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प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी

सूची प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी

प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी या मित्र सी, जिसका बायर नाम α Centauri C या α Cen C है, नरतुरंग तारामंडल में स्थित एक लाल बौना तारा है। हमारे सूरज के बाद, प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी हमारी पृथ्वी का सब से नज़दीकी तारा है और हमसे ४.२४ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है।, Pierre Kervella and Frederic Thevenin, ESO, 15 मार्च 2003 फिर भी प्रॉक्सिमा सॅन्टौरी इतना छोटा है के बिना दूरबीन के देखा नहीं जा सकता।, Govert Schilling, स्प्रिंगर, 2011, ISBN 978-1-4419-7810-3,...

सामग्री की तालिका

  1. 6 संबंधों: प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी, बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ, ब्रेकथ्रू स्टारशॉट, सौर मण्डल, खगोलीय दूरी, अंतरतारकीय अंतरिक्ष उड़ान

प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी

प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी (Proxima Centauri b), जिसे केवल प्रॉक्सिमा बी (Proxima Centauri b) भी कहते हैं, प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी नामक लाल बौने तारे के वासयोग्य क्षेत्र में उस तारे की परिक्रमा करता हुआ एक ग़ैर-सौरीय ग्रह (यानि बहिर्ग्रह) है। हमारे सौर मंडल से लगभग ४.२ प्रकाशवर्ष (यानि एक ट्रिलियन या दस खरब किलोमीटर) दूर स्थित प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी तारा सूरज के बाद पृथ्वी का सबसे समीपी तारा है और मित्र तारे (उर्फ़ अल्फ़ा सेन्टॉरी, Alpha Centauri) के त्रितारा मंडल में से एक है और हमारे अपने सौर मंडल के बाद सबसे समीपी ग्रहीय मंडल है। पृथ्वी में ऊपर देखने पर मित्र तारा आकाश के नरतुरंग तारामंडल क्षेत्र में दिखता है। प्रॉक्सिमा बी ग्रह मिलने यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला ने अगस्त २०१६ में की थी। .

देखें प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी और प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी

बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ

खगोलिकी में कोई भी ग्रह दूर से देखे जाने पर अपने पितृ तारे (जिसके इर्द-गिर्द वह कक्षा या ऑरबिट में हो) की कांति के सामने लगभग अदृश्य होता है। उदाहरण के लिए हमारा सूर्य हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह से एक अरब गुना से भी अधिक चमक रखता है। वैसे भी ग्रहों की चमक केवल उनके द्वारा अपने पितृतारे के प्रकाश के प्रतिबिम्ब से ही आती है और पितृग्रह की भयंकर चमके के आगे धुलकर ग़ायब-सी हो जाती है। यही कारण है कि बहुत ही कम मानव-अनवेषित बहिर्ग्रह (यानि हमारे सौर मंडल से बाहर स्थित ग्रह) सीधे उनकी छवि देखे जाने से पाए गए हैं। इसकी बजाय लगभग सभी ज्ञात बहिर्ग्रह परोक्ष विधियों से ढूंढे गए हैं, और खगोलज्ञों ऐसी विधियों का तीव्रता से विस्तार कर रहे हैं।Stuart Shaklan.

देखें प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी और बहिर्ग्रह खोज की विधियाँ

ब्रेकथ्रू स्टारशॉट

एक कल्पित सौर पाल ब्रेकथ्रू स्टारशॉट (Breakthrough Starshot) एक अनुसंधान और अभियान्त्रिकी परियोजना है जिसका ध्येय प्रकाश पाल (light sail) से चलने वाले अंतरिक्ष यानों का एक बेड़ा विकसित करना है जो पृथ्वी से ४.३७ प्रकाशवर्ष दूर स्थित मित्र तारे (Alpha Centauri) के बहु तारा मंडल तक पहुँच सके। इन परिकल्पित अंतरिक्ष यानों का नाम "स्टारचिप" (StarChip) रखा गया है और इन्हें प्रकाश की गति का १५% से २०% तक का वेग देने का प्रस्ताव है। इस रफ़्तार से वे लगभग २० से ३० वर्षों में मित्र तारे के मंडल तक पहुँच सकेंगे और वहाँ से पृथ्वी को सूचित करेंगे। इतनी दूरी पर उनसे प्रसारित संकेतों को पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग ४ साल लगेंगे। यह यान इतनी तेज़ी से चल रहे होंगे की वे केवल कुछ देर के लिये मंडल में रहकर आगे अंतरिक्ष में निकल जाएँगे। प्रस्तावकों की चेष्टा है कि इस अंतराल में यह यान अगस्त २०१६ में मिले प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी बी (Proxima Centauri b) नामक स्थलीय ग्रह (जो पृथ्वी से ज़रा बड़ा ग़ैर-सौरीय ग्रह है) के समीप से भी उड़ें और उसकी तस्वीरें खींचकर पृथ्वी भेजें। .

देखें प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी और ब्रेकथ्रू स्टारशॉट

सौर मण्डल

सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है। .

देखें प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी और सौर मण्डल

खगोलीय दूरी

खगोलीय दूरियाँ बाहरी अंतरिक्ष की दूरियां होती हैं, जो पॄथ्वी के ऊपर की दूरियों के मुकाबले काफ़ी अधिक बडी़ होती हैं। जैसे कि हमारे सौर मंडल के निकटतम तारे, प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी पृथ्वी से लगभग 40,000,000,000,000 किलोमीटर है। इस कारण खगोलीय दूरियों के लिये प्रकाश वर्ष का प्रयोग होता है। अतएव किसी खगोलीय वस्तु की दूरी बताने हेतु प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की जाने वाली दूरी की संख्या में बताते हैं। जैसे सूर्य पृथ्वी से 150,000,000 कि॰मी॰ दूर है, या 8 प्रकाश मिनट दूर है। अल्फा सेन्टॉरी .

देखें प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी और खगोलीय दूरी

अंतरतारकीय अंतरिक्ष उड़ान

अंतरतारकीय अंतरिक्ष उड़ान (interstellar travel) दो भिन्न तारों या ग्रहीय मण्डलों के बीच की अंतरिक्ष उड़ान द्वारा करी गई यात्रा को कहते हैं। फ़िलहाल यह पूरी तरह काल्पनिक ही है। जहाँ सौर मंडल के ग्रहों के बीच की दूरी औसतन केवल ३० खगोलीय इकाईयों के लगभग ही होती है, वहाँ तारों के बीच की दूरी लाखों खगोलीय इकाईयों में गिनी जाती है। इतना अधिक फ़ासला तय करने के लिये या तो किसी अंतरिक्ष यान को प्रकाश की गति के एक बड़े भाग तक का वेग देने की आवश्यकता है या फिर यान को हमारी पृथ्वी से सूरज से अगले सबसे समीपी तारे प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी तक भी पहुँचने के लिये दसियों हज़ार वर्ष लगेंगे। यदि यान को किसी तरह प्रकाश की गति का १०% भी गति दी जा सके तो उसे पहुँचने में ४० वर्षों से अधिक लगेंगे। फिर भी अभियान्त्रिक और वैज्ञानिक इस का प्रयास करने के लिये तकनीकों और नये वैज्ञानिक सिद्धांतों की खोज में हैं। .

देखें प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी और अंतरतारकीय अंतरिक्ष उड़ान