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बंगाल प्रेसीडेंसी

सूची बंगाल प्रेसीडेंसी

बंगाल प्रेसीडेंसी ब्रिटिश भारत का एक उपनिवेशित क्षेत्र था; यह क्षेत्र अविभाजित बंगाल से बना था। बंगाल के ये क्षेत्र आज बांग्लादेश और भारत के निम्न राज्यों में विभाजित हैं.

25 संबंधों: ताजुद्दीन अहमद, पश्चिम बंगाल विधानसभा, फ़ख़रुद्दीन अहमद, बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय, ब्रिटिश राज के दौरान भारत में प्रमुख अकाल की समयरेखा, मशीहुर रहमान, मिजानुर्रहमान चौधरी, मोहम्मद मंसूर अली, मोहम्मद हबीबुर्रहमान, रामानंद सेनगुप्ता, राजेन्द्र प्रसाद, लतीफुर रहमान, लॉङ्गतलाई ज़िला, शशि कपूर, शाह अजीजुर रहमान, शेख रज्जाक अली, संथाल परगना, जगदीश चन्द्र बसु, वारेन हेस्टिंग्स, विजित एवं सत्तांतरित प्रांत, गोर्खालैंड, कंपनी राज, अताउर रहमान खान, अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी, अशोक कुमार (अभिनेता)

ताजुद्दीन अहमद

ताजुद्दीन अहमद, (बांग्ला: তাজউদ্দীন আহমদ) (जुलाई 23, 1925 – नवंबर 3, 1975) एक बांग्लादेशी राजनयिक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में युद्धकालीन अंतरिम सरकार का मुक्ति युद्ध में निर्णायक नेतृत्व किया था। उन्हें बांग्लादेश के जन्म एवं स्वतंत्रता के सबसे प्रभावशाली, निर्णायक एवं सूत्रधारी शख़्सियतों में गिना जाता है। 1971 में अंतरिम सरकार के उनके नेतृत्व नें बांग्लादेशी राष्ट्रवादियों के विभिन्न राजनीतिक, सामरिक, जातिगत एवं सांस्कृतिक खेमों को एकजुट कर दिया था। .

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पश्चिम बंगाल विधानसभा

पश्चिम बंगाल विधान सभा (পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভা) भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल का एकसदनीय विधान भवन है। यह कोलकाता के बीबीडी बाग में स्थित है। विधान सभा के सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं। विधानसभा में 295 सदस्य है जिनमे 294 सीधे जनता के द्वारा तथा एक सदस्य ऐंग्लो इंडियन समुदाय का नामांकित किया जाता है। इसका कार्यकाल 5 वर्ष का है। .

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फ़ख़रुद्दीन अहमद

फकरुद्दीन अहमद, (बांग्ला:ফাকরুদ্দীন আহমেদ, जन्म 1 मई 1940) एक बांग्लादेशी अर्थशास्त्री, नौकरशाह और बांग्लादेश बैंक (बांग्लादेश का केंद्रीय बैंक) के गवर्नर थे। 12 जनवरी 2007 को उन्हें, राजनीतिक संकट के बीच, निष्पक्ष अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था। वे इस पद पर तकरीबन 2 वर्ष तक विराजमान रहे, जोकि साधारण कार्यकाल से कहीं अधिक है। तत्पश्चात 29 दिसंबर 2008 को साधारण चुनाव घोषित किए गए और अवामी लीग सत्ता पर काबिज हुई। .

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बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय

बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय(बंगला: বাংলাদেশ সুপ্রীম কোর্ট, बांलादेश सूप्रीम कोर्ट), गणप्रजातंत्री बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत है और बांग्लादेश की न्यायिक व्यवस्था का शीर्षतम् निकाय है और देश की न्यायिक क्रम का शिखर बिंदू है। यह कानूनी और संवैधानिक मामलों में फैसला करने वाली अंतिम मध्यस्थ भी है। संविधान की धारा १०० के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय का आसन, राजधानी ढाका में अवस्थित है। इसे बांग्लादेश के संविधान की षष्ठम् भाग के चतुर्थ पाठ के द्वारा स्थापित किया गया था। सर्वोच्च न्यायालय, पाकिस्तान को कई संवैधानिक व न्यायिक विकल्प प्राप्त होते हैं, जिनकी व्याख्या बांग्लादेश के संविधान में की गई है। इस संसथान के दो "विभाग" है: अपीलीय विभाग और उच्च न्यायलय विभाग, तथा यह बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश व अपीलीय विभाग व उच्च न्यायालय विभाग के न्यायाधीशों का भी स्थायी कार्यालय की भी मेज़बानी भी करता है। अप्रैल 2018 की स्थिति अनुसार, अपीलीय विभाग में 4 और उच्च न्यायालय विभाग में 80 न्यायाधीश हैं, जिनमें 80 स्थायी हैं। इस न्यायालय को सामान्य बोलचाल में अक्सर हाई कोर्ट भी कहा जाता है, क्योंकि स्वतंत्रता पूर्व, अर्थात् १९७१ से पहले तक, इस भवन में पूर्वी पाकिस्तान की उच्च न्यायालय वास करती थी। .

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ब्रिटिश राज के दौरान भारत में प्रमुख अकाल की समयरेखा

१८७६-७८ का बड़ा अकाल ये ब्रिटिश राज के दौरान भारत में प्रमुख अकालों की समयसरेखा है। ये सन् १७६५ से १९४७ तक का कालखन्ड दर्शाती है। बक्सर के युद्ध के बाद ब्रिटिशोंको १७६५ में बंगाल प्रेसीडेंसी की दिवानी मिली और १७८४ में निजामत जिससे वो सिधा प्रशासन करने लगे। १९४७ में ब्रिटिश राज खतम हो कर भारत के भारतीय अधिराज्य और पाकिस्तान अधिराज्य एसे दो विभाग हुए। .

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मशीहुर रहमान

महीशुर रहमान, (19241979) बांग्लादेश के एक वरिष्ठ मंत्री थे, जिनपर रेलमार्ग, सड़कों और राजमार्गों का प्रभार था। पद व औदे की हैसियत से वे 29 जून 1978 से 12 मार्च 1979 के बीच प्रधानमंत्री की हैसियत रखते थे। वे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना में निर्णायक थे। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद को, शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के कारणवश 15 अगस्त 1975 से बर्खास्त कर दिया गया था। जियाउर रहमान के राष्ट्रपति बनने के पश्चात, एक मंत्रित्वीय व्यवस्था को पुनर्स्थापित किया गया, और जून 1978 से उन्होंने बतौर मुख्य मंत्री/वरिष्ठ मंत्री कार्य किया। उनको प्रधानमंत्री बनने की बात थी, परंतु 12 मार्च 1979 को उनकी अकाल मृत्यु के कारण शाह अजीजुर रहमान को 15 अप्रैल 1979 को बांग्लादेश का प्रधानमंत्री बना दिया गया। .

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मिजानुर्रहमान चौधरी

मिजानुर्रहमान चौधरी, एक बांग्लादेशी राजनेता थे, एवं 9 जुलाई 1986 से 27 मार्च 1988 के बीच वे, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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मोहम्मद मंसूर अली

मुहम्मद मंसूर अली, (बंगाली: মোঃ মনসুর আলী; 1919 – नवंबर 3, 1975) एक बांग्लादेशी राजनेता व स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शेख मुजीबुर्रहमान के करीब विश्वासपात्रों में शामिल थे, और 60-70 के दशकों के अवामी लीग के वरिष्ठ नेता थे। वे 25 जनवरी 1975 से 15 अगस्त 1975 तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। 15 अगस्त 1975 को शेख मुजीब की हत्या कर, सैन्य तख्तापलट किया गया। 22 अगस्त को मंसूर को, अन्य अनेक राजनीतिज्ञों के साथ, जेल में बंद कर दिया गया, और 3 नवंबर 1975 की, जेल हत्या दिवस के नाम से कुख्यात, रात को उन्हें और उनके तीन साथियों समेत सेना द्वारा, बिना-मुकदमा, जेल में ही मार दिया गया। .

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मोहम्मद हबीबुर्रहमान

मोहम्मद हबीबुर्रहमान (बांग्ला: মুহাম্মদ হাবিবুর রহমান‎; 3 दिसंबर 1928 – 11 जनवरी 2014) 1995 में बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश थे। साथ ही वे 1996 की सामयिक सरकार के मुख्य सलाहकार भी थे, जिसने, सप्तम संसदीय चुनाव के निगरानी की थी। .

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रामानंद सेनगुप्ता

रामानंद सेनगुप्ता (8 मई 1916 – 23 अगस्त 2017), भारतीय सिनेमा के चलचित्रकार थे। उन्हें अपना पहला ब्रेक मिला जब उन्होंने कोलकाता में फिल्म कॉर्पोरेशन (तब कलकत्ता) में एक सहायक कैमरामैन के रूप में कार्य किया। एक पूर्णकालिक चलचित्रकार के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘पूर्वाराग’ थी, जिसका निर्देशन वर्ष 1946 में अरेंदु मुखर्जी ने किया था। उन्होंने जीन रेनोइर, रित्विक घटक एवं मृणाल सेन जैसे महान एवं श्रेष्ठ लोगों के साथ काम किये थे। उन्होंने 70 से अधिक फिल्मों में काम किया। .

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राजेन्द्र प्रसाद

राजेन्द्र प्रसाद (3 दिसम्बर 1884 – 28 फरवरी 1963) भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना योगदान दिया था जिसकी परिणति २६ जनवरी १९५० को भारत के एक गणतंत्र के रूप में हुई थी। राष्ट्रपति होने के अतिरिक्त उन्होंने स्वाधीन भारत में केन्द्रीय मन्त्री के रूप में भी कुछ समय के लिए काम किया था। पूरे देश में अत्यन्त लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता था। .

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लतीफुर रहमान

लतीफ उर रहमान, (बांग्ला: লতিফুর রহমান; जन्म 1 मार्च 1936) बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्य सलाहकार थे। उनका जन्म जेस्सोर में, मार्च 1936 को हुआ था। वर्ष 1986 में उन्हें अस्थाई रूप से उच्च न्यायालय विभाग में, बतौर न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, और 1981 में वह उसी विभाग में स्थाई न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। 15 जनवरी 1991 में वह बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के अपीलीय विभाग में भतार न्यायाधीश नियुक्त किए गए, तथा 1 जनवरी सन 2000 में वह बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश के पद पर विराजमान हुए। 28 फरवरी को उन्होंने सेवानिवृत्ति ली। तत्पश्चात् सन 2000 की सामायिक सरकार में उन्हें मुख्य सलाहकार बनाया गया, जिसने अष्टम संसदीय चुनाव की देखरेख की थी। वे इस पद पर 15 जुलाई 2000 से 1 अक्टूबर 2001 तक रहे। .

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लॉङ्गतलाई ज़िला

लॉङ्गतलाई ज़िला भारतीय राज्य मिज़ोरम के आठ ज़िलों में से एक है। ज़िला उत्तर में लुंगलेई ज़िले, पश्चिम में बांग्लादेश, दक्षिण में म्यांमार तथा पूर्व में सइहा ज़िले से घिरा है। ज़िले का क्षेत्रफल २५५७.१० वर्ग किमी है तथा लॉङ्गतलाई कस्बा ज़िले का मुख्यालय है। .

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शशि कपूर

शशि कपूर (जन्म: 18 मार्च, 1938, निधन: 04 दिसम्बर 2017) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। शशि कपूर हिन्दी फ़िल्मों में लोकप्रिय कपूर परिवार के सदस्य थे। वर्ष २०११ में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष २०१५ में उनको २०१४ के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इस तरह से वे अपने पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के बाद यह सम्मान पाने वाले कपूर परिवार के तीसरे सदस्य बन गये। .

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शाह अजीजुर रहमान

शाह अजिजुर रहमान,(बांग्ला: শাহ আজিজুর রহমান; 1925–1988) एक बांग्लादेशी राजनेता थे, जो बांग्लादेश के प्रधानमंत्री भी थे। बहरहाल, पाकिस्तानी सेना से उनके संबंधों के कारण, उनका कार्यकाल, भीषण विवादों का पात्र रहा था। उन्हें पद के बीच ही राष्ट्रपति पद को बर्खास्त कर उन्हें निलंबित कर, सैन्य शासन स्थापित कर दिया गया था। .

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शेख रज्जाक अली

शेख रज्जाक अली (28 अगस्त 1928 – 7 जून 2015)एक बांग्लादेशी राजनेता, उप कानून मंत्री और बांग्लादेशी संसद के उपाध्यक्ष व दो बार के अध्यक्ष थे। 7 जून 2015 को उनका निधन हो गया। उनका जन्म, 1928 में खुलना जिला के पाईकगाछा के हितमपुर गाँव में हुआ था। और उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से 1952 मे अर्थशास्त्र में एॅमए की डिगरी प्राप्त की और बाद में उसी विश्वविद्यालय से बंगाली साहित्य में एॅमए भी किया, और फिर वहीं से एॅलएॅलबी भी 1954 में किया। उन्होंने बांग्लादेशी स्वतंत्रता संग्राम में रकृय भागीदारी दीथी। और 1952 के भाषा आंदोलन, 1969 के जन आंदोलन और 1971 की बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में जम कर हिस्सा लिया था। साथ ही 1982-90 के एकतंत्र के खिलाफ आंदोलन मेंभी वे सक्रिय थे। .

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संथाल परगना

संथाल परगना भारत के झारखंड राज्य की प्रशासनिक इकाइयों में से एक है। यह झारखंड की एक कमीशनरी है जिसका मुख्यालय दुमका में है। इस इकाई में झारखंड के छह जिले - गोड्डा, देवघर, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ शामिल हैं। ब्रिटिश राजमें पहले संथाल परगना नाम से ही संयुक्त बिहार में एक जिला हुआ करता था जिसे 1855 में ब्रिटिशों ने जिला घोषित किया था और यह बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करता था। संथाल परगना दो शब्दों संथाल (जिसे कुछ लोग संताल एवं सांथाल भी कहते हैं) - जो एक आदिवासी समुदाय है और परगना (उर्दू) - जिसका अर्थ प्रांता या राज्य होता है - से बना है। संथाल परगना के सभी छह जिलों में सांथाल आदिवासियों की बहुतायत है जो आस्ट्रो एशियाटिक भाषा परिवार की सांथाली और भारतीय आर्य भाषा परिवार की अंगिका भाषा का प्रयोग करते हैं। ब्रिटिश राज के दौरान आदिवासियों द्वारा यहाँ कई विद्रोह हुए थे जिसमें तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, कान्हू मुर्मू और सिद्धू मुर्मू इत्यादि जैसे आदिवासियों ने काफी प्रमुख भूमिका निभाई थी। .

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जगदीश चन्द्र बसु

डॉ॰ (सर) जगदीश चन्द्र बसु (बंगाली: জগদীশ চন্দ্র বসু जॉगोदीश चॉन्द्रो बोशु) (30 नवंबर, 1858 – 23 नवंबर, 1937) भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था। वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। वनस्पति विज्ञान में उन्होनें कई महत्त्वपूर्ण खोजें की। साथ ही वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे। वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने एक अमरीकन पेटेंट प्राप्त किया। उन्हें रेडियो विज्ञान का पिता माना जाता है। वे विज्ञानकथाएँ भी लिखते थे और उन्हें बंगाली विज्ञानकथा-साहित्य का पिता भी माना जाता है। ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में जन्मे बसु ने सेन्ट ज़ैवियर महाविद्यालय, कलकत्ता से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। ये फिर लंदन विश्वविद्यालय में चिकित्सा की शिक्षा लेने गए, लेकिन स्वास्थ्य की समस्याओं के चलते इन्हें यह शिक्षा बीच में ही छोड़ कर भारत वापिस आना पड़ा। इन्होंने फिर प्रेसिडेंसी महाविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक का पद संभाला और जातिगत भेदभाव का सामना करते हुए भी बहुत से महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किये। इन्होंने बेतार के संकेत भेजने में असाधारण प्रगति की और सबसे पहले रेडियो संदेशों को पकड़ने के लिए अर्धचालकों का प्रयोग करना शुरु किया। लेकिन अपनी खोजों से व्यावसायिक लाभ उठाने की जगह इन्होंने इन्हें सार्वजनिक रूप से प्रकाशित कर दिया ताकि अन्य शोधकर्त्ता इनपर आगे काम कर सकें। इसके बाद इन्होंने वनस्पति जीवविद्या में अनेक खोजें की। इन्होंने एक यन्त्र क्रेस्कोग्राफ़ का आविष्कार किया और इससे विभिन्न उत्तेजकों के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया। इस तरह से इन्होंने सिद्ध किया कि वनस्पतियों और पशुओं के ऊतकों में काफी समानता है। ये पेटेंट प्रक्रिया के बहुत विरुद्ध थे और मित्रों के कहने पर ही इन्होंने एक पेटेंट के लिए आवेदन किया। हाल के वर्षों में आधुनिक विज्ञान को मिले इनके योगदानों को फिर मान्यता दी जा रही है। .

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वारेन हेस्टिंग्स

वारेन हेस्टिंग्स (6 दिसंबर 1732 – 22 अगस्त 1818), एक अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ था, जो  फोर्ट विलियम प्रेसीडेंसी (बंगाल) का प्रथम गवर्नर तथा बंगाल की सुप्रीम काउंसिल का अध्यक्ष था और इस तरह 1773 से 1785 तक वह भारत का प्रथम वास्तविक (डी-फैक्टो) गवर्नर जनरल रहा। 1787 में भ्रष्टाचार के मामले में उस पर महाभियोग चलाया गया लेकिन एक लंबे परीक्षण के बाद उसे 1795 में अंततः बरी कर दिया गया। 1814 में उसे प्रिवी काउंसिलर बनाया गया। .

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विजित एवं सत्तांतरित प्रांत

विजित एवं सत्तान्तरित प्रान्त १८०५ से १८३४ तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा शासित उत्तर भारत का एक क्षेत्र था;इसकी सीमाएं वर्तमान उत्तर प्रदेश राज्य के समान थी, हालांकि अवध के लखनऊ और फ़ैज़ाबाद मण्डल इसमें शामिल नहीं थे; इसके अलावा, इसमें दिल्ली क्षेत्र और, १८१६ के बाद, वर्तमान उत्तराखंड राज्य के कुमाऊँ मण्डल और गढ़वाल मंडल का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल था।  १८३६ में यह क्षेत्र एक लेफ्टिनेंट-गवर्नर द्वारा प्रशासित उत्तर-पश्चिमी प्रान्त बन गया, और १९०४ में संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के भीतर आगरा प्रान्त बन गया.

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गोर्खालैंड

गोरखालैंड, भारत के अन्दर एक प्रस्तावित राज्य का नाम है, जिसे दार्जीलिंग और उस के आस-पास के भारतीय गोरखा बहुल क्षेत्रों (जो मुख्यतः पश्चिम बंगाल में हैं) को मिलाकर बनाने की माँग होती रहती है। गोरखालैण्ड की मांग करने वालों का तर्क है कि उनकी भाषा और संस्कृति शेष बंगाल से भिन्न है। गोरखालैण्ड की यह मांग हड़ताल, रैली और आंदोलन के रूप में भी समय-समय पर उठती रहती है। गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में गोरखालैंड के लिए दो जन आंदोलन (१९८६-१९८८) में हुए। इसके अलावा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में (२००७ से अब तक) कई आंदोलन हुए। .

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कंपनी राज

कंपनी राज का अर्थ है ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत पर शासन। यह 1773 में शुरू किया है, जब कंपनी कोलकाता में एक राजधानी की स्थापना की है, अपनी पहली गवर्नर जनरल वार्रन हास्टिंग्स नियुक्त किया और संधि का एक परिणाम के रूप में बक्सर का युद्ध के बाद सीधे प्रशासन, में शामिल हो गया है लिया जाता है1765 में, जब बंगाल के नवाब कंपनी से हार गया था, और दीवानी प्रदान की गई थी, या बंगाल और बिहार में राजस्व एकत्रित करने का अधिकार हैशा सन १८५८ से,१८५७ जब तक चला और फलस्वरूप भारत सरकार के अधिनियम १८५८ के भारतीय विद्रोह के बाद, ब्रिटिश सरकार सीधे नए ब्रिटिश राज में भारत के प्रशासन के कार्य ग्रहण किया। .

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अताउर रहमान खान

अताउर रहमान खान, (আতাউর রহমান খান; 1907–1991) एक बांग्लादेशी, वकील, लेखक व राजनेता थे, जो 1956–1958 के बीच, पूर्वी पाकिस्तान के मुख्यमंत्री थे, और 30 मार्च 1984 से 1 जनवरी 1985 तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री थे। .

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अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी

अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन चौधरी (1 जुलाई 1915-30 अगस्त 2001) बांग्लादेश के नौवें राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल २७ मार्च १९८२ से ११ दिसम्बर १९८३ तक रहा। चौधरी, अबुल फ़ज़ल मोहम्मद अहसानुद्दीन श्रेणी:1915 में जन्मे लोग श्रेणी:चित्र जोड़ें.

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अशोक कुमार (अभिनेता)

अशोक कुमार (অশোক কুমার; १३ अक्टूबर १९११, भागलपुर, कुमुद कुमार गांगुली - १० दिसम्बर २००१, मुंबई) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। सन् १९९९ में भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया। ये महाराष्ट्र राज्य से थे। .

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