लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान

सूची बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान (कन्नड़ भाषा:ಬಂಡೀಪುರ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಉದ್ಯಾನ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह प्रोजेक्ट टाइगर के तहत सन् १९७३ में एक टाइगर रिज़र्व के रूप में स्थापित किया गया था। एक समय यह मैसूर राज्य के महाराजा की निजी आरक्षित शिकारगाह थी। बांदीपुर अपने वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ कई प्रकार के बायोम हैं, लेकिन इनमें शुष्क पर्णपाती वन प्रमुख है। उद्यान ८७४ वर्ग किलोमीटर (३३७ वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है और भारत के लुप्तप्राय वन्य जीवन की कई प्रजातियों का संरक्षण स्थल है। आसपास के नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (६४३ वर्ग किलोमीटर (२४८ वर्ग मील)), मुदुमलाइ राष्ट्रीय उद्यान (320 वर्ग किलोमीटर (120 वर्ग मील)) और वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (344 वर्ग किलोमीटर (133 वर्ग मील)) के साथ कुल मिलाकर 2183 वर्ग किलोमीटर (843 वर्ग मील) का यह नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है जिससे यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र बन जाता है। बांदीपुर चामराजनगर जिले के गुण्द्लुपेट तालुके में स्थित है। यह मैसूर शहर से ८० किलोमीटर (५० मील) की दूरी पर एक प्रमुख पर्यटन स्थल ऊटी जाने के मार्ग पर स्थित है। इसकी वजह से बहुत से पर्यटन यातायात बांदीपुर से होकर गुज़रते हैं और वर्ष इन वाहनों से हुई टक्कर के कारण कई वन्य प्राणियों की मृत्यु हो जाती है। इन हादसों को कम करने की दृश्टि से सरकार ने गोधुलि वेला से भोर तक बांदीपुर से गुज़रने वाले यातायात पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। .

5 संबंधों: भारत के बाघ संरक्षित क्षेत्र, भारत के राष्ट्रीय उद्यान, मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य, कर्नाटक, कर्नाटक में पर्यटन

भारत के बाघ संरक्षित क्षेत्र

भारत के बाघ संरक्षित क्षेत्र भारत में वह क्षेत्र हैं जिनको प्रोजेक्ट टाइगर के तहत अधिसूचना द्वारा संरक्षित किया गया है। इनकी संख्या अभी तक ३९ है। .

नई!!: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और भारत के बाघ संरक्षित क्षेत्र · और देखें »

भारत के राष्ट्रीय उद्यान

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए.

नई!!: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और भारत के राष्ट्रीय उद्यान · और देखें »

मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य

दक्षिण भारत में अपनी तरह का पहला मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य केरल-कर्नाटक सीमा पर स्थित है। 321 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभयारण्य के पास ही बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान है। इन दोनों उद्यानों को मोयार नदी अलग करती है। मैसूर और ऊटी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग इस उद्यान से होकर गुजरता है। मुदुमलाई में वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं जैसे लंगूर, बाघ, हाथी, गौर और उड़ने वाली गिलहरियां। इसके अलावा यहां अनेक प्रकार के पक्षी भी देखे जा सकते हैं जैसे मालाबार ट्रॉगन, ग्रे हॉर्नबिल, क्रेस्टिड हॉक ईगल, क्रेस्टिड सरपेंट ईगल आदि। फरवरी से जून के बीच का समय यहां आने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। यहां पर वनस्पति और जन्तुओं की कुछ दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं और कई लुप्तप्राय:जानवरों भी यहां पाए जाते है। हाथी, सांभर, चीतल, हिरन आसानी से देखे जा सकते हैं। जानवरों के अलावा यहां रंगबिरंगे पक्षी भी उड़ते हुए दिखाई देते हैं। अभयारण्य में ही बना थेप्पाक्कडु हाथी कैंप बच्चों को बहुत लुभाता है। .

नई!!: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य · और देखें »

कर्नाटक

कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। .

नई!!: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और कर्नाटक · और देखें »

कर्नाटक में पर्यटन

केशव मंदिर, सोमनाथपुर अपने विस्तृत भूगोल एवं लम्बे इतिहास के कारण कर्नाटक में बड़ी संख्या में पर्यटन आकर्षण भरे हुए हैं। राज्य में जहां एक ओर प्राचीन शिल्पकला से परिपूर्ण मंदिर हैं तो वहीं आधुनिक नगर भी हैं, जहां एक ओर नैसर्गिक पर्वतमालाएं हैं तो वहीं अनान्वेषित वन संपदा भी है और जहां व्यस्त व्यावसायिक कार्यकलापों में उलझे शहरी मार्ग हैं, वहीम दूसरी ओर लम्बे सुनहरे रेतीले एवं शांत सागरतट भी हैं। कर्नाटक राज्य को भारत के राज्यों में सबसे प्रचलित पर्यटन गंतव्यों की सूची में चौथा स्थान मिला है। राज्य में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक राष्ट्रीय संरक्षित उद्यान एवं वन हैं, जिनके साथ ही यहां राज्य पुरातत्त्व एवं संग्रहालय निदेशलय द्वारा संरक्षित ७५२ स्मारक भी हैं। इनके अलावा अन्य २५,००० स्मारक भी संरक्षण प्राप्त करने की सूची में हैं। बीजापुर का गोल गुम्बज, बाईज़ैन्टाइन साम्राज्य के हैगिया सिफिया के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गुम्बद है। पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल हैं जिनमें कुद्रेमुख, मडिकेरी तथा अगुम्बे आते हैं। राज्य में २५ वन्य जीवन अभयारण्य एवं ५ राष्ट्रीय उद्यान हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध हैं: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, बनेरघाटा राष्ट्रीय उद्यान एवं नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान। हम्पी में विजयनगर साम्राज्य के अवशेष तथा पत्तदकल में प्राचीन पुरातात्त्विक अवशेष युनेस्को विश्व धरोहर चुने जा चुके हैं। इनके साथ ही बादामी के गुफा मंदिर तथा ऐहोल के पाषाण मंदिर बादामी चालुक्य स्थापात्य के अद्भुत नमूने हैं तथा प्रमुख पर्यटक आकर्षण बने हुए हैं। बेलूर तथा हैलेबिडु में होयसाल मंदिर क्लोरिटिक शीस्ट (एक प्रकार के सोपस्टोन) से बने हुए हैं एवं युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बनने हेतु प्रस्तावित हैं। यहाम बने गोल गुम्बज तथा इब्राहिम रौज़ा दक्खन सल्तनत स्थापत्य शैली के अद्भुत उदाहरण हैं। श्रवणबेलगोला स्थित गोमतेश्वर की १७ मीटर ऊंची मूर्ति जो विश्व की सर्वोच्च एकाश्म प्रतिमा है, वार्षिक महामस्तकाभिषेक उत्सव में सहस्रों श्रद्धालु तीर्थायात्रियों का आकर्षण केन्द्र बनती है।कीएय (२०००), पृ.

नई!!: बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान और कर्नाटक में पर्यटन · और देखें »

यहां पुनर्निर्देश करता है:

बांदीपुर व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »