हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
निवर्तमानआने वाली
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

बलदेव अग्रहरि

सूची बलदेव अग्रहरि

बलदेव अग्रहरि, भारतेन्दु युग के लेखक थे। सन् १८८७ में प्रकाशित इनकी नाट्य पुस्तक 'सुलोचना सती' को अत्यधिक ख्याति मिली। बलदेव अग्रहरि के "सुलोचना सती" नाटक में सुलोचना की कथा के साथ आधुनिक कथा को भी स्थान दिया गया हैं, जिसमे संपादको और देश सुधारको पर व्यंग्य किया गया हैं। कई नाटको में मुख्य कथानक ही यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करते हैं। अग्रहरि के सुलोचना सती में भिन्नतुकांत छंद का आग्रह भी दिखाई देता हैं। .

सामग्री की तालिका

  1. 2 संबंधों: आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास, अग्रहरि

आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास

हिंदी साहित्य का आधुनिक काल भारत के इतिहास के बदलते हुए स्वरूप से प्रभावित था। स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीयता की भावना का प्रभाव साहित्य में भी आया। भारत में औद्योगीकरण का प्रारंभ होने लगा था। आवागमन के साधनों का विकास हुआ। अंग्रेजी और पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव बढा और जीवन में बदलाव आने लगा। ईश्वर के साथ साथ मानव को समान महत्व दिया गया। भावना के साथ-साथ विचारों को पर्याप्त प्रधानता मिली। पद्य के साथ-साथ गद्य का भी विकास हुआ और छापेखाने के आते ही साहित्य के संसार में एक नई क्रांति हुई। आधुनिक हिन्दी गद्य का विकास केवल हिन्दी भाषी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहा। पूरे भारत में और हर प्रदेश में हिन्दी की लोकप्रियता फैली और अनेक अन्य भाषी लेखकों ने हिन्दी में साहित्य रचना करके इसके विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। हिन्दी गद्य के विकास को विभिन्न सोपानों में विभक्त किया जा सकता है- .

देखें बलदेव अग्रहरि और आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास

अग्रहरि

अग्रहरि या अग्रहरी एक भारतीय उपनाम हैं। यह उपनाम वैश्य समुदाय द्वारा इस्तेमाल किया जाता हैं जो अपने आप को पौराणिक सूर्यवंशी सम्राट महाराजा अग्रसेन (४२५० ई.पू.

देखें बलदेव अग्रहरि और अग्रहरि