सामग्री की तालिका
10 संबंधों: ए के हंगल, डैनी डेन्जोंगपा, भगवान दादा (हास्य अभिनेता), मोहन चोटी, राजेश खन्ना, ललिता पवार, सुरेश ओबेरॉय, जगदीप, ओम शिवपुरी, अरुणा ईरानी।
ए के हंगल
ए॰के॰ हंगल (१ फ़रवरी १९१४ – २६ अगस्त २०१२) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता, रंगमंच एवं दूरदर्शन कलाकार थे। इनका पूरा नाम है-अवतार कृष्ण हंगल .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और ए के हंगल
डैनी डेन्जोंगपा
डैनी डेन्जोंगपा (जन्म- २५ फ़रवरी १९४८) एक भारतीय अभिनेता हैं। ये हिन्दी फ़िल्मों में काम करते हैं। ये भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित कलाकार हैं।सिक्किम में जन्म डैनी भुटिया जाति के हैं एवं भुटिया इनकी मातृभाषा है। अपने शूरूवाती दिनों में ये नेपाली तथा हिन्दी फ़िल्मों में गीत गाते थे। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और डैनी डेन्जोंगपा
भगवान दादा (हास्य अभिनेता)
भगवान दादा (निधन: 4 फरवरी, 2002) हिन्दी फ़िल्मों के एक हास्य अभिनेता थे। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और भगवान दादा (हास्य अभिनेता)
मोहन चोटी
मोहन चोटी हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता हैं। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और मोहन चोटी
राजेश खन्ना
राजेश खन्ना (जन्म: 29 दिसम्बर 1942 - मृत्यु: 18 जुलाई 2012) एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता थे। उन्होंने कई हिन्दी फ़िल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। उन्होंने कुल 180 फ़िल्मों और 163 फीचर फ़िल्मों में काम किया, 128 फ़िल्मों में मुख्य भूमिका निभायी, 22 में दोहरी भूमिका के अतिरिक्त 17 छोटी फ़िल्मों में भी काम किया। व तीन साल 1969-71 के अंदर १५ solo हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड का सुपरस्टार कहे जाने लगे। उन्हें फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिये तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और १४ बार मनोनीत किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और २५ बार मनोनीत किया गया। 2005 में उन्हें फ़िल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट अवार्ड दिया गया। राजेश खन्ना हिन्दी सिनेमा के पहले सुपर स्टार थे। 1966 में उन्होंने आखिरी खत नामक फ़िल्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। राज़, बहारों के सपने, आखिरी खत - उनकी लगातार तीन कामयाब फ़िल्में रहीं और बहारों के सपने पूर्णतः असफल हुई। उन्होंने 1966-1991 में 74 स्वर्ण जयंती फ़िल्में की। (golden jubilee hits)। उन्होंने 1966-1991 में 22 रजत जयंती फ़िल्में किया। उन्होंने 1966-1996 में 9 सामान्य हित्त फ़िल्म किया। उन्होंने 1966-2013 में 163 फ़िल्म किया और 105 हिट रहे। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और राजेश खन्ना
ललिता पवार
ललिता पवार हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और ललिता पवार
सुरेश ओबेरॉय
सुरेश ओबेरॉय हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनका जन्म 17 दिसम्बर 1946 को ब्रिटिश भारत के क्वेटा (वर्तमान पाकिस्तान में) में 'विशाल कुमर ओबेरॉय' नामसे एक हिन्दू खत्री परिवार में हुआ| भारत के विभाजन के बाद पिता आनंद सरूप ओबेरॉय व माता करतार देवी के साथ अमृतसर से होते हैदराबाद पहुंचे| हिंदी फिल्म जगत में इन्होने चरित्र अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है| इसका उदहारण फिल्म मिर्च मसाला में दिया, जिसपर इन्हें सन 1987 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार दिया गया| ये रूमानी एवं दार्शनिक कविता (शायरी, उर्दू में) का पठन व लेखन में भी रुचि रखते है| यदि आप इनसे किसी पंक्ति कहने में चूके तो उसे सुधार, उसके लेखक का नाम भी बता देते है| फिल्म यादों का मौसम का गीत "दिल में फिर तेरी यादों का मौसम" में गायिका अनुराधा पौडवाल के साथ कुछ पंक्तियाँ सुनाकर इसका परिचय दिया है| इसके अतिरिक्त मधुर व स्पष्ट स्वर के कारण ये कुछ एक कार्यक्रम व फिल्मों में सूत्रधार का भूमिका निभाये है| फ़िल्म अशोका (2001) के ये सूत्रधार थे| ज़ी टीवी कार्यक्रम 'जीना इसी का नाम है' के संचालक भी थे| .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और सुरेश ओबेरॉय
जगदीप
जगदीप एक हिन्दी फिल्म हास्य अभिनेता हैं। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और जगदीप
ओम शिवपुरी
ओम शिवपुरी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। .
देखें फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म) और ओम शिवपुरी
अरुणा ईरानी
अरुणा ईरानी हिन्दी फिल्मों की एक चरित्र अभिनेत्री हैं। दस साल की उम्र से आयी थी, दिलीप कुमार की फिल्म मे, कम शिक्शित होते हुए भि उन्होन्ने भार्तिय .