यबंध यह शो, बीस वर्षीय कैलटेक के दो प्रतिभाशाली पुरुषों पर केन्द्रित है, जिनमें एक प्रयोगात्मक भौतिक विज्ञानी (लीओनार्ड) और दूसरा सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (शेल्डन) है, जो हॉल के दूसरी ओर रहने वाली मनोरंजन-व्यवसाय से जुड़ने का अरमान लिए एक आकर्षक सुनहरे बालों वाली वेट्रेस (पेन्नी) के क़रीब रहते हैं। लियोनार्ड और शेल्डन के नीरसपन और बौद्धिकता को, हास्यामय प्रभाव उत्पन्न करने के लिए पेन्नी की सामाजिक कुशलता और सामान्य बोध के विपरीत दिखाया गया है। उनके जैसे ही उनके दो और बेकार मित्र, हॉवर्ड और राजेश भी मुख्य किरदारों में शामिल हैं। शो का निर्माण वार्नर ब्रदर टेलीविज़न और चक लोर्री प्रोडक्शन द्वारा किया गया है। मार्च 2009 में ऐसी सूचना थी कि द बिग बैंग थीअरी को CBS ने तीसरे और चौथे सीज़न के लिए नवीकृत किया है। अगस्त 2009 में इस स्थितिपरक प्रहसन ने सर्वोत्कृष्ट प्रहसन श्रृंखला TCA पुरस्कार प्राप्त किया और जिम पार्सन को हास्य में व्यक्तिगत उपलब्धि के लिए पुरस्कृत किया गया। द बिग बैंग थीअरी का प्रसारण सोमवार 9:30 EST बजे होता है, जिससे पहले चक लोर्री द्वारा ही निर्मित दूसरे शो टू एंड ए हाफ़ मेन का प्रसारण होता है। .

नई!!: बुद्धि और द बिग बैंग थीअरी · और देखें »

प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त

ज़ाँ प्याज़े पियाजे द्वारा प्रतिपादित संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त (theory of cognitive development) मानव बुद्धि की प्रकृति एवं उसके विकास से सम्बन्धित एक विशद सिद्धान्त है। प्याज़े का मानना था कि व्यक्ति के विकास में उसका बचपन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। पियाजे का सिद्धान्त, विकासी अवस्था सिद्धान्त (developmental stage theory) कहलाता है। यह सिद्धान्त ज्ञान की प्रकृति के बारे में है और बतलाता है कि मानव कैसे ज्ञान क्रमशः इसका अर्जन करता है, कैसे इसे एक-एक कर जोड़ता है और कैसे इसका उपयोग करता है। व्यक्ति वातावरण के तत्वों का प्रत्यक्षीकरण करता है; अर्थात् पहचानता है, प्रतीकों की सहायता से उन्हें समझने की कोशिश करता है तथा संबंधित वस्तु/व्यक्ति के संदर्भ में अमूर्त चिन्तन करता है। उक्त सभी प्रक्रियाओं से मिलकर उसके भीतर एक ज्ञान भण्डार या संज्ञानात्मक संरचना उसके व्यवहार को निर्देशित करती हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कोई भी व्यक्ति वातावरण में उपस्थित किसी भी प्रकार के उद्दीपकों (स्टिमुलैंट्स) से प्रभावित होकर सीधे प्रतिक्रिया नहीं करता है, पहले वह उन उद्दीपकों को पहचानता है, ग्रहण करता है, उसकी व्याख्या करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि संज्ञात्माक संरचना वातावरण में उपस्थित उद्दीपकों और व्यवहार के बीच मध्यस्थता का कार्य करता हैं। ज्याँ प्याजे ने व्यापक स्तर पर संज्ञानात्मक विकास का अध्ययन किया। पियाजे के अनुसार, बालक द्वारा अर्जित ज्ञान के भण्डार का स्वरूप विकास की प्रत्येक अवस्था में बदलता हैं और परिमार्जित होता रहता है। पियाजे के संज्ञानात्मक सिद्धान्त को विकासात्मक सिद्धान्त भी कहा जाता है। चूंकि उसके अनुसार, बालक के भीतर संज्ञान का विकास अनेक अवस्थाओ से होकर गुजरता है, इसलिये इसे अवस्था सिद्धान्त भी कहा जाता है। .

नई!!: बुद्धि और प्याज़े का संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त · और देखें »

प्रार्थना

ढाका में शक्तिपूजक हिन्दू प्रार्थना की मुद्रा में प्रार्थना एक धार्मिक क्रिया है जो ब्रह्माण्ड के किसी 'महान शक्ति' से सम्बन्ध जोड़ने की कोशिश करती है। प्रार्थना व्यक्तिगत हो सकती है और सामूहिक भी। इसमें शब्दों (मंत्र, गीत आदि) का प्रयोग हो सकता है या प्रार्थना मौन भी हो सकती है।.

नई!!: बुद्धि और प्रार्थना · और देखें »

बहु-प्रतिभा सिद्धांत

बहु-प्रतिभा का सिद्धान्त (theory of multiple intelligences), लोगों एवं उनकी विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं (तार्किक, दृश्य संबंधी, संगीत आदि) के बारे में हार्वर्ड गार्डनर का एक मनोवैज्ञानिक सिद्धांत है जिसे उन्होने सन् १९८३ में प्रतिपादित किया। इस सिद्धान्त के द्वारा बुद्धि की अवधारणा (कांसेप्ट) को और अधिक शुद्धता से परिभाषित किया गया है और यह देखने की कोशिश की गयी है कि बुद्धि को मापने के लिये पहले से मौजूद सिद्धान्त किस सीमा तक वैज्ञानिक हैं। .

नई!!: बुद्धि और बहु-प्रतिभा सिद्धांत · और देखें »

बुद्धि परीक्षण

व्यक्ति केवल शारीरिक गुणों से ही एक दूसरे से भिन्न नहीं होते बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक गुणों से भी एक दूसरे से भिन्न होते हैं। ये भिन्नताऐं जन्मजात भी होती हैं। कुछ व्यक्ति जन्म से ही प्रखर बुद्धि के तो कुछ मन्द बुद्धि व्यवहार वाले होते हैं। आजकल बुद्धि को बुद्धि लब्धि के रूप में मापते हैं जो एक संख्यात्मक मान है। बुद्धि परीक्षण का आशय उन परीक्षणों से है जो बुद्धि-लब्धि के रूप में केवल एक संख्या के माध्यम से व्यक्ति के सामान्य बौद्धिक एवं उसमें विद्यमान विभिन्न विशिष्ट योग्यताओं के सम्बंध को इंगित करता है। कौन व्यक्ति कितना बुद्धिमान है, यह जानने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने काफी प्रयत्न किए। बुद्धि को मापने के लिए मनोवैज्ञानिकों ने मानसिक आयु (MA) और शारीरिक आयु (C.A.) कारक प्रस्तुत किये हैं और इनके आधार पर व्यक्ति की वास्तविक बुद्धि-लब्धि ज्ञात की जाती है। .

नई!!: बुद्धि और बुद्धि परीक्षण · और देखें »

बुद्धिवाद

बुद्धिवाद या 'प्रज्ञावाद' (Intellectualism) बुद्धि के उपयोग एवं विकास को इंगित करता है। बुद्धिजीवी होने तथा बुद्धि से सम्बंधित कार्यों को विशेष महत्व देने की क्रिया बुद्धिवाद कहलाती है। इसके अलावा, दर्शन के क्षेत्र में 'बुद्धिवाद' कभी-कभी 'तर्कवाद' (rationalism) के पर्यायवाची जैसा व्यवहृत होता है। सामाजिक रूप से बुद्धिवाद का नकारात्मक अर्थ है -.

नई!!: बुद्धि और बुद्धिवाद · और देखें »

संज्ञान

कई उदाहरणों को देखकर बुद्धि संज्ञान से उनकी समानताएँ निकाल लेती है और फिर 'वृक्ष' नामक एक उच्च-स्तरीय अवधारणा से वास्तविकता में मौजूद करोड़ों अलग-अलग दिखने वाले वृक्षों को एक ही अवधारणा के प्रयोग से समझने में सक्षम होती है संज्ञान (cognition, कोग्निशन) कुछ महत्वपूर्ण मानसिक प्रक्रियाओं का सामूहिक नाम है, जिनमें ध्यान, स्मरण, निर्णय लेना, भाषा-निपुणता और समस्याएँ हल करना शामिल है। संज्ञान का अध्ययन मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, भाषाविज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान और विज्ञान की कई अन्य शाखाओं के लिए ज़रूरी है। मोटे तौर पर संज्ञान दुनिया से जानकारी लेकर फिर उसके बारे में अवधारणाएँ बनाकर उसे समझने की प्रक्रिया को भी कहा जा सकता है।, CUP Archive, 1988, ISBN 978-0-521-31246-2,...

नई!!: बुद्धि और संज्ञान · और देखें »

संज्ञानात्मक विज्ञान

इस चित्र में उन विषयों को दिखाया गया है जिनका बोध विज्ञान के जन्म में योगदान था। संज्ञानात्मक विज्ञान या बोध विज्ञान (Cognitive science) मस्तिष्क एवं उसकी प्रक्रियाओं का अनतरविषयी वैज्ज्यानिक अध्ययन है। यह संज्ञान की प्रकृति और उसके कार्यों की खोजबीन करता है। संज्ञानात्मक वैज्ञानिक बुद्धि और व्यवहार का अध्ययन करते हैं जिसमें फोकस इस बात पर रहता है कि तंत्रिका तंत्र किस प्रकार सूचनाओं का किस प्रकार निरूपण करता है, कैसे उनका प्रसंस्करण करता है और कैसे उनको रूपान्तरित करता है। बोध विज्ञानी के लिये महत्व के कुछ विषय ये हैं- भाषा, अवगम (perception), स्मृति, ध्यान (attention), तर्कणा (reasoning), तथा संवेग (emotion)। इन विषयों को समझने के लिये बोध विज्ञानी भाषाविज्ञान, मनोविज्ञान, कृत्रिम बुद्धि, दर्शन, तंत्रिका विज्ञान (neuroscience) तथा नृविज्ञान (anthropology) आदि का सहारा लेता है। श्रेणी:दर्शन की शाखा श्रेणी:संज्ञानात्मक विज्ञान.

नई!!: बुद्धि और संज्ञानात्मक विज्ञान · और देखें »

हिन्दू देवी देवताओं की सूची

यह हिन्दू देवी देवताओं की सूची है। हिन्दू लेखों के अनुसार, धर्म में तैंतीस कोटि (कोटि के अर्थ-प्रकार और करोड़) देवी-देवता बताये गये हैं। इनमें स्थानीय व क्षेत्रीय देवी-देवता भी शामिल हैं)। वे सभी तो यहां सम्मिलित नहीं किये जा सकते हैं। फिर भी इस सूची में तीन सौ से अधिक संख्या सम्मिलित है। .

नई!!: बुद्धि और हिन्दू देवी देवताओं की सूची · और देखें »

विभेदक मनोविज्ञान

विभेदक मनोविज्ञान (Differential psychology) मनोविज्ञान की एक शाखा है जो व्यक्तियों के व्यवहार की विभिन्नताओं एवं उन भिन्नताओं के कारणों का अध्ययन करती है। .

नई!!: बुद्धि और विभेदक मनोविज्ञान · और देखें »

अधर्म

इसका अर्थ धर्म का एकदम विपरीत होता है। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार अधर्म की ५ शाखाएँ है-.

नई!!: बुद्धि और अधर्म · और देखें »

अन्तःप्रज्ञा

बिना तर्क किये और बिना अनुमान (inference) के ही ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता अन्तःप्रज्ञा (Intuition) कहलाती है। .

नई!!: बुद्धि और अन्तःप्रज्ञा · और देखें »

अभिक्षमता

अभिक्षमता (aptitude) से आशय निश्चित प्रकार के कार्य को कर सकने की क्षमता (competency) से है। इसे 'योग्यता' (talent) माना जा सकता है। अभिक्षमता, शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की हो सकती है। लेकिन बढ़ा हुआ ज्ञान-स्तर, समझ, सीखे हुए कौशल या अभिवृत्ति आदि अभिक्षमता के अन्तर्गत नहीं आते। अभिक्षमता, 'जन्मजात प्रकृति' की है, न कि कुछ प्राप्त की गयी या सीखी गयी चीज। .

नई!!: बुद्धि और अभिक्षमता · और देखें »

छांदोग्य उपनिषद

छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छान्दोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। इसके आठ प्रपाठकों में प्रत्येक में एक अध्याय है। .

नई!!: बुद्धि और छांदोग्य उपनिषद · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

मानव बुद्धि

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »