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बन्दी प्रत्यक्षीकरण

सूची बन्दी प्रत्यक्षीकरण

बंदी प्रत्यक्षीकरण (लातिनी: habeas corpus, हेबियस कॉर्पस, "(हमारा आदेश है कि) आपके पास शरीर है") एक प्रकार का क़ानूनी आज्ञापत्र (writ, रिट) होता है जिसके द्वारा किसी ग़ैर-क़ानूनी कारणों से गिरफ़्तार व्यक्ति को रिहाई मिल सकती है। बंदी प्रत्यक्षीकरण आज्ञापत्र अदालत द्वारा पुलिस या अन्य गिरफ़्तार करने वाली राजकीय संस्था को यह आदेश जारी करता है कि बंदी को अदालत में पेश किया जाए और उसके विरुद्ध लगे हुए आरोपों को अदालत को बताया जाए। यह आज्ञापत्र गिरफ़्तार हुआ व्यक्ति स्वयं या उसका कोई सहयोगी (जैसे कि उसका वकील) न्यायलय से याचना करके प्राप्त कर सकता है। पुराने ज़माने में पुलिस पर कोई लगाम नहीं थी और वे किसी भी साधारण नागरिक को गिरफ़्तार कर लें तो किसी को भी जवाबदेह नहीं होते थे। बंदी प्रत्यक्षीकरण का सिद्धांत ऐसी मनमानियों पर रोक लगाकर साधारण नागरिकों को सुरक्षा देता है। मूलतः यह अंग्रेज़ी कानून में उत्पन्न हुई एक सुविधा थी जो अब विश्व के कई देशों में फैल गई है। ब्रिटिश विधिवेत्ता अल्बर्ट वेन डाईसी ने लिखा है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण के अधिनियमों "में कोई सिद्धांत घोषित नहीं और कोई अधिकार परिभाषित नहीं, लेकिन वास्तव में ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ज़मानत देने वाले सौ संवैधानिक अनुच्छेदों की बराबरी रखते हैं।" अधिकांश देशों में बंदी प्रत्यक्षीकरण की प्रक्रिया को राष्ट्रीय आपातकाल के समय में निलंबित किया जा सकता है। अधिकांश नागरिक कानून न्यायालयों में, तुलनीय प्रावधान मौजूद हैं, परन्तु उन्हें "बंदी प्रत्यक्षीकरण" नहीं कहा जा सकता है। बंदी प्रत्यक्षीकरण का प्रादेश "असाधारण", "आम कानून", या "परमाधिकार प्रादेश" कहे जाने वालों में से एक है, जो न्यायालय द्वारा राष्ट्र के भीतर अधीन न्यायालयों और सार्वजनिक अधिकारियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से राजा के नाम पर ऐतिहासिक रूप से जारी किया जाता था। अन्य ऐसे परमाधिकार प्रादेशों में सबसे आम है क्वो वारंटो (अधिकारपृच्छा प्रादेश), प्रोहिबिटो (निषेधादेश), मेंडेमस (परमादेश), प्रोसिडेंडो और सरोरि (उत्प्रेषणादेश).

2 संबंधों: मैग्ना कार्टा, सैनिक कानून

मैग्ना कार्टा

मैग्ना कार्टा मैग्ना कार्टा (Magna Carta) या मैग्ना कार्टा लिबरटैटम् (Great Charter of Freedoms या आजादी का महान चार्टर) इंग्लैण्ड का एक कानूनी परिपत्र है जो सबसे पहले सन् १२१५ ई में जारी हुआ था। यह लैटिन भाषा में लिखा गया था। मैग्ना कार्टा में इंग्लैण्ड के राजा जॉन ने सामन्तों (nobles and barons) को कुछ अधिकार दिये; कुछ कानूनी प्रक्रियाओं के पालन का वचन दिया; और स्वीकार किया कि उनकी इच्छा कानून के सीमा में बंधी रहेगी। मैग्ना कार्टा ने राजा की प्रजा के कुछ अधिकारों की रक्षा की स्पष्ट रूप से पुष्टि की, जिनमें से बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका (habeas corpus) उल्लेखनीय है। चार्टर की महत्ता इस तथ्य में निहित है कि प्रत्येक पीढ़ी ने इसकी वैधानिक व्याख्या कर इस सिद्धांत पर जोर दिया कि राजा को कानून का सम्मान अनिवार्य करना चाहिए। यह सामंतों तथा साधारण जनता दोनों के लिये वैधानिकता का प्रतीक बना तथा ब्रिटिश वैधानिक अधिनियमन का श्रीगणेश भी यहीं से हुआ माना जाता है। .

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सैनिक कानून

विशेष परिस्थितियों में जब किसी देश की न्याय व्यवस्था को सेना अपने हाथ में ले लेती है, तब जो नियम प्रभावी होते हैं उन्हें सैनिक कानून या मार्शल लॉ (Martial law) कहा जाता है। कभी-कभी युद्ध के समय अथवा किसी क्षेत्र को जीतने के बाद उस क्षेत्र में मार्शल लॉ लगा दिया जाता है। उदाहरण के लिये द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और जापान में मार्शल लॉ लागू किया गया था। इसके अलावा प्राय: तख्ता पलट के बाद भी मार्शल लॉ लगा दिया जाता है। कभी-कभी बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा आने पर भी मार्शल लॉ लगा दिया जाता है (किन्तु अधिकांश देश इस स्थिति में आपातकाल (इमर्जेंसी) लागू करते हैं।) मार्शल ला के अन्तर्गत कर्फ्यू (curfew) आदि विशेष कानून होते हैं। प्राय: मार्शल लॉ के अन्तर्गत न्याय देने के लिये सेना का एक ट्रिब्यूनल नियुक्त किया जाता है जिसे कोर्ट मार्शल कहा जाता है। इसके अन्तर्गत बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका जैसे अधिकार निलम्बित किये जाते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका

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