4 संबंधों: कागज निर्माण, कृषि जिंसों के सबसे बड़े उत्पादक देशों की सूची, अनार, अखरोट।
कागज निर्माण
वज्रच्छेदिकाप्रज्ञापारमितासूत्र का चीनी अनुवाद (डायमण्ड सूत्र) विश्व की प्राचीनतम (८६८ ई) कागज पर छपी पुस्तक है जो सुरक्षित बची हुई है। कागज का उपयोग लिखने एवं पैकेजिंग के लिये होता है। कागज-निर्माण की प्रक्रिया इस प्रकार है- जल में फाइबर के तनु मिश्रण को एक पर्दे से गुजारा जाता है ताकि पानी निकल जाय और पर्दे पर रेशों (फाइबर) की एक चटाई बन जाय। इस 'चटाई' में जो पानी बच जाता है उसे दबाकर और सुखाकर निकाला जाता है। इस प्रकार कागज बन जाता है। १९वीं शताब्दी में जब फोर्ड्रिनियर मशीन (Fourdrinier machine) का आविष्कार हुआ तभी से अधिकांश कागज लकड़ी की लुगदी (पल्प) से बनाया जाता है। किन्तु रेशे के अन्य स्रोतों (जैसे रूई, वस्त्र आदि) का उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले कागज के निर्माण के लिये किया जाता है। पहले कागज चिन्दे (rags) और सन (hemp) से भी बनाया जाता था।आज कल पेड़(tree)फ़्री काग़ज़ भी बनता है। .
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कृषि जिंसों के सबसे बड़े उत्पादक देशों की सूची
प्रमुख कृषि उत्पादों को मोटे तौर पर खाद्य पदार्थ, फाइबर, ईंधन और कच्चे माल में बांटा जा सकता है। .
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अनार
अनार अनार (वानस्पतिक नाम-प्यूनिका ग्रेनेटम) एक फल हैं, यह लाल रंग का होता है। इसमें सैकड़ों लाल रंग के छोटे पर रसीले दाने होते हैं। अनार दुनिया के गर्म प्रदेशों में पाया जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह एक महत्त्वपूर्ण फल है। भारत में अनार के पेड़ अधिकतर महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पाए जाते हैं। सबसे पहले अनार के बारे में रोमन भाषियों ने पता लगाया था। रोम के निवासी अनार को ज्यादा बीज वाला सेब कहते थे। भारत में अनार को कई नामों में जाना जाता है। बांग्ला भाषा में अनार को बेदाना कहते हैं, हिन्दी में अनार, संस्कृत में दाडिम और तमिल में मादुलई कहा जाता है। अनार के पेड़ सुंदर व छोटे आकार के होते हैं। इस पेड़ पर फल आने से पहले लाल रंग का बडा फूल लगता है, जो हरी पत्तियों के साथ बहुत ही खूबसूरत दिखता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह फल लगभग ३०० साल पुराना है। यहूदी धर्म में अनार को जननक्षमता का सूचक माना जाता है, जबकि भारत में अनार अपने स्वास्थ्य सम्ब्न्धी गुण के कारण लोकप्रिय है। .
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अखरोट
अखरोट (अंग्रेजी: Walnut, वैज्ञानिक नाम: Juglans Regia) पतझड़ करने वाले बहुत सुन्दर और सुगन्धित पेड़ होते हैं। इसकी दो जातियां पाई जाती हैं। 'जंगली अखरोट' 100 से 200 फीट तक ऊंचे, अपने आप उगते हैं। इसके फल का छिलका मोटा होता है। 'कृषिजन्य अखरोट' 40 से 90 फुट तक ऊंचा होता है और इसके फलों का छिलका पतला होता है। इसे 'कागजी अखरोट' कहते हैं। इससे बन्दूकों के कुन्दे बनाये जाते हैं। अखरोट का फल एक प्रकार का सूखा मेवा है जो खाने के लिये उपयोग में लाया जाता है। अखरोट का बाह्य आवरण एकदम कठोर होता है और अंदर मानव मस्तिष्क के जैसे आकार वाली गिरी होती है। अखरोट (के वृक्ष) का वानस्पतिक नाम जग्लान्स निग्रा (Juglans Nigra) है। आधी मुट्ठी अखरोट में 392 कैलोरी ऊर्जा होती हैं, 9 ग्राम प्रोटीन होता है, 39 ग्राम वसा होती है और 8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें विटामिन ई और बी6, कैल्शियम और मिनेरल भी पर्याप्तं मात्रा में होते है। .
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