5 संबंधों: देवसिद्ध मंदिर, संधोल, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश, कैहलूर, कैहलूर रियासत।
देवसिद्ध मंदिर
बाबा बालक नाथ का यह गुफा मंदिर पूरे वर्ष श्रद्धालुओं से भरा रहता है। बिलासपुर की सीमा पर स्थित यह मंदिर चारों ओर के सड़क मार्ग से सरलता से पहुंचा जा सकता है। नवरात्रों के अवसर पर बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। इस अवसर पर सरकार लोगों के ठहरने की उचित टेंट कालोनी की व्यस्था करती है और उसमें पानी, शौच आदि बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध कराईं जाती हैं। इनके पूजनीय स्थल को “दयोटसिद्ध” के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के छकमोह गाँव की पहाडी के उच्च शिखर में स्थित है। मंदिर में पहाडी के बीच एक प्राकॄतिक गुफा है, ऐसी मान्यता है, कि यही स्थान बाबाजी का आवास स्थान था। मंदिर में बाबाजी की एक मूर्ति स्थित है, भक्तगण बाबाजी की वेदी में रोट चढाते हैं, “ रोट ” को आटे और चीनी/गुड को घी में मिलाकर बनाया जाता है। यहाँ पर बाबाजी को बकरा भी चढ़ाया जाता है, जो कि उनके प्रेम का प्रतीक है, यहाँ पर बकरे की बलि नहीं चढाई जाती बल्कि उनका पालन पोषण करा जाता है। बाबाजी की गुफा में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है, लेकिन उनके दर्शन के लिए गुफा के बिलकुल सामने एक ऊँचा चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से महिलाएँ उनके दूर से दर्शन कर सकती हैं। मंदिर से लगभग छहः कि॰मी॰ आगे एक स्थान “शाहतलाई” स्थित है, ऐसी मान्यता है, कि इसी जगह बाबाजी “ध्यानयोग” किया करते थे। .
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संधोल
संधोल हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का एक इलाका है, जिसके अंतर्गत बहुत से गांव आते हैं-ऊपर्ला घनाला, बुल्ला घनाला, सोरी, रवाडा, दतोडी, नेंगल। संधोल में मंडियाली भाषा बोली जाती है। संधोल भर में शाहतलाई के बाबा बालकनाथ की पूजा की जाती है। बाबा बालकनाथ ने शाहतलाई में ही शिवजी की तपस्या कर सिध्दि प्राप्त की थी। संधोल का एस.
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हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
हमीरपुर भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। हिमाचल की निचली पहाडि़यों पर स्थित हमीरपुर जिला समुद्र तल से ४०० से ११०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पाइन के पेड़ों से घिरा यह शहर हिमाचल के अन्य शहरों से सामान्यत: कम ठंडा है। कांगडा जिले से अलग करने के बाद १९७२ में हमीरपुर अस्तित्व में आया था। सर्दियों में ट्रैकिंग और कैंपिग के लिए यह शहर तेजी से विकसित हो रहा है। हिमाचल प्रदेश और पडोसी राज्यों के शहरों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के कुछ ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल इस जिले की प्रसिद्धी के कारण हैं। हमीरपुर का देवसिद्ध मंदिर, सुजानपुर टीहरा और नादौन खासे लोकप्रिय हैं। शिमला-धर्मशाला रोड़ पर स्थित हमीरपुर टाउन यहां का जिला मुख्यालय है। .
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कैहलूर
thumb कैहलूर रियासत जिसे आजकल बिलासपुर के नाम से भी जाना जाता है भारत देश के उत्तर में बसे एक पहाडी राज्य हिमाचल-प्रदेश का अभिन्न अंग होते हुए इस राज्य के ह्रदय के रूप में जाना जाता है। बिलासपुर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। सतलुज नदी के दक्षिण पूर्वी हिस्से में स्थित बिलासपुर समुद्र तल से 670 मीटर की ऊंचाई पर है। यह नगर धार्मिक पर्यटन में रूचि रखने वाले लोगों को काफी रास आता है। न्यू बिलासपुर टाउनशिप को देश का सबसे प्रथम नियोजित हिल टाउन के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। यहां के नैना देवी, सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ जी व बाबा नाहर सिंह बजीये का धौलरा मंदिर, निकट और दूर दराज के लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। जिले के दक्षिण पश्चिम में बना भांखडा बांध भी अपनी ग्रेविटी के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। बिलासपुर प्राचीन किले व गढौं के लिए भी जाना जाता है। यहां आने वाले सैलानियों का अनुभव अन्य स्थानों से एकदम अलग होता है। कुछ अलग तरह के पर्यटन के शौकीन लोगों को यह स्थान काफी पसंद आता है। इसके उत्तर में मंडी और हमीरपुर जिले हैं, पश्चिम में ऊना और दक्षिण में सोलन जिले का नालागढ़ का क्षेत्र है। .
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कैहलूर रियासत
thumb कैहलूर रियासत जिसे आजकल बिलासपुर् नाम से भी जाना जाता है भारत देश के उत्तर मे बसे एक पहाडी राज्य हिमाचल-प्रदेश का अभिन्न अंग होते हुऍ इस राज्य के ह्रदय के रूप मे जाना जाता है। बिलासपुर भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेश का एक जिला है। सतलुज नदी के दक्षिण पूर्वी हिस्से में स्थित बिलासपुर समुद्र तल से 670 मीटर की ऊंचाई पर है। यह नगर धार्मिक पर्यटन में रूचि रखने वाले लोगों को काफी रास आता है। न्यू बिलासपुर टाउनशिप को देश का सबसे प्रथम नियोजित हिल टाउन के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। यहां के नैना देवी, सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ जी व बाबा नाहर सिंह बजीये का धौलरा मंदिर, निकट और दूर दराज के लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। जिले के दक्षिण पश्चिम में बना भांखडा बांध भी अपनी ग्रेविटी के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। बिलासपुर प्राचीन किले व गढौं के लिए भी जाना जाता है। यहां आने वाले सैलानियों का अनुभव अन्य स्थानों से एकदम अलग होता है। कुछ अलग तरह के पर्यटन के शौकीन लोगों को यह स्थान काफी पसंद आता है। इसके उत्तर में मंडी और हमीरपुर जिले हैं, पश्चिम में ऊना और दक्षिण में सोलन जिले का नालागढ़ का क्षेत्र है।- .
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