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फर्मा का अंतिम प्रमेय

सूची फर्मा का अंतिम प्रमेय

पियरे द फर्मा संख्या सिद्धान्त में फर्मा का अंतिम प्रमेय (Fermat's Last Theorem) के अनुसार, शून्य के अतिरिक्त a, b तथा c कोई ऐसी धनात्मक पूर्ण संख्याएँ नहीं होतीं जो समीकरण को संतुष्ट करें, जहाँ n, 2 से बड़ी कोई धनात्मक पूर्णांक हो। उदाहरण के लिए फर्मा के इस प्रमेय के अनुसार a, b, c कोई तीन धनात्मक पूर्णांक नहीं मिल सकते जिनके लिए, किंतु फर्मा ने इस प्रमेय की उपपत्ति नहीं दी। यह प्रमेय सन् १६३७ में दिया गया। बाद में n .

3 संबंधों: पियर द फर्मा, पीटर गुस्ताफ लजन डीरिक्ले, संख्या सिद्धान्त

पियर द फर्मा

पियरे द फर्मा पियरे द फेर्मा (Pierre De Fermat; १७ अगस्त १६०१ ई. - १२ जनवरी १६६५ ई.) फ्रांसीसी वकील एवं गणितज्ञ थे। फर्मा का जन्म १७ अगस्त १६०१ ई. को बोमॉन्ट द लोमाग्ने में हुआ था। फर्मा अपने अंतिम प्रमेय के कारण अधिक प्रसिद्ध हो गए। इन्होंने अंतिम प्रमेय में बताया कि xn+yn.

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पीटर गुस्ताफ लजन डीरिक्ले

पीटर गुस्ताफ लजन डीरिक्ले पीटर गुस्ताफ लजन डीरिक्ले (Peter Gustav Legeune Dirichlet, जर्मन उच्चारण: / लजन डीरिक्ले या / लजन डीरिश्ले; १३ फ़रवरी १८०५ - ५ मई १८५१ ई०) जर्मनी के महान गणितज्ञ थे। डीरिक्ले ने बर्लिन तथा गोटिंजेन में शिक्षण कार्य किया तथा मुख्यतः गणितीय विश्लेषण एवं संख्या सिद्धान्त के क्षेत्र में कार्य किया। डीरिक्ले का जन्म १३ फरवरी, १८०५ ई० को द्युरैन में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा बॉन और कोलोन में प्राप्त करके ये गणित के अध्ययन के लिये पेरिस गए। वहाँ इन्होंने गाउस की "दिस्कुइजिस्योनेस अरितमेतिके" (Disquisitiones Arithmeticoe) का अध्ययन किया और उसके अनेक स्थलों को गणितज्ञों के लिए सहज बोधगम्य कर दिया। १८२४ ई० में इन्होंने सिद्ध किया कि n .

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संख्या सिद्धान्त

यह लेख संख्या पद्धति (number system) के बारे में नहीं है। ---- लेमर चलनी (A Lehmer sieve), जो 'आदिम कम्प्यूटर' कही जा सकती है। किसी समय इसी का उपयोग करके अभाज्य संख्याएँ प्राप्त की जातीं थीं तथा सरल डायोफैण्टीय समीकरण हल किए जाते थे। संख्या सिद्धांत (Number theory) सामान्यत: सभी प्रकार की संख्याओं के गुणधर्म का अध्ययन करता है किन्तु विशेषत: यह प्राकृतिक संख्याओं 1, 2, 3....के गुणधर्मों का अध्ययन करता है। पूर्णता के विचार से इन संख्याओं में हम ऋण संख्याओं तथा शून्य को भी सम्मिलित कर लेते हैं। जब तक निश्चित रूप से न कहा जाए, तब तक संख्या से कोई प्राकृतिक संख्या, धन, या ऋण पूर्ण संख्या या शून्य समझना चाहिए। संख्यासिद्धांत को गाउस (Gauss) 'गणित की रानी' कहता था। संख्या सिद्धान्त, शुद्ध गणित की शाखा है। 'संख्या सिद्धान्त' के लिये "अंकगणित" या "उच्च अंकगणित" शब्दों का भी प्रयोग किया जता है। ये शब्द अपेक्षाकृत पुराने हैं और अब बहुत कम प्रयोग किये जाते हैं। .

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यहां पुनर्निर्देश करता है:

फेर्मा का अन्तिम प्रमेय

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