7 संबंधों: एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी, बरकत अली खान, मुग़ल-ए-आज़म, ग़ुलाम अली, किशन महाराज, अजॉय चक्रबर्ती, १९६२ में पद्म भूषण धारक।
एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी
श्रीमती मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी (16 सितंबर, 1916-2004) कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में एम.
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बरकत अली खान
उस्ताद बरकत अली खान (जन्म: १९०५ मृत्यु: १९ जून १९६३) पंजाब से संबंध रखने वाले, पटियाला घराने के प्रख्यात शास्त्रीय संगीतकार और गायक थे। वे उस्ताद अली बक्श खान कसूरी के पुत्र और उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली साहब के छोटे भाई और मुबारक अली के बड़े भाई थे। .
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मुग़ल-ए-आज़म
मुग़ल-ए-आज़म हिन्दी भाषा की एक फ़िल्म है जो 1960 में प्रदर्शित हुई। यह फ़िल्म हिन्दी सिनेमा इतिहास की सफलतम फ़िल्मों में से है। इसे के॰ आसिफ़ के शानदार निर्देशन, भव्य सेटों, बेहतरीन संगीत के लिये आज भी याद किया जाता है। .
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ग़ुलाम अली
thumb ग़ुलाम अली पाकिस्तान के एक ग़जल गायक तथा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के पटियाला घराने के जाने माने गायक तथा संगीतकार हैं। इनका जन्म 1940 में सियालकोट(पाकिस्तान) के पास हुआ था। इन्होने उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ान साहब से तालीम ली है। वे अपनी ग़जलों में प्रायः ख़ुद संगीत देते हैं। इसके अलावा भी उन्होने दूसरों की सुरबद्ध ग़जलें भी गाई हैं। .
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किशन महाराज
पण्डित किशन महराज अपने शिष्य विनीत व्यास तथा शाहिद परवेज खान के साथ किशन महाराज या पंडित किशन महाराज (1923 - 4 मई, 2008) विख्यात तबला वादक थे। .
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अजॉय चक्रबर्ती
पण्डित अजॉय चक्रबर्ती (जन्म: २५ दिसम्बर १९५२) एक प्रतिष्ठित भारतीय हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार, गीतकार, गायक और गुरु हैं। उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकारी के विशिष्ठ व्यक्तित्वों में गिना जाता है। पटियाला कसूर घराना उनकी विशेष दक्षता है, तथा वे मूलतः उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली साहब और उस्ताद बरकत अली खान की गायकी का प्रतिनिधित्व करता हैं। तथा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय परम्परा के अन्य घराने, जैसे इंदौर, दिल्ली, जयपुर, ग्वालियर, आगरा, किराना, रामपुर तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटिक संगीत की शैलियों का भी इनकी गायिकी पर प्रभाव पड़ता है। .
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१९६२ में पद्म भूषण धारक
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बड़े ग़ुलाम अली, बड़े गुलाम अली खान, बड़े गुलाम अली खां, उस्ताद बड़े ग़ुलाम आली खाँ, उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ान, उस्ताद बडे ग़ुलाम अली ख़ां।