लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

बायज़ीद द्वितीय

सूची बायज़ीद द्वितीय

बायज़ीद द्वितीय (3 दिसम्बर 1447 – 26 मई 1512) (उस्मानी तुर्कीयाई: بايزيد ثانى बायज़ीद-इ सानी, तुर्कीयाई: II. Bayezid या II. Beyazıt) महमद द्वितीय के ज्येष्ठ पुत्र तथा उनके उत्तराधिकारी थे। वे 1481 से 1512 तक उस्मानिया के सुल्तान रहे। इनके शासनकाल के दौरान, बायज़ीद द्वितीय ने साम्राज्य को संयुक्त व सशक्त बनाया और साथ-ही-साथ उन्होंने सफ़वी राजवंश की तरफ़ से एक विद्रोह को ख़त्म कर दिया था। जब यूरोप के कैथोलिक राजाओं ने संपूर्ण यूरोप और ख़ास करके स्पेन से सभी सेपहार्दी यहूदियों को निकालने की घोषणा, अलहम्बरा फ़रमान, जारी किया, बायज़ीद द्वितीय ने इन यहूदियों को सहायता दिया और उन्होंने उस्मानिया साम्राज्य के इलाक़ों में इनके घर पुनः बसाने की योजना बनाई। अतः बायज़ीद द्वितीय यूरोपीय यहूदियों को बचाने के लिए उल्लेखनीय हैं। .

2 संबंधों: महमद द्वितीय, सलीम प्रथम

महमद द्वितीय

महमद द्वितीय फ़ातिह (محمد ثانى،; II.; उर्फ़ ، الفاتح) 1444 से 1446 और 1451 से 1481 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुलतान रहे। उन्होंने क़रीब 21 साल की उम्र में क़ुस्तुंतुनिया पर फ़तह करके बाज़न्तीनी साम्राज्य को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया था। इस विशाल फ़तह के बाद उन्होंने "क़ैसर" (रोम के शासक) का ख़िताब प्राप्त किया। कई लोग मानते हैं कि सुलतान महमद द्वितीय ने ईसाई जगत के इस महत्वपूर्ण केंद्र और बाज़न्तीनी साम्राज्य के इस महानतम क़िले पर क़ब्ज़ा करके पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद की इच्छा को पूरा कर दिखाया। कुछ हदीसों के अनुसार पैग़म्बर मुहम्मद ने अपनी ज़िंदगी में क़ुस्तुंतुनिया फ़तह की इच्छा का अभिव्यक्तिकरण करते हुए कहा कि उस के फ़ातिहों को जन्नत जाने का आशीर्वाद प्राप्त होंगे। क़ुस्तुंतुनिया पर क़ब्ज़ा करके सुलतान महमद ने इस्लाम की नामवर हस्तियों में एक प्रतिष्ठित शख़्सियत की हैसियत प्राप्त कर ली। महमद फ़ातिह ने एंज़, गलाता और कैफ़े के इलाक़ों को उस्मानिया साम्राज्य में सम्मिलित किया था जबकि बलग़राद की घेराबन्दी के दौरान वे बहुत ज़ख़्मी हुए। 1458 में उन्होंने पेलोपोनीज़ का अधिकतर हिस्सा और एक साल बाद सर्बिया पर क़ब्ज़ा कर लिया। 1461 में मास्रा और असफ़ंडर उस्मानिया साम्राज्य में सम्मिलित हुए। इसके साथ-साथ उन्होंने यूनानी तराबज़ोन साम्राज्य को ख़त्म कर दिया और 1462 में उन्होंने रोमानिया, याइची और मदीली को भी अपने साम्राज्य में सम्मिलित किया। .

नई!!: बायज़ीद द्वितीय और महमद द्वितीय · और देखें »

सलीम प्रथम

एक अज्ञात यूरोतीय चित्रकार द्वारा सलीम प्रथम का चित्र सलीम प्रथम (उस्मानी तुर्कीयाई: سليم اول, आधुनिक तुर्कीयाई: I. Selim; 1470/1 – सितम्बर 1520) 1512 से 1520 तक उस्मानिया साम्राज्य के सुल्तान थे। सलीम के दौर में ही इस्लामी ख़िलाफ़त अब्बासी राजवंश के हाथों से उसमानी राजवंश में हस्तान्तरित हुई और मक्का और मदीना के मुक़द्दस शहर उसमानी साम्राज्य का हिस्सा बने। इनके सख़्त स्वभाव की वजह से तुर्क लोग इन्हें "यावुज़ सुल्तान सेलिम" (Yavuz Sultan Selim) अर्थात "साहसी सुल्तान सलीम" कहते हैं। उन्होंने अपने पिता बायज़ीद द्वितीय को तख़्त से उतारा और ख़ुद हुकूमत संभाली। क़ानून और उस वक़्त के प्रचलित उसूलों के मुताबिक़ उन्होंने तख़्त संभालते ही अपने सभी भाईयों और भतीजों को क़तल कर डाला। .

नई!!: बायज़ीद द्वितीय और सलीम प्रथम · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »