सामग्री की तालिका
11 संबंधों: द लोर्ड ऑफ द रिंग्स फिल्म ट्रिलॉजी, नताशा स्तांकोविक, नित्या मेनन, फैंटम (2015 फिल्म), मॉरिशस, सत्यजित राय, सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान, हिन्दी पत्रिकाएँ, आदि शंकराचार्य (फ़िल्म ), कला, छायाकार।
द लोर्ड ऑफ द रिंग्स फिल्म ट्रिलॉजी
द लोर्ड ऑफ द रिंग्स फिल्म ट्रियोलॉजी, काल्पनिक महाकाव्य पर आधारित तीन एक्शन फिल्में हैं जिसमें द फेलोशिप ऑफ द रिंग (2001), द टू टावर्स(2002) और द रिटर्न ऑफ द किंग(2003) शामिल हैं। यह ट्रियोलॉजी तीन खंडों में विभाजित है और जे.आर.आर.
देखें फिल्मांकन और द लोर्ड ऑफ द रिंग्स फिल्म ट्रिलॉजी
नताशा स्तांकोविक
नताशा स्तांकोविक भारतीय फ़िल्म उद्योग, बॉलीवुड में एक मॉडल, नर्तकी व अभिनेत्री हैं। इनका जन्म ४ मार्च, १९७७ को नोवि सैड, सर्बिया में हुआ था। यहाँ इन्होंने १७ वर्ष तक नृत्य विद्यालय में बैले नृत्य सीखा और फिर सर्बिया में मॉडलिंग शुरु की। रोमानिया में २००१ में इन्होंने कला व छायांकन में स्नातक तक की शिक्षा पूरी की। कला में ही परास्नातक की शिक्षा कला विश्वविद्यालय, बेलग्रेड, सर्बिया से पूरी की। २०१२ में मुंबई आने के पश्चात इन्होंने विज्ञापनों के लिये काम करना शुरु किया। जॉनसन & जॉनसन, ड्युरेक्स जैसे विभिन्न उत्पादों के विज्ञापनों में नजर आने के बाद इन्होंने फ़िल्मों का रूख किया। २१ सितम्बर, २०१४ को बिग बॉस में प्रतिभागी बनी। २०१४ की फ़िल्म हॉलीडे में अक्षय कुमार के साथ एक छोटे रोल, सत्याग्रह में एक नृत्य और बिगबॉस के आठवें श्रृंखला में अभिनय कर के इन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। हिन्दी फ़िल्मों में टिके रहने और बिगबॉस के नियमों के लिये इन्होंने हिंदी भाषा सीखनी शुरु कर दी। .
देखें फिल्मांकन और नताशा स्तांकोविक
नित्या मेनन
नित्या मेनन बैंगलोर, कर्नाटक से एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री और पार्श्व गायक है। उसने कन्नड़, मलयालम, तेलुगूऔर तमिल में अभिनय किया है। उसने तेलुगू फिल्मों ''गुंडे जारी गलांथीयंड'' और मल्ली मल्ली इधी रानी रोजू के लिए 2 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। .
देखें फिल्मांकन और नित्या मेनन
फैंटम (2015 फिल्म)
फैंटम'आतंकवाद निरोधी फ़िल्म है जिसे कबीर खान ने निर्देशित किया है और साजिद नाडियाडवाला ने निर्मित किया है। इसकी मुख्य भूमिका में सैफ अली खान व कैटरीना कैफ़ हैं। फ़िल्म 26/11 के मुंबई हमलों के बाद के घटनाक्रम और वैश्विक आतंकवाद के बारे में है। फ़िल्म की पटकथा मशहूर लेखक हुसैन ज़ैदी के साथ मिलकर लिखी गई है, और उनकी नवनिर्मित पुस्तक मुम्बई अवेंज़र्स पर आधारित है।फ़िल्म को 28 अगस्त 2015 को निर्गत (रिलीज़) करने की योजना है। .
देखें फिल्मांकन और फैंटम (2015 फिल्म)
मॉरिशस
मॉरीशस गणराज्य(अंग्रेज़ी: Republic of Mauritius, फ़्रांसीसी: République de Maurice), अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिणपूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य मे, सेंट ब्रेंडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिणपश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज़ द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मारीशस की संस्कृति, मिश्रित संस्कृति है, जिसका कारण पहले इसका फ्रांस के आधीन होना तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आना है। मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है। .
देखें फिल्मांकन और मॉरिशस
सत्यजित राय
सत्यजित राय (बंगाली: शॉत्तोजित् राय्) (२ मई १९२१–२३ अप्रैल १९९२) एक भारतीय फ़िल्म निर्देशक थे, जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इनका जन्म कला और साहित्य के जगत में जाने-माने कोलकाता (तब कलकत्ता) के एक बंगाली परिवार में हुआ था। इनकी शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज और विश्व-भारती विश्वविद्यालय में हुई। इन्होने अपने कैरियर की शुरुआत पेशेवर चित्रकार की तरह की। फ़्रांसिसी फ़िल्म निर्देशक ज़ाँ रन्वार से मिलने पर और लंदन में इतालवी फ़िल्म लाद्री दी बिसिक्लेत (Ladri di biciclette, बाइसिकल चोर) देखने के बाद फ़िल्म निर्देशन की ओर इनका रुझान हुआ। राय ने अपने जीवन में ३७ फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली (পথের পাঁচালী, पथ का गीत) को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो (অপরাজিত) और अपुर संसार (অপুর সংসার, अपु का संसार) के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है। राय फ़िल्म निर्माण से सम्बन्धित कई काम ख़ुद ही करते थे — पटकथा लिखना, अभिनेता ढूंढना, पार्श्व संगीत लिखना, चलचित्रण, कला निर्देशन, संपादन और प्रचार सामग्री की रचना करना। फ़िल्में बनाने के अतिरिक्त वे कहानीकार, प्रकाशक, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। राय को जीवन में कई पुरस्कार मिले जिनमें अकादमी मानद पुरस्कार और भारत रत्न शामिल हैं। .
देखें फिल्मांकन और सत्यजित राय
सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान
सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान की स्थापना कोलकाता में आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा देने के लिये हुई है। इस संस्थान का रजिस्ट्रेशन एक सामाजिक संस्था के रूप में 18 अगस्त 1995 को पश्चिम बंगाल सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन एक्ट १९६१ के तहत हुआ। यह संस्थान ३ वर्ष का फ़िल्म निर्देशन, मोशन पिक्चर फोटोग्राफी, छायांकन एवं ध्वनि रिकार्डिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स प्रदान करता है। श्रेणी:सत्यजित राय.
देखें फिल्मांकन और सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलिविज़न संस्थान
हिन्दी पत्रिकाएँ
हिन्दी पत्रिकाएँ सामाजिक व्यवस्था के लिए चतुर्थ स्तम्भ का कार्य करती हैं और अपनी बात को मनवाने के लिए एवं अपने पक्ष में साफ-सूथरा वातावरण तैयार करने में सदैव अमोघ अस्त्र का कार्य करती है। हिन्दी के विविध आन्दोलन और साहित्यिक प्रवृत्तियाँ एवं अन्य सामाजिक गतिविधियों को सक्रिय करने में हिन्दी पत्रिकाओं की अग्रणी भूमिका रही है।; प्रमुख हिन्दी पत्रिकाएँ- .
देखें फिल्मांकन और हिन्दी पत्रिकाएँ
आदि शंकराचार्य (फ़िल्म )
आदि शंकराचार्य संस्कृत भाषा में एक भारतीय सिनेमा है जो जी.वी.
देखें फिल्मांकन और आदि शंकराचार्य (फ़िल्म )
कला
राजा रवि वर्मा द्वारा चित्रित 'गोपिका' कला (आर्ट) शब्द इतना व्यापक है कि विभिन्न विद्वानों की परिभाषाएँ केवल एक विशेष पक्ष को छूकर रह जाती हैं। कला का अर्थ अभी तक निश्चित नहीं हो पाया है, यद्यपि इसकी हजारों परिभाषाएँ की गयी हैं। भारतीय परम्परा के अनुसार कला उन सारी क्रियाओं को कहते हैं जिनमें कौशल अपेक्षित हो। यूरोपीय शास्त्रियों ने भी कला में कौशल को महत्त्वपूर्ण माना है। कला एक प्रकार का कृत्रिम निर्माण है जिसमे शारीरिक और मानसिक कौशलों का प्रयोग होता है। .
देखें फिल्मांकन और कला
छायाकार
सेट पर एक छायाकार एक छायाकार या फोटोग्राफी का निदेशक किसी फिल्म या धारावाहिक पर काम कर रहे कैमरों और प्रकाश के कर्मीदल का प्रमुख होता है। वह छवि से संबंधित कलात्मक और तकनीकी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। इस क्षेत्र के अध्ययन और अभ्यास को छायांकन के रूप में जाना जाता है। निर्देशक के इरादों के अनुसार दृश्य साकार करने के लिए छायाकार कैमरा, फ़िल्म स्टॉक, लेंस, फिल्टर आदि का चयन करता है। छायाकार और निर्देशक के बीच संबंध अलग-अलग होते हैं; कुछ मामलों में निदेशक छायाकार को पूर्ण स्वतंत्रता देता है; दूसरों में, निर्देशक कुछ भी नहीं करने की अनुमति देता है। यहाँ तक कि सटीक कैमरा प्लेसमेंट और लेंस चयन निर्दिष्ट भी खुद करता है। .
देखें फिल्मांकन और छायाकार
चलचित्रण, छायांकन के रूप में भी जाना जाता है।