सामग्री की तालिका
6 संबंधों: चाँदनी (1989 फ़िल्म), फरहा, राज किरन, रेखा, सुनील दत्त, सुषमा सेठ।
चाँदनी (1989 फ़िल्म)
चाँदनी 1989 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। .
देखें फासले (1985 फ़िल्म) और चाँदनी (1989 फ़िल्म)
फरहा
फरहा हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .
देखें फासले (1985 फ़िल्म) और फरहा
राज किरन
राज किरन हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
देखें फासले (1985 फ़िल्म) और राज किरन
रेखा
भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा (जन्म: 10 अक्टूबर, 1954) हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फ़िल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। वैसे तो रेखा ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से कर दी थी, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनकी प्रविष्टि १९७० की फ़िल्म सावन भादों से हुई। 2010 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। .
देखें फासले (1985 फ़िल्म) और रेखा
सुनील दत्त
सुनील दत्त (अंग्रेजी: Sunil Dutt, पंजाबी: ਸੁਨੀਲ ਦੱਤ, जन्म: 6 जून 1929, मृत्यु: 25 मई 2005), जिनका असली नाम बलराज दत्त था, भारतीय फिल्मों के विख्यात अभिनेता, निर्माता व निर्देशक थे, जिन्होंने कुछ पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय राजनीति में भी सार्थक भूमिका निभायी। मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2005 तक वे खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मन्त्री रहे। उनके पुत्र संजय दत्त भी फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने 1984 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मुम्बई उत्तर पश्चिम लोक सभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बने। वे यहाँ से लगातार पाँच बार चुने जाते रहे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त ने अपने पिता से विरासत में मिली वह सीट जीत ली। भारत सरकार ने 1968 में उन्हें पद्म श्री सम्मान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त वे बम्बई के शेरिफ़ भी चुने गये। .
देखें फासले (1985 फ़िल्म) और सुनील दत्त
सुषमा सेठ
सुषमा सेठ भारतीय सिनेमा, टीवी व रंगमंच की जानीमानी अभिनेत्री हैं। अपने अभिनय सफर की शुरुवात उन्होंने 70 के दशक में की। उन्होंने सबसे अधिक हिन्दी फिल्मों में नायक के माँ के किरदार निभाये। प्रेम रोग, राम तेरी गंगा मैली, चाँदनी, दीवाना, कभी खुशी कभी गम और कल न न हो जैसी चर्चित फिल्मों में उन्होंने काम किया है। सुषमा ने कई टीवी धारावाहिकों में भी काम किया जैसे कि हम लोग व देख भाई देख। 80 के पूर्वार्ध में दूरदर्शन पर प्रसारित पहले सोप ओपेरा हम लोग में उनके द्वारा निभाया दादी का किरदार बेहद लोकप्रिय रहा। दादी को गले के कैंसर से पीड़ित दिखाया गया था, वे मृत्यु की कगार पर थीं पर यह सुषमा की लोकप्रियता ही थी जिसके कारण इस किरदार की उम्र को दर्शकों की माँग पर बढ़ाना पड़ा। .